जिन्होंने बनाया हमें क़ाबिल
आज वक़्त है उन्हें सम्भालने का
अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस पर वक़्त है अपने दायित्वों के पुनः स्मरण का
अनूपपुर 30 सितम्बर 2018/ कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस के अवसर पर समस्त नागरिकों से आह्वान किया है कि अपने परिवार के वरिष्ठ जनो का ध्यान रखें जिस तन्मयता से उन्होंने आपके लालन पोषण का ध्यान रखा है आपके भविष्य को सँवारने में अपना जीवन लगा दिया आज जब उन्हें हमारी देखभाल एवं स्नेह की ज़रूरत है तो हम पीछे न हटें आगे बढ़कर उनका ध्यान रखें। आइए हम सब प्रण लें इस कार्य में हम कोई लापरवाही नही करेंगे अपने इस कर्तव्य के निर्वहन में बहाना न ढूँढ अपने व्यस्त जीवन से उसी प्रकार समय निकालेंगे जिस प्रकार हमारे माता पिता ने हमारे लिए निकाला था।
बुज़ुर्गों का शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य समाज का दायित्व - डॉ श्रीवास्तव
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी श्रीवास्तव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस समाज के निर्माण में बुज़ुर्गों के योगदान और उनकी बढ़ती उम्र के मुद्दे एवं चुनौतियों को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। आपने बताया प्रायः किसी भी समय लगभग 50 प्रतिशत बुज़ुर्ग किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं। और यह भी पाया गया कि उनमें से 75 प्रतिशत से अधिक बुज़ुर्गों को दो या अधिक बीमारियाँ रहती हैं। वृद्धावस्था में हृदय रोग, आर्थराइटिस, पार्किंसंस, अल्ज़ाइमर, पोलिमेल्जिया रुमेटिका जैसी बीमारियाँ मुख्य रूप से देखी जाती हैं। कई बार बुज़ुर्ग चलने फिरने में तकलीफ़ महसूस करते हैं गिर जाते हैं, याददाश्त कमज़ोर हो जाती है, बौद्धिक क्षमता में गिरावट , बहरापन आदि समस्याएँ बढ़ती उम्र के साथ हो जाती हैं। अलग अलग बीमारियों के निदान के लिए अलग उपचार की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग का मुख्य उद्देश्य उनके रोगों का इलाज करना, उन्हें सक्षम बनाना, जीवन के प्रति सकारात्मकता लाना, उनके कष्टों को कम करना है। प्रायः विभाग पुनर्वास के स्थान पर अपेक्षा करता है कि परिजन ही उनका ध्यान रखे ताकि शारीरिक के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहे।
वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल हेतु क़ानूनी प्रावधान
वृद्ध जनो की देखभाल के लिए माता पिता के कल्याण एवं वरिष्ठ नागरिक अधिनियम 2007 बनाया गया है। इसके अंतर्गत बच्चों और परिवार जनो द्वारा वृद्ध जनो की देखभाल के दायित्व के निर्वहन का प्रावधान है। साथ ही धारा 20 में वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के लिए चिकित्सा प्रावधानो का उल्लेख है। इसके अतिरिक्त वृद्धावस्था पेंशन, टैक्स बेनेफ़िट आदि अन्य प्रावधान एवं सुविधाएँ वृद्ध जनो की सुविधा एवं देखरेख हेतु हैं।
वृद्धावस्था में स्वस्थ रहने के तरीक़े
डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि स्वस्थ वृद्धावस्था व्यतीत करने हेतु आवश्यक है कि वरिष्ठ नागरिक लगातार पौष्टिक खाना खायें, व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखे, नियमित रूप से व्यायाम करें, टहलें, धूम्रपान एवं ऐल्कहॉल का सेवन न करें, अच्छी नींद लें, सामाजिक गतिविधियों में शामिल हों, अपने अनुभवो को साझा करें, छड़ी और वाकर जैसे सहायता उपकरणो का प्रयोग करने में न कतरायें, नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, सुगर लेवल एवं अन्य आवश्यक शारीरिक जाँच करवाएँ, भूख न लगना, वज़न में कमी आना, शरीर में सुन्नपन आना आदि संकेतो को नज़रअन्दाज़ न कर तुरंत चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करें। आपने कहा वृद्धावस्था को स्वस्थ एवं सुखमय बनाने में परिवार एवं समाज को अपने बुज़ुर्गों के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।