Thursday, June 28, 2018

जिले में अभी तक कुल 96.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

जिले में अभी तक कुल 96.1 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज 
 
अनुपपुर | 27-जून-2018
 
   अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 27 जून को 5.1 मिलीमीटर जिले की औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में 8.5, जैतहरी में 1.6, पुष्पराजगढ़ में 8.0, अमरकंटक में 9.3 वेंकटनगर में 10.0, बेनीबारी 3.5 मिलीमिटर वर्षा दर्ज की गई है।

जीएनएम उत्तीर्ण छात्राओं की काउंसिलिंग 29 जून से

जीएनएम उत्तीर्ण छात्राओं की काउंसिलिंग 29 जून से 
 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    मध्यप्रदेश के शासकीय नर्सिंग प्रशिक्षण संस्थान से जी.एन.एम. उत्तीर्ण 937 उम्मीदवारों को नियुक्ति के लिये काउंसिलिंग की कार्यवाही 29 जून से 9 जुलाई तक होगी। काउंसिलिंग की कार्यवाही एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से होगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किये हैं।

गॉव-गॉव, घर-घर खुले में शौच से मुक्ति का जिलें में जारी है अभियान

गॉव-गॉव, घर-घर खुले में शौच से मुक्ति का जिलें में जारी है अभियान 

अनुपपुर | 28-जून-2018
 
   स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुलें में शौच से मुक्त गॉव की परिकल्पना को साकार करने अनूपपुर जिलें में द्रुत गति से अभियान जारी है कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी तथा तथा जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना के निर्देशन में गॉव-गॉव स्वच्छता की अलख जगाई जा रही है। ग्रामीणों को चौपाल तथा मार्निंग फांलोअप के माध्यम से खुलें में शौच से होने वाले विकार तथा अन्य कारणों के साथ ही शर्म और घृणा के भाव भी पैदा किये जा रहे है।
   खुलें में शौच के लिए गॉव-गॉव स्थानीय शासकीय सेवक तथा ग्रामीणों के समन्वय व निगरानी समिति के माध्यम से लोगों को शौचालय निर्माण तथा उपयोग की समझाईश दी जा रही है।
   शौचालय निर्माण कार्य को गति देने के लिए अधिकारियों को ग्राम पंचायते आवंटित कर हितग्रहियों से सीधा संवाद करवाया जा रहा है। खुले में शौच से मुक्त अभियान में लापरवाही बरतने वाले शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
   स्वच्छ भारत अभियान के खुले में शौच से मुक्त अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए स्वयं कलेक्टर एवं जिपं. सीईओ द्वारा भी मॉनिटरिंग की जा रही है। जिले भर में अभियान के तहत लक्ष्य तक पहुंचने कार्ययोजना अनुसार सभी टूल्स का उपयोग किया जा रहा है। जिसके परिणाम भी आने प्रारंभ हो गये है।
गॉव-गॉव खुलें में शौच से मुक्त के लिए आपसी चर्चा कर ग्रामीणों के जिज्ञासयों का समाधान भी किया जा रहा है। जिन घरों में शौचालय है पर उपयोग नही किया जा रहा उनको समझाईश देकर शौचालय का उपयोग सुनिश्चिति करने  को कहा जा रहा है जिसके परिणाम सकारात्मक प्राप्त हो रहे है।
    जिले के गॉव-गॉव, घर-घर स्वच्छ भारत अभियान पर ही चर्चा सुनाई पड़ती है। जो अभियान की सफलता सुनिश्चित करती है।

आयुष मलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम का प्रथम चरण 29 जून सें

आयुष मलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम का प्रथम चरण 29 जून सें 
अनुपपुर | 28-जून-2018
    जिला आयुष अधिकारी डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने बताया है कि आयुष मलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पुष्पराजगढ़ ब्लाक के 40 ग्रामों में मलेरिया के रोकथाम के लिए होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ 200 का सेवन प्रथम चरण के अन्तर्गत 29 जून 06 जुलाई एवं 13 अगस्त को कराया जायेगा। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता, एवं महिला बाल विकास विभाग की आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा प्रत्येक परिवार के प्रत्येक सदस्य को औषधि का सेवन कराया जाएगा इस कार्य की मानीटरिंग आयुष विभाग करेगा।
    अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह ने मलेरिया रोग नियंत्रण के लिए होम्योपैथिक औषधि मलेरिया ऑफ 200 को विशेष उपयोगी बताते हुए कहा है कि अगर स्वस्थ्य व्यक्ति मलेरिया ऑफ 200 का एक निश्चित अन्तराल में तीन खुराक का सेवन करेगा तो उस व्यक्ति के शरीर में मलेरिया रोग के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जिससे मलेरिया रोग से बचाया जा सकता है। आपने सभी से आयुष मलेरिया रोग नियंत्रण कार्यक्रम को औषधि का उपयोग कर मलेरिया रोग से बचाव की अपील की है।

मानक स्तर के उर्वरक एवं बीज प्रदाय के लिये निरीक्षण तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु अधिकारी नियुक्त

मानक स्तर के उर्वरक एवं बीज प्रदाय के लिये निरीक्षण तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु अधिकारी नियुक्त 
अनुपपुर | 28-जून-2018
    किसान कल्याण तथा कृषि विकास अनूपपुर के उप संचालक ने बताया कि जिले में गुणवत्ता नियंत्रण कार्यक्रम अन्तर्गत किसानों को मानक स्तर के उर्वरक एवं बीज प्रदाय करने की दृष्टि से निजि प्रतिष्ठान, सहकारी समितियॉ, बीज उत्पादक समितियॉ/कम्पनियॉ एवं डबल लॉक केन्द्रों के निरीक्षण तथा गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूना लेने के लिए उर्वरक एवं बीज निरीक्षक का आंशिक संशोधन करते हुए अधिकारियों को उनके नाम के सम्मुख दर्शाये गये क्षेत्र, विकासखण्ड एवं जिले के लिए आदेशित किया गया है। सहा.संचा.कृषि अधिकारी श्री एम.पी.चौधरी मो. 9630532111 कार्यक्षेत्र विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ एवं कोतमा, सहा.संचा.कृषि अधिकार श्रीमती वर्षा त्रिपाठी मो. 8319659940 कार्यक्षेत्र विकासखण्ड जैतहरी, वरि.कृ.वि. अधिकारी श्री एम.एस. परस्ते मो. 9425164037 कार्यक्षेत्र विकासखण्ड अनूपपुर, क.वि.अधि. मरावी श्री आर.डी.एस. मरावी मो. 9424776753 को  (ए.डी.ओ. सर्किल) कार्यक्षेत्र विकासखण्ड जैतहरी नियुक्त किया गया है।

पुष्पराजगढ़ जनपद के ग्राम करनपठार में विधिक साक्षरता शिविर संपन्न

पुष्पराजगढ़ जनपद के ग्राम करनपठार में विधिक साक्षरता शिविर संपन्न 
एडीजे. तथा डीआईजी. ने ग्रामीणों को दी कानूनी जानकारी 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
     जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर सत्र न्यायाधीश श्री जी.एस. नेताम उप पुलिस महानिरीक्षक शहडोल रेंज श्री पी.एस. उइके व्यवहार न्यायाधीश श्री सीताशरण यादव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी जीतेन्द्र मोहन धुर्वे की उपस्थिति में थाना करनपठार परिसर में विधिक सक्षारता शिविर का आयोजन किया गया।
    शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री धुर्वे ने विधिक सहायता योजना के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि न्याय पाने का हक हर व्यक्ति को है। कोई भी व्यक्ति आर्थिक आधार पर न्याय पाने से वंचित न हो इसके लिये जिला प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है। श्री धुर्वे ने घरेलू हिंसा, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम के संबंध में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की।
    व्यवहार न्यायाधीश श्री यादव द्वारा बताया गया कि मध्यस्थता, जनउपयोगी लोक अदालत एवं नेशनल लोक अदालत के विषय में जानकारी प्रदान कर बताया गया कि किसी भी मामले के निराकरण का सबसे अच्छा हल लोक अदालत है। जहां एक दिन में ही मामले का निराकरण संभव है। इससे पक्षकारों के समय एवं पैसे दोनों की बचत होती है।
    शिविर के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर सत्र न्यायाधीश श्री जी.एस. नेताम ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुये कहा कि कानून की जानकारी काफी बृहद है। आजकल मोबाइल युग है, मोबाइल हर व्यक्ति की पहुंच में है, इसका जितना उपयोग हो रहा है उतना ही दुरूपयोग भी किया जाता है। जिससे साइबर क्राईम बढ़ रहे हैं। पालकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों के इंटरनेट व मोबाईल उपयोग पर नजर रखें। जिससे बच्चे गलत राह में न जा सकें।
    डीआईजी श्री पी.एस.उइके ने उपस्थिजनों को वाहन चलाने के दौरान सावधानी बरतने की बात कही। उन्होंने बताया कि बिना लाइसेंस वाहन नहीं चलाना चाहिए और नाबालिक बच्चों को वाहन चलाने के लिये नहीं देना चाहिए। वर्तमान में दुर्घटना के दौरान होने वाली मृत्यु दर में इजाफा हुआ है।
    शिविर के दौरान थाना प्रभारी अरविंद साहू, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से ऋषि पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारी एवं ग्रामवासी उपस्थित थे। शिविर के अंत में थाना प्रभारी श्री साहू द्वारा आभार व्यक्त किया गया।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार हेतु ऑनलाइन आवेदन 30 जून तक

राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार हेतु ऑनलाइन आवेदन 30 जून तक 
 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार वर्ष 2018-17 हेतु पुनरीक्षित प्रक्रिया जारी है। जिसके अनुसार जिलें के शिक्षक 30 जून तक www.mhrd.gov.in पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरूस्कार आवेदन कर सकते है। इस संबंध में जानकारी देते हुये जिला शिक्षा अधिकारी श्री यू.के. बघेल ने जिलें के सभी शासकीय उमावि., हाईस्कूल, मा. विद्यालय के प्राचार्य एवं प्रधानाअध्यापकों से अपने अधीनस्थ समस्त शिक्षकों को जानकारी से अवगत कराते हुयें इच्छुक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन सुनिश्चित कराने को कहा है। आपने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को भी क्षेत्रअंतर्गत प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने को कहा है।

संबल योजनांतर्गत बिजली बिल के सरलीकरण एवं बिल माफी हेतु विशेष शिविर आज इन पंचायतो में

संबल योजनांतर्गत बिजली बिल के सरलीकरण एवं बिल माफी हेतु विशेष शिविर आज इन पंचायतो में 
 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    कार्यपालन अभियंता म.प्र.पू.क्षे.वि. वि. क. लि. श्री प्रमोद गेदाम ने बताया कि मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना 2018 के तहत पंजीकृत असंगठित श्रमिको के मासिक बिलो को सरल करने हेतु सरल बिजली बिल योजना एवं इन उपभोक्ताओं के साथ बीपीएल उपभोक्ताओं हेतु मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी योजना 2018 के क्रियान्वयन के लिए योजनाओं से सम्बंधित पात्र हितग्राहियो को चिन्हित करने हेतु अनूपपुर जिले के पिपरिया, कॉंसा, चोलना, बकही, देवरी, कदमटोला, प्यारी न.1, गुलीडाड, डोला, लखौरा, महौरी ग्राम पंचायत में शिविरों का आयोजन आज दिनांक 29 जून को किया जायेगा। योजनाओ का लाभ लेने के लिए समस्त पात्र उपभोक्ता बीपीएलकार्ड, बिजली बिल की कॉपी, श्रमिक पंजीयन की जानकारी, परिवार की समग्रआईडी के साथ शिविर में उपस्थित होकर अपना नामांकन कराए।

शौचालय एवं आवास के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने पर 03 सरपंच व 01 सचिव को जिप. सीईओ ने दिया नोटिस

शौचालय एवं आवास के निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने पर 03 सरपंच व 01 सचिव को जिप. सीईओ ने दिया नोटिस
अनुपपुर | 28-जून-2018
    जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना ने जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत परसवार के सरपंच श्री शंकर सिंह मार्को को निर्देश के बाद भी शौचालय एवं प्रधानमंत्री आवास निर्माण का कार्य नही कराये जाने पर कारण बताओं नोटिस जारी कर 10 जुलाई को उपस्थित हो कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। इसी तरह जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत सुलखारी के प्रभारी सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक रणविजय सिंह को भी कारण बताओं नोटिश जारी कर 12 जुलाई को अपरान्हृ तक अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है। जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत लमसरई की सरपंच श्रीमती पुष्पलता द्वारा शौचालय निर्माण कार्य में ध्यान न देने पर प्रगाति प्रभावित होने पर कारण बताओं नोटिस जारी कर 12 जुलाई तक नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत बरबसपुर के सरपंच श्री गोरेलाल सिंह को कार्यो में व्यापक लापरवाही बरतने पर जारी नोटिस का जवाब प्रस्तुत ने करने पर अंतिम सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुये 10 जुलाई को अपरान्हृ में अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत करने के लिये कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मध्यप्रदेश को मिलेगा अवार्ड

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मध्यप्रदेश को मिलेगा अवार्ड 
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तम सिंह को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री नड्डा ने लिखा पत्र, मातृ मृत्यु दर घटने पर अवार्ड सेरेमनी का दिया आमंत्रण 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत मातृ मृत्यु दर कम करने पर पुरस्कार दिया जायेगा। इसके लिये केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रुस्तम सिंह को पत्र लिखकर 29 जून को होने वाली अवार्ड सेरेमनी के लिये आमंत्रित किया है। केन्द्रीय मंत्री श्री नड्डा ने मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह को इसके लिये बधाई भी दी है। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान देश में 3 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव के पहले देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये शुरू किया गया है।
    राज्य शासन द्वारा प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रयास अब सार्थक परिणाम देने लगे हैं। भारत के रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय द्वारा वर्ष 2014 से 2016 तक के विशेष बुलेटिन में मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु में 48 अंकों की अभूतपूर्व गिरावट दर्ज हुई है। प्रदेश में वर्ष 2011-13 में मातृ मृत्यु दर 221 थी, जो अब घटकर मात्र 173 रह गई है। प्रदेश में पिछले तीन वर्षों में 22 प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
    संस्थागत प्रसव, ए.एन.एम., आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, दस्तक अभियान आदि निरंतर जारी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के परिणाम अब आने लगे हैं। आने वाले वर्षों में यह गिरावट और अधिक स्पष्ट होगी। स्वास्थ्य संस्था स्तर से लेकर समुदाय स्तर तक प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। लोगों को जागरूक किया गया है कि गर्भ का पता चलते ही शीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में गर्भधात्री महिला का पंजीयन करवायें। इससे प्रसव के पहले आवश्यक जाँचें, टीकाकरण, खून की कमी आदि का उपचार होने के साथ ही अन्य जटिलताओं पर काबू पाने में आसानी हुई है।
    मध्यप्रदेश में उच्च जोखिम प्रसव की संभावनाओं वाली महिलाओं का नियमित फॉलोअप करके उनका सुरक्षित प्रसव कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में खून की कमी वाली गर्भवती महिलाओं को आयरन टेबलेट्स और अत्यधिक खून की कमी होने पर आयरन के इंजेक्शन दिये जा रहे हैं। जरूरत पड़ने पर गर्भवती महिलाओं को खून भी चढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं का नियमित पर्यवेक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थाओं में नर्सिंग सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से नर्सिंग मेंटर्स की तैनाती की गई है।

भूमि स्वामी अब अपनी भूमि का डायवर्सन स्वयं कर सकेगा - राजस्व मंत्री

भूमि स्वामी अब अपनी भूमि का डायवर्सन स्वयं कर सकेगा - राजस्व मंत्री 

अनुपपुर | 28-जून-2018
   भूमि के डायवर्जन के लिये अब किसी को भी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के न्यायालय से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। अब भूमि स्वामी अपनी भूमि का विधि-सम्मत जैसा चाहे, डायवर्सन कर सकेगा। उसे केवल डायवर्सन के अनुसार भूमि उपयोग के लिये देय भू-राजस्व एवं प्रीमियम की राशि की स्वयं गणना कर राशि जमा करानी होगी और इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी को देनी होगी। यह रसीद ही डायवर्सन का प्रमाण मानी जायेगी। अनुज्ञा लेने का प्रावधान अब समाप्त किया जा रहा है। राजस्व, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि इस संबंध में विधानसभा में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2018 पारित किया जा चुका है।
भू-राजस्व संहिता में अब तक हुए 58 संशोधन
   श्री गुप्ता ने बताया कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता-1959 में अब तक 58 संशोधन किये जा चुके हैं। इसके बाद भी जन-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिये जरूरी संशोधनों के सुझाव के लिये भूमि सुधार आयोग गठित किया गया था। आयोग के सुझावों के आधार पर भू-राजस्व संहिता में संशोधन किये गये हैं।
नामांतरण के बाद मिलेगी नि:शुल्क प्रति
   नामांतरण का आदेश होने के बाद अब सभी संबंधित पक्षों को आदेश और सभी भू-अभिलेखों में दर्ज हो जाने के बाद उसकी निरूशुल्क प्रति दी जायेगी। यह प्रावधान भी किया गया है कि भूमि स्वामी जितनी चाहे, उतनी भूमि स्वयं के लिये रखकर शेष भूमि बाँट सकेगा।
निजी एजेंसी करेगी सीमांकन
   सीमांकन के मामले जल्दी निपटाने के लिये अब निजी प्राधिकृत एजेंसी की मदद ली जायेगी। प्रत्येक जिले के लिये एजेंसी पहले से तय की जायेगी। यदि तहसीलदार द्वारा सीमांकन आदेश के बाद पक्षकार संतुष्ट नहीं है, तो वह अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन कर सकेगा। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा विशेषज्ञ कर्मचारियों की टीम से सीमांकन करवाया जायेगा। पहले यह मामले राजस्व मण्डल ग्वालियर में प्रस्तुत होते थे।
   ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र में राजस्व सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त से संबंधित रहे भू-राजस्व संहिता के अध्याय-7 एवं 8 को हटाकर एक अध्याय-7 भू-सर्वेक्षण के रूप में रखा जा रहा है। अब राजस्व सर्वेक्षण के स्थान पर भू-सर्वेक्षण की कार्यवाही कलेक्टर के नियंत्रण में करवाई जायेगी। अब पूरे जिले को भू-सर्वेक्षण के लिये अधिसूचित करने की जरूरत नहीं रहेगी। अब तहसील अथवा तहसील से भी छोटे क्षेत्र को भी अधिसूचित किया जा सकेगा। खसरे में छोटे-छोटे मकानों के प्लाट का भी इंद्राज हो सकेगा।
पटवारी हल्के के स्थान पर होगा सेक्टर का नाम
   भू-अभिलेखों के संधारण तथा शहरी भूमि प्रबंधन को अधिक व्यवस्थित बनाने के लिये शहरी क्षेत्रों में अब पटवारी हल्के के स्थान पर सेक्टर का नाम दिया जायेगा। आयुक्त भू-अभिलेख को सेक्टर पुनर्गठन के अधिकार होंगे।
   भू-अभिलेख संधारण के मामलों में ऐसी भूमियाँ, जिनका कृषि भूमि में कृषि से भिन्न प्रयोजन के लिये डायवर्सन कर लिया जाता है, उन्हें नक्शों में ब्लाक के रूप में दर्शाया जायेगा। यदि अनेक भूखण्ड धारक हैं, तो उनके अलग-अलग भू-खण्ड दर्शाये जायेंगे।
अतिक्रमण पर एक लाख का जुर्माना
   शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण के मामलों में अब अधिकतम एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। निजी भूमियों के मामले में 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान होगा। इसके साथ ही जिस भूमि पर अतिक्रमण होगा, उसे अतिक्रामक से 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष के मान से मुआवजा भी दिलाया जा सकेगा। अभी अतिक्रमित भूमि के मूल्य के 20 प्रतिशत तक अर्थदण्ड के प्रावधान थे।

उड़द और मूँग फसल के लिये पंजीकृत किसानों का बोनी सत्यापन एक जुलाई तक

उड़द और मूँग फसल के लिये पंजीकृत किसानों का बोनी सत्यापन एक जुलाई तक 
 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूँग और उड़द के पंजीकृत कृषकों की बोनी का सत्यापन अब एक जुलाई तक होगा। पूर्व में यह 26 जून तक किया जाना था। संशोधित तिथि का आदेश किसान कल्याण एवं कृषि विभाग द्वारा आज जारी कर दिया गया है।
    ग्रीष्मकालीन मूँग के 12 जिले होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, नरसिंहपुर, जबलपुर, हरदा, विदिशा, गुना, देवास, इंदौर, धार, बालाघाट हैं। ग्रीष्मकालीन उड़द के लिये नरसिंहपुर, जबलपुर, बालाघाट, कटनी, डिण्डोरी, सिवनी, दमोह और हरदा हैं।
    ग्रीष्मकालीन मूँग और उड़द के पंजीयन का राजस्व विभाग से बोनी क्षेत्रफल का सत्यापन एक जुलाई तक किये जाने के लिये संबंधित जिला कलेक्टर्स का निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

प्रदेश के 25 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में शाला सिद्धि कार्यक्रम का क्रियान्वयन

प्रदेश के 25 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में शाला सिद्धि कार्यक्रम का क्रियान्वयन 
 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
   प्रदेश में दक्षता संवर्धन, जिला अकादमिक गुणवत्ता सुधार योजना, प्रतिभा पर्व, हमारी शाला कैसी हो, शाला गुणवत्ता कार्यक्रम जैसे सकरात्मक प्रयासों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वातावरण निर्मित हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वावधान में NUEPA (राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) द्वारा मध्यप्रदेश की शालाओं के मूल्यांकन एवं सुधार के लिये एक फ्रेमवर्क "शाला सिद्धि" कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश में शाला सिद्धि कार्यक्रम को नवम्बर 2015 से प्रारंभ किया गया।
   राज्य की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को केन्द्रित करते हुए शालाओं के मूल्यांकन और उन्नयन के लिए "हमारी शाला ऐसी हो" कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम द्वारा शाला स्वयं का सतत् मूल्यांकन एवं बाह्म मूल्यांकन कर चिन्हित क्षेत्रों में शाला उन्नयन की कार्य-योजना बनाकर शाला का समग्र विकास कर रही हैं।
   राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शाला सिद्धि- "हमारी शाला ऐसी हो" कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2017-18 में प्रदेश के प्रत्येक जिले से प्रत्येक जनशिक्षा केन्द्र से 4 प्राथमिक और 4 माध्यमिक शालाएं लेते हुए कुल 24792 शालाएं चयनित की गईं। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन 4 चरणों में किया गया। ये चरण हैं- स्व-मूल्यांकन, बाह्मा मूल्यांकन, शाला उन्नयन कार्य योजना का निर्माण और शाला उन्नयन कार्य योजना अनुसार सुधार के लिए कार्यवाही।
   प्रदेश में वर्ष 2017-18 प्रतिभा पर्व के दौरान विभिन्न जिलों के 15 हजार 800 अधिकारियों द्वारा शाला सिद्धि शालाओं को शाला मित्र के रूप में गोद लिया गया। इन शालाओं में कक्षा 6 में गणित और विज्ञान विषय का मूल्यांकन स्वयं के द्वारा किया गया। प्रत्येक विकासखंड के एक जनशिक्षा केन्द्र को उत्कृष्ट जनशिक्षा केन्द्र के रूप में चिन्हित किया गया। प्रत्येक संकुल की शाला सिद्धि की एक अग्रणी माध्यमिक शाला को लर्निंग किट भी प्रदान किया गया है।
प्रदेश में गिफ्ट-अ-बुक योजना
    प्रदेश में गिफ्ट अ बुक योजना शुरू की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित योजना में कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था अपनी ज्ञान, मनोरंजन और प्रतियोगी परीक्षा की उपयोगी पुस्तकें सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में उपहार स्वरूप प्रदान कर सकते हैं। इस योजना में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिये शिक्षकों से जन-सामान्य को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस वर्ष "मिल-बाँचे मध्यप्रदेश" कार्यक्रम को प्रदेश स्तर पर 7 अगस्त को कवि श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर की पुण्य-तिथि पर वृहद स्तर पर आयोजित किये जाएंगे। इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रखी गई है।

सभी योजनाओं के लक्ष्य जल्द ही पूरा करें - राज्य मंत्री श्री आर्य

सभी योजनाओं के लक्ष्य जल्द ही पूरा करें - राज्य मंत्री श्री आर्य 
सहकारी अनुसूचित जाति वित्त-विकास निगम की समीक्षा सम्पन्न 
अनुपपुर | 28-जून-2018
 
    अनुसूचित जाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लाल सिंह आर्य ने कहा है कि योजनाओं का लक्ष्य जल्द ही पूरा करें। उन्होंने कहा कि आगामी समीक्षा बैठक 15 जुलाई के आसपास आयोजित की जायेगी। श्री आर्य मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में निगम के उपाध्यक्ष श्री भुजबल अहिरवार और प्रबंध संचालक श्री विनोद कुमार उपस्थित थे।
    श्री आर्य ने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना और सावित्री बाई फूले स्व-सहायता समूह योजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने पिछले और इस वित्तीय वर्ष में दिये गये लक्ष्यों पर किये गये कार्य की जानकारी हासिल की। श्री आर्य ने लक्ष्य पूरा न करने वाले जिलों को शो-कॉज नोटिस देने को कहा। श्री आर्य ने लक्ष्य पूरा न होने वाले जिला कलेक्टरों को भी अवगत करवाने के निर्देश दिये। इसी प्रकार उन्होंने अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों से भी कारण जानने के लिये पत्राचार करने के निर्देश दिये। प्रति सप्ताह पत्रक में जानकारी भेजने और ऑनलाइन साफ्टवेयर प्रक्रिया के जरिये जानकारी प्राप्त करने की कार्यवाही जल्द पूरी करने को कहा।
    राज्य मंत्री श्री आर्य ने कहा कि अधिकारी रूचि लेकर प्रकरण बनाये और स्वीकृत करवाये। अगर बैंकों में किसी प्रकार की दिक्कत आये तो लिखित में विभाग को सूचित करें। साथ ही, अधिकारी आदेश और निर्देशों का अध्ययन करते रहें।

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