Thursday, July 12, 2018

पौध प्रसाद से प्रकृति संरक्षण की अनूठी पहल नर्मदा मंदिर अमरकंटक एवं ज़िला प्रशासन का उत्कृष्ट प्रयास



पौध प्रसाद से प्रकृति संरक्षण की अनूठी पहल
नर्मदा मंदिर अमरकंटक एवं ज़िला प्रशासन का उत्कृष्ट प्रयास



अनूपपुर 12 जुलाई 2018/ प्रकृति की गोद मे बसा अनूपपुर का अमरकंटक क्षेत्र पूरे प्रदेश मे पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का केंद्र रहा है। पूरे प्रदेश मे पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से की गयी नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा का प्रारम्भ एवं समापन इसी क्षेत्र मे हुआ है। इस यात्रा ने प्रदेश नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व मे जल संरक्षण एवं जीवनदायिनी नदियों के पुनर्जीवन हेतु अलख जगाई। जीवन को शांति पूर्वक जीने एवं प्रगति पथ पर सदैव आगे बढ़ते रहना यहाँ की स्वाभाविक वृत्ति है। गत वर्ष नर्मदा नदी के तटीय क्षेत्रो मे किये गए वृक्षारोपण मे स्थानीय जनो की सहभागिता यहाँ के लोगों की पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को निरूपित करती है।
यहाँ यह चर्चा का विषय है क्या पौधारोपण पर्याप्त है? क्या पौधारोपण मात्र से प्रकृति को सुरक्षित किया जा सकता है? पौधारोपण प्रकृति के स्वास्थ्य को बनाए रखने का प्रथम चरण है। यह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए जनमानस का रुझान है। प्रकृति की देनों के प्रति मनुष्य के दायित्वों के निर्वहन की समझ है। इन दायित्वों के निर्वहन के लिए आवश्यक है कि प्रकृति की सुरक्षा का भाव मनसा वाचा कर्मणा मे आ जाए। पौधारोपण के साथ उनका पालन पोषण कर उन्हे वृक्ष का रूप प्रदान करने मे सहयोग देना। प्रकृति की स्वयं एवं अन्य कारको से सुरक्षा करना ही प्रकृति की अनगिनत देनों के प्रति हमारे दायित्वों का निर्वहन है। यह भाव अगर सभी के मन, वाणी एवं कर्म मे आ गया तो प्रकृति की सुरक्षा के प्रति चिन्तित नहीं होना पड़ेगा।
इस भाव को कैसे लाया जाय , कैसे और मजबूती प्रदान की जाय। नर्मदा मंदिर अमरकंटक, आयुक्त शहडोल संभाग श्री जे के जैन एवं ज़िला प्रशासन ने विचार विमर्श किया। और यह बात सामने आई कि अमरकंटक की पवित्रता क्षेत्र के सभी वर्ग के लोगो मे स्वीकार्य है। यहाँ की पावन मिट्टी सभी के लिए पूज्य है। पर्यावरण सुरक्षा की भावना को अमरकंटक की पवित्रता से जोड़कर दोनों ही भावनाओ विशेषकर पर्यावरण सुरक्षा की भावना को और मजबूत किया जाय। अधिक से अधिक संख्या मे आम जनो मे इस भावना को उत्पन्न किया जाय एवं भावना पर आधारित कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाय।
इसी भावना को बल प्रदान करने हेतु नर्मदा मंदिर अमरकंटक एवं ज़िला प्रशासन ने अमरकंटक की पावन भूमि मे तैयार किए, नर्मदा मंदिर मे पूजित पौधों को दर्शनार्थियों को प्रसाद स्वरूप, स्मृति चिन्ह स्वरूप देने की पहल की है। इस पहल से आज 12 जुलाई की यह तारीख और भी पवित्र हो गयी है।

पर्यावरण संरक्षण सामुदायिक सहभागिता पर आधारित
समाज के सहयोग के बिना यह संकल्पना अधूरी – आयुक्त श्री जैन
आज क्षेत्र के लिए गौरव का दिन है। प्रकृति के संरक्षण मे समुदाय की सहभागिता नितांत आवश्यक है। आमजनों के सहयोग के बिना पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की संकल्पना अधूरी है। उक्त विचार आयुक्त शहडोल संभाग श्री जे के जैन ने नर्मदा मंदिर मे पूजित पौधों को प्रसाद के रूप मे प्रदान करने की पहल की शुरुआत मे व्यक्त किए। आपने कहा पर्यावरण संरक्षण केवल व्यक्ति विशेष, शासन की ज़िम्मेदारी नहीं अपितु समस्त समुदाय की ज़िम्मेदारी है। इस अभियान की सफलता सभी की सक्रिय सहभागिता पर आधारित है। आपने कहा पौधप्रसाद की पहल का मुख्य लक्ष्य अधिकाधिक पौधारोपण, उनके संरक्षण के साथ, प्रकृति के प्रति ज़िम्मेदारी का, प्रकृति से लगाव का भाव लाना है। पूजित पौधों के प्रति श्रद्धा के भाव से पर्यावरण संरक्षण का भाव लाने हेतु यह पहल की गयी है। पूजित पौधों की सेवा करने से आमजन एवं आगामी पीढ़ी प्रकृति से जुड़ाव का वास्तविक अनुभव करेगी।श्री जैन ने समस्त दर्शनार्थियों से आग्रह किया है कि प्रसाद मे प्राप्त पौधों का रोपण कर उनकी सेवा कर उन्हे वृक्ष का रूप प्रदान करें। साथ ही अपने आस पास के लोगों मे भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भाव लाने का प्रयास करें।
पारिस्थितिक संतुलन एवं जैव विविधता बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण महत्वपूर्ण – सीसीएफ़ श्री ए के जोशी
मुख्य वन संरक्षक श्री ए के जोशी ने बताया वर्तमान समय मे लगभग सभी नागरिक मनुष्य के विकृत आचरण से पर्यावरण मे पड़ रहे दुष्प्रभाव से परिचित हैं। परंतु जानकारी का होना और उसको आचरण मे लाना दो पृथक विषय हैं। इसके लिए स्व्प्रेरणा आवश्यक है। इसी स्व्प्रेरणा की अनुभूति हेतु यह अभियान लाया गया है। यह जन जन का अभियान है। श्री जोशी ने बताया यदि दर्शनार्थी अपने घर मे ले जाकर वृक्षो को लालन पालन करना चाहते हैं तो वे पौधे अपने साथ ले जाए अगर किसी कारण वश ऐसा कर पाने मे वे असमर्थ हैं तो वृक्षारोपण हेतु भूखंड का चयन पौधों की प्रजाति के अनुकूल किया जा चुका है। दर्शनार्थी उन पौधों का रोपण चिन्हित स्थलों मे कर सकेंगे। चिन्हित स्थलों मे पौधों का रखरखाव वन विभाग द्वारा किया जाएगा।

प्रकृति का सम्मान बनेगा अमरकंटक की पहचान – कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने बताया कि आयुक्त श्री जैन की इस पहल को सफल बनाने मे ज़िला प्रशासन एवं नर्मदा मंदिर अमरकंटक के प्रयास के साथ आम जनो का सहयोग आवश्यक है। यह प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों के जुड़ाव के लिए है।यह जुड़ाव न सिर्फ अमरकंटक क्षेत्र वरन समस्त मानव जाति के लिए उदाहरण बनेगा। प्रकृति के प्रति हमारे स्नेह का उद्गार एवं प्रमाण बनाने के लिए यह पहल की गयी है। प्रकृति के सम्मान को अमरकंटक की पहचान बनाने के लिए समस्त दर्शनार्थियों, श्रद्धालुओं एवं प्रकृति प्रेमियों को इन पूजित पौधो की देख रेख कर इन्हे वृक्ष बनाना पड़ेगा।


गोबर से बने गमलों से पर्यावरण संरक्षण एवं पौधो को पोषकतत्वों को प्रदान करने की पहल
इस कार्यक्रम मे ज़िला प्रशासन द्वारा गोबर से बने गमलों के माध्यम से पौधों को प्रदान करने की पहल भी की गयी। साथ ही गोबर से गमलों को बनाने की मशीन का भी प्रदर्शन कृषि विभाग द्वारा उपस्थित आगन्तुको के समक्ष किया गया। गोबर के गमलों से न केवल पशुपालक को अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा साथ ही यह प्रयास ऐरा प्रथा की रोकथाम मे भी सहायक होगा। गोबर से निर्मित गमलों से प्लास्टिक प्रदूषण कम होगा साथ ही पौधों को उपयोगी पोषक तत्वों  की प्राप्ति भी होगी जो कि पौधो की वृद्धि एवं अच्छे स्वास्थ्य मे सहायक होगी। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने बताया क्षेत्र के द्वारा किया गया यह अनूठा प्रयास  अन्य ज़िलो के लिए भी भविष्य मे मार्गदर्शक बनेगा।
त्व्दीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे
पर्यावरण की सेवा ही माँ नर्मदा की सेवा है नीलु महाराज
1 पेढ 10 संतानों के समान
नर्मदा मंदिर अमरकंटक के पूज्य श्री नीलु महाराज जी ने सभी श्रद्धालुओं को बताया की एक वृक्ष की सेवा कर उसे बड़ा करना समाज को 10 योग्य संतानों की सेवा देने के बराबर पुण्य का कार्य है। आपने बताया कि ऋग्वेद मे भी वृक्षारोपण से होने वाले पुण्य की बात कही गयी है। आपने सभी प्रकार के पौधों का महत्व एवं उनके वृक्षारोपण के स्थान के बारे मे भी विस्तृत जानकारी प्रदान की। महाराज ने सभी श्रद्धालुओं को बताया कि पुराणों के अनुसार हर एक व्यक्ति को कम से कम तीन पौधों का वृक्षारोपण कर उसकी सेवा अनिवार्यतः करनी चाहिए।

पहले दिन 2000 श्रद्धालुओं ने किया पौधारोपण 
आयुक्त श्री जैन कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी समेत कई श्रद्धालुओं ने पौधों को पुत्रवत मान सेवा करने की शपथ ली




उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन लगभग 1500 से 2000 श्रद्धालु अमरकंटक मंदिर का भ्रमण प्राकृतिक सौंदर्य के दर्शन एवं धार्मिक कारणो से करते हैं। इस प्रकार लगभग वर्ष मे औसतन 2 से 3 लाख श्रद्धालु एवं दर्शनार्थी यहाँ आते हैं। अगर सभी अपना कर्तव्य निभाएंगे तो निसंदेह पर्यावरण संरक्षण के लिए किसी अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता नहीं होगी। इस वृक्षारोपण अभियान के प्रथम दिवस 2000 पौधों को श्रद्धालुओं ने रोपण किया और अपने साथ भी ले गए जहां वे अपने घरो मे इनका रोपण कर देखभाल करेंगे। इस अवसर पर पौध प्रसाद प्राप्त करने वाले श्रद्धालुओं ने पौधे को पुत्रवत मानकर उसके रोपण एवं पालन पोषण करने की शपथ ली। पूजित पौधों के प्रदाय के  इस अवसर पर अमरकंटक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अंबिका प्रसाद तिवारी, नर्मदा मंदिर अमरकंटक के ट्रस्टी श्री उमेश द्विवेदी, हनुमानदास जी महाराज, जनप्रतिनिधि , पत्रकार साथी एवं बड़ी संख्या मे श्रद्धालु एवं आमजन उपस्थित थे।

आयुक्त श्री जैन ने ली पौधो को पुत्रवत मान पालन पोषण करने की शपथ


कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने ली पौधो को पुत्रवत मान पालन पोषण करने की शपथ




मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना हेतु आवेदन पत्र की अन्तिम तिथि आज

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना हेतु आवेदन पत्र की अन्तिम तिथि आज 
 
अनुपपुर | 12-जुलाई-2018
 
    महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र अनूपपुर ने बताया कि आज दिनांक 13 जुलाई 2018 तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जा रहे हैं। इच्छुक आवेदक व्यवसाय अथवा उद्यम स्थापित करने हेतु बैंकों से ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में शासन द्वारा अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. आवेदन एम पी ऑनलाइन किओस्क के माध्यम से किये जा सकते हैं।

विश्व जनसंख्या दिवस पर हुई जिला स्तरीय कार्यशाला एवं निकाली गई रैली

विश्व जनसंख्या दिवस पर हुई जिला स्तरीय कार्यशाला एवं निकाली गई रैली 

अनुपपुर | 12-जुलाई-2018
 
    

    मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डॉ आर.पी श्रीवास्तव ने बताया कि जनसंख्या स्थरीकरण के अवसर पर स्थानीय पॉलीटेक्नीक ग्राउण्ड में विद्युत विभाग के कार्यक्रम के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
    जनसंख्या स्थरीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में अनूपपुर विधान सभा के विधायक श्री रामलाल रौतेल जी ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए जनजागरूकता फैलाना आवश्यक है, हमें रूढ़ीवादी परम्पराओं का परित्याग करना होगा तथा शासन द्वारा चलाए गए कार्यक्रम को अपनाकर जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए सम्मिलित प्रयास करने होंगे। देश में संसाधन सीमित है, उन्ही संसाधनों में से देश की जनता को सुख-सुविधायें पहुंचाना है। उन्होने उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि परिवार नियोजन के कार्यक्रमों में हमें प्रदेश में प्रथम स्थान हेतु अभी से प्रयास करने होंगे। हम सभी को जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए आगे आना होगा एवं  बेटे और बेटी का फर्क मिटाते हुये हमें दोनो को समान अधिकार देना चाहिये। जनसंख्या रोकने के लिये शिक्षित होना, बाल विवाह को रोकना तथा एक ही संतान का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि समाज में लड़के की धारणा ही बढ़ती आबादी का कारण है। आज के समय में बालक-बालिका को हमें एक नजर से देखना होंगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव ने जनसंख्या स्थिरीकरण विषय पर बोलते हुये कहा कि यदि हम बढ़ती आबादी पर रोक न लगा पाये तो नागरिकों को सारी सुविधायें देना मुश्किल हो जाएगा। उन्होने कहा की अब हमे हम दो हमरा एक का नारा बुदंल करना होगा और इसी पर समाज में जनजागरूकता लाना होगा।  जनसंख्या के इस बढ़ते स्वरूप को हम सब के प्रयास से ही कम किया जा सकता है। कार्यशाला मे ए.एन.एम. ट्रेनिंग सेन्टर के छात्राओं ने स्वागत गीत के माध्यम से आगतुंक अतिथिगणों का विभाग की ओर हार्दिक अभिनंदन किया। जनसंख्या स्थिरीकरण कार्यशाला में महिला प्रसूति सहायता के हितग्राहियों को प्रमाणपत्र एवं चेक भी प्रदान किये गये। कार्यक्रम के पूर्व में जनसंख्या स्थिरीकरण रैली को मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव डॉ. एस.बी. चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली के साथ स्वास्थ्यकर्ता, ए.एन.एम.टी.सी. की छात्राओं ने फ्लेक्षी, बैनर के साथ नगर भ्रमण कर , रैली के रूप में नागरिकों को जनसंख्या वृद्धि रोकने के उपायों के बारे में नारे एवं पम्पलेटों के माध्यम से संदेश दिये गये। इस रैली में ‘‘छोटा परिवार सुखी परिवार‘‘, ‘‘शिशु एक सुख अनेक‘‘ आदि नारों के साथ जनजागरण किया गया। एंव रैली का समापन पॉलीटेक्नीक ग्राउण्ड अनूपपुर में हुआ।

20 जुलाई को 44,757 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मिलेगी लैपटॉप राशि

20 जुलाई को 44,757 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मिलेगी लैपटॉप राशि 
मुख्यमंत्री श्री चौहान जबलपुर में करेंगे लैपटॉप राशि का वितरण, संभागीय मुख्यालयों में होंगे लैपटॉप राशि वितरण कार्यक्रम 
अनुपपुर | 12-जुलाई-2018
 
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विगत 11 जून को की गई घोषणा के अनुसार प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में मध्यप्रदेश बोर्ड की 12वीं परीक्षा पहली बार में 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक के साथ उत्तीर्ण करने वाले शेष 44 हजार 757 विद्यार्थियों को 20 जुलाई को लैपटॉप राशि का वितरण किया जायेगा। मुख्यमंत्री स्वयं जबलपुर संभागीय मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में जबलपुर संभाग के पात्र विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र के साथ लैपटॉप खरीदने की राशि का वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री के जबलपुर के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन द्वारा दोपहर एक बजे सभी जिलों में किया जायेगा।
    जिला-स्तरीय लैपटॉप राशि वितरण कार्यक्रम संभागीय मुख्यालय में आयोजित किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों में प्रभारी मंत्री, स्थानीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर, अन्य निर्वाचित जन-प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिकों की मौजूदगी में पात्र विद्यार्थियों को लैपटॉप राशि और प्रशस्ति-पत्र का वितरण किया जायेगा।
   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व में 28 मई को भोपाल में आयोजित राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में 85 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों तथा अनुसूचित-जाति, जनजाति, विमुक्त तथा घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति के 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले 22 हजार 34 विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिये 25 हजार रुपये के मान से राशि और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये थे।

श्रमिकों के बिजली बिल संबंधी प्रकरण समाप्त किये जायेंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान

श्रमिकों के बिजली बिल संबंधी प्रकरण समाप्त किये जायेंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान 
मुख्यमंत्री द्वारा 5800 करोड़ लागत की बिजली परियोजनाओं एवं उप-केन्द्रों का लोकार्पण-भूमि-पूजन, रतलाम जिले में 59,784 हितग्राहियों के 23 करोड़ से अधिक राशि के बकाया बिजली बिल माफ 
अनुपपुर | 12-जुलाई-2018
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह ने आज रतलाम जिले के जावरा में हुए संबल योजना के कार्यक्रम में जिले के 59 हजार 784 पात्र हितग्राहियों के 23 करोड़ 12 लाख 75 हजार की राशि के बकाया बिजली बिल माफ करते हुए उन्हें इस आशय के प्रमाण-पत्र वितरित किये। श्री चौहान ने घोषणा की कि श्रमिकों पर चल रहे बिजली संबंधी प्रकरण समाप्त किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को बिजली बिल की चिंता से पूरी तरह मुक्त किया जायेगा। किसानों, श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों के हितों को ध्यान में रखकर ही राज्य सरकार ने प्रदेश में बकाया बिजली बिल माफी योजना लागू की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बिजली बिल माफी के लिये गरीबों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में जगह-जगह शिविर लगाकर गरीबों को जीरो बेलेंस बिजली बिल के प्रमाण-पत्र वितरित किये जायेंगे।
गरीबों की खुशहाली ही मेरी जिंदगी का मकसद
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों की खुशहाली ही मेरी जिंदगी का मकसद है। मैं हमेशा गरीब की आँखों में चमक देखना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति के लिये अगर रोटी, कपड़ा, मकान जैसी आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ बच्चों की पढ़ाई और परिवार के लिये बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध रहे तो वह हर मुश्किल का सामना कर सकता है। श्री चौहान ने बताया कि संबल योजना में हाथ ठेला चलाने वाले, असंगठित श्रमिक, सब्जी बेचने वाले और इसी तरह के अन्य कार्य करने वाले लोगों को प्राथमिकता से सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जायेगा।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस मौके पर 5800 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न बिजली परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। उन्होंने उज्जैन संभाग को शत-प्रतिशत विद्युतीकृत घोषित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की।
    श्री चौहान ने उपस्थित विशाल जन-समुदाय को विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोगों का आव्हान किया कि बेटियों के सम्मान, गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण तथा प्रदेश के विकास के लिये एकजुट होकर सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने बकाया बिजली बिल माफी के प्रमाण-पत्रों के साथ ही हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के हित-लाभ भी वितरित किये।
    ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य काश्यप, विधायक श्री राजेन्द्र पाण्डे, श्री मथुरालाल डामर, श्री जितेन्द्र गहलोत, श्रीमती संगीता चारेल, श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, श्री जगदीश देवड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री प्रमेश मईड़ा, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आई.सी.पी. केशरी, प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री आकाश त्रिपाठी, म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी के प्रबंध संचालक और बड़ी संख्या में आम लोग भी मौजूद थे।

मेडिकल कॉलेजों में अगले साल से बढ़ेंगी 450 सीट

मेडिकल कॉलेजों में अगले साल से बढ़ेंगी 450 सीट 
अनुपपुर | 12-जुलाई-2018
    प्रदेश में संचालित मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2019-20 से एमबीबीएस स्नातक पाठ्यक्रम में 450 सीट की वृद्धि की जा रही है। चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिये भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के निर्धारित मापदण्ड पूरे करने पर निर्धारित सीट की स्वीकृति मिल गई है।
    वर्ष 2019-20 में एमबीबीएस स्नातक पाठ्यक्रम में कुल सीट 1350 हो जायेंगी। वर्तमान में 7 मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 900 सीट उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेज भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में वर्तमान सीट 150 से बढ़ाकर 250 सीट की जा रही है। इसी प्रकार रीवा में 100 से बढ़कर 150 सीट हो जायेगी।
    भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद के मापदण्ड के अनुरूप मेडिकल कॉलेज द्वारा आवश्यक शिक्षकों की नियुक्ति, उपकरण क्रय संबंधी तैयारी पूरी हो चुकी है। आवश्यक अधोसंरचना और सिविल कार्य दिसम्बर 2018 तक पूरे किये जा रहे हैं। इन कार्यों के लिए चिकित्सा मेडिकल कॉलेजों को भारत सरकार की योजना में 75 करोड़ रूपये की राशि मिली है। इसमें केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत और राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत राशि व्यय की जा रही है।

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