Monday, March 19, 2018

टी.बी. रोगियों को मिलेंगे 500 रूपये

टी.बी. रोगियों को मिलेंगे 500 रूपये 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    भारत को 2025 तक टी.बी. उन्मूलन का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिये सभी टी.बी. रोगियों को 500 प्रति माह दिये जायेंगे। यह योजना 1 अप्रैल  से लागू होगी। इस योजना से क्षय रोगी उचित पोषण आहार की व्यवस्था कर सकते हैं एवं उसके जांच व इलाज के लिये आने-जाने से संबंधित वाहन किराया भी सहायक होगा। जिससे टी.बी. उन्मूलन में यह सहायक होगा। भारत में दुनिया के एक चौथाई क्षय रोगी है। देश के एक हजार क्षय रोगी रोज मर जाते हैं। उच्च श्रेणी जांच एवं औषधियों से क्षय रोगियों को मृत्यु से बचाया जा सकेगा। 

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर संस्था का नाम 31 मार्च तक दर्ज किया जाना आवश्यक

नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर संस्था का नाम 31 मार्च तक दर्ज किया जाना आवश्यक 
 
अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु जो भी शैक्षणिक संस्थाएं नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति पोर्टल) पर प्रदर्शित नहीं हो रही है। उन संस्थाओं को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आगामी 31 मार्च 2018 के पूर्व दर्ज किया जाना आवश्यक है। 31 मार्च के पश्चात नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर कोई शैक्षणिक संस्थाएं दर्ज नहीं हो सकेंगी।
    ऐसी समस्त शासकीय अशासकीय महाविद्यालय संस्थाएं जो नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रही हैं, वे अपनी शैक्षणिक संस्थाओं को नेशनल स्कॉलरशिप  पोर्टल पर दर्ज कराने हेतु पूर्ण विवरण सहित संस्था की जानकारी श्री आदित्य एस.सिंह, अपर सचिव भारत सरकार, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय 11वीं मंजिल, पंडित दीनदयाल अन्त्योदय भवन, सी.जी.ओ. काम्प्लेक्स भवन, लोधी रोड नई दिल्ली को भेजना सुनिश्चित करें। ताकि उनके द्वारा संस्थाओं का नाम पोर्टल पर जोड़ने की कार्यवाही की जा सके। 

साक्षर भारत योजनांतर्गत नवसाक्षरों के मूल्यांकन हेतु परीक्षा 25 मार्च को

साक्षर भारत योजनांतर्गत नवसाक्षरों के मूल्यांकन हेतु परीक्षा 25 मार्च को 
 
अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशानुसार साक्षर भारत योजना अंतर्गत नवसाक्षरों के मूल्यांकन हेतु आगामी 25 मार्च को ग्राम स्तर पर परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। साक्षर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वे के द्वारा चिन्हित कर प्रौण शिक्षा केन्द्रों में नामांकन उपरांत अध्ययनरत नवसाक्षरों को उक्त परीक्षा में सम्मिलित किया जायेगा।
    साक्षरता अभियान के पूर्व नवसाक्षर स्कूल ड्रॉप आउट व ऐसे व्यक्ति जो पूर्व में शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, परंतु किसी प्रकार का प्रमाणीकरण नहीं है, उनको भी उक्त परीक्षा में सम्मिलित किया जायेगा। इनकी आयु 15 वर्ष या इससे अधिक होना आवश्यक है। नवसाक्षर परीक्षा का आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत भवन प्रौण शिक्षा केन्द्र सरकारी स्कूल में 25 मार्च को प्रातः10 से सायं 5 बजे तक किया जायेगा। परीक्षा तीन घंटे की होगी। परीक्षा के संबंध में अधिक जानकारी के लिये जिला प्रौण शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है। 

शासकीय सेवकों को वेतन निर्धारण विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर 31 मार्च तक

शासकीय सेवकों को वेतन निर्धारण विकल्प प्रस्तुत करने का अवसर 31 मार्च तक 
 
अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    राज्य शासन के शासकीय सेवकों के लिये वेतन निर्धारण संबंधी विकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2018 कर दी गई है। पुनरीक्षित विकल्प प्रस्तुत करने की सुविधा आईएफएमआईएस सॉफ्टवेयर में उपलब्ध कराई गई है। पुनरीक्षित विकल्प ऑनलाइन ही स्वीकार किए जायेंगे।
    उप संचालक कोष एवं लेखा अनूपपुर श्री एन.के.नर्रे ने सभी शासकीय सेवकों से आग्रह किया है कि जो शासकीय सेवक किसी कारण से विकल्प नही प्रस्तुत कर पाये थे वे अंतिम तारीख 31 मार्च से पूर्व विकल्प प्रस्तुत करने की सुविधा का लाभ उठायें। 

अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का अवसर

अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने का अवसर 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    शासन द्वारा सभी धार्मिक एवं भाषायी अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिये गये हैं। इस संबंध में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अनूपपुर ने बताया कि जिले की सभी पात्र संस्थाओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं। इसके लिए संस्था के संचालक अथवा प्राचार्य शासन द्वारा निर्धारित प्रपत्रों में जानकारी उपलब्ध कराके पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण  विभाग कलेक्ट्रेट अनूपपुर से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।

लोक सेवा केन्द्रों में एक नई सुविधा प्रारंभ

लोक सेवा केन्द्रों में एक नई सुविधा प्रारंभ 
अब आम जनता के प्रमाण पत्र वाट्सएप के माध्यम से उनके मोबाइल पर भेजे जायेंगे 
अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    मध्यप्रदेश लोक सेवा अभिकरण द्वारा लोक सेवा केन्द्रों में एक नई सुविधा प्रारंभ की गई है। इस सुविधा के तहत अब आम जनता को वाट्सएप के माध्यम से भी प्रमाण पत्र उनके मोबाइल पर भेजे जायेंगे, इसके लिये आवेदक को आवेदन करते समय अपना वाट्सएप वाला मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा, जो की आवेदन को कम्प्यूटर में दर्ज  करते समय भरा जायेगा। अभी यह सुविधा केवल आय एवं निवास के प्रमाण पत्रों के संबध में प्रारंभ की गई है।
    जैसे ही वह आवेदन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा निराकृत किया जायेगा, सॉफ्टवेयर में इस प्रकार की व्यवस्था की गयी है कि लोक सेवा केन्द्र के आपरेटर द्वारा आवेदक को आवेदन पर हुई कार्यवाही की सूचना उसके मोबाइल पर पहुंच जायेगी,  जिसको आवेदक कहीं से भी निकाल सकता है या अपने मोबाइल में सुरक्षित रख सकता है।

मार्च माह के तृतीय सप्ताह में 6वीं एवं 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन

मार्च माह के तृतीय सप्ताह में 6वीं एवं 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाइन आवेदन 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018

   ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने विभाग की विशिष्ट संस्थाओं की कक्षा 6वीं एवं 9वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाइन परीक्षा का आवेदन भरा था। किन्तु जिले से बाहर परीक्षा केन्द्र आवंटित होने के कारण उन्होंने परीक्षा नहीं दी थी। ऐसे आवेदकों को सूचित कराया जाये कि उनकी ऑनलाइन परीक्षा अब पुनः मार्च के तृतीय सप्ताह में आयोजित किये जाने की संभावना है। अतः वे अपनी पढ़ाई यथावत रखे एवं अधिक से अधिक इस परीक्षा में बैठें। जिससे उन्हें विशिष्ट संस्था में प्रवेश करने के पश्चात होने वाले लाभ प्राप्त हो सके।

माँ तुझे प्रणाम योजना के तहत होगा युवाओं का चयन

माँ तुझे प्रणाम योजना के तहत होगा युवाओं का चयन 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    प्रदेश के युवाओं में राष्ट्र की सीमाओं के प्रति आदर भाव विकसित करने, भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों तथा उनके दैनिक दिनचर्या से अवगत कराने, राष्ट्र के प्रति समर्पण, नेतृत्व विकास पर मार्गदर्शन दिये जाने हेतु माँ तुझे प्रणाम योजना संचालित की जा रही हैं। योजना में 15 से 25 वर्ष आयु वर्ग के एन.सी.सी, एन.एस.एस, खिलाड़ी मेधावी छात्र एवं स्काउट, सामाजिक, कार्यकर्ता और सांस्कृतिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं से प्रत्येक विकासखण्डवार 20 युवाओं का एन.सी.सी. 02, एन.एस.एस. 02, खिलाड़ी 02, मेधावी छात्र 02 एवं स्काउट/सामाजिक कार्यकर्ता/सांस्कृतिक 02 (10 युवक एवं 10 युवतियों) का चयन भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं में से किसी एक स्थल के अनुभव यात्रा के लिए किया जायेगा। युवाओं का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से किया जायेगा। योजना के चयन के लिए उक्त संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं से विधिवत आवेदन पत्र व फिटनेस सर्टिफिकेट/चिकित्सा, जोखिम प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र थाना प्रभारी से प्रमाणित कराकर जमा कराया जा सकेगा। जिला स्तर पर युवाओं के चयन हेतु आवेदन जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा एवं प्राप्त किये जा सकते हैं।

खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला का आयोजन कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ में 22 मार्च को

खण्ड स्तरीय अन्त्योदय मेला का आयोजन कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ में 22 मार्च को 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    आम जनता को शासन की विभिन्न योजना का एक ही स्थान पर लाभ देने तथा आम जनता से प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण के लिए खण्डस्तरीय मेले आयोजित किये जा रहे हैं। खण्डस्तरीय अन्त्योदय मेला कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ में 22 मार्च को.  आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि मेले में शासन की सभी प्रमुख योजनाओं तथा कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को खण्डस्तरीय मेले के लिए आवश्यक प्रबंध करने निर्देश दिये हैं। उन्होंने आम जनता से मेले से लाभ उठाने की अपील की है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन आज

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन आज 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा श्रीमती मंजूलता सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के जिले में प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्यरत मैदानी महिलाओं एवं कर्मचारियों की कार्यशाला का आयोजन आज  प्रातः 11 बजे से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में किया गया है। 

भावांतर योजना के तहत पंजीयन अधिक से अधिक करायें - कलेक्टर श्री शर्मा

भावांतर योजना के तहत पंजीयन अधिक से अधिक करायें - कलेक्टर श्री शर्मा 
 
अनुपपुर | 19-मार्च-2018
  
   कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने आम-जन से रबी 2017-18 में भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत पंजीयन अधिक से अधिक कराने की अपील की है।  राज्य शासन द्वारा 12 फरवरी 2018 से 12 मार्च 2018 के मध्य चना, मसूर, सरसों एवं प्याज के निःशुल्क पंजीयन गेहूं, धान का ई-उपार्जन करने वाली समस्त प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों एवं मण्डियों में पंजीयन करवाने की अपील की गई थी। उक्त पंजीयन अवधि 12 मार्च की जगह 24 मार्च 2018 तक बढ़ाये जाने का निर्णय म.प्र. शासन द्वारा किसानों के हित में लिया गया है। किसान भाईयों से आग्रह किया गया है कि भावांतर योजना में अधिक से अधिक पंजीयन करवाकर योजना का लाभ लें।

कलेक्टर ने की आमजन से जल संरक्षण में सहभागी बनने की अपील

कलेक्टर ने की आमजन से जल संरक्षण में सहभागी बनने की अपील 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018


  
    जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि जल संरक्षण का कार्य प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। सुखद भविष्य के लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण का प्रयास करना होगा। उन्होंने सभी से जल संरक्षण अभियान से जुड़ने की अपील की है।
    कलेक्टर ने कहा कि पृथ्वी रूपी बैंक में जल, संचित निधि के रूप में है। इस बैंक से जितना जल निकाला जाए उतना ही उसमें भरा भी जाना चाहिए, तब संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध पानी के दोहन से भूजल स्तर लगातार नीचे जाता जा रहा है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण जल के प्रति हमारा असंवेदनशील होना और उसके प्रति सम्मान का अभाव है।
    उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के अनेक तरीके हैं। जिसमें पानी की गति को कम करना ताकि अधिक से अधिक पानी भूमि के अंदर जा सके। दूसरा छोटी-छोटी जल संरचनाओं का निर्माण करना। यह कोई बड़ी धनराशि खर्च करने वाले या लागत वाले कार्य नहीं है। हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण के लिए कुछ न कुछ अवश्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनरजीवन के लिए उनके पास खेतों में छोटे-छोटे बंधान बनाने मात्र से ही नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है और नदी का स्त्रोत सतत् प्रवाहित रहता है। उन्होंने कहा कि एक ओर सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, जल स्त्रोतों को स्वच्छ बनाए रखना। किसी भी तरह की गंदगी उनमें नहीं जाने देना। अशुद्ध जल मानव जीवन के लिए नुकसान दायक है। 

आबकारी राजस्व का शत-प्रतिशत लक्ष्य 25 मार्च तक पूर्ण करें- कमिश्नर

आबकारी राजस्व का शत-प्रतिशत लक्ष्य 25 मार्च तक पूर्ण करें- कमिश्नर 

अनुपपुर | 19-मार्च-2018
 
   
    कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शहडोल संभाग के सभी जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे आबकारी राजस्व का शत-प्रतिशत लक्ष्य 25 मार्च तक पूर्ण करे। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि जिन प्रकरणों में राजस्व की वसूली नहीं हुई है ऐसे प्रकरणों में संबंधित फर्म के विरूद्ध आरआरसी जारी करें तथा राजस्व की शतप्रतिशत वसूली सुनिश्चित करायें। कमिश्नर ने राजस्व वसूली के वर्ष 1981-82 के प्रकरण लंबित रहने पर नाराजगी व्यक्त की गई है तथा आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे सभी प्रकरणों में जिनमें एड्रेस प्रूफ के कारण संबंधित फर्मों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जा सकती है पुलिस में प्रकरण दर्ज करायें तथा उनसे राजस्व की वसूली करायें। कमिश्नर ने सभी आबकारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आबकारी ठेकेदारों के सही एड्रेस प्रूफ रखें ताकि आबकारी ठेकेदारों से राजस्व की समुचित वसूली की जा सके। कमिश्नर ने पूर्व आबकारी अधिकारियों द्वारा आबकारी ठेकेदारों के सही एड्रेस प्रूफ नहीं रखे जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है तथा निर्देश दिये है कि संबंधित आबकारी अधिकारी जिन्होनें ठेकेदारों के सही एड्रेस प्रूफ नहीं रखे उन्हें भी नोटिस जारी की जाये कि क्यों न उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाये। कमिश्नर ने उक्त निर्देश शुक्रवार को आबकारी विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में आबकारी अधिकारियों को दिये। बैठक संभाग के सभी आबकारी अधिकारियों ने बताया  कि शहडोल संभाग के सभी जिलों में चालू वित्तीय वर्ष के आबकारी राजस्व की वसूली लगभग पूर्णता की ओर है इसे 25 मार्च तक पूर्ण कर लिया जायेगा। 

अपराधियों के विरूद्ध हर हाल में कड़ा एक्शन हो - मुख्यमंत्री श्री चौहान

अपराधियों के विरूद्ध हर हाल में कड़ा एक्शन हो - मुख्यमंत्री श्री चौहान 
छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार करने वाले मनचलों का जुलूस निकाला जाये, परिणाम नहीं देने वाले एस.पी. और आई.जी. को हटा दिया जायेगा, मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिये अधिकारियों को सख्त निर्देश 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुये स्पष्ट कहा है कि गुण्डे और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा है कि बेटियों के साथ छेड़छाड और दुर्व्यवहार करने वाले मनचलों का जुलूस निकाला जाये। उन्होंने कहा कि मुझे अपराधियों के विरूद्ध कठोर एक्शन, एक्शन और केवल एक्शन चाहिये, हर हाल में परिणाम चाहिये। परिणाम नहीं देने वाले एस.पी. और आई.जी. को हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर जगह पुलिस की सक्रियता दिखाई दे, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव पैदा हो।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के कमिश्नर-आई.जी.-कलेक्टर और एसपी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर कार्यालय अनूपपुर के एन.आई.सी. कक्ष में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री सुनील जैन, अपर कलेक्टर डॉ. आर.पी. तिवारी सहित विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
    श्री चौहान ने कहा कि अपराधियों के विरूद्ध ऐसा एक्शन हो जिससे उनकी रूह कांप जाये। जनता के लिये खतरा बने गुण्डे और अपराधियों की आर्थिक रूप से कमर तोड़ें। हर हाल में आम जनता में विश्वास पैदा होना चाहिये। उन्होंने कहा कि हर जिले की रेटिंग की जायेगी। इस संबंध में सात दिन बाद पुनरू समीक्षा की जायेगी। परिणाम नहीं देने वाले पुलिस अधीक्षकों और पुलिस महानिरीक्षकों को हटा दिया जायेगा। उन्होंने बेहतर कार्य करने वाले जिलों की सराहना भी की। इनमें इंदौर, धार, होशंगाबाद, शामिल हैं। साथ ही अपराधियों के विरूद्ध देरी से कार्रवाई करने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने साफतौर पर कहा कि किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने रामनवमी आदि त्यौहारों में जुलूस के दौरान जरूरी व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में कलेक्टर होंगे जिम्मेदार, भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये 21 मार्च को होगी विशेष ग्रामसभायें
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये हैं कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी और भावांतर भुगतान योजना में किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने चाहिये। इसमें किसानों के पंजीयन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करें जिससे उन्हें कोई परेशानी नहीं हो। किसानों तक यह जानकारी पहुँचे कि वे अपनी उपज आगामी 15 जुलाई तक बेच सकते हैं। तब तक भण्डार गृह  में रख सकते हैं। उपज को भण्डार गृह में रखने का किराया सरकार देगी और किसान जरूरत होने पर 25 प्रतिशत तक का ऋण ले सकते हैं जिसका ब्याज भी सरकार भरेगी। भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन के लिये आगामी 21 मार्च को विशेष ग्रामसभा आयोजित की जायेंगी। साथ ही सत्यापन की कार्रवाई पूरी की जाये।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसानों को गेहूँ के समर्थन मूल्य 1735 रूपये प्रति क्विंटल के अलावा मुख्यमंत्री किसान समृद्धि योजना में उनके खातों में 265 रूपये प्रति क्विंटल के मान से अलग से प्रोत्साहन राशि जमा की जायेगी। यदि किसान मंडी में भी अपना गेहूँ बेचता है तो भी यह प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके साथ ही पिछले वर्ष बेचे गये गेहूँ और धान पर भी दो सौ रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।
    श्री चौहान ने कहा कि भावांतर भुगतान योजना राज्य सरकार की अदभुत महत्वाकांक्षी योजना है। सभी संभागायुक्त इसकी मॉनिटरिंग करें। इसके क्रियान्वयन में किसानों को दिक्कत आती है तो संबंधित जिला कलेक्टर को जिम्मेदार माना जायेगा। सात दिन बाद इसकी पुनरू समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी 26 मार्च से शुरू होगी, इसकी भी पूरी व्यवस्था की जाये।
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन का एक अप्रैल से चलेगा अभियान, हर जिले में होंगे श्रमिक सम्मेलन
    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि असंठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये आगामी एक से 14 अप्रैल के बीच अभियान चलायें। इसमें कोई भी पात्र श्रमिक छूटे नहीं। आगामी 16 अप्रैल से 15 मई के बीच सभी जिलों में श्रमिक सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। इन सम्मेलनों में पात्र श्रमिकों को कल्याणकारी योजनाओं विशेष रूप से प्रधानमंत्री आवास योजना, पट्टा वितरण, उज्जवला योजना, ई-रिक्शा, हाथ ठेला, शिक्षा सहायता, चिकित्सा सहायता, प्रसूति सहायता आदि योजनाओं का लाभ दिया जायेगा। साथ ही उन्हें कल्याण के योजनाओं की जानकारी भी दी जायेगी। इन सम्मेलनों की बेहतर व्यवस्थायें की जाये।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिये ऐतिहासिक योजनायें बनाई गयी हैं। इन योजनाओं का लाभ पंजीकृत मजदूरों को ही मिलता है। इसलिये पंजीयन का कार्य शिविर लगाकर पूरी पारदर्शी तरीके से किया जाये। पंजीयन की प्रक्रिया आसान हो इसमें श्रमिकों को परेशानी नहीं होना चाहिये। उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसे श्रमिकों को जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच हो। जो आयकर दाता नहीं हो, शासकीय सेवा में नहीं हो तथा दो हेक्टेयर से अधिक भूमिधारक नहीं हो वे सभी असंगठित श्रमिक माने जायेंगे। पंजीयन निःशुल्क होगा जो पाँच वर्ष तक के लिये वैध माना जायेगा।
    श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों और श्रमिकों के हित में अदभुत और अभूतपूर्व योजनायें बनाई गई हैं। इन ऐतिहासिक योजनाओं के क्रियान्वयन पूरी क्षमता और निष्ठा के साथ किया जाये। जिससे संबंधितों को इनका समुचित लाभ मिल सके। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता सहन नहीं की जायेगी।

20 जिलों में 31 मार्च तक होगा भावांतर भुगतान योजना में लहसुन का पंजीयन

20 जिलों में 31 मार्च तक होगा भावांतर भुगतान योजना में लहसुन का पंजीयन 
 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश में भावांतर भुगतान योजना में लहसुन उत्पादकों के पंजीयन का कार्य 15 मार्च से शुरू हो रहा है। पंजीयन का कार्य 31 मार्च तक होगा। पंजीयन के संबंध में प्रदेश के 20 जिलों के कलेक्टरों को प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विभाग डॉ. राजेश राजौरा ने पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिये हैं। लहसुन उत्पादक किसानों का पंजीयन एक हजार हेक्टेयर से अधिक लहसुन बोनी के 20 जिलों की प्राथमिक कृषि साख समितियों तथा मंडी समितियों में भावांतर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। जिन 20 जिलों में पंजीयन का कार्य होगा, उनमें भोपाल, सीहोर, नीमच, रतलाम, उज्जैन, मन्दसौर, इन्दौर, सागर, छिंदवाड़ा, शिवपुरी, शाजापुर, राजगढ़, छतरपुर, आगर-मालवा, गुना, धार, देवास, रीवा, सतना, और जबलपुर शामिल हैं।

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण हेतु आवेदन 20 मार्च तक आमंत्रित

परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण हेतु आवेदन 20 मार्च तक आमंत्रित 
 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सिविल सेवा परीक्षा एवं बैंकिंग, रेलवे, बीमा, एस.एस.सी. तथा व्यापम की परीक्षाओं हेतु परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण के लिये फार्म भरने की अंतिम तिथि 20 मार्च 2018 तक बढ़ा दी गयी है। भोपाल में यह केंद्र श्यामला हिल्स दूरदर्शन केंद्र के पास संचालित है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थी अपना आवेदन कार्य दिवसों में कार्यालयीन समय में उपस्थित होकर कार्यालय में जमा कर सकते हैं। साथ ही वेबसाइट http://www.educationportal.mp.gov.in/ OTMS/default-asp पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु विषय विशेषज्ञों से आवेदन आमंत्रित

शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु विषय विशेषज्ञों से आवेदन आमंत्रित 
 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    राज्य शिक्षा केन्द्र ने आगामी शिक्षण सत्र में माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को गुणवत्ता युक्त प्रशिक्षण दिलवाने हेतु विषय विशेषज्ञों से आवेदन पत्र ऑनलाइन आमंत्रित किये हैं। योग्यता संबंधी विवरण एजुकेशन पोर्टल तथा डाइट, जिला शिक्षा केन्द्र के सूचना पटल पर देखे जा सकते हैं। शासकीय विद्यालयों में सेवारत शिक्षक एजुकेशन पोर्टल पर उपलब्ध लिंक http://www.educationportal.mp.gov.in/ OTMS/default-asp पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।  अर्हताधारी सेवारत एवं सेवानिवृत्त शिक्षक प्रशिक्षक के रूप में मास्टर फेसिलिटेटर, फेसिलिटेटर (केआरपी, एसआरडी,डीआरजी, एमटी) के लिए राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तर हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

प्रदेश के 6 शहरों में इसी माह पुरातत्व प्रदर्शनी

प्रदेश के 6 शहरों में इसी माह पुरातत्व प्रदर्शनी 
 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    पुरातत्व विभाग द्वारा भोपाल सहित रीवा, पन्ना, महेश्वर, कसरावद एवं मन्दसौर में इसी माह छायाचित्र प्रदर्शनी लगाई जायेगी। पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि राजधानी भोपाल में “मध्यप्रदेश के पुरा सम्पदा”, रीवा में भारतीय चित्रकला में रामकथा, पन्ना में कांस्य प्रतिमाओं का संसार, महेश्वर में भीमबैठका के शैलचित्र, कसरावद में गौरीपुत्र गणेश एवं मन्दसौर में शिवलिंगम पर केन्द्रित पुरातत्व छायाचित्र प्रदर्शनी आयोजित की जा रही हैं।

शिक्षण सत्र 2018-19 में 960 सरकारी स्कूलों का होगा उन्नयन

शिक्षण सत्र 2018-19 में 960 सरकारी स्कूलों का होगा उन्नयन 
जिला-स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों में होगी छात्रावास सुविधा 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    प्रदेश में स्कूल शिक्षा के लोकव्यापीकरण के लिये शिक्षण सत्र 2018-19 से 960 सरकारी स्कूलों का उन्नयन किया जा रहा है। इस शिक्षण सत्र में 340 सरकारी हाई स्कूलों का हाई सेकेण्डरी स्कूल में और 620 सरकारी मिडिल स्कूलों का हाई स्कूल में उन्नयन किया जायेगा।
    स्कूल शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को राज्य शासन के निर्णय के कार्यान्वयन के लिये सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। उन्नयित स्कूलों में बेहतर शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
    प्रदेश में 41 जिलों में जिला-स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालयों में भोजन एवं आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 385 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत की है। छात्रावास सुविधा होने से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थी भी उत्कृष्ट विद्यालयों में पढ़ाई कर सकेंगे।

कृषक संगोष्ठी का आयोजन संपन्न

कृषक संगोष्ठी का आयोजन संपन्न 

अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    कृषि विज्ञान केन्द्र, अमंरकंटक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकण्टक जिला- अनूपपुर में कृषक संगोष्ठी का आयोजन 17 मार्च 2018 को किया गया। कार्यक्रम के दोरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु उदबोधन का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केन्द्र अमरकण्टक अनूपपुर में लाइव वेबकास्ट के माध्यम से किया गया। कृषक संगोष्ठी का उदघाटन श्रीमती रूपमति सिंह, अध्यक्षा जिला पंचायत अनूपपुर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री हीरा सिंह अध्यक्ष जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़, श्री वी.डी. नायर सहायक संचालक उद्यान, डॉ. तरूण कुमार ठाकुर नोडल अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र अनूपपुर, डॉ. एस.पी. पाण्डेय पशु चिकित्सा अधिकारी व बडी संख्या में कृषक व अधिकारीगण उपस्थित रहे।
        कार्यक्रम के दौरान श्रीमती रूपमति सिंह अध्यक्ष जिला पंचायत अनूपपुर ने माननीय प्रधान मंत्री जी के कृषकों के आमदनी दुगुना करने के कार्यक्रम की सराहना करते हुये कृषकों को वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने की तकनीक का अनुसरण करने हेतु प्रेरित किया। श्री हीरा सिंह अध्यक्ष जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ ने कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्यक्रम कि सराहना करते हुए कृषकों से उन्नत तकनीक अनुसरण हेतु आह्वान किया तथा किसानों से कृषि के साथ उद्यानिकी फसलें अपनाने हुतु प्रेरित किया।
    श्री संदीप चौहान वैज्ञानिक कृषि प्रसार कृषि विज्ञान केन्द्र अनूपपुर ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर चर्चा करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र की कृषक समुदाय के विकास में भूमिका पर विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों की आमदानी  बढ़ाने हेतु समन्वित कृषि प्रणाली, कृषि विविधीकरण, पशुपालन अपनाने हेतु प्रेरित किया। डॉ. अनीता ठाकुर वैज्ञानिक मृदा विज्ञान ने मृदा स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुये मिट्टी परीक्षण कि विधि, जैविक खेती, समन्वित पोषण प्रबंधन पर चर्चा की। अनिल कुर्मी वैज्ञानिक फसल सुरक्षा ने बीज उपचार व टीकाकरण पर विस्तार से चर्चा करते हुए बीज उपचार हेतु कृषकों को प्ररित किया। सूर्यकान्त नागरे वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने फसलों के उन्नत किस्मों के बीजों, बीजोत्पादन की जानकारी दी। योगेश कुमार वैज्ञानिक ने एग्रो फारेस्टी ने खेती के साथ  बागवानी व  सब्जी उत्पादन हेतु प्रेरित किया। सुनील कुमार वैज्ञानिक ने फसलों के मूल्य संवर्धन व प्रसंसकरण तकनीक पर विस्तार से जानकारी दी।
    डॉ. तरूण कुमार ठाकुर नोडल अधिकारी कृषि विज्ञान केन्द्र ने कुलपति डॉ. टी. व्ही. कट्टीमनी के ड्रीम प्रोजेक्ट कृषि विज्ञान केन्द्र हेतु सराहना करते हुए कार्यक्रम में पधारे सम्माननीय कृषक बन्धु अधिकारी गण आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान कृषकों हेतु प्रदर्शनी लगाई गई जिसके माध्यम से कृषकों ने उन्नत तकनीक जानकारी एकत्र की। कृषकों ने कार्यक्रम के दौरान अपनी कृषि से सम्बंधित जिज्ञासाये व्यक्त की जिसका कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा समाधान किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप चौहान वैज्ञानिक कृषि प्रसार द्वारा किया गया।

भारतीय संस्कृति में प्रकृति के हर पहलू को सम्मान से जोड़ने की कोशिश की गई है - केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर

भारतीय संस्कृति में प्रकृति के हर पहलू को सम्मान से जोड़ने की कोशिश की गई है - केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर 
नदी नदी है हर नदी को हम गंगा व नर्मदा के रूप में देखें - केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर नदी संरक्षण भारत की सांस्कृतिक विरासत है - विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा, दो दिवसीय नदी महोत्सव का आज हुआ समापन 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    नर्मदा नदी एवं तवा नदी के संगम स्थल बान्द्राभान में 16 मार्च से आयोजित दो दिवसीय पंचम नदी महोत्सव का गत दिवस समापन हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे केन्द्रीय मंत्री ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खनिज श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने उपस्थित लोगों के बीच स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे का स्मरण करते हुए कहा कि मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं जिन्होने नदी महोत्सव की शुरूआत की। श्री तोमर ने कहा कि प्रकृति का नियम है कि रिक्तता समय रहते भर जाती है किन्तु श्री दवे का व्यक्तित्व एवं कृतित्व ऐसा था कि उनकी भरपाई संभव नही है। श्री दवे एक कार्यकर्ता, चिंतक, नेता एवं स्वयंसेवक के रूप में आदर्श थे। श्री तोमर ने कहा कि मां नर्मदा की महिमा अपार है। भारतीय संस्कृति में प्रकृति के हर पहलू को सम्मान से जोड़ने की कोशिश की गई है। हमारी संस्कृति में नदियों, पर्वतों, वृक्षों, जंगल, जमीन, जल की पूजा की जाती है। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होने कहा कि नदी तो नदी है हमें हर नदी को गंगा एवं नर्मदा के रूप में देखना चाहिए। प्रकृति के द्वारा जो कुछ भी जीवात्मा को प्रदान किया गया है उसकी भी प्रकृति ने एक आचार सहिता बना रखी है। प्रकृति का दोहन करने की स्वतंत्रता तो प्रकृति ने हमें दी है किन्तु यदि हम प्रकृति का शोषण करेगे तो प्रकृति हमें इसका जवाब देगी। प्रकृति के संरक्षण की व्यवस्था मनुष्य को जन्म से ही दे दी जाती है। नदी महोत्सव जैसे आयोजन होते है जहां हम नदी संरक्षण के लिए चिंतन व विचार करते है। श्री तोमर ने कहा कि मैं चाहता हूं कि ऐसी योजना तैयार की जाए कि जो लोग नदी संरक्षण मे बाधक है व वृक्षो का दोहन करते है उन सब को सामाजिक चेतना का ज्ञान कराया जाए। उन्होने कहा कि नदी का दोहन नीति के अनुरूप हो तो नदी का स्वरूप बिगडेगा नहीं। उन्होने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि मां के वक्ष स्थल को काटा जाए तो बच्चे का जन्म नहीं होगा। वैसे ही यदि नदी से रेत निकाली जाए तो नदी सुरक्षित नहीं रहेगी और नदी समाप्त हो जाएगी। नदी समाप्त हो जाएगी तो हम सबका जीवन भी समाप्त हो जाएगा।
       श्री तोमर ने स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे का स्मरण करते हुए कहा कि ईश्वर यदि उन्हे लंबा अवसर देता तो वह नदी एवं वन के क्षेत्र में सफलता पूर्वक कार्य कर दिखाते। उन्होने कहा कि हमारी संस्कृति में हमेशा से ही कर्म, विचार व गुण की पूजा हुई है। यदि हम विचार करे तो यह ध्यान आता है कि जब हम भगवान राम को राजा दशरथ के पुत्र के रूप में देखते है तो उनका स्मरण राजकुमार राम के रूप में करते है किन्तु जब वो 14 वर्ष के वनवास के दौरान अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करते व मर्यादा की रक्षा करते है तो हम उन्हे भगवान श्रीराम कहकर उनकी पूजा करते है। उन्होने कहा कि स्वर्गीय दवे ने सहायक नदियो के बारे में भी विचार किया और कार्य किया। हम उनके अभियान को आगे बढाने का प्रयास कर रहे है। उनकी समग्र सोच यदि नदी संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करती है तो यह हमारे लिए गर्व की बात है।
        समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए म.प्र.विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा ने कहा कि नदी संरक्षण भारत की सांस्कृतिक विरासत है। बचपन से हम यह सुनते आ रहे है कि नर्मदा मां नर्मदा है। भारत की संस्कृति में नदी संरक्षण, वृक्षों की पूजा धर्म थी किन्तु वृक्ष कटने लगे तो हमारे धार्मिक कार्य का विनाश हुआ और अब चिंता हो रही है कि हम इसे कैसे बचाएं। आदिगुरू शंकराचार्य ने मां नर्मदा को जीवित इकाई मानते हुए मां के रूप में उसकी स्तुति की। इसी को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में भी प्रस्ताव पारित कर मां नर्मदा को जीवित इकाई की श्रेणी में माना गया है। डॉ शर्मा ने कहा कि मां नर्मदा की महिमा को प्रतिपादित करने के लिए आदिगुरू शंकराचार्य ने नर्मदा अष्टक लिखा, वहीं कवि पदमाकर ने गंगा लहरी लिखी। मां नर्मदा भगवान के चरणों से आई है आज हम मां नर्मदा की अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने  के लिए निकल पडे है। भारतीय संस्कृति में सहायक नदियों का महत्व भी बताया गया है और संगम को भी महत्व दिया गया है। गंगा, यमुना व सरस्वती के संगम स्थल प्रयागराज का भी महत्व है। डॉ शर्मा ने कहा कि हम सहायक नदियो को भी जोडने का प्रयास करें।
    इसके पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीताशरण शर्मा व अन्य अतिथियों को स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक एवं छिंदवाडा में बनी उत्तरीय भेंट कर उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध फोटोग्राफर श्री मुकुल यादव के द्वारा मां नर्मदा के उद्गम स्थल से लेकर यात्रा तक के जीवंत फोटो के कैलेन्डर को विमोचन किया गया। बताया गया कि दो दिवसीय नदी महोत्सव में आये गये सुझाव को एक साराश एवं स्मारिका में प्रकाशित किया जाएगा।
    समापन अवसर को संबोधित करते हुए सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पंचम नदी महोत्सव सही मायने में आने वाले समय में हमारी पीढियों को मार्ग दिखाने का कार्य करेगी। उन्होने कहा कि मेरी नर्मदा आयोजन में सहभागिता स्वर्गीय अनिल माधव दवे जी की प्रेरणा के कारण रही है। उनकी कल्पना आज मूर्त रूप ले रही है और हमें इस कल्पना को समर्पित भाव से आगे बढ़ाना है। सांसद ने कहा कि आज हम सब दवे जी को याद कर मां नर्मदा को साफ रखने का संकल्प लेंगे। श्री राव ने कहा कि मां नर्मदा हमें इतनी सामर्थता दे कि हम सब दवे जी के सपने को साकार कर सके।
    श्री शैलेन्द्र शर्मा ने आयोजित नदी महोत्सव कार्यक्रम पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए बताया कि इस बार आयोजन मंडल ने तय किया है कि श्री दवे जी के नाम से इस परिसर का नाम रखा जाएगा। उन्होने नदी महोत्सव कार्यक्रम में सहयोग करने वाली सभी संस्थाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा कि नदी संरक्षण पर कार्य कर रही सभी संस्थाओं को नर्मदा समग्र से जोडा जाएगा। उन्होने बताया कि पंचम नदी महोत्सव में 175 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। सामुदायिक नेतृत्व के 306 छात्र-छात्राओ ने इस आयोजन में अपनी सहभागिता निभाई। राजीव गांधी प्रोद्योगिकी संस्था के 35 छात्र, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 25 विद्यार्थियो ने प्रदेश के बाहर के 30 विद्यार्थियो ने यहां आकर नदी संरक्षण पर चिंतन एवं मनन किया। इसके अलावा 380 प्रतिभागी इस आयोजन में शामिल रहे।
    समापन कार्यक्रम में जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप पांडे ने आभार व्यक्त किया।
   समापन कार्यक्रम के अवसर पर संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत, सचिव दीनदयाल शोध संस्थान नई दिल्ली श्री अतुल जैन, भाजपा उपाध्यक्ष श्री बृजेश लुनावत, जनअभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री राघवेन्द्र गौतम, जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री कुशल पटेल, श्री अनिल पिल्ले, पूर्व मंत्री श्री मधुकर राव हर्णे, बैरसिया विधायक श्री विष्णु खत्री, सोहागपुर विधायक श्री विजयपाल सिंह, पिपरिया विधायक श्री ठाकुरदास नागवंशी, म.प्र.खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, श्री अभय दवे, जनप्रतिनिधिगण, प्रतिभागी, नर्मदा संरक्षण पर कार्य रही सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधिगण मौजूद थे।

पंचम नदी महोत्सव का हुआ समापन

पंचम नदी महोत्सव का हुआ समापन 
 
अनुपपुर | 18-मार्च-2018
 
   
    पंचम नदी महोत्सव का गत दिवस समापन किया गया। समापन अवसर पर जनअभियान परिषद के कार्यकर्ता, प्रस्फुटन समिति के सदस्यगण, नदी संरक्षण पर कार्य कर रही सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि गणों एवं प्रतिभागियों ने सामूहिक बैठक में अपने अनुभव सभी से साझा किए। इस अवसर पर मौजूद उत्तमस्वामी ने कहा कि यदि हमें जीवन में कुछ करना है तो नदी का संरक्षण अनिवार्य रूप से करें। पूरे ब्राहमांड में माता नर्मदा श्रेष्ठ पद पर विराजी है। हमारे वेद में नदियो को देव माना गया है और पूरे भारत में नदियों की पूजा की जाती है। उन्होने कहा कि यदि हम नदी का संरक्षण करते है तो इससे बड़ा पुण्य का कोई कार्य नहीं है। हम नदियों में जाते तो अवश्य है किन्तु नदी की सफाई नहीं करते है। नदी तो परोपकार करती हुई बहती है। हम सब नदी को पुण्यात्मा मानकर कार्य करें। यदि हम एक व्यक्ति को भी नदी में कचरा डालने से रोक ले तो यह अपने आप में बद्रीनाथ एवं केदारनाथ की यात्रा करने के बराबर होगा। यदि हम नदी को संरक्षित कर ले तो यह हजारो माला का जाप करने के बराबर होगा। यदि हम मन व बुद्धि से स्वर्गीय श्री अनिल माधव दवे जैसा संकल्प ले कि हम आज से प्रतिदिन 5 लोगो को नदी में कचरा डालने से रोके और प्रतिदिन एक घण्टा नदी के समीप बिताएं।
        समापन अवसर पर प्रतिभागियो ने भी अपने कथन एवं विचार से सभी को अवगत कराया। खरगोन एक प्रतिभागी ने बताया कि मण्डलेश्वर में प्रतिदिन सफाई का कार्य किया जा रहा है लेकिन जितना हम नदी को साफ करते है लोग उतनी ही गंदगी वहां डाल देते है। लोगो को रोकने पर वे कहते है कि पहले शहर के नाले साफ करें। सिवनी के ग्राम जाम के एक प्रतिभागी ने बताया कि उन्होने अपने गांव की नदी पर पशुओ के पानी पीने के लिए अलग स्थान बना दिया है। कचरा एवं गंदगी डालने के लिए एक स्थान निश्चित किया है। रीवा के प्रतिभागी विक्रांत द्विवेदी ने बताया कि उन्होने बिछुआ नदी पर कार्य किया है पहले नदी में कचरा एवं गंदगी थी उन्होने कुछ लोगो को जागरूक कर नदी के उद्गम स्थल से लेकर संगम तक का सर्वे कर, पद यात्रा कर लोगो को जागरूक किया। पहले वर्ष 21 दिन का श्रमदान किया गया, दूसरे वर्ष 61 दिन का, तीसरे वर्ष 100 दिन का श्रमदान किया गया। इससे लोग आकर्षित हुए और नदी साफ सुथरी हुई। वर्तमान में एक करोड की कार्य योजना बनाई गई है। नदी में फूल एवं नारियल का विर्सजन प्रतिबंधित किया गया है। मांडू से आये एक प्रतिभागी ने बताया कि रेवा कुण्ड स्थान पर प्रति वर्ष परिक्रमा वासी आते है आने का रास्ता तो ठीक है किन्तु उतरने का रास्ता कठिन है। उन्होने उतरने के रास्ते को सुगम बनाने की मांग की। उमरिया जिले के बांधवगढ के एक प्रतिभागी ने बताया कि उनके ग्राम से चरण गंगा नदी बहती है जो आगे जाकर टोक नदी में मिलती है। उन्होने नदी पर छोटे-छोटे बोरी बंधान किये है इससे वर्ष भर पानी गांव वालो को मिलता है। इससे 300 एकड जमीन भी सिंचित हो रही है। उज्जैन से आए विकास पाठक ने बताया कि सरकारी तंत्र के कारण क्षिप्रा नदी में कई प्रकार की समस्याएं आ रही है और जैव विविधता नष्ट हो रही है। उज्जैन में कई तालाब को पूर कर सड़क बनाई जा रही है, जल स्त्रोतो पर भी सड़क का निर्माण हो रहा है। जैवंती नदी का स्वरूप भवनो के निर्माण से बिगड रहा है। मंडला के प्रतिभागी श्री राकेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होने सहोदर नदी को गोद लिया है यह नदी महादेव पहाडी से निकलती है उन्होने गांव में बैठक कर लोगो को नदी संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया है। नदी में 400 स्क्वेयर फीट का गड्ढा किया जिससे पानी रूक गया है। अब गांव वालो को पशुओ के पानी के लिए ईधर उधर भटकना नहीं पडता है।
        उमरिया के जयसिंह ने बताया कि उन्होने गांव की नदी में बोरी बंधान का कार्य किया इससे नदी का जल स्तर बढ गया। श्योपुर कलां के नरेश कुमार ने बताया कि गांव की नदी में लगातार मिट्टी इक्टठा हो रही थी गांव वालो की मदद से मिट्टी को नदी मे जाने से रोका गया है इससे पानी का प्रवाह बढ़ा और पानी साफ भी हुआ। श्योपुर कलां के ही नीतेश शर्मा ने बताया कि धन्वन्ती नदी पर श्रमदान कर उसका गहरी करण कर जल के स्तर को बढ़ाया गया। गुना के कृष्णकुमार ने बताया कि उन्होने नदी जोडो अभियान के तहत गांव-गांव बैठक कर नदी में बोरी बंधान बनाए और चेक डेम बनाए इससे अब वर्ष भर पानी रहता है। मंडला के डॉ गजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि उन्होने नादिया नदी पर कार्य किया है गांव वाले पहले नादिया को नदी ना मानकर महज नाला मानते थे। प्रथम चरण में इस नदी के उद्गम स्थल से लेकर संगम स्थल तक सर्वे कर और श्रमदान के माध्यम से बोर बंधान किया गया आसपास वृक्षारोपण किया गया। जबलपुर के श्री विनोद शर्मा ने कहा कि वे नदी बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे है। उन्होने नई नदी नीति में नदी को प्रदूषित करने वालों के लिए दंड का प्रावधान करने की मांग की। उन्होने बताया कि उन्होने पैरियट नदी पर कार्य किया है। उन्होने कहा कि यदि हम छोटी-छोटी शिशु नदी पर कार्य करेगे तभी बडी नदियां बच पाएगी। राजस्थान से आई श्रीमती कमला मीणा ने बताया कि उन्होने सर्व प्रथम कुए के पानी को साफ किया और उसका जल स्तर बढ़ाया। इनकी देखादेखी गांव की अन्य महिलाओ ने भी कुओं के संरक्षण पर कार्य करना शुरू किया। आज उनके टोक जिले में छोटी नदियों में प्रतिवर्ष पानी रहता है।
        रीवा के श्री अखिलेश कुमार ने पुरवई नदी पर सीहोर के शंभु सिंह ने नर्मदा नदी पर किए गये अपने कार्य की विस्तार से जानकारी दी। शहडोल, डिंडोरी, बालाघाट, जबलपुर, मुरैना से आए हुए प्रतिभागियो ने भी नदी संरक्षण के लिए किए गए अपने कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर नर्मदा समग्र द्वारा नदी महोत्सव पर बनाई गई लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर संगठन मंत्री श्री सुहास भगत, म.प्र.खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री शिव चौबे, श्री हरिशंकर जायसवाल मौजूद थे।

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