Sunday, April 29, 2018

सभी जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय में आज जल संरक्षण एवं नदी पुनर्जीवन अभियान

सभी जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय में आज जल संरक्षण एवं नदी पुनर्जीवन अभियान 
 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018

    माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुसार प्रदेश के सभी जिला एवं विकासखण्ड मुख्यालय में आज 30 अप्रैल को जल संरक्षण एवं नदी पुनर्जीवन अभियान के तहत जन अभियान परिषद की अगुआई में जल संसद का आयोजन किया जाएगा। माननीय मुख्यमंत्री जी प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम जो कि ग्राम ईंटखेड़ी छाप विकासखण्ड फंदा जिला भोपाल में कोलाश नदी के तट पर 30 अप्रैल को 11 बजे से आयोजित जल संसद में भाग लेंगे। इसी प्रकार अनूपपुर जिले के चारों विकासखण्ड में स्थित स्वसहायता समूह भवन में जल संसद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमे राज्यस्तरीय कार्यक्रम से माननीय मुख्यमंत्री जी का उदबोधन का सीधा प्रसारण उपस्थित जन समुदाय को दिखाया जाएगा। जिसमे माननीय मुख्यमंत्री जी जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम के पूर्व य पश्चात नदी संरक्षण हेतु कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा जल संरक्षण हेतु विचार व्यक्त किये जाएंगे। इसके उपरांत सदन से चर्चा कर प्रत्येक विकासखण्ड में चयनित नदी में श्रमदान एवम जनभागीदारी हेतु कार्ययोजना का निर्माण किया जाएगा। ज्ञात रहे कि जन अभियान परिषद जिले के विकासखण्ड अनूपपुर में  बांकी नदी,जैतहरी में हसिया नदी, कोतमा में कनई नदी, पुष्पराजगढ़ में देवराज जैसी छोटी नदियों को सामुहिक श्रमदान एवं जनभागीदारी से पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया है जिसका आगाज जल संसद में आम जन की सहमति से कार्ययोजना बनाकर किया जाएगा। जन अभियान परिषद द्वारा सभी विकासखण्ड के स्वसहायता समूह में आयोजित जल संसद में 30 अप्रैल को प्रातः 11 बजे से आम जनसमुदाय से उपस्थित होने की अपील की है। ताकि विकास कार्यो में जनभागीदारी को बढ़ाया जा सके।

1 मई से 10 मई तक चलेगी विकास यात्रा

1 मई से 10 मई तक चलेगी विकास यात्रा 
 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    प्रदेश भर में एक मई से 10 मई तक विकास यात्रा का कार्यक्रम संचालित किया जायेगा। इस दौरान विकास कार्यों भूमि पूजन, लोकार्पण या शिलान्यास किया जायेगा।
    राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि बड़ी परियोजनायें जैसे समूह नल-जल प्रदाय योजना, सिंचाई की वृहद् परियोजनायें, मेडिकल कॉलेज आदि कार्यों का भूमि पूजन, लोकार्पण, शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा। जबकि अन्य कार्यों के भूमि पूजन, लोकार्पण व शिलान्यास के लिए जिले के प्रभारी मंत्री, मंत्री व विधायकों से जिले के कलेक्टर संपर्क कर 10 दिवस में विकास यात्रा की कार्ययोजना बनायेंगे। 

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 13 मई 2018 को

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा 13 मई 2018 को 
 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) के द्वितीय चरण की परीक्षा के लिये मध्यप्रदेश के 276 विद्यार्थी पात्र घोषित किये गये हैं। ये सभी विद्यार्थी अब 13 मई 2018 को द्वितीय चरण की परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा प्रवेश पत्र एन.सी.ई.आर.टी ने अपने वेब पोर्टल पर उपलब्ध करा दिये हैं। चयनित परीक्षार्थी अपने प्रवेश पत्र इंटरनेट पर http://www.ncert.inc.in/nts.2018 admitcard.pdf से डाउनलोड कर सकते हैं।
     राज्य शिक्षा केन्द्र ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और संकुल प्राचार्यो को निर्देशित किया है कि अपने क्षेत्र के चयनित विद्यार्थियों से संपर्क कर द्वितीय चरण की परीक्षा के लिये उनके प्रवेश-पत्र उपलब्ध करवाने में सहायता करें। विद्यार्थियों को प्रवेश पत्र के लिये किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये। 

अनुभूति कार्यक्रम से नई पीढ़ी के हाथों सुरक्षित हुए वन

अनुभूति कार्यक्रम से नई पीढ़ी के हाथों सुरक्षित हुए वन 
दो सालों में एक लाख 65 हजार से अधिक बच्चो ने किया वन भ्रमण 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    प्रदेश में दो वर्ष पूर्व वन विभाग द्वारा आरंभ किये गये अनुभूति कार्यक्रम में एक लाख 65 हजार से अधिक बच्चों ने भाग लिया। राष्ट्रीय उद्यान,टाइगर रिजर्व और अभयारण्य में भ्रमण से बच्चों और जंगल के बीच में अपनत्व का भाव बढ़ने से वन और वन्य प्राणी संरक्षण के उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। बच्चों ने अपने परिवार और आस-पड़ोस में भी जागरूकता वातावरण निर्मित किया है। यह जानकारी आज अनुभूति कार्यक्रम वर्ष 2017-18 की पुस्तिका के विमोचन के दौरान दी गई।
    मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुभूति कार्यक्रम बच्चों में वन और वन्य प्राणी संरक्षण का संस्कार मजबूत कर रहा है। हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों की संख्या एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख की जानी चाहिये। वन बल प्रमुख श्री अनिमेष शुक्ला ने कहा कि अनुभूति कार्यक्रम ने बच्चों में हमारा जंगल की अनुभूति उत्पन्न की है। इसके दूरगामी परिणाम अतिसुखद होंगे। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के कहने पर कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूली बच्चों की संख्या 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख की गई है। वन्य-प्राणी अभिरक्षक श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम से पिछले दो सालों में डेढ़ लाख से अधिक परिवारों में वन के प्रति जागरूकता आई है। स्कूली बच्चों के भ्रमण से यह मिथक भी टूटा है कि टाइगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यान केवल धनाढ्य लोगों के लिये हैं।
    अनुभूति कार्यक्रम में वर्ष 2016-17 में 1938 विद्यालयों के 53 हजार 935 और वर्ष 2017-18 में 2735 शासकीय विद्यालयों के एक लाख 11 हजार 68 बच्चे शामिल हुए। 15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रम में बच्चों को राष्ट्रीय उद्यान, बफर, अभ्यारण्य क्षेत्रों में भ्रमण के साथ जल की महत्ता, पर्यावरण संरक्षण, जैव-विविधता, पक्षी दर्शन, वन औषधि और वन प्रबंधन की सामान्य जानकारी और अनुभव प्रदान किया गया है। दिव्यांग बच्चों को सांकेतिक भाषा, स्पर्श और आवाज के माध्यम से जानकारी दी गई। कार्यक्रमों में मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। इस अवसर पर अनुभूति कार्यक्रम पर आधारित फिल्म प्रदर्शन के साथ सीडी भी जारी की गई।
तीन वरिष्ठ अधिकारियों की विदाई
    कार्यक्रम में 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अनिमेश शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल और प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री आर.के. गुप्ता (उत्पादन) को भावभीनी विदाई दी गई। अधिकारियों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये गये।
    वन विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री रवि श्रीवास्तव, वन्य प्राणी अभिरक्षक श्री जितेन्द्र अग्रवाल, ईको पर्यटन विकास बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री पुष्कर सिंह और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे।

प्रदेश के तीन सौ सरकारी विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा

प्रदेश के तीन सौ सरकारी विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा 
व्यवसायिक शिक्षा का 63 हजार विद्यार्थियों को मिल रहा है फायदा 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी कौशल विकास के लिये केन्द्र सरकार की मदद से व्यवसायिक शिक्षा योजना संचालित की जा रही है।  योजना में प्रारम्भ में स्कूल शिक्षा विभाग ने 50 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में दो ट्रेड शुरू किये थे। इसके बाद 263 विकासखण्ड स्तरीय विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा का विस्तार किया गया है। अब इन विद्यालयों में 8 ट्रेड में विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा दी जा रही है। इस वक्त करीब 63 हजार विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा दी जा रही है।
    यह व्यवसायिक शिक्षा ब्यूटी एण्ड वेलनेस, बैंकिंग एण्ड फायनेंस सर्विसेस, इलेक्ट्रिकल्स टेक्नोलॉजी, हैल्थ केयर, आई.टी, आई.टी.ईएस, फिजिकल एजुकेशन एण्ड स्पोर्टस, रीटेल ट्रेवल एण्ड टूरिज्म ट्रेड में दी जा रही है।
अंग्रेजी भाषा के कौशल में सुधार के लिये ब्रिटिश काउंसिल का प्रोजेक्ट
    ब्रिटिश काउंसिल एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है, जो शिक्षण गतिविधियों एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर कार्य कर रही है। ब्रिटिश काउंसिल देश में लगभग 50 वर्ष से अंग्रेजी भाषा शिक्षण एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सहायता प्रदान कर रही है। संस्था के विश्वव्यापी अनुभव को देखते हुए मध्यप्रदेश में भी अंग्रेजी भाषा शिक्षण एवं सीखने के लिए ब्रिटिश काउंसिल का चयन किया गया है। यह प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में वर्ष 2018 से 2022 तक कार्य करेगा। प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों का अंग्रेजी भाषा शिक्षण के साथ संप्रेक्षण कौशल (कम्यूनिकेशन स्किल) बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा। साथ ही बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने एवं अंग्रेजी भाषा में बोल चाल पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा सीखने की नई-नई विधियों के माध्यम से सरलता से अंग्रेजी भाषा सिखाने के कार्यक्रम किये जायेंगें। कक्षा 9 से 12 तक अंग्रेजी भाषा पढ़ाने वाले शिक्षकों को छात्र केन्द्रित तकनीक के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग ब्रिटिश काउंसिल के साथ मिलकर शिक्षकों की संप्रेक्षण कौशल, निरंतर व्यावसायिक विकास (कन्टीन्यूईंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट) के पाठ्यक्रम में सहभागिता करना सुनिश्चित कर रहा हैं। इससे शिक्षकों और छात्रों में अंग्रेजी भाषा के कौशल, ज्ञान एवं कक्षाओं में अंग्रेजी शिक्षण की नवीन तकनीक में विकास हो सकेगा।

नाफेड सर्वेयर की अनुपस्थिति में एफएक्यू उपार्जन समिति के माध्यम से होगा

नाफेड सर्वेयर की अनुपस्थिति में एफएक्यू उपार्जन समिति के माध्यम से होगा 
कृषि विकास विभाग ने जारी किये निर्देश 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    प्राइस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19 में चना, मसूर और सरसों की खरीदी का काम उपार्जन केन्द्रों में किया जा रहा है। प्रदेश में स्वीकृत उपार्जन केन्द्रों में नाफेड के सर्वेयर की अनुपस्थिति में उपार्जन समिति के माध्यम से फेयर एवरेज क्वालिटी (एफ.ए.क्यू.)मानक का चना, मसूर, सरसों उपार्जित किया जा सकेगा। इसके लिये जिला कलेक्टर्स को समिति गठित करने के निर्देश दिये गये हैं।
    गठित समिति में राजस्व अधिकारी, कृषि, खाद्य और सहकारिता विभाग का प्रतिनिधि शामिल होगा। इस संबंध में किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने सभी कमिश्नर्स और कलेक्टर्स को निर्देश जारी कर दिये हैं।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में संशोधन

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में संशोधन 
12 विभाग को क्रियान्वयन का जिम्मा 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य शासन ने हितग्रहियों को अधिकाधिक लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में आवश्यक संशोधन किया है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा जारी आदेश अनुसार मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में अब हितग्राही को परियोजना लागत 50 हजार से 2 करोड़ तक की राशि मिलेगी। इसमें हितग्राही की उम्र 18 से 45 वर्ष होना चाहिए।
इन परियोजनाओं में मिलेगी राशि
     उद्योग (विनिर्माण), सेवा और व्यवसाय से संबंधित सभी प्रकार की परियोजना, कृषि आधारित परियोजनाएँ- एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, केटल फीड, पोल्ट्री फीड, फिश फीड, कस्टम हायरिंग सेंटर, वेजीटेबल डीहाईड्रेशन, टिश्यू कल्चर,कैटल फीड, दालमिल, राईस मिल, आईल मिल, फ्लोर मिल, बेकरी, मसाला निर्माण, सीड ग्रेडिंग/सार्टिंग और अन्य कृषि आधारित/अनुशांगिक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जायेगी।
12 विभाग करेंगे योजना का क्रियान्वयन
    योजना का क्रियान्वयन 12 विभाग द्वारा किया जाएगा। इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास और आवास, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कार्य, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्द्धघुमक्कड़, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास, उद्यानिकी तथा खाद्य प्र-संस्करण, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-विकास और पशुपालन विभाग शामिल हैं।

प्रदेश में 24 और नये उपार्जन केन्द्र

प्रदेश में 24 और नये उपार्जन केन्द्र 
समिति की सिफारिश पर औसत उत्पादकता का नया निर्धारण 
अनुपपुर | 29-अप्रैल-2018
 
   
    प्रदेश में प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत गठित समिति की सिफारिश पर राज्य में चना, मसूर और सरसों के लिये 24 नये उपार्जन केन्द्र मंजूर किये गये हैं। इन केन्द्रों पर तत्काल खरीदी शुरू करने के निर्देश दिये गये हैं। नये केन्द्रों में रायसेन और उज्जैन जिले में तीन-तीन, अशोकनगर, खण्डवा, होशंगाबाद और मंदसौर में दो-दो, बैतूल, भिण्ड, शाजापुर, आगर, शिवपुरी, छिन्दवाड़ा, श्योपुर, ग्वालियर और झाबुआ में एक-एक नया उपार्जन केन्द्र शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के दौरान किसानों की सुविधा को देखते हुए नये उपार्जन केन्द्र शुरू करने के निर्देश दिये थे। प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा की अध्यक्षता में हुई बैठक में 24 नये उपार्जन केन्द्रों को मंजूरी दी गई। कलेक्टर्स से इन केन्द्रों में सभी आवश्यक व्यवस्था करने के लिये कहा गया है।
    औसत उत्पादकता का निर्धारण-प्राइस सपोर्ट स्कीम की बैठक में रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19 के लिये होशंगाबाद और हरदा जिलों के लिये चना की औसत उत्पादकता का नया निर्धारण किया गया है। होशंगाबाद एवं हरदा जिलों में चना की औसत उत्पादकता 15 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 19 क्विंटल तथा भिण्ड और मुरैना जिलों के लिये सरसों फसल की औसत उत्पादकता 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 15 क्विंटल निर्धारित की गई है। इस संबंध में भी प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास द्वारा होशंगाबाद, हरदा, भिण्ड और मुरैना कलेक्टरों को निर्देश दे दिये गये हैं।

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