Wednesday, May 30, 2018

राष्ट्रीय एवं राज्य पदक विजेताओं को मिलेगी खेलवृत्ति

राष्ट्रीय एवं राज्य पदक विजेताओं को मिलेगी खेलवृत्ति 
आवेदन की अंतिम तिथि 5 जून 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
   जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी अनूपपुर ने बताया है कि अग्रणी खिलाड़ियों को पुरस्कृत एवं प्रोत्साहित करने के लिए खेलवृत्ति प्रदान की जाएगी। बताया कि मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता खिलाड़ियों को खेलवृत्ति दी जायेगी। इसका मुख्य उद्देश्य इन पदक विजेता खेल प्रतिभाओं को आवश्यकतानुसार डायट, किट और एक्यूपमेंट के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
   खेलवृत्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन 5 जून तक जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग चचाई रोड अनूपपुर सम्पर्क कर सकते है। खेलवृत्ति के लिए खिलाड़ी की उम्र 19 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। आवेदक अनूपपुर का मूल निवासी होना चाहिए।

जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकलन समिति की बैठक आज

जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकलन समिति की बैठक आज 
 
अनुपपुर | 30-मई-2018
   
   सचिव जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकलन समिति अनूपपुर ने बताया है कि गौण खनिजों के खनन हेतु पर्यावरण स्वीकृति के लिये जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय विशेषज्ञ आंकलन समिति का गठन किया गया है। प्रकरणों का निराकरण के संबंध में बैठक आज 31 मई को मध्यान्ह 12 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जायेगी।

जगन्नाथपुरी तीर्थ यात्रा के लिये 4 जून को 266 तीर्थ यात्री रवाना होंगे

जगन्नाथपुरी तीर्थ यात्रा के लिये 4 जून को 266 तीर्थ यात्री रवाना होंगे 
 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
   कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत जगन्नाथपुरी की यात्रा हेतु जगन्नाथपुरी के लिए विशेष ट्रेन अनूपपुर से 4 जून को रवाना होगी तथा 9 जून को वापस आएगी। जगन्नाथपुरी के लिए 266 तीर्थयात्री यात्रा पर जायेंगे।
   कलेक्टर ने जिले के समस्त तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं समस्त मुख्यगा नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि चयनित तीर्थयात्रियों को उनके चयन की सूचना संबंधित ग्राम के पटवारी/पंचायत सचिव एवं कोटवारों के माध्यम से सूचित कराया जाये। केवल वह व्यक्ति ही जिसका चयन इस योजना अनतर्गत यात्रा हेतु किया गया है, इस यात्रा पर जा सकेगा। यात्रियों को अपने साथ मौसम के अनुरूप वस्त्र, ऊनी वस्त्र, व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री तथा कंबल, चादर, तोलिया, साबुन, आदि सामान साथ रखें। यात्री अपने साथ किसी प्रकार के ज्वलनशील पदार्थ या मादक पदार्थ नहीं रखें। यात्री तीर्थ की मर्यादा के अनुसार आचरण करेंगे ताकि प्रदेश की छवि अन्यथा प्रभावित न हों, यात्री अपने निर्धारित सम्पर्क अधिकारी के निर्देशों का पालन करें। 4 मई 2018 को पुरी की यात्रा हेतु ट्रेन के प्रस्थान की वास्तविक सूचना शासन से प्राप्त होने पर आपको यथा समय अवगत कराया जायेगा। इस यात्रा हेतु सभी यात्रियों को अनूपपुर जिला मुख्यालय के रेल्वे प्रांगण में उपस्थित होना होगा। तहसील के सभी चयनित यात्रियों को पंचायत सचिव  के माध्यम से जनपद मुख्यलय में तकसीलदार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने सहयोगी अधिकारियों/ कर्मचारियों के माध्यम से अनूपपुर जिला मुख्यालय में नियत स्थल पर यात्रियों का उपस्थित कराने के साथ ही रेल्वे स्टेशल अनूपपुर में यात्रियों को ट्रेन मे बैठाकर विदा करेंगे तथा वापसी में समयानुसार ट्रेन के वापसी तिथि/समय जो यथा समय आपको समय उपलब्ध कराई जायेगी, को रेल्वे स्टेशन अनूपपुर में उपस्थित होकर अपने-अपने तहसील के यात्रियों को उनके गृह ग्राम तक भिजवाने की व्यवस्था करेंगे।

ग्राम पंचायत किरगी एवं कोहका में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर

ग्राम पंचायत किरगी एवं कोहका में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर 

अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
    जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूपपुर के तत्वावधान में तहसील विधिक सेवा समिति राजेन्द्रग्राम द्वारा विभिन्न विधिक सेवाओं के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 29. मई 2018 को ग्राम पंचायत किरगी एवं कोहका में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
    ग्राम पंचायत किरगी में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 सीता शरण यादव एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी जीतेन्द्र मोहन धुर्वे की उपस्थित में संपन्न हुआ। ग्राम पंचायत भवन में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुये श्री यादव ने लोक अदालत, मीडिएशन, लोकोपयोगी लोक अदालत आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। इसके पश्चात ग्राम पंचायत कोहका में आयोजित शिविर में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुये जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री धुर्वे ने कहा कि न्याय पाने का हक हर व्यक्ति को है। किसी की आर्थिक या सामाजिक स्थिति उसे न्याय पाने से वंचित नहीं कर सकती। उन्होने घरेलू हिंसा, माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
    आयोजित शिविर में जिला प्राधिकरण से ऋषि पाण्डेय, विजय सिल्लाम, राजकुमार पनिका, जमुना प्रसाद, ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस 

अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
    संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा प्रत्येक वर्ष 5 जून विश्व पर्यावरण के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भारत सरकार को विश्व होस्ट कंट्री के रूप में घोषित किया है। प्लाटिक और पॉलीथीन आज हमारे जीवन का एक विभिन्न हिस्सा बन गए हैं, परंतु इनके बढते उपयोग और उसके बाद उचित निष्पादन के अभाव में पर्यावरणीय समस्याएं परिलक्षित हो रही हैं। इस समस्या की ओर सारी दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने के लिए आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस विषय पर व्यापक जन जागृति लाने हेतु भारत शासन के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पर्यावरण दिवस के अवसर पर जन जागरुकता हेतु कार्यक्रम आयोजित किए जाने की सलाह दी गई है। जिले में यदि कोई शैक्षणिक या अन्य कोई संस्था स्वयं को पॉलीथीन मुक्त घोषित करती है तो उसे केन्द्र शासन के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा उचित रूप से पुरस्कृत भी किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजन किए जाने का निर्णय लिया गया है। 

प्रदेश के स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश

प्रदेश के स्कूलों का सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश 
 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
    स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं कि सभी स्कूलों का चेकलिस्ट के आधार पर सेफ्टी ऑडिट करवाया जाये। ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर विपरीत परिस्थितियों से निपटने की समुचित तैयारी भी सुनिश्चित की जाये। स्कूलों के सेफ्टी ऑडिट की मॉनीटरिंग संबंधित विकासखण्ड अधिकारी (बीडीओ) करेंगे।
    जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिये तैयार मेन्युअल का, सेफ्टी ऑडिट में शत-प्रतिशत पालन किया जाये। यह मेन्युअल आयोग की वेबसाइट  www.ncper.gov.in पर उपलब्ध है।

अध्यापक संवर्ग की सेवाओं का संविलियन

अध्यापक संवर्ग की सेवाओं का संविलियन 
प्रदेश के लगभग 2 लाख 37 हजार अध्यापक होंगें लाभांवित, मंत्रि-परिषद के निर्णय 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में 224 सामुदायिक और 89 जनजातीय विकासखण्डों में क्रमश: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की सेवाओं को शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया।
   224 सामुदायिक विकासखण्डों में विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में स्थानीय निकायों के नियंत्रणाधीन नियुक्त और वर्तमान में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक का शिक्षा विभाग में संविलियन कर इनकी नियुक्ति प्रस्तावित म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 के तहत नवगठित सेवा के अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर किया जाएगा। यह सेवा एक जुलाई 2018 से प्रभावशील होगी।
   89 विकासखण्डों में जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की शैक्षणिक और आवासीय संस्थाओं तथा अन्य विकासखण्डों में जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की संस्थाओं में स्थानीय निकायों के नियंत्रणाधीन नियुक्त एवं वर्तमान में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापक का जनजातीय कार्य विभाग में संविलियन कर इनकी नियुक्ति जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सुसंगत नवगठित सेवा नियम के अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर किया जायेगा। यह सेवा एक जुलाई 2018 से प्रभावशील होगी।
   म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 को अंतिम रूप भी दिया जाएगा। एक जुलाई 2018 से सातवें वेतन आयोग के अनुशंसित वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। वर्तमान में सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक के लिए स्वीकृत पद संख्या के अनुरूप संबंधित विभागों के प्रस्तावित विभागीय भर्ती नियमों में क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद भी सृजित किये जायेगें।
   जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत 89 विकासखण्डों के स्कूलों में लगभग 53 हजार और स्कूल शिक्षा विभाग के 224 विकासखण्डों में लगभग 1 लाख 84 हजार अध्यापक विद्यालयों में कार्यरत है। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 2 लाख 37 हजार अध्यापक लाभांवित होंगें।

कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2018 से 4.50 लाख कर्मचारी होंगें लाभांवित

कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2018 से 4.50 लाख कर्मचारी होंगें लाभांवित 
राज्य बीमारी सहायता में 50 लाख अतिरिक्त परिवारों को लाभ, मंत्रि-परिषद के निर्णय 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2003 को पुनरीक्षित कर अंशदान एवं बीमा मूल्य को दोगुना करते हुए योजना में अंशदान का 60 प्रतिशत अंश बचत निधि में और 40 प्रतिशत अंश बीमा प्रीमियम के रूप में नियत करने का निर्णय लिया गया। यह व्यवस्था कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2018 के रूप में 1 जुलाई 2018 से प्रभावशील की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 4.50 लाख कर्मचारी लाभांवित होगें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
   मंत्रि-परिषद ने राज्य बीमारी सहायता निधि योजना में 5 संवर्गो के लगभग 50 लाख अतिरिक्त परिवारों को शामिल करने का निर्णय लिया। पाँच संवर्गो में शिल्पकार एवं हस्तशिल्प कारीगर, सामाजिक सुरक्षा योजना के पेंशनर, वनाधिकार प्राप्त पट्टाधारी, बीड़ी बनाने वाले मजदूर और मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना के असंगठित श्रमिक संवर्ग शामिल है। इन संवर्गो को शामिल करने के बाद अब लगभग 1 करोड़ 50 लाख परिवारों को राज्य बीमारी सहायता निधि योजना में चिन्हित बीमारियों के उपचार के लिए अधिकतम 2 लाख रूपये तक की राशि की पात्रता होगी।
उच्च शिक्षा
   मंत्रि-परिषद ने महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक/ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारी के स्वीकृत रिक्त पद पर निर्धारित योग्यता रखने वाले आवेदकों/अतिथि विद्वानों के लिए एक बार में शैक्षणिक सत्र के सभी 12 माहों या शेष बचे माहों की कालावधि के लिए प्रति दिवस 1500 रूपये, प्रतिमाह न्यूनतम 30000 रूपये के निश्चित मानदेय देते हुए आमंत्रण प्रक्रिया अपनाई जाने का निर्णय लिया। अतिथि विद्वानों को 6 दिन का आकस्मिक अवकाश और 90 दिनों के न्यूनतम मानदेय सहित प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के 469 महाविद्यालय संचालित है।
   मंत्रि-परिषद ने 2 शासकीय महाविद्यालय बैहर (बालाघाट) और सौंसर (छिंदवाड़ा)में स्नातकोत्तर स्तर पर 5 विषयों में नई कक्षाएँ और 3 शासकीय महाविद्यालय आठनेर (बैतूल), निवास (मण्डला) एवं भीकनगांव (खरगोन) में 3 नवीन संकाय शुरू करने के लिए 20 शैक्षणिक तथा 24 अशैक्षणिक कुल 44 पद और आवर्ती व्यय भार 1 करोड़ 45 लाख 80 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 1 करोड़ 73 लाख रूपये तथा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत झाबुआ, डिण्डौरी में नवीन आदर्श महाविद्यालय स्थापित करने पर होने वाले आवर्ती व्यय भार 6 करोड़ 69 लाख 98 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 24 करोड़ रूपये (केन्द्रांश 14 करोड़ 40 लाख रूपये एवं राज्यांश 9 करोड़ 60 लाख) तथा 96 शैक्षणिक, 50 अशैक्षणिक कुल 146 पदों का सृजन तथा राज्य के वित्तीय संसाधनों से शहपुरा, जिला डिण्डौरी में एक नवीन आदर्श महाविद्यालय शुरू करने पर आवर्ती व्यय भार 3 करोड़ 34 लाख 99 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 12 करोड़ रूपये तथा शैक्षणिक 48, अशैक्षणिक 25 कुल 73 पद इस तरह 3 नए आदर्श महाविद्यालयों के लिए कुल 144 शैक्षणिक एवं 75 अशैक्षणिक कुल 219 पदों का सृजन करने की मंजूरी दी।
चिकित्सा शिक्षा
   मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के आवासीय भवन और परिसर निर्माण पूरा करने के लिए 4 करोड़ 59 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
   मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा के भवन एवं परिसर निर्माण की स्वीकृत राशि 265 करोड़ 19 लाख को बढा़ते हुये 355 करोड़ 95 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।
पशुपालन
   मंत्रि-परिषद ने पशुपालन विभाग के तहत 12 वीं पंचवर्षीय योजना में प्रचलित राजस्व व्यय से संबंधित गोकुल महोत्सव योजना को 1 अप्रैल 2017 से आगामी 3 वर्ष तक निरन्तर रखने की मंजूरी दी।
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास
   मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 750 करोड़ एवं राज्यांश 500 करोड़ रूपये कुल 1250 करोड़ का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।
   मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 703 करोड़ 61 लाख 34 हजार और राज्यांश 469 करोड़ 7 लाख 56 हजार कुल 1172 करोड़ 68 लाख 90 हजार रूपये का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।
   मंत्रि-परिषद ने नेशनल मिशन फार सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के तहत स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना के वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 67 करोड़ 92 लाख 55 हजार और राज्यांश 45 करोड़ 28 लाख 37 हजार कुल 113 करोड़ 20 लाख 92 हजार रूपये का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।
सहकारिता
   मंत्रि-परिषद ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों को राहत देने के लिए अल्पकालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तन करने के लिए राज्य शासन के अंशदान की योजना को आगामी वर्षों में निरंतर रखने तथा इसके लिए आवश्यकतानुसार प्रावधान सहकारिता विभाग के बजट में करने संबंधी स्वीकृति दी।

संविदा पर नियुक्त शासकीय सेवकों को नियमित पद पर नियुक्ति के अवसर मिलेंगे

संविदा पर नियुक्त शासकीय सेवकों को नियमित पद पर नियुक्ति के अवसर मिलेंगे 
 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में संविदा पर नियुक्त शासकीय सेवकों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर देने के लिए विभिन्न निर्णय लिए गए। यह नीति राज्य शासन के सभी विभागों तथा राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए गठित स्पेशल पर्पज व्हीकल्स मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद, राज्य/जिला स्वास्थ्य समिति, मध्यप्रदेश सर्व शिक्षा अभियान मिशन के तहत कार्यरत/पूर्व में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के लिए लागू होगी।
    सभी विभागों के अनुमोदित प्रशासनिक सेटअप में संविदा पर नियुक्ति के लिए जो पद चिन्हित है, उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित पदों में परिवर्तित किया जाएगा। प्रत्येक विभाग के भर्ती करने वाले पदों में आगामी 3 वर्ष तक 20 प्रतिशत पद संविदा पर नियुक्त शासकीय सेवकों के लिए आरक्षित रहेंगे।
    इस आरक्षण का लाभ प्राप्त करने के लिए वही संविदा सेवक पात्र होंगें, जो सीधी भर्ती का रिक्त पद जिस श्रेणी का है उसी श्रेणी में न्यूनतम 5 वर्ष तक संविदा पर नियुक्त रहे हो। पाँच वर्ष की यह अवधि रिक्त पद पर आवेदन करने की दिनांक को पूरी होनी चाहिए। यदि किसी संविदा सेवक ने विभिन्न पदों पर कार्य किया है तो उसकी कुल संविदा सेवा पाँच वर्ष की होना चाहिए। अगर उसने विभिन्न श्रेणी के पदों पर संविदा पर कार्य किया है तो पाँच वर्ष की उपरोक्त अवधि की गणना पूरी होने पर वह उस श्रेणी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकेगा, जो इस पाँच वर्ष में निम्नतम श्रेणी का था।
    संविदा सेवक एक अथवा उससे अधिक श्रेणी के संविदा पदों पर नियुक्त रहा हो, ऐसी स्थिति में जिस श्रेणी के नियमित पद पर वह नियुक्ति का आवेदन करता है उसके समकक्ष एवं उच्चतर श्रेणी के संविदा पद पर वह जितने वर्ष कार्यरत रहा उतने वर्ष की छूट उसे निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में मिलेगी। यह छूट सहित अधिकतम आयु आवेदन दिनांक अथवा पद की भर्ती के लिए जारी विज्ञप्ति में निर्धारित दिनांक को 55 वर्ष से अधिक नहीं होगी।
    नियुक्ति की प्रक्रिया में अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग के आरक्षण नियमों का पालन होगा। संविदा पर कार्यरत शासकीय सेवक की सेवा मेकेनिकल रूप से समाप्त नहीं की जाएगी। विधिवत जाँच पूरी करने के बाद ही सेवा समाप्त की जा सकेगी। संविदा कर्मचारियों का मासिक पारिश्रमिक,समकक्ष नियमित पदों के वेतनमान के न्यूनतम का 90 प्रतिशत, निर्धारित करने का प्रावधान किया जायेगा।
    संविदा पर नियुक्त शासकीय सेवकों को प्रत्येक वर्ष के जनवरी माह में वार्षिक वेतन वृद्धि, अलोच्य अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि के आधार पर देय होगी। यह राशि निकटतम 100 रूपये के गुणांक तक पूर्णांकित की जाएगी। इस अनुसार वार्षिक वेतन वृद्धि देने के लिए यह आवश्यक होगा कि संबंधित संविदा सेवक ने कम से कम 6 माह की सेवा अवधि उस वेतन में पूरी कर ली हो। जिन संविदा कर्मचारियों को पूर्व से ई.पी.एफ/राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा हो, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ दिया जायेगा।
    संविदा पर कार्यरतों को एक कैलेण्डर वर्ष में 13 दिन के आकस्मिक अवकाश, 15 दिन के अर्जित अवकाश तथा 10 दिन के लघुकृत अवकाश की पात्रता होगी। कैलेण्डर वर्ष की समाप्ति पर शेष अवकाश स्वत: व्यपगत हो जायेंगे। संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारियों को 90 दिन के प्रसूति अवकाश की पात्रता उन प्रतिबंधों के साथ रहेगी जो महिला शासकीय सेवक के लिए अवकाश नियमों में निर्धारित है।

अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में करने का ऐतिहासिक निर्णय

अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में करने का ऐतिहासिक निर्णय 
भावी पीढ़ी के साथ किये अन्याय को हमने समाप्त किया - मुख्यमंत्री श्री चौहान 
अनुपपुर | 30-मई-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज का दिन मध्यप्रदेश के लिये ऐतिहासिक दिन है, आज उस अन्याय को जो मध्यप्रदेश की भावी पीढ़ी के साथ कांग्रेस की सरकार ने शिक्षक के कैडर को डाईंग घोषित कर किया था, उसे आज कैबिनेट में निर्णय कर समाप्त किया गया है। उस समय शिक्षक के कैडर को डाईंग घोषित कर उनकी जगह गुरूजी और शिक्षाकर्मी बना दिये गये थे। इससे पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चौपट कर दी गई थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ मीडिया से चर्चा कर रहे थे।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह केवल शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं था बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ किया गया सबसे बड़ा अपराध था। वर्तमान राज्य सरकार ने पहले कर्मी कल्चर को समाप्त किया और शिक्षकों को अध्यापक बनाया। इस व्यवस्था में वे कहीं जिले के तो कहीं नगरीय निकायों के कर्मचारी थे। अब केबिनेट में यह फैसला लिया गया है कि अध्यापकों का संविलियन शिक्षा विभाग में कर शिक्षकों का एक कैडर कर दिया जायेगा। अब शिक्षकों का एक ही कैडर है और ये राज्य शासन के कर्मचारी हैं। यह नहीं होने के कारण वे कई सुविधाओं से वंचित थे। अब राज्य सरकार के नियमित कर्मचारी होने से इन्हें सभी सुविधाएं मिलेंगी और साथ ही मान-सम्मान मिलेगा। हमें विश्वास है कि इस फैसले के बाद प्रदेश में पढ़ाई की व्यवस्था और बेहतर होगी तथा गुणवत्ता बढ़ेगी।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज एक और निर्णय लिया गया है कि अब कोई भी संविदा कर्मचारी नहीं निकाला जायेगा। अब जो भर्ती होगी उसमें निश्चित प्रतिशत तक संविदा कर्मचारियों में से पद भरे जायेंगे। जब तक सब संविदा कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो जायेगी, किसी को नहीं निकाला जायेगा। अब उनका नौकरी से निकाले जाने का खतरा समाप्त हो गया है। उन्हें भी दूसरे कर्मचारियों की तरह सुविधाएँ मिलेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के कल्याण के लिये जो काम किये हैं आज तक इससे पहले कभी नहीं किये गये।

सफलता की कहानी अध्यापको मे हर्ष की लहर शिक्षा के महत्व की पहचान एवं शिक्षको का सम्मान है इस सरकार की पहचान अनूपपुर के नवीन शिक्षको ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञपित किया

सफलता की कहानी
अध्यापको मे हर्ष की लहर
शिक्षा के महत्व की पहचान एवं शिक्षको का सम्मान है इस सरकार की पहचान
अनूपपुर के नवीन शिक्षको ने  मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञपित किया

अनूपपुर 30 मई 2018/ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में 224 सामुदायिक और 89 जनजातीय विकासखण्डों में क्रमश: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की सेवाओं को शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया।
अनूपपुर मे मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से अध्यापक संवर्ग मे हर्ष की लहर है। सभी अध्यापको ने एक स्वर मे मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञपित किया है।

मुख्यमंत्री जी जो कहते हैं वो करते हैं- श्री देवेश बघेल
एपीसी (आरएमएसए) श्री देवेश बघेल का कहना है कि मुख्यमंत्री जी ने जो कहा है वो करके दिखाया है। इस फैसले से पूरे अनूपपुर मे अध्यापक संवर्ग मे प्रसन्नता की लहर है।इससे सभी साथियों मे नए उत्साह का संचार हुआ है। अब सभी भविष्य की चिंताओ से मुक्त होकर पूरे मनोयोग एवं दोगुने उत्साह से शैक्षणिक गतिविधियों की उन्नति एवं प्रगति मे कार्य करेंगे। अनूपपुर मे शैक्षणिक परिणामो को शत प्रतिशत ले जाएंगे।
नए उत्साह का हुआ है संचार - संजय मिश्रा
शा.माडल उ.मा.वि. अनूपपुर के वरिष्ठ अध्यापक श्री संजय मिश्रा जिनका संविलयन के पश्चात व्याख्याता के पद मे नियोजन होगा कहते हैं कि देश के भविष्य निर्माताओ को सशक्त करने का पवित्र कार्य कर रहे अध्यापक समुदाय की पीड़ा को समझा है मुख्यमंत्री जी ने इससे हम सभी मे नए उत्साह का संचार हुआ है।


सामाजिक प्रतिष्ठा मे हुई है वृद्धि
शा.मा.वि. पुष्पराजगढ़ के सहायक अध्यापक श्री रमेश सोनकर का कहनाहै कि इस फैसले के आने से अध्यापक वर्ग के सम्मान मे वृद्धि हुई है। शिक्षा जैसा पवित्र कार्य करने के उपरांत भी विभागीय व्यवस्थाओं के कारण अभी तक यथोचित सम्मान नहीं प्राप्त हो रहा था।

शिक्षा के महत्व को पहचानती है सरकार

शासकीय विद्यालय देवहरा मे पदस्थ अध्यापक श्री अजीत सिंह जिनका घोषणा उपरांत शिक्षक पद पर संविलयन होगा, मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञपित करते हुए कहते हैं कि शिक्षा के महत्व को सरकार बखूबी पहचानती है उक्त निर्णय इस बात का प्रमाण है।
शिक्षा का सम्मान है इस सरकार की पहचान - श्रीमती गरिमा भारद्वाज
शासकीय विद्यालय बरगवा की अध्यापक श्रीमती गरिमा भारद्वाज जिनका संविलयन शिक्षक पद मे होगा ने कहा है कि शिक्षा का सम्मान इस सरकार की पहचान है। विद्यार्थियों की शिक्षा मे विकास के लिए शासन  द्वारा बहुत सी योजनाए क्रियान्वित हैं। इसी क्रम मे यह फैसला सरकार के शिक्षा के प्रति सम्मान एवं महत्व को निरूपित करता है।
इस निर्णय के फल स्वरूप 224 सामुदायिक विकासखण्डों में विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में स्थानीय निकायों के नियंत्रणाधीन नियुक्त और वर्तमान में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक का शिक्षा विभाग में संविलियन कर इनकी नियुक्ति प्रस्तावित 'म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018' के तहत नवगठित सेवा के अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर किया जाएगा। यह सेवा एक जुलाई 2018 से प्रभावशील होगी। म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 को अंतिम रूप भी दिया जाएगा। एक जुलाई 2018 से सातवें वेतन आयोग के अनुशंसित वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। वर्तमान में सहायक अध्यापक,अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापक के लिए स्वीकृत पद संख्या के अनुरूप संबंधित विभागों के प्रस्तावित विभागीय भर्ती नियमों में क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद भी सृजित किये जायेगें। जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत 89 विकासखण्डों के स्कूलों में लगभग 53 हजार और स्कूल शिक्षा विभाग के 224 विकासखण्डों में लगभग 1 लाख 84 हजार अध्यापक विद्यालयों में कार्यरत है। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 2 लाख 37 हजार अध्यापक लाभांवित होंगें।

महिलाओं का सम्मान है उज्ज्वला योजना - श्री रामलाल रौतेल

सफलता की कहानी
महिलाओं का सम्मान है उज्ज्वला योजना - श्री रामलाल रौतेल
ग्राम पंचायत पपरोडी मे वितरित किए गए 25 उज्ज्वला कनेक्शन 



अनूपपुर 30 मई 2018/  ग्रामीण इलाको मे चूल्हे के धुएँ से ग्रामीण महिलाएँ  श्व्शन से संबन्धित कई रोगो की चपेट मे आ जाती हैं। इसके साथ ही बच्चो के स्वास्थ्य पर भी घरेलू प्रदूषण से विपरीत प्रभाव पड़ता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य अशुद्ध ईधन के उपयोग से होने वाली इन बीमारियों को दूर कर महिलाओ को मानसिक एवं शारीरिक रूप से सशक्त करना है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य सुधार एवं उनके समाज निर्माण मे किए जा रहे मौन योगदान को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गयी है। यह योजना महिलाओं का सम्मान है। उक्त उदगार विधायक अनूपपुर श्री रामलाल रौतेल ने ग्राम पंचायत पपरोडी मे उज्ज्वला योजना अंतर्गत हितग्राहियों को कनेक्शन वितरण के दौरान व्यक्त किए। आपने बताया कि उज्ज्वला योजनांतरगत समस्त देश मे अब तक 4 करोड़ एवं मध्यप्रदेश मे 58 लाख कनेक्शन दिये जा चुके हैं। 

कार्यक्रम मे 25 महिला हितग्राहियों को उज्ज्वला योजनांतरगत नवीन कनेक्शन का वितरण किया गया। ज़िला आपूर्ति अधिकारी श्री विपिन पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना अंतर्गत ज़िले मे अब तक 44 हजार 731 हितग्राहियो को लाभान्वित किया जा चुका है। आपने बताया कि नवीन निर्देशों के अनुसार पात्र हितग्राहियों को कनेक्शन वितरण का कार्य तीव्र गति से कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना मे शासन द्वारा विस्तार किया गया है, नए वित्तीय वर्ष से एसईसीसी सूची के अतिरिक्त भी पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। विस्तार के फलस्वरूप 5 करोड़ के स्थान पर कुल हितग्राहियों का लक्ष्य बढ़ाकर 8 करोड़ कर दिया गया है। अब एसईसीसी सूची के अतिरिक्त एससी/एसटी परिवारों की समस्त बीपीएल महिलाएं, पीएमएवाई(ग्रामीण) के लाभार्थी,अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी, अति पिछड़ा वर्ग के सदस्य, वनवासी आदि भी पात्रता की शर्तें पूरी होने के बाद लाभान्वित किए जाएंगे। श्री पटेल ने बताया कि उज्ज्वला योजनांतरगत हितग्राही को गैस चूल्हा, रेगुलेटर, सुरक्षा पाइप एवं एसवी का वितरण किया जा रहा है। आपने बताया कि रीफ़िल करने पर हितग्राहियों को डीबीटी अंतर्गत हितलाभ का अंतरण सीधे खातो मे  किया जाता है। 
कार्यक्रम मे उपस्थित हितग्राहियों एवं अन्य ग्रामीणो को एलपीजी गैस के उपयोग के सुरक्षित तरीको एवं उपयोग के समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे मे गैस एजेंसी के संचालक श्री हीरामणी द्विवेदी द्वारा विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम मे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के अतिरिक्त जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण नागरिक उपस्थित थे।



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