Wednesday, June 27, 2018

बैक्टीरिया कल्चर ट्राईकोडर्मा के बारे में प्रशिक्षित होंगे किसान

बैक्टीरिया कल्चर ट्राईकोडर्मा के बारे में प्रशिक्षित होंगे किसान 
इंदौर की रोपणी में हो रहे हैं नवाचार 
अनुपपुर | 27-जून-2018
    इंदौर की खंडवा रोड स्थित रोपणी में बॉयो फर्टिलाईजर/वर्मी कम्पोस्ट पर अनुसंधान एवं इनके उपयोग पर काम किया जा रहा हैं। बॉयो फर्टिलाईजर के उपयोग में बैक्टीरिया कल्चर ट्राईकोडर्मा आदि का उपयोग पौध तैयारी में किया जा रहा है। इससे पौधे तैयार करने में लागत कम हुई है। साथ ही रासायनिक खाद्य एवं कीटनाशक का उपयोग लगभग समाप्त हो गया है।
    वन विभाग के इस नवाचार से इंदौर जिले के लगभग 25 से 30 प्रगतिशील कृषक जो पंचायत प्रतिनिधि भी होंगे, उनका एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम होगा। इसके लिये पंचायत राज संचालनालय ने अनुसंधान विस्तार केन्द्र इंदौर का भ्रमण करवाने जिला पंचायत इंदौर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि इस नवाचार एवं बैक्टीरिया कल्चर ट्राईकोडर्मा के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने एवं जैविक उपयोग से कृषि उत्पादन बढ़ाने में इन कृषकों को लाभान्वित किया जा सकेगा।
    इसी तरह जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर ने भी एक पत्र के माध्यम से कृषि विज्ञान केन्द्र को अनुसंधान विस्तार (सामाजिक वानिकी) वन विभाग के साथ समन्वय करने को कहा है। अनुसंधान विस्तार वृत्त के प्रदेश में कार्यरत कार्यालयों द्वारा उच्च गुणवत्ता के वानिकी, फलदार, औषधीय एवं लघुवनोपज के पौधे तैयार किये जाते है। यह पौधों को विभिन्न विभागों, कृषकों एवं अन्य लोगों को उपलब्ध करवाये जाते है। वानिकी विषय एवं कृषि वानिकी विषय पर भी समय-समय पर कृषकों को सहयोग दिया जाता है। अनुसंधान विस्तार वृत्तों के साथ कृषि विज्ञान केन्द्रों का समन्वयन से प्रदेश के किसान लाभान्वित हो सकेंगे।

निजी स्कूलों की पहली कक्षा में निःशुल्क प्रवेश के लिए 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित

निजी स्कूलों की पहली कक्षा में निःशुल्क प्रवेश के लिए 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित 
5 जुलाई को ऑनलाइन लाटरी से मिलेगा निजी स्कूलों में प्रवेश 
अनुपपुर | 27-जून-2018
   प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों की पहली कक्षा में निःशुल्क प्रवेश के लिये ऑनलाइन आवेदन 30 जून तक आमंत्रित किये गये हैं। पूर्व में यह तिथि 23 जून निर्धारित की गई थी। प्रदेश में अब तक लगभग 2 लाख 45 हज़ार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इस अवधि में सर्वर डाउन होने की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग ने आवेदकों की सुविधा के लिये अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 जून कर दिया है।
   प्राइवेट स्कूलों की पहली कक्षा में बच्चों के निःशुल्क प्रवेश के इच्छुक पालक बच्चों के आवेदन पत्र निर्धारित अंतिम तिथि 30 जून तक ऑनलाइन जमा करा सकते हैं। आर.टी.ई पोर्टल www.educationportal.mp.gov.in/RtePortal पर ऑनलाइन आवेदन पत्र का प्रारूप उपलब्ध करवाया गया है। इसके साथ ही, आवेदन पत्र संबंधित जन-शिक्षा केन्द्र, बी.आर.सी./बी.ई.ओ. कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा केन्द्र कार्यालय से निःशुल्क भी उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
   आवेदन फार्म के साथ पात्रता संबंधी कोई भी एक दस्तावेज अपलोड करना आवश्यक होगा। आवेदक द्वारा पोर्टल से जनरेट प्रति को अपने पास सुरक्षित रखा जायेगा। ऑनलाईन आवेदन करने में कोई समस्या अथवा कठिनाई होने की स्थिति में संबंधित विकासखंड के बीआरसी कार्यालय में स्थापित सुविधा डेस्क की सहायता ली जा सकती है। पोर्टल पर पंजीकृत एवं लॉक किये गये आवेदनों को ही लॉटरी प्रक्रिया में सम्मिलित किया जायेगा।
   ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से 5 जुलाई को पारदर्शी तरीके से छात्रो को उनकी पंसद के प्राइवेट स्कूलों में सीट का आवंटन किया जायेगा। लॉटरी प्रक्रिया के बाद आवंटित सीट की जानकारी की सूचना आवेदक को उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जायेगी। आवंटन की सूची एजुकेशन पोर्टल पर भी उपलब्ध रहेगी।
   आवेदन फार्म प्राप्त करने अथवा जमा करने में कोई दिक्कत होने अथवा उन स्कूलों की जानकारी चाहिए हों, जहां सीटें खाली हैं, तो आर.टी.ई. पोर्टल, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, सर्व शिक्षा अभियान के ज़िला परियोजना कार्यालय अथवा विकासखण्ड स्रोत केन्द्र कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना पर बना कानून, मध्यप्रदेश विधानसभा ने पारित किया मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) विधेयक 2018

लाड़ली लक्ष्मी योजना पर बना कानून, मध्यप्रदेश विधानसभा ने पारित किया मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) विधेयक 2018 
एक जनवरी 2006 के बाद जन्मी बालिकाओं को मिलेगा लाभ : मंत्री श्रीमती चिटनिस 
अनुपपुर | 27-जून-2018
    मध्यप्रदेश विधानसभा ने आज मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) विधेयक 2018  पारित किया। महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने विधेयक का प्रस्ताव रखा। श्रीमती चिटनीस ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 अक्टूबर 2017 को घोषणा की थी कि "लाड़लियों को वर्तमान ने निर्धारित लाभ एवं शिक्षा की व्यवस्था का प्रावधान है, उनकी रक्षा कानून बनाकर भी की जायेगी"। श्री चौहान की भावना के अनुरूप विभाग ने विधेयक का प्रारूप प्रस्तुत किया था। श्रीमती चिटनीस ने कहा की 2007 से आरंभ हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना के सकारात्मक प्रभावों को अक्षुण्ण रखने के लिये मध्यप्रदेश लाड़ली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) विधेयक 2018 लाया गया है।
    महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कहा कि योजना से लिंगानुपात में सकारात्मक परिवर्तन आया है। वर्ष 2001 की जनगणना में शिशु लिंगानुपात 1000 बालक पर 919 बालिका था, जो वर्ष 2011 में बढ़कर 931 हो गया है। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे (3) 2005-06 में बाल विवाह की दर में 57.3 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2015-16 के सर्वे में घटकर 32.4 प्रतिशत हो गई। लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रभाव पर सुशासन एवं नीति विश्लेषण पूर्व द्वारा कराये गये अध्ययन में यह तथ्य सामने आया कि योजना से लाभांवित माता-पिता के एक लड़की और एक लड़के पर तीन गुना तथा दो लड़कियों पर छरू गुना परिवार नियोजन की संख्या में वृद्धि हुई है। योजना  में दो बच्चों की शर्त होने के कारण परिवार नियोजन की संख्या में वृद्धि हुई। परिणाम स्वरूप योजना संचालन के पूर्व प्रदेश में 2001 में 24.34 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज की गई जो वर्ष 2011 की जनगणना में घटकर 20.35 प्रतिशत हो गई।
   योजना के क्रियान्वयन से बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में भी सुधार हुआ। सेम्पिल रजिस्ट्रेशन सर्वे 2007 के अनुसार प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 74 प्रति हजार थी जो 2017 के सर्वे में घटकर 47 प्रति हजार हो गई। बालिकाओं का स्कूल ड्राप आउट रेट 2004-5 में 21.80 प्रतिशत था जो वर्ष 2016-17 में घटकर 4.71 प्रतिशत रह गया।
    महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनीस ने बताया की 01 जनवरी 2006 अथवा उसके बाद जन्मी बालिकाएँ प्रोत्साहन के लिये पात्र होंगी। जन्म के एक साल के अन्दर पंजीयन के लिये आवेदन प्रस्तुत करना और बालिका को आंगनवाड़ी में दर्ज कराना आवश्यक होगा। माता-पिता का प्रदेश का मूल निवासी होना, आयकर दाता ना होना आवश्यक है। लाभ दो संतानों पर ही मिलेगा। अनाथालय/संरक्षण गृह में निवासरत बालिकायें तथा वैधानिक रूप से दत्तक बालिकाऐं भी योजना के लिये पात्र होंगी। जेल में बंद महिला कैदियों की जन्मी बालिकाओं को भी योजना के अन्तर्गत लाभांवित किया जायेगा।
    हितग्राही बालिका को कक्षा 6 में प्रवेश पर 2000 कक्षा 9 में प्रवेश पर 4000 कक्षा 11 में प्रवेश पर 6000 और कक्षा 12 में प्रवेश पर 6000 रूपये ई-पेमेन्ट के माध्यम से प्रदान किये जाते हैं। आयु 21 वर्ष होने पर 1 लाख की राशि का भुगतान इस शर्त पर किया जायेगा कि बालिका का विवाह 18 वर्ष की आयु के पूर्व न हो और वह 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित हो चुकी हो। योजना के आरंभ से आज तक 28 लाख 82 हजार बालिकाओं को लाभांवित किया जा चुका है। योजना पर 6 हजार 366 करोड़ का व्यय किया गया।

प्रदेश के 25 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में शाला सिद्धि कार्यक्रम का क्रियान्वयन

प्रदेश के 25 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों में शाला सिद्धि कार्यक्रम का क्रियान्वयन 
 
अनुपपुर | 27-जून-2018
 
 
    प्रदेश में दक्षता संवर्धन, जिला अकादमिक गुणवत्ता सुधार योजना, प्रतिभा पर्व, हमारी शाला कैसी हो, शाला गुणवत्ता कार्यक्रम जैसे सकरात्मक प्रयासों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वातावरण निर्मित हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्वावधान में NUEPA (राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) द्वारा मध्यप्रदेश की शालाओं के मूल्यांकन एवं सुधार के लिये एक फ्रेमवर्क "शाला सिद्धि" कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रदेश में शाला सिद्धि कार्यक्रम को नवम्बर 2015 से प्रांरभ किया गया।
    राज्य की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को केन्द्रित करते हुए शालाओं के मूल्यांकन और उन्नयन के लिए "हमारी शाला ऐसी हो" कार्यक्रम तैयार किया गया है। इस कार्यक्रम द्वारा शाला स्वयं का सतत् मूल्यांकन एवं बाह्म मूल्यांकन कर चिन्हित क्षेत्रों में शाला उन्नयन की कार्य-योजना बनाकर शाला का समग्र विकास कर रही हैं।
    राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शाला सिद्धि- "हमारी शाला ऐसी हो" कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2017-18 में प्रदेश के प्रत्येक जिले से प्रत्येक जनशिक्षा केन्द्र से 4 प्राथमिक और 4 माध्यमिक शालाएं लेते हुए कुल 24792 शालाएं चयनित की गईं। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन 4 चरणों में किया गया। ये चरण हैं-स्व-मूल्यांकन, बाह्मा मूल्यांकन, शाला उन्नयन कार्य योजना का निर्माण और शाला उन्नयन कार्य योजना अनुसार सुधार के लिए कार्यवाही।
    प्रदेश में वर्ष 2017-18 प्रतिभा पर्व के दौरान विभिन्न जिलों के 15 हजार 800 अधिकारियों द्वारा शाला सिद्धि शालाओं को शाला मित्र के रूप में गोद लिया गया।  इन शालाओं में कक्षा 6 में गणित और विज्ञान विषय का मूल्यांकन स्वयं के द्वारा किया गया। प्रत्येक विकासखंड के एक जनशिक्षा केन्द्र को उत्कृष्ट जनशिक्षा केन्द्र के रूप में चिन्हित किया गया। प्रत्येक संकुल की शाला सिद्धि की एक अग्रणी माध्यमिक शाला को लर्निंग किट भी प्रदान किया गया है।
प्रदेश में गिफ्ट-अ-बुक योजना
    प्रदेश में गिफ्ट अ बुक योजना शुरू की गई है। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा संचालित योजना में कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था अपनी ज्ञान, मनोरंजन और प्रतियोगी परीक्षा की उपयोगी पुस्तकें सरकारी स्कूलों के पुस्तकालयों में उपहार स्वरूप प्रदान कर सकते हैं। इस योजना में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिये शिक्षकों से जन-सामान्य को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है। राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस वर्ष "मिल-बाँचे मध्यप्रदेश" कार्यक्रम को प्रदेश स्तर पर 7 अगस्त को कवि श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर की पुण्य-तिथि पर वृहद स्तर पर आयोजित किये जाएंगे। इसके लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रखी गई है।

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