Wednesday, May 16, 2018

राजनगर कॉलेज के लिये हायर सेकेण्ड्री स्कूल में हेल्प सेन्टर स्थापित

राजनगर कॉलेज के लिये हायर सेकेण्ड्री स्कूल में हेल्प सेन्टर स्थापित 
 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
    शासकीय विद्यालय राजनगर में ऑनलाइन प्रवेश हेतु हेल्प सेन्टर स्थापित किया गया है। प्रो.डॉ. आर.के.सोनी ने इस सम्बध में जानकारी देते हुए बताया है कि उच्चशिक्षा विभाग द्वारा राजनगर महाविद्यालय में सत्र 2018-19 के लिए बी.ए. प्रथम वर्ष की कक्षा प्रारंभ की जा रही है, जिसमें प्रवेश के इच्दुक छात्र/छात्राओं के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हेतु हेल्प सेन्टर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (बालक) राजनगर में बनाया गया है हेल्प सेन्टर में पहुंचकर इच्छुक छात्र/छात्रायें ऑनलाइन पंजीयन करा सकते है। इस संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन हेतु मोः-9755972289 एवं 7000296709 पर सम्पर्क कर सकते है। 

हर घर में किचन गार्डन की परम्परा को पुनर्जीवित करने की जरूरत

हर घर में किचन गार्डन की परम्परा को पुनर्जीवित करने की जरूरत 
अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला में विषय-विशेषज्ञों ने दिए अनेक सुझाव 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
     समाज के सभी वर्गों में आवश्यक पोषण उपलब्ध कराने के लिए मोटे अनाजों, ज्वार, बाजरा के साथ-साथ कोदो कुटकी, रागी के उत्पादन और पशुपालन को प्रोत्साहित करना होगा। शहरों तथा गांवों में हर घर में किचन गार्डन (सब्जी की बाडी) लगाने की परंपरा को भी पुनर्जीवित करने की जरूरत है। उक्ताशय के विचार मंगलवार को पोषण पर केन्द्रित तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला के दूसरे दिन विषय-विशेषज्ञों ने यह विचार व्यक्त किये।
    तकनीकी सत्र में विषय-विशेषज्ञों द्वारा यह तथ्य प्रमुखता से रखा गया कि पोषण संवेदी कृषि के व्यवहारिक क्रियान्वयन के लिए बीज और खाद की सहज उपलब्धता तथा उनका मूल्य निर्धारण किसान के हित में करना अति-आवश्यक होगा। कार्यशाला में गेहूँ, चावल तथा मक्का की गुणवत्ता सुधार की आवश्यकता भी निरूपित की गई। विषय-विशेषज्ञों का मत था कि पोषण में कमी का मुख्य कारण भोजन में प्रोटीन, आयरन तथा विटामिन-ए और जिंक की कमी का होना है। अतः फोर्टिफाईड, गेहूँ, चावल तथा मक्का की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है। कार्यशाला में नवजात शिशु के प्रथम 1000 दिवस पर उसकी उपयुक्त देखभाल के लिए प्रभावी नीति निर्धारण, पोषण जागरूकता के लिए चलाए जाने वाले अभियानों में परिवारों की महिलाओं के साथ-साथ पुरूषों की भागीदारी तथा शालेय पाठ्यक्रमों में पोषण साक्षरता को शामिल करने की आवश्यकता भी बताई गई।
    कार्यशाला में पोषण संवेदी कृषि के लिए प्रभावी नीति निर्धारण और उपयुक्त प्रबंधन पर आयोजित विभिन्न सत्र में छत्तीसगढ़ योजना आयोग के सदस्य डॉ. डी.के. मारोठिया, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी लुधियाना के संचालक डॉ. राजवीर सिंह, अटारी जबलपुर के संचालक डॉ. अनुपम मिश्र ने भी विचार रखे। इसके साथ ही पोषण संवेदनशील पर्यावरणीय कृषि विशेषज्ञ डॉ. लीना गुप्ता, आई.आई.टी. इन्दौर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रीति शर्मा, महाराष्ट्र, गुजरात, हैदराबाद से आए कृषि वैज्ञानिकों ने भी अपने विचार साझा किए। 
    चावल की लुप्त होती किस्में, मांडू की इमली, ताड़ी-महुआ के व्यंजन रू अमूमन हम उसी चावल के बारे में जानते हैं जो हमेशा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसके अलावा भी चावल की अनेक जैविक किस्में होती हैं, जिनका रोजाना इस्तेमाल खाने में किया जा सकता है।
    अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान चावल की अनेक किस्मों के अलावा वन्य जीवन से प्राप्त होने वाले प्राकृतिक फल, वनौषधि एवं पौष्टिक वस्तुओं के विशेष स्टाल लगाये गए हैं। म.प्र. महिला वित्त एवं विकास निगम के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों एवं महिला स्व-सहायता समूहों, तेजस्विनी महिला महासंघों द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में संचालित विभिन्न प्र-संस्करण इकाईयों में तैयार खाद्य सामग्रियाँ एवं औषधियाँ कार्यशाला के दौरान विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। इन सामग्रियों में कोदो चावल, कुटकी चावल, कोदो बर्फी, राई तेल, महुआ लड्डू रोस्टेड अलसी, सफेद मूसली, बेर का पाउडर, मुनगा फली आदि शामिल हैं। इनके बारे में पौष्टिक तत्वों पर जानकारियाँ भी यहाँ उपलब्ध हैं। मांडू की इमली, ताड़ी का गुड़, महुआ के व्यंजन, तेंदू, खिरनी भी यहां है। यहाँ प्रतिदिन शाम 4 से 7 बजे के बीच जैम, सॉस, स्क्वेश बनाने का निरूशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह व्यवस्था भारत सरकार के खाद्य एवं पोषण आहार बोर्ड द्वारा की गई है।
    कार्यशाला स्थल पर न्यूट्री थियेटर भी स्थापित किया गया है, जिसमें पोषण और स्वास्थ पर छोटी-छोटी फिल्मों के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। प्रदर्शनी में आर्गेनिक एवं सेफ फार्मिंग, डबल फोर्टिफाइड साल्ट, नैचुरल कल्टिवेशन पर जानकारीपूर्ण स्टाल लगाए गए हैं। न्यूट्रीशन इंटरनेशल, ग्रीन कॉटन कांसैप्ट, डब्लू.एच.एच., जी.आई.जेड के स्टाल भी हैं।
    अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में परोसा गया परंपरागत भोजन - कार्यशाला में विशुद्ध परंपरागत तथा देशज व्यंजन आकर्षण का केन्द्र रहे। प्रथम दिवस महाराष्ट्र-खानदेशी व्यंजन जैसे पिठला, प्याज-केरी की सब्जी, पुरण पोली, कलने और रागी की रोटी, खानदेशी खिचड़ी तथा बंगाल, बिहार, उड़ीसा की थीम पर परोसा गया लिट्टी चोखा, सत्तू पराठा, कद्दू की खीर आकर्षण का केन्द्र रही।
    मुख्यमन्त्री श्री चौहान के मुख्य आतिथ्य में होगा समापन समारोह - पोषण संवेदनशील कृषि और पोषण साक्षरता पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 16 मई को सुबह 10:30 बजे संपन्न होगा। महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। होशंगाबाद रोड स्थिति होटल आमेर ग्रीन्स में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुश्री ललिता कुमार मंगलम तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक डॉ.ए.के.सिंह विशिष्ट अतिथि होंगे। 

अधोसंरचना विकास के लिये नगरीय बजट में 15 गुना वृद्धि - मंत्री श्रीमती सिंह

अधोसंरचना विकास के लिये नगरीय बजट में 15 गुना वृद्धि - मंत्री श्रीमती सिंह 
 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
    नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के लिए वर्ष 2003-04 में 807 करोड़ रूपये का बजट निर्धारित किया गया था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़ाकर 11559.94 करोड़ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्रों के सम्पूर्ण विकास के लिये विगत वर्षो में बजट राशि में 15 गुना वृद्धि की गई है। श्रीमती माया सिंह ने बताया कि विभागीय बजट के अतिरिक्त बाह्य वित्त पोषित संस्थाओं तथा पीपीपी परियोजनाओं के माध्यम से नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा आगामी 5 वर्षों में 87 हजार 500 करोड़ के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
    मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि प्रदेश की कुल आबादी का एक तिहाई हिस्सा लगभग 2 करोड़ 59 हजार लोग 378 नगरीय क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं। प्रदेश में एक लाख से अधिक आबादी वाले 33 तथा 10 लाख से अधिक आबादी वाले 4 शहर हैं। इन शहरों में रहने वालों को बेहतर मूलभूत सुविधायें मुहैया कराने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कृत-संकल्पित है। 

शासकीय पेंशनर्स एवं परिवार पेंशनर्स की पेंशन में होगी 2.57 गुना वृद्धि

शासकीय पेंशनर्स एवं परिवार पेंशनर्स की पेंशन में होगी 2.57 गुना वृद्धि 
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पेंशनर्स बोर्ड गठित करने की घोषणा 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शासकीय सेवा से एक जनवरी 2016 के पहले सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स एवं परिवार पेंशनर्स की पेंशन में 2.57 गुना की वृद्धि की जायेगी। इस वृद्धि का नगद लाभ तत्काल प्रभाव से देय होगा। श्री चौहान ने पेंशनर्स एवं परिवार पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधा देने तथा उनकी अन्य समस्याओं के समाधान के लिये पेंशनर्स बोर्ड गठित करने की घोषणा की। श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास पर पेंशनर्स संघ के प्रतिनिधि-मंडल को संबोधित कर रहे थे।
    श्री चौहान ने पेंशनर्स से आग्रह किया कि अपने अनुभव, योग्यता और ऊर्जा का उपयोग स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, बेटी बचाओ अभियान तथा सामाजिक बुराइयों को दूर करने में करें। उन्होंने अपेक्षा की कि पेंशनर्स का रचनात्मक सहयोग सरकार को सदैव मिलता रहेगा।
    इस मौके पर वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया और अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.के. श्रीवास्तव उपस्थित थे। 

15 जुलाई से नर्मदा सहित 313 नदियों के कैचमेंट एरिया में होगा पौध-रोपण

15 जुलाई से नर्मदा सहित 313 नदियों के कैचमेंट एरिया में होगा पौध-रोपण 
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा होशंगाबाद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं स्ट्रॉम वॉटर ड्रेन का भूमि-पूजन 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
     मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस वर्ष भी 15 जुलाई से 15 अगस्त तक नर्मदा सहित प्रदेश की 313 नदियों के कैचमेंट एरिया में पौध-रोपण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा के कैचेमेंट एरिया में जल्दी ही तालाब निर्माण का कार्य भी शुरू किया जायेगा। इसके लिए राशि भी स्वीकृत की गई है। मेढ़-बँधान के कार्य भी किये जायेंगे, जिससे पानी रिस-रिस कर माँ नर्मदा में पहुँचेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को बचाने और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिये वे आलोचना की परवाह किये बिना हमेशा प्रयास करते रहेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान होशंगाबाद में "नमामि देवी नर्मदे" सेवा यात्रा के प्रथम वर्षगाँठ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सीवरेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और अमृत योजना के स्ट्रॉम वॉटर ड्रेन का भूमि-पूजन किया। ट्रीटमेंट प्लांट 10 करोड़ 24 लाख की लागत से निर्मित किया होगा।
नर्मदा तटों पर विकास के लिये 1377 करोड़ स्वीकृत
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा के तटों पर विकास के लिये 1377 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। आठ नगरीय निकायों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लान्ट का कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाबई के मुंहासा में एसकेपी प्लांट लगाये जायेंगे। घाटों पर 249 शौचालय निर्माण का कार्य शुरू किया गया है तथा ग्रामीण क्षेत्र में 29 हजार 500 शौचालय बनाए गये हैं। नर्मदा के किनारे बसे 110 गाँव में चेंजिंग-रूम एवं शौचालय का कार्य शुरू किया गया है। घाटों पर कचरा एकत्रित करने के लिए 285 कचरा-पेटी एवं वाहन दिये जा रहे हैं। सॉलिड बेस की स्थापना के लिए होशंगाबाद एवं देवास में क्लस्टर की स्वीकृति दी गई है। इसका कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।  नगरीय क्षेत्रों में 20 और ग्रामीण क्षेत्रों में 14 हजार मुक्ति-धाम बनाये गये हैं। होशंगाबाद में गैस पर आधारित शवदाह गृह के लिए सांसद निधि से राशि स्वीकृत की गई है। करीब 235 ग्राम पंचायतों में जैव विविधता समिति बनाई गई है।
    श्री चौहान ने बताया कि 2227 गाँवों में बायोगैस संयंत्र स्वीकृत किए गए हैं। नर्मदा के दाएँ तट पर 40 और बाएँ तट पर 42 रैन-बसेरों के निर्माण के लिए 41 करोड़ 40 लाख रूपये स्वीकृत किये गये हैं। नर्मदा किनारे 2 हजार 448 सोलर पंप स्थापित किये गये हैं। उद्योगों का प्रदूषित पानी नर्मदा में जाने से रोकने के लिये रिवर्स आश्वासिक प्लांट की स्थापना के लिए प्रयास किए गए हैं।
68 शराब दुकानें बन्द
    मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा किनारे के क्षेत्रों की 68 शराब दुकानों को बंद करवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि नर्मदा तट की रेत खदान की नीलामी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नर्मदा किनारे के 130 मजरे-टोलों में विद्युतीकरण के साथ ही 100 पूजन कुण्ड एवं विसर्जन कुण्ड बनवाये गये हैं। जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा समिति 16 जिलों में नर्मदा की सफाई और स्वच्छता का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थित लोगों को नर्मदा सेवा मिशन को जारी रखने का संकल्प दिलाया।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समारोह में रिपेरियन जोन पर आधारित फोटो गैलरी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने "नर्मदा सेवा मिशन का एक वर्ष" पुस्तक, नर्मदापुरम् संभाग के कमिश्नर श्री उमाकांत उमराव की ई-बुक, प्रोफेसर विपिन व्यास की नर्मदा के बायलॉजिकल हेल्थ पर लिखी पुस्तक, नर्मदा पवित्र सर्वदा अभियान पर आधारित फोल्डर और नर्मदा पोर्टल का विमोचन किया। उन्होंने 11 व्यक्तियों को 108 प्रकार के पौधों की विभिन्न प्रजातियों के बीज भी वितरित किए। 

उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में जैविक खेती पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा

उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में जैविक खेती पद्धति को बढ़ावा दिया जायेगा 

अनुपपुर | 16-मई-2018
 
    मध्यप्रदेश में उद्यानिकी एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है। उद्यानिकी फसलों का क्षेत्रफल 2-2 गुना बढ़ा है तथा उत्पादन 3-7 गुना बढ़ा है। वर्तमान में उद्यानिकी फसलों का आच्छादन 15-19 लाख हैक्टेयर है तथा उत्पादन 247-55 लाख मैट्रिक टन है। उत्पादन में वृद्धि करने के लिए नीतिगत एवं तकनीकी कदम उठायें जा रहे हैं।
         प्रदेश में मिल्क रूट की तरह फ्रूट रूट तथा वेजीटेबल रूट बनाकर उद्यानिकी फसलों के परिहवन एवं विपणन के लिए संस्थागत व्यवस्था तैयार की जायेगी। फ्रूट एवं वेजीटेबिल रूट पर क्लस्टर चयन कर उद्यानिकी का विस्तार क्लस्टर पद्धति पर किया जायेगा। मौसम परिवर्तन को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में ग्रीन हाउस के क्लस्टर विकसित किये जा रहे हैं, जिससे अन्य आधारभूत सुविधाएं केन्द्रीकृत तरीके से उपलब्ध कराई जा सकेगी।

नर्मदा सेवा यात्रा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर नर्मदा सेवा समितियों द्वारा श्रमदान

नर्मदा सेवा यात्रा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर नर्मदा सेवा समितियों द्वारा श्रमदान 
 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
  

  नर्मदा सेवा यात्रा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर मंगलवार को नर्मदा सेवा मिशन के तहत गठित नर्मदा सेवा समितियों द्वारा नर्मदा नदी के जल को प्रदूषण मुक्त करने हेतु चंदन घाट (बेनीबारी) एवं रामघाट अमरकंटक पर स्वच्छता अभियान चलाया गया। सुबह से ही नर्मदा सेवा सदस्यो द्वारा घाटो पर पहुच कर वृहद रूप से स्वच्छता अन्तर्गत घाटो की साफ-सफाई की गई तथा अमावस्या का पर्व होने से सुबह से घाटो पर श्रृद्धालुओ का नर्मदा के दर्शन एवं स्नान हेतु बड़ी संख्या में पहुचना प्रारम्भ हो गया था। समिति के सदस्यों द्वारा श्रृद्धालुओ से आग्रह किया गया की आप लोग मां नर्मदा के जल में पूजन सामग्री व पोलिथिन न डाले, एवं ऐसा करने वालों को रोकें। यदि किसी व्यक्ति द्वारा नदी के जल में अपशिष्ट पदार्थ, साबुन, केमिकल युक्त या पालीथीन डाली जाती है तो उसे समझाकर सामग्री को जल से तत्काल बाहर करवाये। ऐसा उपाये करने पर ही नर्मदा के जल को अनेक वर्षो तक सहज, स्वच्छ एवं निर्मल बना सकते है।
    नर्मदा सेवा समितियों के सदस्यों द्वारा घाटो पर लगे चेंजिग रूम के उपयोग हेतु श्रृद्धालुओ से अपील की गई। चंदन घाट (बेनीबारी) एवं रामघाट अमरकंटक में जिला समन्वयक म.प्र. जन अभियान परिषद् अनूपपुर श्री उमेश पाण्डेय, नर्मदा सेवा समिति सदस्य, बीएसडब्लू छात्र आदि उपस्थित थे।

जिला स्तरीय कौशल एवं रोजगार मेला 27 मई को

जिला स्तरीय कौशल एवं रोजगार मेला 27 मई को 

अनुपपुर | 16-मई-2018
 
     प्राचार्य आई.टी.आई अनूपपुर ने बताया है कि 27 मई 2018 को शासकीय आई.टी.आई अनूपपुर में कौशल एवं रोजगार मेले का आयोजन किया गया जायेगा। मेले में जिले के समस्त छोटे-बड़े उद्योग, शासकीय/अशासकीय विभाग एवं प्रदेश के प्रतिष्टित कंपनियों द्वारा जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने हेतु काउसलिंग एवं साक्षात्कार उपरांत चयन किया जावेगा। नियोजकों द्वारा चयन होने के पश्चात् लेटर ऑफ इंडेंट प्रदान किया जावेगा।
    जिला स्तरीय कौशल एवं रोजगार पंचायत-2018 मेला में जिला व्यागपार एवं उद्योग केन्द्री, अजीविका मिशन, आदिवासी वित्तल विकास निगम, जिला अंत्यावसायी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, घुमक्काड़/अर्द्धघुमक्कड़ विभाग, हथकरघा ग्राम उद्योग विभाग, खादीग्रामोद्योग बोर्ड, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जिला शहरी विकास अभिकरण आदि विभागों के स्टॉल लगाकर स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी दी जावेगी एवं आवेदन पत्र प्राप्त् किये जावेगें। 

क्योटार मे मछुआ समिति के सदस्यों को किया गया प्रशिक्षित

क्योटार मे मछुआ समिति के सदस्यों को किया गया प्रशिक्षित 
 
अनुपपुर | 16-मई-2018
 
 
   सहायक संचालक मत्स्य श्री शिवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि जिले मे आदिवासियों की आजीविका के संवर्धन के लिए मत्स्य विभाग द्वारा विविध प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में क्योंटार में आदिवासी मछुआ सहकारी समिति को मत्स्योपादन हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण मे मछली पकड़ने के तरीको, मछलियों के पोषण एवं रख-रखाव की जानकारी एवं बिक्री हेतु बाजार की जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण के दौरान समिति के सदस्यों समेत मत्स्य विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे। समिति के समस्त 17 सदस्य वर्तमान मे गरीबी रखा के नीचे गुजर बसर कर रहे है। इस सहयोग के द्वारा सभी की आजीविका मे संवर्धन होगा। श्री परिहार ने बताया कि आदिवासी मछुआ सहकारी समिति को मत्स्य पालन हेतु मोजर वेयर जलाशय लीज मे दिया जाएगा एवं समय समय पर सदस्यो का मार्गदर्शन किया जाएगा ताकि लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति हो सके। उक्त प्रशिक्षण जनजातीय उप योजना के अंतर्गत प्रदान किया गया है।

शहडोल संभाग का सर्वांगीण विकास मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता - कमिश्नर

शहडोल संभाग का सर्वांगीण विकास मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता - कमिश्नर 

अनुपपुर | 16-मई-2018
 
    कमिश्नर शहडोल श्री जे.के.जैन ने कहा है कि मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता शहडोल संभाग का सर्वांगीण विकास और यहां के लोगों की आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक समृद्धि है। उन्होने कहा कि शहडोल संभाग में मैं कलेक्टर के तौर पर कार्य कर चुका हैं तथा मुझे यहां आकर ऐसा लग रहा है कि मैं पुनः अपने घर वापस आ गया हूँ। कमिश्नर ने कहा कि प्रेस और प्रशासन के समन्वित प्रयासों से विकास के अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रेस और प्रशासन का यह दायित्व हैं कि हम शहडोल संभाग का विकास कैसे हो सकता है इस दिशा में मिलकर सोचें और विकास के निरंतर प्रयास करें। कमिश्नर शहडोल संभाग आज कमिश्नर कार्यालय शहडोल में शहडोल संभाग के पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे। कमिश्नर ने कहा है कि शहडोल संभाग को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। पहले चरण में शहडोल जिले को शौचमुक्त किया जायेगा तथा उमरिया एवं अनूपपुर जिले को भी शौचमुक्त करने के निरंतर प्रयास किये जायेंगे। कमिश्नर ने कहा कि शहडोल संभाग के सभी नागरिकों के साथ समता मूलक व्यवहार हो, सभी के साथ न्याय हो, सभी विकास की ओर अग्रसर हो इसके प्रयास किये जायेगें। कमिश्नर ने पत्रकारों के प्रश्नों का जबाब देते हुये कहा कि शहडोल संभाग के सभी जिलों में पेयजल की माकूल व्यवस्थाएं की जा रही है तथा नदियों को पुर्नजीवित करने और तालाबों की साफ-सफाई और जीर्णोद्धार के लिये कार्ययोजना तैयार कर कार्य कराये जा रहे हैं। प्रेस से अनौपचारिक चर्चा के दौरान शहडोल संभाग के वरिष्ठ पत्रकार एवं उप संचालक जनसम्पर्क श्री जी.एस.मर्सकोले भी उपस्थित रहे। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित तेंदुपत्ता संग्रहण एवं श्रमिक सम्मेलन में आज होंगे सम्मिलित

मुख्यमंत्री श्री चौहान शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित तेंदुपत्ता संग्रहण एवं श्रमिक सम्मेलन में आज होंगे सम्मिलित 

अनुपपुर | 16-मई-2018

     मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान आज 17 मई को शहडोल जिले के लालपुर में आयोजित संभाग स्तरीय तेंदुपत्ता संग्रहण और श्रमिक सम्मेलन में सम्मिलित होगे। इस सम्मेलन में संभाग के तीनों जिलो उमरिया, शहडोल एवं अनूपपुर के तेंदुपत्ता संग्राहको एवं असंठित श्रमिकों सहित अन्य योजनाओं से हितग्रहिओं को लाभान्वित किया जायेगा। श्री चौहान भोपाल से प्लेन द्वारा उमरिया हेलीपैड मध्यान्ह 11:50 बजे पहुचेंगे। आप उमरिया से हेलीकॉप्टर द्वारा शहडोल जिले के लालपुर में मध्यान्ह 12:05 बजे पहुंचेंगे और तीनों जिलों के तेंदुपत्ता सग्रहक एवं श्रमिक सम्मेलन में भाग लेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान दोपहर 01:45 बजे लालपुर से जिला उमरिया एयरशिप के लिये रवाना होंगे एवं दोपहर 02:00 बजे श्री चौहान छतरपुर में आयोजित कार्यक्रम के लिये रवाना होंगे।  

नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन अभियान के माध्यम से लाई जा रही है जागृति

नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन अभियान के माध्यम से लाई जा रही है जागृति
जन अभियान समझा रहा है जल का महत्व



अनुपपुर 16 मई 2018/ जल हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। हम सभी बिना भोजन के 10-15 दिन तक जीवित रह सकते हैं परंतु जल के बिना 3 से 4 दिन से ज्यादा नहीं जी सकते हैं। जल के इसी महत्व के प्रचार प्रसार का कार्य जन अभियान परिषद द्वारा सम्पूर्ण ज़िले मे किया जा रहा है। जन अभियान परिषद के आह्वान मे श्रमदान करने वाले जागरूकों की संख्या मे निरंतर वृद्धि हो रही है एवं पर्यावरण एवं जल स्त्रोत लाभान्वित हो रहे है। विगत दिनो जन अभियान परिषद की ग्रामीण प्रस्फुटन समिति के सदस्यो, नर्मदा सेवा समिति के सदस्यो, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीण जनो के श्रमदान  से पुष्पराजगढ़ के ग्राम मझगवा मे देवराज नदी , अनूपपुर के चन्दन घाट (बेनीबारी), झाइताल एवं ग्राम पड़रीपानी मे हंसिया नदी मे , कोतमा मे मैनटोला मे नदी संरक्षण एवं पुनर्जीवन अभियान अंतर्गत कनई नदी मे साफ सफाई एवं जल के महत्व के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया गया । जन अभियान परिषद के ज़िला समन्वयक श्री उमेश पांडे ने आमजनों से इस अभियान मे शामिल होने एवं जल के संरक्षण के प्रति संवेदनशील होने की अपील की है। 

क्योटार मे मछुआ समिति के सदस्यों को किया गया प्रशिक्षित

क्योटार मे मछुआ समिति के सदस्यों को किया गया प्रशिक्षित



अनूपपुर 16 मई 2018/ सहायक संचालक मत्स्य श्री शिवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि ज़िले मे आदिवासियों की आजीविका के संवर्धन के लिए मत्स्य विभाग द्वारा विविध प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम मे क्योंटार मे आदिवासी मछुआ सहकारी समिति को मत्स्योपादन हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण मे मछली पकड़ने के तरीको, मछलियों के पोषण एवं रखरखाव की जानकारी एवं बिक्री हेतु बाजार की जानकारी प्रदान की गयी। प्रशिक्षण के दौरान समिति के सदस्यों समेत मत्स्य विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित थे।समिति के समस्त 17 सदस्य वर्तमान मे गरीबी रखा के नीचे गुजर बसर कर रहे है। इस सहयोग के द्वारा सभी की आजीविका मे संवर्धन होगा। श्री परिहार ने बताया कि आदिवासी मछुआ सहकारी समिति को मत्स्य पालन हेतु मोजर वेयर जलाशय लीज मे दिया जाएगा एवं समय समय पर सदस्यो का मार्गदर्शन किया जाएगा ताकि लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति हो सके। उक्त प्रशिक्षण जनजातीय उप योजना के अंतर्गत प्रदान किया गया है।

सफलता की कहानी ज़िला प्रशासन के विशेष प्रयास से आदिवासी बच्चों ने भरी सफलता की उड़ान प्रोजेक्ट उड़ान से बढ़ा शैक्षणिक स्तर

सफलता की कहानी

ज़िला प्रशासन के विशेष प्रयास से आदिवासी बच्चों ने भरी सफलता की उड़ान
प्रोजेक्ट उड़ान से बढ़ा शैक्षणिक स्तर


अनूपपुर 16 मई 2018/ समाज मे परिवर्तन लाने का सबसे सशक्त माध्यम शिक्षा है। समाज मे व्याप्त बुराइयों को दूर कर, देश को विकास के पथ पर लाकर समृद्धि और खुशहाली तक पहुचाने का कार्य शिक्षा के द्वारा ही किया जा सकता है। देश के जनसंख्या बाहुल्य को जनसांख्यकीय लाभ मे परिवर्तित करने का कार्य शिक्षा द्वारा ही संभव है। शिक्षा के द्वारा ही जनसंख्या को ज़िम्मेदारी से ताकत मे परिवर्तित किया जा सकता है।शिक्षा के इस महत्व से राज्य शासन एवं ज़िला प्रशासन भली भांति परिचित हैं एवं शैक्षणिक विकास की गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने मे सदैव प्रयासरत रहे हैं

कलेक्टर श्री अजय शर्मा के मार्गदर्शन एवं तत्कालीन मुख्यकार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत एवं वर्तमान कलेक्टर कटनी श्री केवीएस चौधरी के नेतृत्व मे ज़िले के पिछड़े हुए विकासखंड पुष्पराजगढ़ मे कक्षा 10 वी के शैक्षणिक स्तर मे सुधार के लिए 'प्रोजेक्ट उड़ान' के रूप मे विशेष पहल की गयी थी।


इसके अंतर्गत शैक्षणिक तौर पर अत्यंत पिछड़े आदिवासी बहुल पुष्पराजगढ़ विकासखंड की शालाओं का चयन कर शिक्षा प्रदाय के लिए विशेष आवासीय शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों मे बच्चों की शिक्षा के स्तर के सुधार के लिए शिक्षको के द्वारा दिन एवं रात एक कर दिये गए। बच्चो ने भी ज़िला प्रशासन के इस प्रयास मे पूरे उत्साह से भाग लिया एवं प्रशासन की इस पहल को सही साबित किया। इस पहल के पूर्व एवं वर्तमान मे प्राप्त परिणामो से ज़िला प्रशासन एवं इस पहल मे जुड़े हुए हर एक शिक्षक का सर गर्व से ऊंचा हो गया है। इस पहल के द्वारा  शा.उ.मा.वि. खम्मरोध मे 24.31% से 94 %, शा.हा.स्कूल इटोर मे 30 % से 76%,  शा.हा.स्कूल तुलरा मे 4.17 % से 74.20%,  शा.हा.स्कूल रौसरखार मे 11.63 % से 58.24 %,  शा.हा.स्कूल खाँटी मे 62.20 प्रतिशत से 80 %,  शा.उ.मा.वि बिलासपुर मे 47.17% से 82.85 %, शा.हा.स्कूल नवगवा मे 69.23 % से 97%, शा.हा.स्कूल दुधमनिया मे 71.43 % से 93%, शा.हा.स्कूल लेढरा मे 61.29 %  से 88%, शा.हा.स्कूल गिरारी मे 36 % से 48.57 %,  शा.हा.स्कूल ताली मे 40.38 % से 55.26%,शा.उ.मा.वि पुष्पराजगढ़ मे 42.67 % से 86%,  शा.हा.स्कूल राजेन्द्रग्राम मे 26 % से 55.33 % विद्यार्थियों ने उत्तीर्ण होने मे सफलता प्राप्त की है।


कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने इस पहल से जुड़े हुए समस्त शिक्षको, अधिकारियों एवं विद्यार्थियों को बधाई दी है। आपने कहा यह प्रयास सराहनीय है। आपने कहा शैक्षणिक सुधार के लिए यह आवश्यक है कि हर एक छात्र की कमियों का चिंहांकन कर नियमित रूप से उन कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाए। आपने प्रोजेक्ट उड़ान के बारे मे बताया कि इस पहल मे हर एक छात्र की शिक्षको द्वारा बारीकी से मोनिटरींग की गयी एवं रेमेडियल क्लासेस एवं विशेष कक्षाओं के माध्यम से उन्हे दूर करने हेतु प्रयास किया गया और आज परिणाम हम सभी के सामने है। उल्लेखनीय है कि समस्त ज़िले मे कक्षा 10 के विद्यार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत गत वर्ष 58.83 % से इस वर्ष 67.59 % प्राप्त हुआ है। यह सब शिक्षको एवं छात्रों की मेहनत का ही फल है।


तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत  एवं वर्तमान कलेक्टर कटनी श्री केवीएस चौधरी ने इस परिणाम पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा सच्चे मन से किए गए प्रयास से सफलता अवश्य प्राप्त होती है। आपने इस सफलता के पीछे कठोर परिश्रम करने वाले शिक्षको एवं विद्यार्थियों को बधाई दी है।   

ज़िला शिक्षा अधिकारी श्री यू के बघेल कहते हैं शिक्षको द्वारा किए गए प्रयास से ये परिणाम प्राप्त हुए है, यही इस मेहनत का सबसे बड़ा पुरुषकार है। आपने कहा ज़िला प्रशासन सदैव शिक्षा के प्रति संवेदनशील रहा है। सहायक परियोजना समन्वयक माध्यमिक शिक्षा अभियान श्री देवेश बघेल कहते है यह प्रयास अनवरत जारी रहेगा हमारा लक्ष्य शत प्रतिशत छात्रों को परीक्षा मे उत्तीर्ण कराकर राष्ट्र के भविष्य निर्माण  के लिए सशक्त करना है।

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