Saturday, March 17, 2018

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत जिला पंचायत में कार्यशाला संपन्न

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत जिला पंचायत में कार्यशाला संपन्न 

अनुपपुर | 17-मार्च-2018

 
 
    जिला पंचायत के सभाकक्ष में 15 मार्च को जिला महिला बाल विकास द्वारा जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अंतर्गत पंचायती राज सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों की जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला पंचायत के सदस्य एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
    कार्यशाला में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मंजूलता सिंह द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के उद्देश्य एवं योजना से लाभार्थी को होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्रीमती मंजूषा शर्मा, सहायक संचालक श्रीमती स्वाती अमोली, परियोजना अधिकारी भी उपस्थित थे।
    परियोजना अधिकारी जैतहरी श्री सतीष जैन द्वारा योजना के उद्देश्य, शर्तें एवं दिशा निर्देश पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक बताया गया। योजना अंतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य संबंधी विशिष्ट शर्तों की पूर्ति पर गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के खाते में सीधे 5 हजार रु. की राशि प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जाएगी। यह राशि तीन किस्तों में एक हजार रु., 2 हजार रु., 2 हजार रु. प्रदान की जाएगी। पात्र लाभार्थी संस्था में प्रसव के बाद जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत मातृत्व लाभ के लिए अनुमोदित मानदंडों के अनुसार शेष राशि प्राप्त करेंगे, ताकि औसतन हर महिला को 6 हजार रु. प्राप्त हो।

हायर सेकेण्डरी की जीव विज्ञान की परीक्षा जिले में निर्विघ्न संपन्न

हायर सेकेण्डरी की जीव विज्ञान की परीक्षा जिले में निर्विघ्न संपन्न 

अनुपपुर | 17-मार्च-2018
 
 
    माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा जिले में आयोजित हायर सेकेण्डरी की जीव विज्ञान की परीक्षा निर्विघ्न संपन्न हुई। इस परीक्षा में 2963 परीक्षार्थियों में से 2873 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। 

खण्डस्तरीय अन्त्योदय मेला का आयोजन कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ़ में 22 मार्च को

खण्डस्तरीय अन्त्योदय मेला का आयोजन कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ़ में 22 मार्च को 

अनुपपुर | 17-मार्च-2018
 
 
    आम जनता को शासन की विभिन्न योजनाओं का एक ही स्थान पर लाभ देने तथा आम जनता से प्राप्त आवेदन पत्रों के निराकरण के लिए खण्डस्तरीय मेले आयोजित किये जा रहे हैं। खण्डस्तरीय अन्त्योदय मेला कोतमा में 21 मार्च को एवं पुष्पराजगढ़ में 22 मार्च को आयोजन किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि मेले में शासन की सभी प्रमुख योजनाओं तथा कार्यक्रमों की जानकारी दी जायेगी। उन्होंने जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को खण्डस्तरीय मेले के लिए आवश्यक प्रबंध करने निर्देश दिये हैं। उन्होंने आम जनता से मेले से लाभ उठाने की अपील की है।

नदी महोत्सव के प्रथम दिन आयोजित हुए चार समानांतर सत्र

नदी महोत्सव के प्रथम दिन आयोजित हुए चार समानांतर सत्र 
नदी संरक्षण के विभिन्न बिंदुओं पर हुई चर्चा 
अनुपपुर | 17-मार्च-2018
 
 
 
   अनिल माधव दवे परिसर बांन्द्राभान होशंगाबाद में आयोजित किए जा रहे 2 दिवसीय पंचम नदी महोत्सव के प्रथम दिन नदी संरक्षण के विभिन्न बिंदुओं पर विचार मंथन के लिए चार समानांतर सत्रों का आयोजन किया गया। नदी किनारें की संस्कृति एवं समाज, नदी कृषि एवं आजीविका का परस्पर संबंध, नदी का अस्तित्व और जैव विविधता तथा सहायक नदियों का संरक्षण-नीतियां, नियम और संभावनाएं इन विषयों पर समानांतर सत्र का आयोजन हुआ। सहायक नदियों का संरक्षण-नीतियां, नियम और संभावनाएं विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी शोध संस्थान के निदेशक डॉ अनिर्बन गांगुली ने की। इस सत्र में विशेषज्ञों का मत था कि सहायक नदियों के संरक्षण के लिए एक समग्र नीति बनाई जाने की आवश्यकता है तभी इस दिशा में सफलतापूर्वक कार्य किया जा सकता है। नदी का अस्तित्व और जैव विविधता विषय पर आधारित सत्र में आर श्रीनिवास मूर्ति, एसपी गौतम तथा अन्य विशेषज्ञों द्वारा विचार मंथन किया गया। धारा को बढाया जा सकता है। प्रकृति हमारा परिवार है यह बोध अगर बचपन से ही कराया जाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी प्रकृति को उपभोग की वस्तु ना समझकर उसकी सेवा के प्रति समर्पित रहेगी।
    समानांतर सत्र नदी, कृषि एवं आजीविका का परस्पर संबंध विषय पर विशेषज्ञों ने एक स्वर से कहा कि हमारी नीति पर्यावरण व जल बचाने की है। हमारे पूर्वजों ने प्राचीन काल से नदियों को एवं वृक्षों को जिस तकनीकी से बचाया है उसे तकनीकी को अब हमें वर्तमान में लागू करना होगा। हमें यह देखना होगा कि हमारे पूर्वजो ने प्राचीन पद्धति अपना कर कृषि की थी अब हमें कृषि में परंपरागत खेती की ओर लौटना होगा। रासायनिक खाद का प्रयोग छोडना होगा और हमें जैविक खेती की ओर लौटना होगा। समानांतर सत्र में पर्यावरण विधि श्री अशोक माथुर, श्री मानसिंह, श्री अजय झा एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री संजय पासवान ने अपने विचार रखे।
 

वाटर कन्वरजेंश करें तो जल की समस्या का निदान किया जा सकता है - श्री नितिन गडकरी जल संसाधन मंत्री

वाटर कन्वरजेंश करें तो जल की समस्या का निदान किया जा सकता है - श्री नितिन गडकरी जल संसाधन मंत्री 
15 जुलाई को म.प्र. में 7 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे और 313 नदियों के पुर्नजीवन पर कार्य किया जाएगा - मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पंचम नदी महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने किया 
अनुपपुर | 17-मार्च-2018


    होशंगाबाद जिले के नर्मदा एवं तवा नदी के संगम बांद्राभान पर आज पंचम नदी महोत्सव का शुभारंभ केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राज मार्ग जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर नर्मदा संरक्षण पर कार्य कर रही सभी सामाजिक संस्थाओ, जनअभियान परिषद् के कार्यकर्ताओं, महोत्सव में शामिल सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि जब तक हम वाटर कन्वरजेंश नहीं करेंगे तब तक देश से जल की समस्या कभी खत्म नहीं होगी इसलिए हम वाटर कन्वरजेंश को महत्व दें। हमें वाटर कन्वरजेंश को लेकर कार्य करना होगा। उन्होने बताया कि हमें विभाजन के समय 3 नदियां मिलीं। तीन नदी पाकिस्तान को मिलीं। हमारे अधिकार का पानी पाकिस्तान चला गया और हमारे पास जो तीन नदियों का पानी था। उसकी हम चिंता करते है, चर्चा करते है किंतु जो पानी हमारे पास से दूसरे देश चला गया है उसकी चिंता हम नही करते है। उन्होने बताया कि 2 प्रकार की नदियां है इनमें से कुछ नदी हिमालय से निकालने वाली नदी है। हमारी धरती का 70 प्रतिशत पानी बेकार चला जाता है। इस 70 प्रतिशत पानी के नियोजन की आवश्यकता है इसलिए हमने साढे आठ लाख करोड के 30 प्रोजक्ट बनाए है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है अपितु सही दृष्टिकोण की कमी है सही कम्यूनिकेशन की कमी है। श्री गडकरी ने कहा कि भारत सरकार गंगा प्रोजेक्ट पर साढे पांच लाख करोड के कार्य करेगी। उन्होने बताया कि सड़क मार्ग एवं रेल्वे मार्ग से जाने पर अत्यधिक राशि का खर्च होता है किन्तु जल मार्ग से यात्रा करने पर कम खर्च होता है। उन्होने बताया कि भारत में लॉजिस्टिकल कॉस्ट 18 प्रतिशत है। यदि हम कैनाल बनाएंगे तो उसे भारतीय आधार पर चलाएंगे। उन्होने बताया कि उन्होने पानी पर चलने वाली बस एवं हवाई जहाज खरीदे है। उन्होने कहा कि हम नदी का उपयोग पर्यटन को बढावा देने के लिए कर रहे है। श्री गडकरी ने मध्यप्रदेश शासन की सराहना करते हुए कहा कि सरकार पर्यावरण एवं वृक्षारोपण के लिए कार्य कर रही है। श्री गडकरी ने कहा कि हमने 5 वर्ष पहले टॉयलेट का पानी शुद्ध करके 18 करोड़ में बेंचा था। इस वर्ष 78 करोड़ में सरकार को पानी बेंच रहे है। हमने सीवेज से मिथेन निकालकर गंगा पर बस चला रहे है। उन्होने सलाह दी कि ग्राम पंचायत एवं जिला पंचायत सडक निर्माण पर डामर के साथ 8 प्रतिशत प्लास्टिक डालकर उसका उपयोग करें। श्री गडकरी ने कहा कि समुद्र का पानी भी शुद्ध करके बेंचा जा रहा है। श्री गडकरी ने कहा कि नदी महोत्सव से जो चिंतन एवं सुझाव निकलेगे उस पर भारत सरकार अमल करेगी।
    प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नदी संरक्षण के लिए नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा 5 माह 5 दिन चली और इस यात्रा से लोगो में नदी संरक्षण के प्रति एक चेतना का भाव जागृत हुआ। जुलाई माह में 6 करोड 63 लाख पौधे लगाए गए जिसमें से 80 प्रतिशत पौधे जीवित है। श्री चौहान ने कहा कि आगामी 15 जुलाई को पुनरू 7 करोड पौधे लगाए जाएंगे और हमने संकल्प लिया है कि प्रदेश की 313 नदियों पर कार्य कर श्रमदान कर उसे पुर्नजीवित किया जाएगा। हमारे लिये तालाब भी महत्वपूर्ण है तो तालाब के पुर्नजीवन पर भी कार्य किया जाएगा। नर्मदा किनारे के 20 जिलो मे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। कुछ जिलो में इसका कार्य भी शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा में जल की धारा बढेगी। इसकी कार्य योजना बनाई जाएगी। नर्मदा के किनारे के गांव में मुक्तिधाम, पूजन कुंड एवं उस क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने का कार्य किया जा रहा है। वो हर संभव प्रयास किये जा रहे है जिससे जल की धारा बढ सके व प्रवाहित हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी समस्या दूसरी किस्म की है हमारे प्रदेश में गेहुं, चना, उडद, प्याज, लहसुन का बंपर उत्पादन हुआ है। इन उत्पादनों को खपाने एवं रखने की समस्या है। इसके लिए हमने उद्यानिकी विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई है अब किसानों के बच्चे आलू से चिप्स, टमाटर से प्यूरी बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती का अभियान नर्मदा के तट क्षेत्र पर शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नदी महोत्सव में जो भी चिंतन एवं विमर्श प्रतिभागियों द्वारा किया जाएगा उसे आगे बढाने का प्रयास किया जाएगा।
    इसके पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी, मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक नर्मदा परिक्रमा मार्ग का विमोचन किया। सतगुरू श्री जग्गी वासुदेव द्वारा नदी महोत्सव के आयोजन पर दिए गए संदेश का प्रसारण किया गया। जिसमें उन्होने नदी महोत्सव के लिए सभी को शुभकामनाएं भेजी थीं। कार्यक्रम से पूर्व मुख्य अतिथिगणों को उत्तरीय एवं श्री अनिल माधव दवे द्वारा लिखित पुस्तक भेट की गई।
    सरकार्यवाहक श्री सुरेश सोनी ने कहा कि दुनिया भर में नर्मदा नदी एवं सहायक नदियों को लेकर एक चिंतन चल रहा है। हमारी समस्या यह है कि हमने जल, जंगल, जमीन एवं जानवर को महत्व देना कम कर दिया है। हमारी चिंतन की धारा भारतीय ना होकर पश्चिमी हो गई है। प्रारंभ से ही मनुष्य को कहा गया कि विश्व में जो कुछ भी है वो सब तेरा है। मनुष्य के पास पहले चिंतन था, दर्शन था किंतु ताकत नहीं थीं। आज मनुष्य के हाथ में ताकत है। उन्होने का कि हवा पानी, प्राणी एवं वनस्पति की एक दुनिया है। हमने प्राणी एवं वनस्पति की दुनिया को घर की ड्राइंग रूम में लगे पेंटिंक तक में सीमित कर दिया है। जीवन का अस्तित्व रहे कैसे इस पर हमें चिंतन करना होगा। उन्होने राजस्थान के जैसलमेर का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां 700 वर्ष पूर्व ही तालाब के पानी के संरक्षण के लिए कार्य शुरू कर दिया गया था। हम तकनीकी का उपयोग कर नदियों को पुर्नजीवन दे सकते है। नदी जब एक स्त्रोत तक बहने लगे तब नदी का जीवन है।
    स्वामी परमात्मानंद जी ने कहा कि जल का संरक्षण हो। हमारी मूल समस्या यह है कि हम सृष्टि को अपने सुख का साधन समझते है। यदि हम जल एवं सृष्टि को भोग का नहीं अपितु पूज्य मानेगे तभी जल का संरक्षण हो सकेगा और तभी हम पर्यावरण की रक्षा कर सकेगे। उन्होने कहा कि म.प्र. सरकार सामाजिक चेतना को उजागर करने का कार्य कर रही है। ऐसा कार्य किसी अन्य प्रदेश में नहीं हुआ है। विधायक बैरसिया एवं समग्र नर्मदा के न्यासी श्री विष्णु खत्री ने कहा कि विश्व में जितनी भी सभ्यताओं का विकास हुआ है वो सब सभ्यताएं नदी के किनारे विकसित हुई है। हम नदियों की स्तुति मां के रूप में करते है। उन्होने बताया कि प्रथम नदी महोत्सव बांद्राभान में 2008 में हुआ था। द्वितीय 2010 में, तृतीय 2013 में, चतुर्थ नदी महोत्सव 2015 में हुआ था। इन सभी नदी महोत्सव में नदी संरक्षण अभियान से जुडे हर वर्ग के लोगों ने अपनी सहभागिता निभाई थी।
    पंचम नदी महोत्सव के कार्यक्रम में सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, भाजपा के उपाध्यक्ष श्री बृजेश लुनावत, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री राघवेन्द्र गौतम, श्री प्रदीप पाण्डे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री कुशल पटेल, विधायक सिवनीमालवा श्री सरताज सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री हरिशंकर जायसवाल एवं स्थानीय जनप्रतिनिधिगण मौजूद थे।

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सहजता से उपलब्ध करायें जानकारी-कमिश्नर

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सहजता से उपलब्ध करायें जानकारी-कमिश्नर 
 
अनुपपुर | 17-मार्च-2018
 
 
    आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शहडोल संभाग के सभी शासकीय विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे सूचना के अधिकार के अंतर्गत नागरिकों द्वारा मांगी गई जानकारी नागरिकों को सहजता से उपलब्ध करायें। कमिश्नर ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम एक कानून है तथा इसके तहत मांगी गई जानकारी देना अनिवार्य है। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि अधिकारी यह प्रयास करें कि नागरिकों को सहजता से जानकारी उपलब्ध हो तथा अपील तक प्रकरण नहीं आये। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी सजगता और सतर्कता के साथ मुहैया करायें। कमिश्नर ने उक्त निर्देश गुरूवार को आदिम जाति कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग एवं निर्माण विभागो की समीक्षा बैठक में अधिकारियो को दिये। कमिश्नर ने निर्देशित करते हुये कहा कि सीएम हेल्प लाईन में प्राप्त शिकायतों का अधिकारी प्राथमिकता के साथ निराकरण सुनिश्चित करायें। उन्होने कहा है कि सीएम हेल्प लाईन की शिकायत का अधिकारियों को जैसे ही एसएमएस प्राप्त होता है वे शिकायतकर्ता से चर्चा करें तथा देखें कि शिकायतकर्ता की समस्या क्या है तथा उसकी शिकायत के आधार पर उसकी शिकायत का निराकरण सुनिश्चित करायें।
 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों का मुख्य चिकित्सा अधिकारी निरंतर निरीक्षण करें-कमिश्नर

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों का मुख्य चिकित्सा अधिकारी निरंतर निरीक्षण करें-कमिश्नर 
पड़मनियां एवं झींकबिजुरी क्षेत्र में मच्छर जनित बीमारियों की निरंतर मॉनीटरिंग करें 
अनुपपुर | 17-मार्च-2018
 
 
    शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शहडोल संभाग के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निरंतर निरीक्षण करें तथा स्वास्थ्य केन्द्रों में बेहतर से बेहतर सुविधाएं मरीजों को मुहैया करायें। कमिश्नर ने कहा कि शासन द्वारा संचालित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मरीजों को दिलाना सुनिश्चित करें तथा चिकित्सालय परिसरों में समुचित साफ-सफाई एवं परिसरों को सुंदर एवं स्वच्छ बनाने के लिये समुचित कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कमिश्नर ने उक्त निर्देश आज स्वास्थ्य विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में संभाग के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को दिये। बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की जिलेवार समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने निर्देश दिये कि शहडोल संभाग में महिलाओं और बच्चों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायें तथा मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये शहडोल संभाग के पड़मनियां एवं झींकबिजुरी क्षेत्र में स्वास्थ्य परीक्षण के लिये विशेष कैंपों का आयोजन किया जाये तथा साप्ताहिक बाजारों में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर मच्छर जनित रोगों को नियंत्रित किया जाये। समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनूपपुर द्वारा जानकारी दी गई कि अनूपपुर जिले के पड़मनिया क्षेत्र में फैल्सीफेरियम मलेरिया के प्रकरण पाये जा रहे हैं जिसको दृष्टिगत रखते हुये हर वर्ष 16 जून से क्षेत्र में मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये विशेष कैम्पों का आयोजन किया जाता रहा है और दवाईयों का छिड़काव भी किया जाता रहा है। उन्होने बताया कि आगामी जून माह में पड़मनियां क्षेत्र में मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव किया जायेगा तथा विशेष शिविरों का आयोजन कर लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया जायेगा। बैठक में कमिश्नर द्वारा शहडोल संभाग के सभी जिला चिकित्सालयों में बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिये गये। कमिश्नर ने निर्देशित करते हुये कहा कि जिला चिकित्सालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार मुहैया होना चाहिए। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से राज्य बीमारी सहायता योजना, जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा योजना, बाल हृदय उपचार योजना का बेहतर से बेहतर क्रियान्वयन होना चाहिए। बैठक में कमिश्नर द्वारा शहडोल संभाग के सभी जिलों के चिकित्सालयों में सुविधाओं के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से चर्चा की। चर्चा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल ने बताया कि चिकित्सालयों के उपकरणों की मरम्मत हेतु जिन फर्मों ने ठेका लिया है वे ठीक से उपकरणों की मरम्मत नहीं कर रहीं हैं। जिस पर कमिश्नर ने निर्देश दिये कि ऐसी फर्मों को नोटिस दें तथा ऐसी फर्मों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करायें। बैठक में जिला चिकित्सालय उमरिया में मरचुरी के निर्माण, जिला चिकित्सालय अनूपपुर में लाण्ड्री स्थापित करने तथा प्राईवेट वार्डों का निर्माण करने, जिला चिकित्सालय अनूपपुर में 200 बिस्तर के नवीन अस्पताल बनाने पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। बैठक में कमिश्नर द्वारा ट्रामा यूनिट, संभाग में कैंसर रोगियों की स्थिति एवं गुर्दे के रोगियों को डायलिसिस की सुविधा पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। बैठक में संयुक्त आयुक्त श्री जे.के. जैन, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ.एस.के.सलाम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल डॉ.राजेश पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.पी.श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वस्थ्य अधिकारी उमरिया डॉ.उमेश नामदेव, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय शहडोल डॉ.एन.के.सोनी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 

मध्यप्रदेश को लगातार 5 वीं बार मिला कृषि कर्मण अवार्ड


अनूपपुर 17 मार्च 2018/ मध्यप्रदेश को सर्वाधिक गेहूं उत्पादन के लिए " कृषि कर्मण" पुरुषकार प्रदान किया गया।यह पुरुष्कार माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा , प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान , कृषि मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन, प्रमुख सचिव कृषि म॰प्र॰ शासन को प्रदान किया गया।माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने कहा कृषि क्षेत्र में यह अभूतपूर्व प्रगति हमारे किसान भाइयों के कठिन परिश्रम, संबंधित विभाग के साथी मंत्री, अधिकारियों व कर्मचारियों के सतत पुण्य प्रयास का प्रतिफल है। इस पावन उद्देश्य की प्राप्ति में सहयोग देने वाले हर व्यक्ति के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।भारत की प्रगति और विकास का प्रमुख आधार कृषि है और मध्यप्रदेश निरंतर इस दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मैं और मेरी टीम खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के संकल्पित है। अपने हर किसान भाई के जीवन में सुख, समृद्धि और आनंद का एक नया उजाला लाना मेरे जीवन का ध्येय है।

कृषि उन्नति मेले में माननीय प्रधानमंत्री जी के ऊदबोधन को अनूपपुर के कृषकों ने सुना कृषि आय को २०२२ तक दोगुना करना है लक्ष्य


कृषि उन्नति मेले में माननीय प्रधानमंत्री जी के ऊदबोधन को अनूपपुर के कृषकों ने सुना

कृषि आय को २०२२ तक दोगुना करना है लक्ष्य




अनूपपुर 17 मार्च 2018/ भारतीय कृषि शोध संस्थान पूसा, नई दिल्ली में आज से तीन दिवसीय कृषि उन्नति मेले का प्रारम्भ हुआ। मेले में देश के विभिन्न कोनो से आए हुए एक लाख से भी ज़्यादा कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा २५ कृषि विज्ञान केंद्रों का शिलान्यास किया गया। इसके साथ ही देश में कृषि विज्ञान केंद्रों की संख्या ७०० हो गयी है। कृषकों तक उन्नत तकनीकि को पहुँचाना है इनका लक्ष्य। इसके साथ ही जैविक कृषि पोर्टल का उदघाटन भी अपने द्वारा किया गया। कार्यक्रम में कृषि कर्मण पुरुष्कार एवं दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरुष्कार वितरण भी किया गया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा आज मुझे यहां खेती के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले किसान भाई-बहनों को सम्मानित करने का भी अवसर मिला है। कृषि कर्मण और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित सभी राज्यों और लोगों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं।आज मेरा ये विश्वास और सुदृढ़ हो गया है कि जब लक्ष्य स्पष्ट हो, लक्ष्य की प्राप्ति के लिए खुद को दिन-रात खपाने का इरादा हो, तो कुछ भी असंभव नहीं है। हमारे देश के किसान में वो हौसला है कि वो मुश्किल लगने वाले लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकता है।हमें नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में अनाज उत्पादन की क्या स्थिति थी। संकट भरे उस दौर से हमारा अन्नदाता हमें बाहर निकालकर लाया है। आज देश में रिकॉर्ड अनाज उत्पादन, रिकॉर्ड दाल उत्पादन, रिकॉर्ड फल सब्जियों का उत्पादन, रिकॉर्ड दुग्ध उद्पादन हो रहा है।इसलिए मैं देश के हर किसान को, कृषि उन्नति में लगी हर माता-बहन-बेटी को शत-शत नमन करता हूंआपने कहा हमारे देश में कृषि सेक्टर ने अनेक मामलों में पूरी दुनिया को राह दिखाई है। लेकिन समय के साथ जो चुनौतियां खेती से जुड़ती चली गईं, वो आज के इस दौर में बहुत अहम हैं।चुनौतियों को पूरी समग्रता के साथ निपटने की दिशा में हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। इन अलग-अलग कार्यों की दिशा एक है- किसान की आय दोगुनी करना, लक्ष्य एक है- किसानों का जीवन आसान बनाना। हम इस संकल्प पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।आज देश में 11 करोड़ से ज्यादा सॉयल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं। सॉयल हेल्थ कार्ड से मिल रही जानकारी के आधार पर, जो किसान खेती कर रहे हैं, उनकी पैदावार बढ़ने के साथ-साथ खाद पर खर्च भी कम हो रहा है।प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत हर खेत को पानी के विजन के साथ कार्य किया जा रहा है। जो सिंचाई परियोजनाएं दशकों से अधूरी पड़ी थी, उन्हें 80 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करके पूरा किया जा रहा है।प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के जरिए, हमारी सरकार खेत से लेकर बाजार तक, पूरी सप्लाई चेन को मजबूत कर रही है, आधुनिक एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रही है।इस बजट में जिस ऑपरेशन ग्रीन्स का ऐलान किया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा है। ये फल और सब्जियां पैदा करने वाले और खासतौर पर TOP यानि Tomato(टमाटर), Onion (प्याज़) और Potato (आलू) उगाने वाले किसानों के लिए लाभकारी रहेगा।किसान हित से जुड़े कई मॉडल एक्ट बनाकर राज्य सरकारों से उन्हें लागू करने का भी आग्रह किया गया है। ये कानून राज्यों में लागू होने के बाद किसानों को सशक्त करने का काम करेंगे।किसानों को आधुनिक बीज मिले, आवश्यक बिजली मिले, बाजार तक कोई परेशानी न हो, उन्हें फसल की उचित कीमत मिले, इसके लिए हमारी सरकार दिन-रात एक कर रही है।देश के परिश्रमी किसानों की आय से जुड़ा ये बहुत महत्वपूर्ण कदम है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना के संबंध मे समझाया
न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऐलान का पूरा लाभ किसानों को मिले, इसके लिए हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।सरकार ने तय किया है कि अधिसूचित फसलों के लिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि की MSP, उनकी लागत का कम से कम डेढ़ गुना घोषित किया जाएगाMSP के लिए जो लागत जोड़ी जाएगी, उसमें दूसरे श्रमिक के परिश्रम का मूल्य, अपने मवेशी-मशीन या किराए पर लिए गए मवेशी या मशीन का खर्च, बीज का मूल्य, सभी तरह की खाद का मूल्य, सिंचाई के ऊपर किया गया खर्च, राज्य सरकार को दिया गया लैंड रेवेन्यू।वर्किंग कैपिटल के ऊपर दिया गया ब्याज, Lease ली गई जमीन के लिए दिया गया किराया, और अन्य खर्च शामिल हैं। इतना ही नहीं किसान के द्वारा खुद और अपने परिवार के सदस्यों द्वारा दिए गए श्रम के योगदान का भी मूल्य, उत्पादन लागत में जोड़ा जाएगा
किसानो को दिलाना है फसल की उचित कीमत
किसानों को फसल की उचित कीमत के लिए देश में कृषि उत्पाद विक्रय व्यवस्था पर भी बहुत व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है। गांव की स्थानीय मंडियों का थोक बाज़ार और फिर वैश्विक बाज़ार तक तालमेल बिठाना बहुत आवश्यक है।सरकार का प्रयास है कि किसानो को अपनी उपज बेचने के लिए बहुत दूर नहीं जाना पड़े। इस बजट में ग्रामीण रीटेल एग्रीकल्चर मार्केट- यानि Gram की अवधारणा इसी का परिणाम है।इसके तहत देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा और फिर इन्हें APMC और e-Nam प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेड कर दिया जाएगा।यानि एक तरह से अपने खेत के 5-6 किलोमीटर के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट कर देगी।किसान इन ग्रामीण हाटों पर ही अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकेगा। आने वाले दिनों में ये केंद्र, किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार और कृषि आधारित ग्रामीण एवं कृषि अर्थव्यवस्था के नए केंद्र बनेंगे
एफ़पीओ को विशेष सहायता दी जाएगी
सरकार Farmer Producer Organization- FPO को बढ़ावा दे रही है। किसान अपने क्षेत्र में, अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों और बड़ी मंडियों से जुड़ सकते हैं।इस बजट में सरकार ने ये भी ऐलान किया है कि ‘Farmer Producer Organizations’ को कॉपरेटिव सोसायटियों की तरह ही इनकम टैक्स में छूट दी जाएगी।महिला सेल्फ हेल्प ग्रुपों को इन फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशनकी मदद के साथ ऑर्गैनिक, एरोमैटिक और हर्बल खेती के साथ जोड़ने की योजना भी किसानों की आय बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी
                                       

जैविक उत्पादों से कृषि आय मे होगी वृद्धि

जैविक उत्पादों पर जोर देते हुए आपने कहा कि ये जितने पुरातन हैं, उतने ही आधुनिक भी हैं। सच्चाई यही है कि हम दुनिया के सबसे पुराने जैविक कृषि  करने वाले देशों में से एक हैं। आज देश में 22 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर जैविक कृषि होती है।लेकिन दूसरी सच्चाई ये भी है कि जैविक कृषि के बाद जो अगला चरण है, वैल्यू एडिशन का, मार्केटिंग का, उसमें हम पीछे रह गए। इस कमी को दूर करने में E-Marketing Portal से काफी मदद मिलेगी।सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत जैविक कृषि को पूरे देश में प्रोत्साहित करने में जुटी है। विशेष रूप से उत्तर पूर्व को ऑर्गेनिक खेती के केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है।एग्रीकल्चर में भविष्य इसी तरह के नए सेक्टर्स की उन्नति, किसानों की उन्नति में सहायक होगी। हरित  और श्वेत क्रांति के साथ ही जितना ज्यादा हम जैविक क्रांति, जल क्रांति, ब्लू क्रांति, स्वीट क्रांतिपर बल देंगे, उतना ही किसानों की आय बढ़ेगी
                                  

कार्यक्रम का अनूपपुर ज़िले मे कृषि विज्ञान केन्द्रो मे प्रदर्शन किया गया। जिसे यहाँ के कृषको एवं कृषि वैज्ञानिको ने सुना। कृषि विज्ञान केन्द्रों मे कृषको एवं कृषि वैज्ञानिको के अतिरिक्त प्रबुद्ध जानो एवं जन प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम का श्रवण एवं दर्शन किया।

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