Monday, March 26, 2018

सरकार की मदद से 10 हजार से अधिक मुस्लिम बेटियों का हुआ निकाह

सरकार की मदद से 10 हजार से अधिक मुस्लिम बेटियों का हुआ निकाह 
मध्यप्रदेश सामाजिक समरसता का पर्याय बना मंत्री श्री गोपाल भार्गव 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   मुख्यमंत्री निकाह योजना के जरिये प्रदेश में अभी तक 10 हजार 676 मुस्लिम बेटियों का निकाह करवाया गया है। विवाह के लिये राज्य शासन ने इन बेटियों के परिवारों को 19 करोड़ 27 लाख रूपये की सहायता राशि दी है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और मुख्यमंत्री निकाह योजना के क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश में समरसता का वातावरण निर्मित हुआ है। यह बात पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कही।
   पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री भार्गव ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में चार लाख से अधिक कन्याओं के विवाह करवाये जा चुके हैं। इस योजना का शुभारंभ प्रदेश में अप्रैल-2006 से किया गया था। इसमें अभी तक कुल 4 लाख 27 हजार 114 कन्याओं का विवाह करवाया गया है। इसके लिए विभाग द्वारा 724 करोड़ 16 लाख रूपये की सहायता राशि दी गई।
   श्री गोपाल भार्गव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री की पहल पर वर्ष 2012 से प्रदेश में मुस्लिम बेटियों के लिए "मुख्यमंत्री निकाह योजना" शुरू की गई। इस योजना में वर्ष 2012-13 में 1766 बेटियों, वर्ष 2013-14 में 2579, वर्ष 2014-15 में 1248, वर्ष 2015-16 में 2139, वर्ष 2016-17 में 1666 तथा वर्ष 2017-18 में 1278 बेटियों का निकाह करवाया गया है।

बाल अधिकारों पर 28 मार्च को कार्यशाला

बाल अधिकारों पर 28 मार्च को कार्यशाला 

अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा 28 मार्च को बाल अधिकारों पर राज्य स्तरीय समीक्षा सह-कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। समन्वय भवन न्यू मार्केट में प्रातः 9.30 बजे से आरंभ होने वाली यह कार्यशाला शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पर केन्द्रित रहेगी।
   सभी जिलों के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष तथा सदस्य, विशेष न्याय बोर्ड के प्रभारी अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस इकाई के प्रतिनिधि तथा बाल कल्याण अधिकारी कार्यशाला में भाग लेंगे। कार्यशाला में बच्चों से संबंधित विभिन्न अधिनियमों के क्रियान्वयन पर प्रस्तुतिकरण एवं चर्चा होगी।
 

प्रदेश में 9 खनिज खण्ड ई-नीलामी के लिये तैयार

प्रदेश में 9 खनिज खण्ड ई-नीलामी के लिये तैयार 
खनिज संसाधन का मूल्य 65 हजार करोड़ रुपये निर्धारित 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
     मध्यप्रदेश में खनिज भण्डारों की खोज कर उन्हें खनि-रियायतों के नियमों के अंतर्गत खदानें स्वीकृत की जा रही हैं, ताकि खनिज आधारित उद्योग की स्थापना के साथ-साथ खनिजों का मूल्य संवर्धन सुनिश्चित हो सके तथा इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित हो सकें।
    खनिज साधन विभाग ने इस वर्ष 9 खनिज खण्डों को ई-नीलामी से देने के लिये तैयार किया गया है। इनका मूल्य करीब 65 हजार करोड़ रुपये है। इन 9 खनिज खण्डों में छतरपुर जिले की एक हीरा खनिज, सतना जिले की दो चूना-पत्थर खनिज, धार जिले की एक चूना-पत्थर खनिज, रीवा जिले का एक बॉक्साइड खनिज, जबलपुर जिले का एक आयरन खनिज, दमोह जिले के दो चूना-पत्थर खनिज और बैतूल जिले के एक ग्रेफाइट खनिज ब्लॉक शामिल हैं। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की स्टेट यूनिट, भोपाल ने 6 अतिरिक्त जी-2 श्रेणी के खनिज खण्ड विभाग को प्रस्तावित किये हैं। इनका परीक्षण किया जा रहा है। इसे भी नीलामी की प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है।
    खनिज साधन विभाग ने सतना जिले में तीन चूना-पत्थर खनिज खण्डों का जी-2 स्तर पर एनएमईटी फण्ड से एमईसीएल के माध्यम से अन्वेषण कार्य पूर्ण करवाया है। इसमें लगभग 550 मिलियन टन चूना-पत्थर होने का आकलन किया गया है। इसके अलावा, खनिज विभाग द्वारा धार और नीमच में दो चूना-पत्थर खनिज खण्डों में जी-2 स्तर के अन्वेषण का कार्य मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के माध्यम से करवाया जा रहा है। इन दो खनिज खण्डों को भी आगामी नीलामी प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है।
 

क्षमता बढ़ाने खर्च होंगे एक लाख दस हजार करोड़ - मुख्यमंत्री श्री चौहान

क्षमता बढ़ाने खर्च होंगे एक लाख दस हजार करोड़ - मुख्यमंत्री श्री चौहान 

अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने पर एक लाख दस हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। अगले पांच सालों में सिंचाई क्षमता बढाकर 80 लाख हेक्टेयर की जायेगी। उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश का अभूतपूर्व विकास हुआ है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। विकास दर पिछले तेरह सालों में दो अंकों में रही है।
    श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की 65 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। किसानों ने अभूतपूर्व कृषि उत्पादन दिया है। कृषि उत्पादन अब समस्या नहीं रही। अब किसानों को सही मूल्य दिलाने की चुनौती है। इसके लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य, भावांतर भुगतान योजना और मुख्यमंत्री कृषि समृद्धि योजना जैसे बेहतर विकल्प उपलब्ध कराये गये है। उन्होने कहा कि भावांतर भुगतान योजना को पूरे देश में लागू करने पर केन्द्र विचार कर रहा है।
    बासमती चावल के मुददे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसान 1908 से बासमती चावल का उत्पादन कर रहे हैं। कनाडा और अमेरिका में जितना बासमती चावल का निर्यात होता है, उसमें 50 प्रतिशत सिर्फ मध्यप्रदेश से हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ निर्यातकों और विशेष रूप से पाकिस्तान को यह पसंद नहीं कि मध्यप्रदेश के बासमती चावल को भौगोलिक पहचान का प्रमाणपत्र मिले। बासमती उत्पादक किसानों के लिये पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे।
    श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने से राज्यों का राजस्व आधार मजबूत हुआ है। राज्य को केन्द्रीय करों और अन्य योजनाओं में एक लाख करोड़ रूपये मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री असंगठित क्षेत्र श्रमिक कल्याण योजना देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना है। श्रमिकों के बच्चों की पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई-लिखाई, श्रमिकों का मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं मिलेंगी। उन्हें 2022 तक पक्का मकान मिलेगा। वे आवासीय जमीन के मालिक होंगे।
    पूर्ण शराब बंदी के बारे में अपने विचार रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सामाजिक जन-जागरण से जुड़ा विषय है। इसकी हानि के प्रति जागरूकता बढ़ाकर इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है। कानून व्यवस्था के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार गुंडो के लिये कठोर है। गुंडों को सबक सिखाने में नागरिकों का सहयोग चाहिये। श्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के परिसंघों को पोषण आहार तैयार करने की निर्माण इकाईयों का संचालन सौंपने का फैसला लिया गया है। अगले छह महीनों में महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघ पोषण आहार कारखानों का संचालन करने की स्थिति में होगे। 

स्व-रोजगार योजनाओं में 6.74 लाख हितग्राही लाभान्वित - राज्य मंत्री श्री पाठक

स्व-रोजगार योजनाओं में 6.74 लाख हितग्राही लाभान्वित - राज्य मंत्री श्री पाठक 
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार एवं युवा उद्यमी योजना के लिये 476 करोड़ का प्रावधान 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018


   प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों को स्व-रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना और प्रधानमंत्री रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत स्व-रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित किये जा रहे हैं। एमएसएमई विभाग एवं केन्द्र शासन की स्व-रोजगार योजनाओं को मिलाकर प्रदेश में वर्ष 2017-18 में 7 लाख 50 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 6 लाख 74 हजार हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ दिलवाया गया है।
   सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक ने यह जानकारी देते हुए बताया है कि आगामी वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और युवा उद्यमी योजना में 476 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के लिये 280 करोड़ और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के लिये 196 करोड़ रूपये की राशि रखी गई है। इसी तरह एमएसएमई को प्रोत्साहन के लिये 167 करोड़ और औद्योगिक अधोसंरचना विकास के लिये 72.60 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जायेगी।
   राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि इन योजनाओं में हितग्राहियों को स्व-रोजगार के अवसर सृजित करवाने के लिये सभी जिला मुख्यालयों पर स्व-रोजगार सम्मेलन आयोजित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी परियोजना में अधिकतम लागत एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रूपये कर दी गई है। इसी के साथ, किसानों के पुत्र/पुत्री को दो करोड़ रूपये तक लागत की परियोजना के नवीन उद्यम स्थापित करवाने के लिये मुख्यमंत्री कृषक उद्यम योजना प्रारंभ की गई है।

शिक्षकों तथा बच्चों की उपस्थिति अब ऑनलाइन होगी दर्ज

शिक्षकों तथा बच्चों की उपस्थिति अब ऑनलाइन होगी दर्ज 
 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति अब आगामी 1 अप्रैल से “एम- शिक्षा मित्र मोबाईल एप” के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। साथ ही बच्चों की उपस्थिति के आधार पर मध्यान्ह भोजन की भी ऑनलाइन मॉनीटरिंग होगी। इस संबंध में वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये गये है कि समस्त संकुल प्राचार्य, बीआरसी, बीईओ एवं जनशिक्षक अपने अधीनस्थ कर्मचारी के मोबाईल नंबर को समय-सीमा में पोर्टल पर अपडेट कराएं।
   “एम-शिक्षा मित्र मोबाईल एप” प्रतिदिन शिक्षकों की उपस्थिति को ऑनलाइन दर्ज करना, समस्त अवकाश एवं आकस्मिक अवकाश को प्रतिदिन दर्ज करना, सायकिल मैपिंग करना, एस एम सी के कार्य की जानकारी दर्ज करना, प्रतिभा पर्व की जानकारी दर्ज करना, कर्मचारियों द्वारा स्वयं ई-सर्विस बुक अपडेट करना, शाला निरीक्षण की एंट्री करना, छात्रों की प्रतिदिन उपिस्थिति दर्ज करना तथा मध्यांह भोजन की प्रतिदिन जानकारी भरने की सुविधा रहेगी। इस सभी जानकारियों को प्रतिदिन मोबाईल एप के माध्यम से अद्यतन किया जा सकेगा।

चना मसूर सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये 31 मार्च तक होंगें पंजीयन

चना मसूर सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये 31 मार्च तक होंगें पंजीयन 
 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   उप संचालक कृषि विकास कृषक कल्याण अनूपपुर श्री एन.डी. गुप्ता ने बताया है कि शासन के निर्देष के परिपालन में रबी 2017-18 की चना,मसूर, एवं सरसों की नियमतः समर्थन मूल्य पर खरीदी कराई जायेगी।
   कृषि उपज मण्डियों को प्राईज सपोर्ट स्कीम अंतर्गत उक्त कृषि फसलों के लिए खरीदी केन्द्र घोषित किया गया है न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का कार्य 10 अप्रैल से 31 मई 2018 तक किया जायेगा। साथ ही साथ चना मसूर, तथा सरसों के पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 24 मार्च 2018 को बढ़ाकर 31 मार्च 2018 नियत की गई है।

मां तुझे प्रणाम योजना के लिये आवेदन की तिथि बढ़ी

मां तुझे प्रणाम योजना के लिये आवेदन की तिथि बढ़ी 
अब 31 मार्च तक कर सकते हैं योजना के तहत आवेदन 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी अनूपपुर ने बताया कि मां तुझे प्रणाम योजनांतर्गत जिन विकासखण्ड़ स्तरों में आवेदन पत्र निर्धारित योग्यता में अप्राप्त है। उन विकासखण्ड़ों हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित करने के संचालनालय खेल और युवा कल्याण विभाग मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिनांक 31 मार्च 2018 तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। उन्होंने बताया कि जिन युवक-युवतियों द्वारा फार्म कार्यालय में 20 मार्च 2018 तक कार्यालय में जमा किया जा चुका है, उन्हें पुनः आवेदन करने की आवश्यकता नही है। केवल रिक्त योग्यता वाले विकासखण्ड़ के ही युवक-युवतियों के आवेदन फार्म आमंत्रित किये गये है। आवेदक की विस्तृत एवं अधिक जानकारी के लिये कार्यालय जिला खेल और युवा कल्याण विभाग अनूपपुर से संपर्क कर सकते हैं।
    उल्लेखनीय है कि राष्ट्रवाद की भावना से ओत प्रोत “माँ तुझे प्रणाम” योजना मध्यप्रदेश शासन की एम महत्वपूर्ण पहल है। इसका प्राथमिक उद्देश्य युवाओं में राष्ट्र की सीमाओं के प्रति आदर का भाव विकसित करना, भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों तथा दिनचर्या से अवगत कराना, साथ ही राष्ट्र के प्रति समर्पण, नेतृत्व विकास पर मार्गदर्शन दिया जाना है। माँ तुझे प्रणाम योजना के अंतर्गत प्रत्येक विकासखण्ड़ स्तर पर 20 युवाओं (10 युवक एवं 10 युवतियों) का चयन भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं में से किसी एक स्थल की अनुभव यात्रा के लिये किया जावेगा।
 

अनूपपुर जिले के शिक्षको ने जॉयफुल लर्निंग उन्मुखीकरण कार्यक्रम को सुना

अनूपपुर जिले के शिक्षको ने जॉयफुल लर्निंग उन्मुखीकरण कार्यक्रम को सुना 
प्रसन्नता से किया गया कार्य सदैव लाभकारी - यह एक उत्कृष्ठ पहल 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
  
   इस वर्ष नवीन शैक्षणिक सत्र जॉयफुल लर्निंग संकल्पना के आधार पर 2 अप्रैल से शुरू होगा।  इसके अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को आनंददायी वातावरण मे सीखने हेतु प्रेरित करने के लिए जॉयफूल लर्निंग (आनंददायी अधिगम) की संकल्पना पर आधारित मूलभूत दक्षता मे उन्नयन करने का निर्णय लिया गया है। इस संकल्पना के प्रति शिक्षको के उन्मुखीकरण के लिए आज दूरदर्शन मध्यप्रदेश कार्यक्रम का प्रसारण प्रातः 11:30 से 12:00 बजे किया गया। जिला परियोजना समन्वयक श्री हेमंत खैरवार ने कार्यक्रम के श्रवण के लिए आवश्यक व्यवस्थाए की थी। उक्त कार्यक्रम को जिले के शासकीय स्कूल के शिक्षको द्वारा सुना एवं समझा गया। इस संकल्पना के अंतर्गत बच्चो को विशेष किट दी जाएगी जिसमे स्केच पेन, रंगीन पेपर एवं गोंद आदि सामग्री रहेगी। शैक्षणिक सत्र के प्रारम्भ मे शाला प्रबंधन समिति की बैठक, मातृ सम्मेलन का आयोजन, विशेष बल सभा का आयोजन होगा जिसके अंतर्गत पालकों, शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों, वरिष्ठ ग्रामीण जनो द्वारा अपने अनुभव का साझा करना, गाँव के गौरव पर चर्चा, स्थानीय खेल एवं नाटक आदि रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाने के निर्देश हैं।
   साथ ही जॉयफुल लर्निंग गतिविधियों के प्रभावी आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए सप्ताह मे कम से कम दो बार अनुवर्तन किया जाएगा एवं शिक्षको की गतिविधियों के आयोजन के संबंध मे सहयोग दिया जाएगा।
 

जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिये फेसिलिटेटर का चयन परीक्षा 3 अप्रैल को

जिले के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिये फेसिलिटेटर का चयन परीक्षा 3 अप्रैल को 
 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
   जिला परियोजना संमन्वयक अनूपपुर ने बताया है कि जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को विषयवार प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु मास्टर फेसिलिटेटर का चयन किया जाना है। फेसिलिटेटर के चयन हेतु जिन अभ्यर्थियों ने आन लाईन आवेदन किया है। उनका स्क्रीनिंग टेस्ट शासकीय मॉडल उमावि रमसा अनूपपुर में 03 अप्रैल 2018 को प्रातः 9:30 बजे से आयोजित किया जायेगा।
   उन्होंने बताया है कि स्क्रीनिंग टेस्ट 2 चरण में किया जायेगा। प्रथम चरण में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय अभ्यर्थी  द्वारा चयनित प्रथम विषय का 11:00 से 12:15 बजे तक एवं द्वितीय चरण में द्वितीय विषय का टेस्ट दोपहर 1:00 से 2:15 बजे तक  होगा। उक्त प्रक्रिया में आन लाईन आवेदन प्राप्त करने के साथ-साथ समस्त जनशिक्षक एवं बीएसी का सम्मिलित होना अनिर्वाय है।
   स्क्रीनिंग टेस्ट के उपरान्त मॉक टेस्ट 04 अप्रैल 2018 को 11:00 बजे से होगा। जिसमें अभ्यर्थी टीएलएम व अन्य सहायक सामग्री सहित मॉक कक्षा संबंधित विषयवस्तु की तैयारी पैनल के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये करें व्यापक प्रचार-प्रचार - कलेक्टर श्री शर्मा

असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिये करें व्यापक प्रचार-प्रचार - कलेक्टर श्री शर्मा 
 
अनुपपुर | 26-मार्च-2018
 
    कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने अनूपपुर जिले के अन्तर्गत समस्त मुख्य नगरपालिका अधिकारियों एवं मुख्यकार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत को निर्देशित किया है कि असंगठित श्रमिकों के अधिक से अधिक पंजीयन सुनिश्चित करने के लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें। आपने बताया कि  बताते हुये कहा  01 से 7 अप्रैल तक समस्त जिलें में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का विशेष अभियान चलाकर पंजीयन किया जाएगा।
    योजना के अनुसार कृषि मजदूर, घरों में काम करने वाले, फेरी लगाने वाले दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, पक्की ईंट बनाने वाले, बाजारों में दुकान पर काम करने वाले, गोदामों में काम करने वाले, परिवहन, हथकरघा, पावरलूम, रंगाई-छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े में वस्तुयें और जूते बनाने वाले, ऑटो रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लुहार, बढ़ई तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे उपरोक्त सभी असंगठित श्रमिक हैं।
    पंजीयन के फलस्वरूप गर्भवती श्रमिक को महिलाओं को पोषण आहार 4 हजार रुपये, प्रसव होनें पर 12 हजार 500रूपये मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये एवं दुर्घटना  से मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये सहायता, अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपये सहायता, गंभीर बीमारी पर ईलाज, हर श्रमिक को मकान हेतु सहायता, श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से उच्च शिक्षा हेतु सहायता, प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग, स्वयं का रोजगार हेतु प्रशिक्षण और बैंक ऋण, श्रमिकों हेतु स्वरोजगार प्रशिक्षण, साइकिल-रिक्शा चलाने वाले को ई-रिक्शा और हाथ ठेला चलाने वाले को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल। 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार की सब्सिडी दी जाएगी, शहरों में छोटे-मोटे काम करने वालों को साईकिल के लिए 4 हजार रुपये की सहायता, असंगठित श्रमिक परिवारों को बिजली कनेक्शन उनसे 200 रुपये मासिक फ्लैट रेट पर बिजली, तेंदुपत्ता तोड़ने, महुआ के फूल एवं चिरोंजी बीनने वाली श्रमिक बहनों को चरण पादुका योजना के तहत जूते-चप्पल और प्यास बुझाने के लिए ठंडे पानी की कुप्पी आदि के साथ-साथ श्रमिकों के कल्याण की अन्य योजनाओं से हितग्राही लाभन्वित होंगें।
    योजना में पंजीयन के लिये आवेदक  18 से 60 वर्ष तक की आयु का हो, असंगठित श्रमिक श्रेणी में कार्यरत हो, आयकर दाता ना हो एवं 2 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि का स्वामी  न हो।
  पंजीयन हेतु निर्धारित प्रारूप में आवेदन सह घोषणा पत्र,  समग्र आई. डी. क्रमांक, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, आधार कार्ड की फोटोकॉपी की आवश्यकता है। पंजीयन निशुल्क होगा एवं पंजीयन दिनांक से 5 वर्ष तक वैध होगा।
    पंजीयन शिविर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर एवं शहरी क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर लगायें जायेंगे।
    कलेक्टर श्री शर्मा ने अनुरोध किया है कि असंगठित क्षेत्र में कार्य कर रहे सभी श्रमिक अपना पंजीयन अवश्य करायें और सरकार की योजनाओं  का लाभ उठायें।

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