एमएसएमई विभाग से औद्योगिक परिदृश्य में आया सकारात्मक बदलाव |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम का महती योगदान रहता है। इसी के मद्देनजर मध्यप्रदेश में आज से ठीक दो साल पहले 5 अप्रैल 2016 को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग का गठन किया गया था। इन दो वर्ष की अवधि में एमएसएमई के लिए ठोस नीतियाँ बनाकर उनके मुस्तैदी से क्रियान्वयन का ही प्रतिफल है कि प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में भी तेजी से सकारात्मक बदलाव आया है।
उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा, उद्यमियों को शहरों के नजदीक रियायती दरों पर भूमि, एमएसएमई विकास नीति 2017 एवं एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2017 का एक अप्रैल 2018 से प्रभावशील होना, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में उद्यमियों को ऋण की सीमा का विस्तार, विभिन्न अनुदान का एकीकरण कर एमएसएमई को निवेश का 40 फीसदी उद्योग विकास अनुदान के रूप में 5 वार्षिक किश्तों में दिए जाने का प्रावधान, निवेशकों को मध्यम श्रेणी के विनिर्माण उद्यम की स्थापना के उद्देश्य से निजी भूमि खरीदने पर अथवा अविकसित शासकीय भूमि शासन से प्राप्त करता है तो ऐसी इकाई को इकाई परिसर तक पानी, सड़क और बिजली व्यवस्था के लिए अधोसंरचना विकास में किये गये व्यय की 50 फीसदी अथवा अधिकतम 25 लाख रूपये की वित्तीय सहायता जैसे अनगिनत प्रावधानों की वजह से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की स्थापना के लिए उद्यमी आगे आए हैं। इन उद्योगों की स्थापना से युवा और शिक्षित बेरोजगारों को नई दिशा मिली है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम का वर्गीकरण
प्लांट एवं मशीनरी उपकरणों (भूमि और भवन को छोड़कर) में पूँजीवेष्ठन की अधिकतम सीमा के आधार पर मैन्युफेक्चरिंग और सर्विस उद्यम को वर्गीकृत किया गया है। सूक्ष्म उद्यम में मैन्यूफैक्चरिंग पूँजीवेष्ठन सीमा 25 लाख रूपये, सर्विस सेक्टर पूँजीवेष्ठन सीमा 10 लाख रूपये, लघु उद्यम में मैन्यूफैक्चरिंग पूँजीवेष्ठन सीमा 25 लाख से अधिक और 5 करोड़ रूपये तक, सर्विस सेक्टर में पूँजी वेष्ठन सीमा 10 लाख से अधिक और 2 करोड़ रूपये की सीमा तक और मध्यम उद्यम में मैन्यूफैक्चरिंग पूँजीवेष्ठन सीमा 5 करोड़ से अधिक और अधिकतम 10 करोड़ तक और सर्विस सेक्टर में पूँजी वैष्ठन सीमा 2 करोड़ से अधिक और अधिकतम 5 करोड़ तक के उद्यम आयेंगे।
ढाई लाख से ज्यादा उद्योग पंजीकृत
विभाग के गठन के बाद दो वर्ष में अब तक 2 लाख 56 हजार से ज्यादा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पंजीकृत हुए। इनमें 1 लाख 24 हजार करोड़ से ज्यादा का पूँजी निवेश हुआ और प्रत्यक्ष रूप से 5 लाख 63 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिला।
स्व-रोजगार योजना से रोजगार
मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में एमएसएमई विभाग द्वारा वित्त वर्ष 2017-18 में फरवरी 2018 अंत तक करीब 24 हजार प्रकरण में सवा 894 करोड़ की वित्तीय सहायता युवाओं को दी गई। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में इसी अवधि में 970 प्रकरण में करीब 136 करोड़ का ऋण एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में करीब 25 करोड़ रूपये की सहायता वितरित की गई।
स्व-रोजगार योजनाओं में ऋण सीमा बढ़ी
विभाग की स्व-रोजगार योजना में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम शामिल हैं। इनमें मुख्यमंत्री युवा उद्यमी, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में सहायता प्राप्त करने की पात्रता में नवम्बर 2017 से संशोधन किया गया है। योजनाओं में आवेदक का परिवार पहले से उद्योग, व्यापार क्षेत्र में स्थापित न होने एवं आवेदक के आयकरदाता न होने की शर्त जोड़ी गई है। साथ ही बीपीएल आवेदकों को अतिरिक्त सहायता का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना में भी अब परियोजना लागत न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 2 करोड़ की गई है। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में परियोजना लागत न्यूनतम 50 हजार और अधिकतम 10 लाख रूपये तक का ऋण दिया जाता है।
मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना
किसानों के पुत्र-पुत्री उद्योग और सेवा क्षेत्र से सम्बन्धित कम से कम 10 लाख से और अधिकतम 2 करोड़ रूपये तक की कृषि परियोजनाओं पर आधारित अपना उद्यम स्थापित कर सकेंगे। इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना प्रारंभ की गई है। योजना में मार्जिन-मनी, सहायता, ब्याज अनुदान एवं ऋण गारंटी का लाभ विभाग द्वारा दिया जाएगा।प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम राष्ट्रीय कार्यक्रम है। नोडल एजेन्सी खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग है। प्रदेश में योजना का संचालन खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड और जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में शिक्षित बेरोजगारों को उद्योग के लिए अधिकतम परियोजना लागत 25 लाख तथा सेवा व्यवसाय के लिए अधिकतम परियोजना लागत 10 लाख का ऋण बैंक के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाता है। कार्यक्रम में हितग्राहियों को शहरी और ग्रामीण के आधार पर मार्जिन-मनी सहायता का लाभ दिया जाता है।
एमएसएमई विकास- नीति- और प्रोत्साहन योजना लागू
प्रदेश के समग्र औद्योगिक विकास के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2017 और एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2017 बनाकर 1 अप्रैल 2018 से लागू की गईं हैं। विकास नीति में प्रमुख रूप से औद्योगिक इकाइयों को अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों, जिनमें ईटीपी, एसटीपी आदि शामिल हैं, की स्थापना में निवेश के लिए 50 प्रतिशत पूँजी अनुदान अधिकतम 25 लाख रूपये मिलेंगे। निजी औद्योगिक क्षेत्रों और बहु-मंजिला औद्योगिक परिसर की स्थापना विकास के लिए व्यय की गई राशि का 20 प्रतिशत अधिकतम 2 करोड़ की सहायता, विकसित औद्योगिक क्षेत्र का क्षेत्रफल न्यूनतम पाँच एकड़ या बहु-मंजिला औद्योगिक परिसर का कारपेट क्षेत्र कम से कम 10 हजार वर्ग फीट और इनमें पाँच औद्योगिक इकाइयाँ कार्यरत होना जरूरी होगा। नई औद्योगिक इकाइयाँ जिनमें दस से अधिक नियमित कर्मचारियों के सीपीएफ में प्रति कर्मचारी एक हजार रूपये नियोक्ता के अंश के रूप में जमा किए जा रहे हों, ऐसे कर्मचारियों को नियोक्ता के अंश की शत-प्रतिशत राशि की प्रतिपूर्ति पाँच साल तक की अवधि के लिए या अधिकतम 5 लाख रूपये (इनमें जो भी कम हो) विभाग द्वारा की जाएगी। गुणवत्ता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम 3 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति विभाग द्वारा की जाएगी। राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय नियम कानून के अंतर्गत शोध एवं अनुसंधान के आधार पर विकसित किए गए उत्पादों, उत्पादन प्रक्रियाओं का पेटेंट आईपीआर कराने पर हुए व्यय का शत-प्रतिशत, अधिकतम 5 लाख रूपये की प्रतिपूर्ति उद्यमियों विभाग द्वारा की जाएगी। भारत सरकार की आईएनएसआईटीयू अपग्रेडेशन योजना में पावरलूम के उन्नयन के वास्ते किये गये व्यय में से, भारत सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता के समायोजन के बाद, शेष राशि का शत- प्रतिशत या उन्नयन लागत का 25 प्रतिशत, जो भी कम हो अधिकतम 8 पॉवरलूम प्रति इकाई सहायता उद्यमियों के लिए मिलेगी।इसी तरह एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2017 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को सहायता, सुविधा को और अधिक सुगम तथा सरल बनाया गया है।
लैण्ड बैंक एवं औद्योगिक क्षेत्रों का विकास
प्रदेश में औद्योगिक प्रयोजन के लिए उपलब्ध उपयुक्त शासकीय भूमियों का लैण्ड बैंक बनाया गया है। इससे उद्यमियों को उद्योग लगाने के लिए भूमि उपलब्ध करवायी जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 186 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। साथ अनेक अवविकसित भूमियों को चिन्हित किया जाकर उन्हें भी विकसित कराया जा रहा है। पिछले वित्त वर्ष में औद्योगिक विहीन जिला अनूपपुर, उमरिया एवं अशोक नगर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किये जाकर भू-खण्डों का आवंटन किया गया है। इसी तरह शिवपुरी जिले में करेरा, उज्जैन में फर्नाखेड़ी, डिन्डौरी में कोहका और अलीराजपुर जिले के सेजवाड़ा में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करवाए जा रहे हैं। उद्यमियों को शहरों के नजदीक उद्योग लगाने के लिए रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है।
लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड
एमएसएमई के संवर्धन के लिए परामर्श एवं सुझाव, एमएसएमई नीति पर सुझाव तथा उद्योगों में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण के लिए विभागीय मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड गठित किया गया है। बोर्ड की बैठकों में विभिन्न औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद के बाद उनके सुझावों को ध्यान में रखकर ही एमएसएमई विकास नीति बनाई गई है। स्थानीय स्तर की समस्याओं के निराकरण के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई हैं।
नई प्राथमिकताएँ
एमएसएमई विभाग की स्थापना के दो वर्ष पूर्ण होने अब विजन- 2018 के अंतर्गत प्रदेश को पूर्ण विकसित एवं औद्योगिक प्रदेश बनाने की प्राथमिकता तय की गई है। एमएसएमई सेक्टर को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए उन्हें वृहद उद्योगों से जोड़े जाने के लिए वेण्डर विकास कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जायेगा। अभी तक एक हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को पंजीकृत किया जाकर 100 से अधिक एंकर इकाइयों से सम्पर्क कराया गया है। शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए उद्यमी विकास प्रशिक्षण को ऑनलाइन किया जाएगा। इससे उद्यमी अपने घर बैठे नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने उद्यम लगाने में सफल होंगे।विभाग को चालू माली साल के लिए 852 करोड़ 42 लाख 65 हजार रूपये का बजट मंजूर हुआ है। मिले बजट से एमएसएमई विभाग शिक्षित बेरोजगारों को अधिक रोजगार सृजित कराने में सफल हो सकेगा। |
Thursday, April 5, 2018
एमएसएमई विभाग से औद्योगिक परिदृश्य में आया सकारात्मक बदलाव
एम.पी. कॅरियर मित्र मोबाइल एप पर परिणामों का किया गया विश्लेषण
एम.पी. कॅरियर मित्र मोबाइल एप पर परिणामों का किया गया विश्लेषण |
छात्रों ने वाणिज्य संकाय में पहली और कृषि विषय चुनने में दिखाई दूसरी प्राथमिकता |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
स्कूल शिक्षा विभाग के एम.पी. कॅरियर मित्र पोर्टल को छात्रों के बीच अच्छी सफलता मिली है। स्कूल के विद्यार्थी अपना समग्र आई.डी. डालकर <www.mpcareermitra.in> और mpcareermitra एप पर जाकर अभिरुचि परीक्षण में जाहिर की गई पसंद और नापसंद के आधार पर स्वयं के कॅरियर रिपोर्ट कार्ड को देख सकते हैं। इसके लिये उन्हें पोर्टल <www.mpcareermitra.in> पर जाना होगा अथवा गूगल प्ले-स्टोर से mpcareermitra मोबाइल एप को डाउनलोड करना होगा। mpcareermitra एप में प्रदेश के शिक्षण संस्थानों और उनमें संचालित कोर्स की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। पोर्टल में विषय से संबंधित जानकारी टिप्स के अतिरिक्त विशेषज्ञों के संदेश भी उपलब्ध करवाये गये हैं।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कक्षा-10 के विद्यार्थियों का अभिरुचि परीक्षण 15 से 21 फरवरी तक आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की रुचियों और अभिरुचियों की पहचान कर उनकी रुचियों के अनुरूप कॅरियर चुनने में मार्गदर्शन देना था। अभिरुचि परीक्षण में प्रदेशभर से 8,152 सरकारी स्कूलों के 5 लाख 41 हजार विद्यार्थियों ने 88 हजार 506 मोबाइल सेट का उपयोग करते हुए परीक्षण में भाग लिया। विद्यार्थियों ने अभिरुचि के 7 क्षेत्र वर्दीधारी सेवा, कृषि, कला, ललित-कला, आरोग्य और जैविक विज्ञान, वाणिज्य और तकनीकी क्षेत्र से संबंधित 140 प्रश्नों के संबंध में अपनी पसंद-नापसंद को एम.पी. कॅरियर मित्र एप पर जाहिर किया। विश्लेषण के बाद 2 लाख 13 हजार विद्यार्थियों ने वाणिज्य विषय में, एक लाख 67 हजार विद्यार्थियों ने कृषि विषय में, एक लाख 8 हजार विद्यार्थियों ने ललित-कला में और एक लाख 5 हजार विद्यार्थियों ने वर्दीधारी सेवा विषय में अपना कॅरियर चुनने में रुचि व्यक्त की है। प्रदेश में 9 से 21 अप्रैल को एप्टीट्यूड टेस्ट के माध्यम से विद्यार्थियों की क्षमता का परीक्षण भी मोबाइल एप के माध्यम से किया जायेगा। इस परीक्षण के आधार पर विद्यार्थी स्वयं के इंटरेस्ट के विषय का चुनाव तथा उच्च अध्ययन की क्षमता का आकलन संबंधित रिपोर्ट में देख सकेंगे। एम.पी. कॅरियर मित्र पोर्टल एवं मोबाइल एप स्कूल शिक्षा विभाग और श्यामची आई फाउण्डेशन, पुणे के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया है। फाउण्डेशन द्वारा यह कार्य नि:शुल्क रूप से कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फण्ड का उपयोग करते हुए किया गया है। |
फसलों के नुकसान पर अब न्यूनतम 5 हजार और अधिकतम 1.20 लाख मिलेंगे
फसलों के नुकसान पर अब न्यूनतम 5 हजार और अधिकतम 1.20 लाख मिलेंगे |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
राज्य शासन द्वारा फरवरी 2018 में हुई ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान तथा भविष्य में होने वाली इसी प्रकार की फसलों के नुकसान पर दिये जाने वाली राहत राशि में वृद्धि की गई है। इस संबंध में राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक 4 में संशोधन कर दिया गया है।
आदेशानुसार कम मूल्य की फसल की क्षति हो़ने पर अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी। एक कृषक को सभी फसलों के मामलों में देय राशि 5 हजार रूपये से कम नहीं होगी। पहले यह राशि 2 हजार रूपये थी। इसी तरह, फसल हानि के लिये अथवा फलदार पेड़, उन पर लगे संतरा, नीबू, पपीता, केला, अंगूर, अनार आदि की फसलों और पान बरेजा आदि की हानि होने पर किसी भी खातेदार को आर्थिक अनुदान सहायता अधिकतम एक लाख 20 हजार रूपये तक दी जा सकेगी। पहले अनुदान सहायता की अधिकतम सीमा 60 हजार रूपये थी। |
केन्द्र से रबी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मसूर और सरसों के उपार्जन का अनुमोदन
केन्द्र से रबी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मसूर और सरसों के उपार्जन का अनुमोदन |
10 अप्रैल से शुरू होकर 60 दिन होगी खरीदी |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
प्रदेश में रबी सीजन 2017-18 में प्राईस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मसूर और सरसों खरीदी के लिये केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से अनुमोदन प्राप्त हो गया है। अनुमोदन के अनुसार इन दोनों जिंसों की खरीदी का कार्य 10 अप्रैल से शुरू होगा, जो 60 दिन चलेगा।
प्रदेश में केन्द्रीय एजेन्सियों द्वारा अधिकतम सरसों की खरीदी 3 लाख 90 हजार 400 मीट्रिक टन और मसूर की खरीदी एक लाख 36 हजार 808 मीट्रिक टन की जायेगी। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये राज्य शासन ने कृषि उपज मण्डी के अलावा खरीदी केन्द्रों पर किसानों की सुविधा के लिये व्यापक व्यवस्था की है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये नाफेड, भारतीय खाद्य निगम और एस.एफ.ए.सी. को निर्देश जारी किये हैं। प्रमुख सचिव किसान-कल्याण एवं कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चना उपार्जन का लक्ष्य एक-दो दिन में जारी हो जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने केन्द्र से चना का 21 लाख मीट्रिक टन उपार्जन लक्ष्य दिये जाने की माँग की है। |
पुलिस अधीक्षक ने ली अपराध गोष्ठी
पुलिस अधीक्षक ने ली अपराध गोष्ठी |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
प्रभारी पुलिस अधीक्षक श्री हितेश चौधरी द्वारा गत दिवस को 11.00 बजे से समस्त थाना/चौकी प्रभारी जिले के राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की अपराध गोष्ठी कार्यालय के मीटिंग हाल अनूपपुर में ली गई। अपराध गोष्ठी में सम्पूर्ण देश में एससी/एसटी वर्ग के द्वारा 02. अप्रैल 2018 भारत बंद करने पर बिगड़े हालात एवं 10. अप्रैल 2018 को पुनः जनरल वर्ग के व्यक्तियो द्वारा भारत बंद की घोषणा करने एवं 14 अप्रैल 2018 को डॉ. भीम राव अम्बेडकर जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाये जाने वाले कार्यक्रमों को मद्देनजर रखते हुये अपने अपने थाना क्षेत्रों में होटल,लॉज, राजकीय सीमाएँ, संदिग्धों की चेकिंग, पेट्रोलिंग, गस्त में विशेष सुरक्षा व्यवस्था हेतु दिशा निर्देश दिये गये है, एवं सीसीटीएनएस, डायल 100 को प्रभावी बनाने, ग्रामों के भ्रमण सरपंच, सचिवों एवं ग्रामों में जनसंवाद करके समन्यवय स्थापित करने क्षेत्रों में स्थित धार्मिक स्थलों प्रबुद्ध व्यक्तियों की मूर्तियों की सुरक्षा, के साथ साथ शान्ति समिति की बैठक समय समय पर लेवें साथ ही थानें में आये फरियादी (महिला,बुजुर्ग, बच्चे) के समस्याओ का तत्काल निराकरण करें एवं लंबित गंभीर अपराध जो सीआरपीसी के अतंर्गत लंबित प्रकरण, एससी,एसटी एक्ट एवं सीएमहेल्प लाईन/महिला हेल्प लाईन की शिकायतों एवं लंबित मामलो कि थानावार समीक्षा कर त्वरित निराकरण हेतु सभी अनुविभागीय अधिकारी/थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए।
अपराध गोष्ठी में अनुविभागीय अधिकारी (पु)अनूपपुर उमेश गर्ग, कोतमा विजय प्रताप सिहं, पुष्पराजगढ़ श्री मलखान सिहं, प्रशिक्षुक उप पुलिस अधीक्षक रोविन जैन,निज सचिव पुलिस अधीक्षक एन.एस.ठाकुर, मुख्यलिपिक आर.आर.एस. धुर्वे, रक्षित निरीक्षक कमलेश परस्ते, एवं समस्त थाना/चौकी प्रभारी उपस्थित रहें। |
वेतन निर्धारण हेतु निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें- जिला कोषालय अधिकारी
वेतन निर्धारण हेतु निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें- जिला कोषालय अधिकारी |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
जिला पेंशन अधिकारी अनूपपुर ने बताया है कि संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. भोपाल के पत्र क्रमांक/न.को.प्र./2017-18/2017 भोपाल 26 मार्च 2018 के द्वारा वेतन निर्धारण प्रक्रिया में निर्देश जारी किये गये हैं। जिसके माध्यम से वेतन निर्धारण प्रकरणों में नियुक्ति दिनांक, जन्म तिथि, सेवानिवृत्ति का सत्यापन करने एवं संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा अंतिम अनुमोदन की तिथि, राशि की जानकारी एवं उसके पश्चात के समस्त घटनायें यथा पदोन्नति, क्रमोंन्नति, दण्ड आदि की जानकारी सिस्टम में प्रविष्ट कर वेतन निर्धारण किया जाना है। किन्तु कार्यालयों द्वारा प्रेषित प्रकरणों में उक्त निर्देशों का पालन नहीं करते हुए वेतन निर्धारण कर प्रकरण अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये गये है।
आपके कार्यालय द्वारा प्रेषित ऑनलाईन प्रकरण मूलतः संचालनालय कोष एवं लेखा के संदर्भित पत्रानुसार उल्लेखित विवरण, जानकारी प्रविष्ट आईएफएमआईएस सिस्टम में की जाकर ऑनलाईन वेतन निर्धारण कर वेतन निर्धारण पत्रक का प्रिंट आउट दो प्रतियों में संलग्न किया जाकर प्रकरण पुनः जॉच हेतु शीघ्र प्रस्तुत करें, ताकि समय-सीमा में अनुमोदन की कार्यवाही की जा सके। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन मान में वेतन निर्धारण एरियर की किश्तों का भुगतान वेतन अनुमोदन के पश्चात ही देय होगा। |
280.48 की लागत से निर्मित होने वाले पं. अटल बिहारी वाजपेयी भवन का प्रभारी मंत्री ने किया शिलान्यास
280.48 की लागत से निर्मित होने वाले पं. अटल बिहारी वाजपेयी भवन का प्रभारी मंत्री ने किया शिलान्यास |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
कलेक्टर श्री शर्मा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से अधिक से अधिक पंजीयन कराने का किया आग्रह
कलेक्टर श्री शर्मा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से अधिक से अधिक पंजीयन कराने का किया आग्रह |
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का अभियान चलाकर किया जा रहा है पंजीयन, अनूपपुर में जिले में अब तक 137728 आवेदन हो चुके हैं प्राप्त, जिसमें सबसे अधिक 60484 आवेदन जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का अभियान चलाकर पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन करने का उद्देश्य ऐसे श्रमिकों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है, जो योजनाओं के लाभ से वंचित रहे हैं। कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों से आवश्यक रूप से पंजीयन कराने का आग्रह किया है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीयन का कार्य ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में वार्ड कार्यालय में चल रहा है। पंजीयन के लिए आवेदन प्राप्त कर उसे पूर्ण रूप से भरकर जमा कर पंजीयन करा सकते हैं। इसके साथ ही ग्राम पंचायत सचिव तथा वार्ड प्रभारी से सम्पर्क कर आवेदन पत्र प्राप्त कर आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पंजीयन ऑनलाईन जारी किया जाएगा तथा संबंधित के मोबाईल पर मैसेज या वाइस कॉल के माध्यम से पंजीयन की सूचना मिलेगी।
असंगठित श्रमिकों में कृषि मजदूर, लघु एवं सीमांत कृषक, घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोड़ने वाले, पर्क्की इंट बनाने वाले, गोदामों में काम करने वाले, मोटर परिवहन, हाथकरघा, पावरलूम, रंगाई- छपाई, सिलाई, अगरबत्ती बनाने वाले, चमड़े की वस्तुयें और जूते बनाने वाले चर्मकार, ऑटो- रिक्शा चालक, आटा, तेल, दाल तथा चावल मिलों में काम करने वाले, लकड़ी का काम करने वाले, बर्तन बनाने वाले, कारीगर, लुहार, बढ़ई फर्नीचर तथा माचिस एवं आतिशबाजी उद्योग में लगे श्रमिक, प्लास्टिक उद्योग, निजी सुरक्षा एजेंसी में काम करने वाले, कचरा बीनने वाले, सफाई कर्मी, हम्माल-तुलावटी, गृह उद्योग में नियोजित श्रमिक समेत अन्य श्रमिक भी शामिल हैं। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पंजीयन के उपरांत 200 रूपये मासिक फ्लैट रेट पर बिजली मिलेगी। गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिए 4 हजार रूपये। प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रूपये जमा किये जायेंगे। घर के मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को दो लाख रूपये तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता मिलेगी। हर भूमिहीन श्रमिक को भूखंड या मकान मिलेगा। स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराये जायेंगे। साईकिल- रिक्शा चलाने वालों को ई- रिक्शा और हाथठेला चलाने वालों को ई-लोडर का मालिक बनाने की पहल की जायेगी। बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार रूपये की सब्सिडी दी जायेगी। श्रमिकों को मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए पंचायत नगरीय निकाय से 5 हजार रूपये की नकद सहायता मिलेगी। श्रमिकों के कल्याण की और भी अनेक योजनायें क्रियान्वित की जा रही हैं। वर्तमान में अनूपपुर में जिले में अब तक 137728 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें जनपद पंचायत अनूपपुर में 19297, कोतमा में 19373, जैतहरी में 36183, पुष्पराजगढ़ में 60484, नगरपरिषद बिजुरी में 536, अनूपपुर में 511, जैतहरी में 339, अमरकंटक में 266, नगरपालिका पसान में 373 एवं नगरपालिका कोतमा में 366 आवेदन प्राप्त हुयें है। कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने क्षेत्र के सभी असंगठित श्रमिको से अधिक से अधिक पंजीयन करने की आग्रह किये है, उन्होंने कहा कि सभी असंगठित श्रमिक शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्राप्त करें। |
जल संकट के समाधान के लिये नहीं होगी फण्ड की कमी - प्रभारी मंत्री श्री पाठक
जल संकट के समाधान के लिये नहीं होगी फण्ड की कमी - प्रभारी मंत्री श्री पाठक |
जिला योजना समिति की बैठक प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न, अनूपपुर, कोतमा में खुलेगी बर्न यूनिट एम्बूलेंस की भी होगी व्यवस्था |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
पपरोडी में आयोजित ग्रामसभा में ली आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने कुशल-क्षेम
पपरोडी में आयोजित ग्रामसभा में ली आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने कुशल-क्षेम |
मांगो एवं समस्याओं के त्वरित कार्यवाही के दिये निर्देश |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
ग्रामीण जनों से ली वर्तमान स्थिति एवं समस्याओं की जानकारी
श्री श्रीवास्तव ने ग्रामीण जनों से उनके वर्तमान व्यवसाय एवं उनसे हो रही आय के बार में जानकारी ली। साथ ही उनसे अन्य कार्यों जैसे की पशुपालन, बकरीपालन, सिलाई-बुनाई, मुर्गीपालन आदि के संबंध में रुचि के बारे मे पूंछा। उपस्थित ग्रामीणो ने अपनी रुचि एवं योगिता के अनुसार सुझाए गए कार्यों से जुडने की मंशा जताई। श्री श्रीवास्तव द्वारा मौके पर ही संबन्धित पशुपालन, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ स्वसहायता समूह के समन्वयक को आवश्यकतानुसार व्यवस्थाए सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गए। आपने कहा इस आशय के विशेष कैंप लगाकर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करे।
शासन द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओ की दी जानकारी
आपने उज्ज्वला योजना में हुए विस्तार के फलस्वरूप नए पात्र हितग्राहियों को आवेदन पूर्ण कराकर कनैक्शन दिलवाने में सहयोग करने के निर्देश क्षेत्रीय अधिकारियों को दिये। प्रधानमंत्री आवास योजना की वस्तुस्थिति, गाँव में शौंचालय की उपलब्धता, आधार कार्ड की जानकारी, अंतयोदय अन्न योजना में दरों की जानकारी लेने के साथ-साथ उपस्थित नागरिकों से शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी के बारे में पूछते हुए पंचायत के माध्यम से योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के लिए निर्देशित किया। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कोई भी पात्र हितग्राही जानकारी के अभाव में योजना के लाभ से वंचित न रहे।
ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से आयुक्त महोदय को कराया अवगत
उपस्थित ग्रामीणों ने आयुक्त महोदय से जल की उपलब्धता, मछली बाजार से हो रही गंदगी, बिजली के बिलों की अनियमितता के बारे में बताया। आयुक्त महोदय ने तुरंत समस्याओं का संज्ञान लेते हुए कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी से गाँव में लगाए गए हैंडपम्पो की वस्तुस्थिति की जानकारी ली साथ ही ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए आवश्यक प्रस्ताव बनाकर त्वरित कार्यवाही के निर्देश भी दिये। इसके साथ ही आपने मछली बाजार को ऐसी जगह में स्थापित करने के निर्देश दिये जिससे आम जन के स्वास्थ्य में कोई बाधा न हो एवं साफसफाई को सुनिश्चित करने के लिए संबन्धित अधिकारियों को आदेशित किया। श्री श्रीवास्तव ने कार्यपालनयंत्री एमपीपूकेविविसीएल को ऐसे मामलो का व्यक्तिगत रूप से निराकरण करने के साथ ऐसी समस्याओं की पुनरावृत्ति न हो इस संबंध मे आवश्यक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिये।
बच्चो से संवाद कर किया उत्साहवर्धन
आयुक्त महोदय ने ग्रामसभा में उपस्थित बच्चों से की खुलकर बातचीत, उनसे भविष्य की सोच के बारे में ली जानकारी। मनलगाकर पढ़ाई करने को कहकर उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनायें दी। बच्चो ने भी खुलकर आयुक्त महोदय से बात की। ग्राम सभा में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, एसडीएम जैतहरी श्री बीडी सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री आर.पी. श्रीवास्तव, उप संचालक कृषि एन.डी. गुप्ता, कार्यपालनयंत्री एमपीपूकेविविसीएल श्री प्रमोद गेडाम समेत अन्य जिला एवं खंडस्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। |
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन में मीडिया एवं समस्त समाज करे सहयोग - आयुक्त श्री श्रीवास्तव
असंगठित श्रमिकों के पंजीयन में मीडिया एवं समस्त समाज करे सहयोग - आयुक्त श्री श्रीवास्तव |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने असंगठित श्रमिकों को विभिन्न लाभ दिलाने हेतु चलायी जा रही योजनाओ के लिए शासन द्वारा चलाये जा रहे असंगठित मजदूरों के पंजीयन के महाभियान के बारे में ग्राम पंचायत पपरोडी में आयोजित ग्राम सभा में उपस्थित समस्त नागरिकों को बताया। आपने बताया कि असंगठित मजदूरों के पंजीयन के लिए एक अप्रैल से विशेष अभियान प्रारंभ किया जा चुका है। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए ग्राम पंचायतवार तथा नगरीय क्षेत्र में वार्डवार पंजीयन शिविर लगाये जायेंगे तथा अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीयन किया जायेगा।
पंजीयन के लिए श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होना चाहिए, आवेदक असंगठित श्रमिक श्रेणी में कार्यरत हो, आयकर दाता न हो तथा संबंधित आवेदक श्रमिक के पास ढाई एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि नहीं होना चाहिए। पंजीयन के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन सह घोषणा पत्र के साथ समग्र आई.डी. क्रमांक, पासपोर्ट साईज फोटो लगाना होगा पंजीयन प्रक्रिया पूर्णतः निःशुल्क रहेगी। एक बार किया गया पंजीयन 5 वर्ष तक वैध रहेगा। पंजीबद्ध असंगठित मजदूरों को 200 रूपये मासिक फ्लैट रेट पर बिजली उपलब्ध कराई जायेगी, गर्भवती श्रमिक महिलाओं को पोषण आहार के लिये 4 हजार रूपये दिये जायेंगे, प्रसव होने पर महिला के खाते में 12 हजार 500 रूपये जमा किये जायेंगे। घर की मुखिया श्रमिक की सामान्य मृत्यु पर परिवार को 2 लाख तथा दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता, हर भूमिहीन श्रमिक को भूखण्ड या मकान, स्वरोजगार के लिए ऋण दिलाया जायेगा, साइकिल-रिक्शा चलाने वालों को ई-लोडिंग रिक्शा का मालिक बनाने के लिए बैंक ऋण की सुविधा दिलाई जायेगी। उन्हें 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार की सब्सिडी दी जायेगी। श्रमिक को मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिये पंचायत व नगरीय निकाय से 5 हजार रूपये की नगद सहायता दिलायी जायेगी। इसके अलावा तेदूपत्ता तोड़ने वाले मजदूरों को चरण पादूका योजना के तहत जूते चप्पल तथा पानी की कुप्पी दिलाई जायेगी। पंजीकृत श्रमिक व उसके परिवार के सदस्यों की गम्भीर बीमारी का मुक्त इलाज सरकार करायेगी। श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 1 से पी.एचडी तक निःशुल्क शिक्षा दिलायी जायेगी। मजदूर को साइकिल व औजार खरीदने के लिए 5 हजार रूपये का नगद अनुदान दिया जायेगा। मजदूरों को मकान बनाने के लिए जमीन का पट्टा दिलाया जायेगा। आपने समस्त अधिकारियों, सभा मे उपस्थित सभी व्यक्तियों एवं मीडिया से असंगठित मजदूरों के पंजीयन का व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने में सहयोग करने के लिए कहा है। आपने कहा जानकारी के अभाव मे कोई भी पात्र व्यक्ति पंजीयन से वंचित नहीं होना चाहिए। |
शासन सदा प्रगतिशील व्यक्तियों के साथ, अपने इस प्रयास को बनाए विकास का आंदोलन - आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव
शासन सदा प्रगतिशील व्यक्तियों के साथ, अपने इस प्रयास को बनाए विकास का आंदोलन - आयुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव |
मैकल वुमन पौल्ट्री प्रोड्यूसर से जुड़ी हुई ग्राम छातापटपर की महिलाओं से मिले |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
वृक्षारोपण के साथ-साथ रखरखाव भी महत्वपूर्ण - श्री श्रीवास्तव
वृक्षारोपण के साथ-साथ रखरखाव भी महत्वपूर्ण - श्री श्रीवास्तव |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
सभी सुविधाएं विश्वस्तरीय बनाए - आयुक्त श्री श्रीवास्तव
सभी सुविधाएं विश्वस्तरीय बनाए - आयुक्त श्री श्रीवास्तव |
खेल सुविधाओं का लक्ष्य शारीरिक लाभ के साथ प्रतिस्पर्धीय उत्कृष्टता लाना भी है |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शासकीय महाविद्यालय भवन जैतहरी के निर्माण कार्य प्रगति की समीक्षा की
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शासकीय महाविद्यालय भवन जैतहरी के निर्माण कार्य प्रगति की समीक्षा की |
अनुपपुर | 05-अप्रैल-2018 |
शासकीय योजनाओ तथा सकारात्मक एवं विकासपरक सोच का उन्नत सम्मिश्रण हो तो परिणाम निकल जाते हैं सोच से आगे
सफलता की कहानी
शासकीय योजनाओ तथा सकारात्मक एवं विकासपरक सोच का उन्नत
सम्मिश्रण हो तो परिणाम निकल जाते हैं सोच से आगे
अनूपपुर 05 अप्रैल 2018/ शासन द्वारा क्रियान्वित जनहितकारी
योजनाओ से आजीविका संवर्धन मे हितग्राही की सकारात्मक एवं विकासपरक सोच एक अत्यंत
महत्वपूर्ण घटक है। अगर दोनों का उन्नत सम्मिश्रण हो जाए तो परिणाम सोच से भी आगे
निकल जाते हैं। इसी का उदाहरण हैं विकासखंड जैतहरी के ग्राम खूंटाटोला के निवासी
श्री गोपद सिंह। खूंटाटोला ग्राम मे पानी का संकट बना रहता था। पानी की अनुपलब्धता
के कारण विकास मे अदृश्य बेड़ियाँ प्रतीत हो रही थी। इन बेड़ियों को तोड़ कर विकास की
राह मे जाने की इच्छा थी गोपद को, और इसी विकासपरक सोच के साथ उसने अपने ग्राम के
सचिव एवं सरपंच से चर्चा की। उनके द्वारा गोपद को पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा
क्रियान्वित कपिल धारा कूप योजना के बारे मे बताया गया। गोपद द्वारा निर्धारित
प्रपत्र मे आवेदन दिया गया इसके पश्चात गोपद को कूप निर्माण के लिए महात्मागांधी
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजनान्तर्गत सिंचाई के स्थायी स्त्रोत हेतु
कपिलधारा कूप सह खेत तालाब उपयोजना के माध्यम से 2 लाख रुपये प्राप्त हुए।
गोपद
ने स्वयं की मेहनत एवं योजना द्वारा प्रदत्त पूंजी का उपयोग कर एक अतिसुन्दर कूप
का निर्माण किया जिसमे भरपूर पानी की भी प्राप्ति हुई। जिसके फलस्वरूप वे न केवल
अपनी बल्कि आस पास के पड़ोसियों की रोज़मर्रा की पानी की ज़रूरतें पूरा कर रहे हैं, साथ ही सब्जी की खेती कर अच्छी आय भी ले रहे हैं। गोपद
बताते हैं कि सब्जी उत्पादन से वे महीने मे औसतन 4 से 5 हजार की कमाई कर लेते हैं।
गोपद के कुए का नाम फैला एवं उनकी बगिया को देखने आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश
श्रीवास्तव आए। श्री श्रीवास्तव गोपद से मिले और बाग एवं कुए को देखा आपने गोपद की
लगन एवं सोच की सराहना की। साथ ही सदैव विकास की सोच रखने वाले गोपद को तकनीकी एवं
अन्य आवश्यक सहयोग प्रदान करने के निर्देश उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को दिये
ताकि उत्पादन मे वृद्धि होकर आय मे और वृद्धि हो। जो कि गोपद को क्षेत्र मे विकास
का जीवंत पर्याय बनाए। गोपद बोलते हैं शासन के सहयोग के कारण ही आज वो एक अच्छा
जीवन व्यतीत कर रहे हैं आपने यह भी कहा कि ऐसे ही लगातार मेहनत करके वे अपने
व्यवसाय को ऊचाइयों तक ले जाएगे। गोपद ने शासन की योजना एवं विभागीय अधिकारियों को
धन्यवाद दिया।
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