Thursday, June 14, 2018

जनपद अनूपुपर के ग्राम पंचायत छोहरी के रोजगार सहायक को शौचालय निर्माण कार्य नही कराये जाने पर शोकॉज नोटिस

जनपद अनूपुपर के ग्राम पंचायत छोहरी के रोजगार सहायक को शौचालय निर्माण कार्य नही कराये जाने पर शोकॉज नोटिस 
 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
     जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सलोनी सिडाना ने जनपद पंचायत अनूपपुर के ग्राम पंचायत छोहरी के रोजगार सहायक श्री राजेश गुप्ता को स्वच्छ भारत मिशन अन्तर्गत शौचालय कार्य नहीं की जाने के संबंध में प्राप्त शिकायत के संबंध में कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है। आपने संबंधितों को 19 जून 2018 तक स्वयं उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है। अनुपस्थिति के दशा में मध्य प्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के उपधारा 2 के तहत एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने को कहा है।

बीते 24 घंटे में 6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज

बीते 24 घंटे में 6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज 
 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
   अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में 14 जून को 7.3 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में 15.6 मिमी, जैतहरी में 5, पुष्पराजगढ़ में 4,  अमरकंटक में 19.2, बेंकटनगर में 1 एवं बेनीबारी में 3.5 मिलीमिटर वर्षा दर्ज की गई है।

पंजीबद्ध असंगठित कर्मकारों के पुत्र-पुत्रियों को शैक्षणिक शुल्क से छूट

पंजीबद्ध असंगठित कर्मकारों के पुत्र-पुत्रियों को शैक्षणिक शुल्क से छूट 
 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
     ई-प्रवेश सत्र-2018-19 की प्रक्रिया के तहत पंजीबद्ध असंगठित कर्मकार के पुत्र-पुत्रियों को शासकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों और अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में स्नातक (प्रथम वर्ष) एवं स्नातकोत्तर (प्रथम सेमेस्टर) पारम्परिक एवं स्व-वित्तीय पाठ्यक्रमों में निरूशुल्क प्रवेश दिया जायेगा। इसके लिये पंजीबद्ध असंगठित कर्मकार का पंजीयन कार्ड/क्रमांक की जानकारी देना आवश्यक होगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिये आय और जाति का कोई बंधन नहीं है। पात्र विद्यार्थियों को प्रवेश के समय शैक्षणिक शुल्क/प्रवेश शुल्क (वास्तविक शुल्क)  में छूट दी जायेगी। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय विश्वविद्यालय के कुल सचिव, शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य और अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्य को पत्र लिखकर अवगत करवाते हुए कहा है कि सभी पात्र विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित करें।

गरीब की जिन्दगी में नया सवेरा लाएगी संबल योजना : मुख्यमंत्री श्री चौहान

गरीब की जिन्दगी में नया सवेरा लाएगी संबल योजना : मुख्यमंत्री श्री चौहान 
गरीब परिवार के बच्चों को पब्लिक स्कूल में पढ़ाने की होगी व्यवस्था, गरीब की जिन्दगी की शुरूआत से अंत तक की हर जरूरत पूरी होंगी, संबल योजना के लाभ वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरकार ने गरीब कल्याण की दुनिया की सबसे बड़ी योजना "संबल" लागू की है। इससे प्रदेश में गरीब परिवार की जिन्दगी में समृद्धि आएगी, गरीब की जिन्दगी बदलेगी। सरकार अब बजट का उपयोग गरीबों की जनसंख्या के अनुपात में करेगी। आगामी चार सालों में प्रत्येक गरीब के पास पक्का मकान होगा। गरीब परिवार का हर बच्चा पढ़ेगा। गरीबों की बीमारी का नि:शुल्क उपचार होगा। इस वर्ग को बिजली बिल केवल फ्लैट रेट पर ही भरना होगा। संकट की घड़ी में गरीब परिवार की पूरी मदद होगी। जीवन की अंतिम विदाई भी सम्मानपूर्वक होगी। गरीब की आमदनी बढ़ाने जैसे कार्य संबल योजना में किये जाएंगे।
   मुख्यमंत्री ने बताया कि पब्लिक स्कूलों की फीस पर भी लगाम लगाई जाएगी। ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे गरीब के बच्चे भी पब्लिक स्कूल में पढ़ सकेंगे। श्री चौहान आज यहाँ लाल परेड मैदान में असंगठित श्रमिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना के लाभ वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल गरीब की जिन्दगी में नया सवेरा और खुशियों का नया रंग भरने के लिये लागू की गई है संबल योजना। गरीब की जिन्दगी का सफर आसान और सुविधाजनक हो जायेगा। साठ वर्ष की उम्र तक मृत्यु होने पर दो लाख रूपये और दुर्घटना में मृत्यु पर चार लाख रूपये मिलेंगे। अंतिम संस्कार के लिये पाँच हजार रूपये की अनुग्रह राशि दी जायेगी। आमदनी बढ़ाने के लिये हाथठेला वाले को ई-लोडर और रिक्शा वालों को ई-रिक्शा मिलेगा। स्व-रोजगार के लिये एक लाख युवाओं को सरकार की गारंटी पर ऋण मिलेगा। उनके प्रशिक्षण के कार्यक्रम भी करवाये जायेंगे।
   श्री चौहान ने कहा कि आगामी जुलाई माह से गरीब को फ्लैट रेट पर ही बिजली का बिल देना होगा। बिल की बकाया राशि सरकार भरेगी। बल्ब, पंखा और टी.व्ही. का उपयोग करने वालों को फ्लेट रेट 200 रूपये तक का बिल ही प्रति माह जमा करना होगा। श्रमिक महिलाओं को गर्भावस्था में चार हजार रूपये और प्रसूति उपरांत बारह हजार रूपये की सहायता मिलेगी। बेटा-बेटी की पढ़ाई में फीस की बाधा भी खत्म होगी। पहली कक्षा से लेकर कॉलेज तक की पढ़ाई की फीस सरकार भरेगी। फीस भरने में जाति, समाज और धर्म का कोई भेदभाव नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 37 लाख 50 हजार गरीब बेघर हैं। सरकार हर गरीब को पक्का मकान देने के लिये 4 सालों में 40 लाख मकान बनवाएगी। शहरों में भूमि की कमी होने पर बहु-मंजिली इमारत में मकान दिये जायेंगे। प्रदेश में गरीबों के लिये हर वर्ष 10 लाख मकान बनवाये जायेंगे।
   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजना का क्रियान्वयन बहुत सरल तरीके से किया जायेगा। प्रत्येक पंजीबद्ध हितग्राही को स्मार्ट-कार्ड दिये जायेंगे। उनकी सहायता के लिये प्रत्येक वार्ड में पाँच-पाँच सेवाभावी व्यक्तियों की समिति रहेगी। इस समिति में एक महिला श्रमिक और एक अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग का सदस्य रहेगा। उन्होंने गरीबों का आव्हान किया कि संगठित होकर हक़ की माँग करें। दुनिया जितनी अमीरों की है, उतनी ही गरीबों की है। गरीबी दूर करने के नारे तो बहुत बने मगर अमीर, गरीब की खाई निरंतर बढ़ती गई। गरीबी को दूर करने का प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का जो रास्ता है, उसमें गरीब की आमदनी बढ़ाने, जरूरतों को पूरा करने और सुविधाएं बाँटने की भावना समाहित है। प्रदेश सरकार ने गरीबों की रोटी, कपड़ा, मकान, दवाई, रोजगार की जरूरतों को संबल योजना में पूरा किया है।
   कार्यक्रम में सहकारिता राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्री विश्वास सारंग, सांसद श्री आलोक संजर, महापौर श्री आलोक शर्मा, नगर निगम अध्यक्ष श्री सुरजीत सिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मनमोहन नागर, भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओम यादव, असंगठित श्रमिक मंडल के अध्यक्ष श्री सुल्तान सिंह शेखावत, विधायक श्री सुरेन्द्रनाथ सिंह, श्री रामेश्वर शर्मा, श्री विष्णु खत्री और असंगठित श्रमिक का विशाल जन-समूह उपस्थित था।

अगले वर्ष तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा 500 करोड़ बोनस

अगले वर्ष तेन्दूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा 500 करोड़ बोनस 
इस वर्ष 19 लाख बोरा तेन्दूपत्ता संग्रह‍ित : 380 करोड़ की मजदूरी का वितरण जारी 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
   तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अगले साल इस वर्ष से दोगुना बोनस मिलेगा। वर्ष 2016 का 207 करोड़ 54 लाख रुपये का बोनस वितरित किया जा रहा है। अगले वर्ष संग्राहकों को वर्ष 2017 के लिये लगभग 500 करोड़ रुपये का बोनस वितरण संभावित है।
   पिछले साल तेन्दूपत्ते की शासकीय खरीदी दर 1250 रुपये प्रति मानक बोरा थी, जो इस वर्ष बढ़कर 2 हजार रुपये प्रति मानक बोरा की गई है। प्रदेश में इस वर्ष 19 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रह‍ित हुआ है, जिसकी 380 करोड़ की मजदूरी का भुगतान वितरण जारी है। पिछले साल 292 करोड़ रुपये की मजदूरी का भुगतान संग्राहकों को किया गया था।
   प्रदेश में लगभग 10 लाख 80 हजार परिवारों के लोग तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य करते हैं, जो मुख्यतरू अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग के हैं। इस वर्ष से संग्राहकों को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार चरण-पादुका योजना में बोनस के साथ जूते-चप्पल और पानी की बॉटल भी दिये जा रहे हैं।

आँधी-तूफान के दौरान नागरिक बिजली सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें

आँधी-तूफान के दौरान नागरिक बिजली सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें 
 
अनुपपुर | 14-जून-2018
 
     प्रदेश की पूर्व, मध्य एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनियों ने नागरिकों से अपील की है कि आँधी-तूफान, वर्षा या अन्य किसी कारण से बिजली की लाइनों के टूटने पर उसे न छुएँ और जल्द ही इसकी सूचना निकटतम बिजली कम्पनी के दफ्तर को दें। बिजली संबंधी जरा-सी असावधानी या छेड़खानी से बड़े-बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं।
    नागरिकों को सलाह दी गई है कि खेतों-खलिहानों में ऊँची-ऊँची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियाँ और झोपड़ी को बिजली लाइन के नीचे अथवा पास में न बनायें। बिजली-लाइनों के नीचे से अनाज, भूसे की ऊँची भरी हुई गाड़ियाँ न निकालें, इससे आग लगने का खतरा है। बिजली के खंबों पर कभी न चढ़ें एवं वायर सहित अन्य विद्युत उपकरणों से छेड़खानी न करें। बिजली के खंबों या स्टे वायर से जानवर न बाँधें। घरों में भी बिजली से सावधानियाँ बरतें और बिजली के तार सुव्यवस्थित ढंग से लगायें। बिजली उपकरणों और बिजली तारों में खराबी आने पर खुद सुधारने की कोशिश न करें। बिजली का फ्यूज सुधारने के लिये किसी जानकार की ही सहायता लें।
    यह भी ध्यान में रखें कि घरेलू उपकरणों एवं फिटिंग का अर्थिंग न होने से दुर्घटना हो सकती है। वहीं बच्चों पर विशेष ध्यान दें। बच्चे पतंग उड़ाते समय धागे और डोर विद्युत-लाइनों में फंसा देते हैं। लाइनों में फंसी पतंग निकालने के लिये बच्चों को खंबों पर न चढ़ने दें।
    दुर्घटनावश अगर कोई व्यक्ति चालू लाइन के तारों के सम्पर्क में आता है तो सबसे पहले स्विच से विद्युत प्रवाह बंद कर दें। स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी या सूखी लकड़ी की सहायता से तारों से अलग करें, जिसके बाद सूखी जमीन पर लिटायें एवं कृत्रिम साँस देकर प्राथमिक उपचार करें।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष श्रृंखला ( प्रथम विचार) ‘‘योगः चित्तवृत्ति निरोध:‘‘

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष श्रृृंखला ( प्रथम विचार)

‘‘योगः चित्तवृत्ति निरोध:‘‘



अनूपपुर  14 जून 2018/ सभी देशवासियों को आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभ-कामनायें। 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस की मान्यता  हमारे देश की वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि के रूप में स्थापित हुई है। योग भारत की एक प्राचीन परंपरा रही है, जो लगभग 5000 वर्षों से प्रचलित है। योग साधना ने बडे़-बडें चमत्कार किये है, मुख्यतः योग के चार प्रकार है। प्रथम राज योग इसका सबसे महत्वपर्ण अंग ध्यान है। इसके आठ अंग है, जिस कारण महर्षि पतंजलि ने इसे अष्टांग योग भी कहा है। द्वितीय कर्म योग इसमें कर्म प्रधान है जो हमें निःस्वार्थ जीवन जीने और दूसरे की सेवा करनें की प्रेरणा देता है। तृतीय भक्ति योग इसमें निराकार ब्रम्ह की आराधना और भक्ति की महता है, यह हमें सभी की स्वीकार्यता और सहिष्णुता पैदा करने का अवसर प्रदान करता है। चतुर्थ ज्ञान योग अगर हम भक्ति को मन का योग मानते है, तो ज्ञान योग बुद्धि का योग है। यह सबसे कठिन योग माना जाता है।
 वास्तव में योग सही तरीके से जीवन जीने का विज्ञान है, जो भौतिक, मानसिक, भावनात्मक, आत्मिक और आध्यात्मिक सभी पहलुओं पर कार्य करता है। योग का अर्थ जोड़नें या बांधने से है। आध्यात्मिक स्तर पर इस जुडने का अर्थ सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना है। 
सर्वप्रथम योग से बाहरी (शारीरिक) लाभ प्राप्त होते है, तत्पश्चात यह मानसिक और भावनात्मक स्तर पर कार्य करता है। रोजमर्रा की जिंदगी में लोग तनाव और अनेक मानसिक परेशनियों का सामना करते है, इससे मुक्ति के लिये योग साधना एक सिद्ध विधि है। 
योग आनंद का एक ऐसा स्त्रोत है जो मानव कल्याण के लिये अत्यंत आवश्यक है। योग से आनंद और सुख की अनुभूति  होती है, साथ ही योग करने वाले व्यक्ति के आचार-विचार परिष्कृत होते है। वैसे तो इस मायावी संसार में व्यक्ति को केवल भौतिक सुख की लालसा रहती है, पर जब हम भौतिक सुख-सुविधओं से अनुकूलन कर आलस्य के पराधीन हो जाते है। तब हमारा विवेक हमें योग की ओर जाने के लिये प्रेरित करता है। 
‘‘योगः चित्तवृत्ति निरोध:‘‘ यानि चित्तवृत्तियों का निरोध ही योग है। यह आंतरिक तत्व है जिसे साधक आत्मचिंतन और आत्म विश्लेषण से ही जान सकता है, जब हम अपनी शक्ति और सामर्थ्य का दुरूपयोग छोड़कर, अपने अंदर विद्यमान विकारों को त्यागते है और समविष्ट भाव को ह्नदर्यगम करते है तथा संयमित होते हुये आत्मोन्मुखी होते हैं तो अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है। 

( विचार अभिव्यक्ता श्री सतीश आनंद तिवारी आदिम जाति कल्याण विभाग के मण्डल संयोजक एवं आनंद विभाग के नोडल अधिकारी है)

सफलता की कहानी बहू की मांग को सास ने स्वीकारा नए मेहमान के आगमन के पहले शौचालय निर्माण के लिए स्वयं उठाई कुदाल

सफलता की कहानी
बहू की मांग को सास ने स्वीकारा
नए मेहमान के आगमन के पहले शौचालय निर्माण के लिए स्वयं उठाई कुदाल



अनूपपुर 14 जून 2018/ विकास की नित नयी सीढ़ियाँ चढ़ रहा हमारा देश, ऐतिहासिक, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों का धनी रहा है। इसके बावजूद आज  भी यहाँ के निवासियों को जीवन की मूलभूत जरूरतों, जीवन जीने के व्यवस्थित तरीकों एवं स्वच्छता की समझ न होना एक चिंतनीय विषय है। ऐसे मे यह आवश्यक है कि हमारी युवा पीढ़ी स्वयं आगे आकर सुव्यवस्थित रहने के तरीकों से सबको अवगत कराये। समाज के वरिष्ठ जनो से यह अपेक्षा है कि वे यह सकारात्मक बदलाव सहर्ष स्वीकार करें।
उक्त बातों को वास्तविकता के धरातल मे जनपद पुष्पराजगढ़ की यह घटना प्रदर्शित करती है। जनपद पुष्पराजगढ़ ग्राम पिपरहा की रहने वाली युवती मोहिनी का विवाह ग्राम भेजरी के हेमराज सिंह के साथ होना तय हुआ था। मोहिनी के घर मे शौचालय बना हुआ है व परिवार के सभी सदस्यों के द्वारा उसका उपयोग भी किया जाता  है। मोहिनी के घर के सदस्यों को शौचालय के उपयोग का महत्व पता है। शादी की तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी थी। जैसा की भारतीय शादियों मे होता है दोनों पक्षों की तरफ से सभी व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक संसाधन जुटा लिये गए थे। तभी मोहिनी को इस बात का पता चला कि उसके ससुराल मे शौचालय नहीं है। इस बात का भान होते ही मोहिनी विचलित हो गयी और उसने समझदारी दिखाते हुए अपनी होने वाली सास संता बाई को फोन किया। मोहिनी ने कहा माँ जी जिस सामाजिक मर्यादा के लिए, संस्कारों के लिए इतने ससाधनों का खर्च हम विवाह मे करते हैं, अगर घर मे शौचालय नहीं रहेगा तो मर्यादा कैसे सुरक्षित रहेगी। ये सारी सुविधाएं इस कमी के कारण बेमानी हो जाएंगी। मोहिनी की इस समझाइश को संता ने बड़प्पन का परिचय देते हुए ध्यान से सुना और सहमत भी हो गयी।
संता बाई ने नए मेहमान के आगमन मे स्वयं कुदाल उठा ली और प्रण लिया अब शौचालय निर्माण के बाद ही मोहिनी को घर लाएँगे। संताबाई के पति और मोहिनी के ससुर श्री हत्तू प्रसाद एवं मोहिनी के होने वाले पति हेमराज भी इस कार्य मे जुट गए हैं। अगर समाज की हर माँ-बेटी, मोहिनी और संता बाई जैसी हो जाए तो स्वच्छ भारत का स्वप्न एक हक़ीक़त बन जाएगा। समाज मे सम्मान की अवधारणा को परिभाषित किया है संताबाई और मोहिनी ने। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला  पंचायत डॉ सलोनी सिडाना ने मोहिनी के साहस एवं संताबाई की समझ की सराहना की है और कहा है ज़िले के समस्त नागरिक इनका अनुकरण करें।

समस्या का निवारण सदैव प्रशासन का प्रयास ग्राम पंचायत गिरारी खुर्द मे कराई पेय जल की व्यवस्था

समस्या का निवारण सदैव प्रशासन का प्रयास
ग्राम पंचायत गिरारी खुर्द मे कराई पेय जल की व्यवस्था




अनूपपुर 14 जून 2018/ ज़िले के नागरिकों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए शासन के द्वारा सदैव प्रयास किए जाते रहे हैं। मैदानी अमलो की स्वप्रेरणा से, विभिन्न जनसंवाद की व्यवस्थाओ जनसुनवाई, ग्राम चौपाल एवं ज़िले के प्रबुद्ध जनो के माध्यम से प्राप्त समस्याओ मे ज़िला प्रशासन द्वारा त्वरित संज्ञान लेकर आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाती रही है। इसी क्रम मे ज़िला प्रशासन  जैसे ही ग्राम पंचायत गिरारी खुर्द के इमली टोला मे निवासरत बैगा जनजाति के सदस्यों की पेय जल की समस्या से अवगत हुआ। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी द्वारा तुरंत स्थल की जांच कर आवश्यक सुधारात्मक कार्य करने के निर्देश लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी विभाग के अधिकारियों को दिये गए।
पीएचई अधिकारियों द्वारा स्थल जांच के उपरांत वैकल्पिक व्यवस्था के साथ कूप खनन का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया। कूप मे प्राप्त जल की जांच कराकर भूमिगत जल की उपयुक्तता की पुष्टि भी की गयी। इसके साथ ही भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए दो हैंड पंप भी स्थलों का चयन कर स्थापित किए गए हैं। अब गिरारी के निवासियों को स्वच्छ पेय जल की प्राप्ति सुनिश्चित हो गयी है। गिरारी के निवासियों ने शासन द्वारा प्रदान इस सुविधा के लिए कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी को धन्यवाद दिया है।

सफलता की कहानी नरेश को मिला आय प्रमाण पत्र और शासन को मिला भरोसा सुशासन का नया आविष्कार समाधान एक दिन


सफलता की कहानी 

नरेश को मिला आय प्रमाण पत्र और शासन को मिला भरोसा
सुशासन का नया आविष्कार समाधान एक दिन


अनूपपुर 14 जून 2018/ शासन के द्वारा जनता को प्रदान की जाने वाली सेवाओं को और सहूलियत से पहुचाने के लिए नित नयी जनसुलभ व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इनहि मे से एक है समाधान एक दिन सुविधा। यह सुविधा सेवाओं के प्रदाय मे एक नया आयाम स्थापित कर चुकी है। नागरिकों को सेवा प्राप्त करने का अधिकार है इस बात की अनुभूति समाधान एक दिन व्यवस्था उन्हे दिला रही है। इसी अधिकार की अनुभूति का अहसास नरेश को लोक सेवा केंद्र अनूपपुर से आय प्रमाण पत्र प्राप्त कर हुआ । नरेश कहते हैं कि मुझे अपना आय प्रमाण पत्र बनवाना था जिसके लिए मैं अनूपपुर तहसील आया और लोगों से पूछा तो मुझे पता चला कि आय प्रमाण पत्र बनवाने मे बहुत सी झंझटे हैं।बहुत पैसे खर्च करने पड़ेंगे और समय भी लगेगा तब मैं बहुत परेशान हो गया कि मैं क्या करू तभी फिर वहां पर किसी सज्जन ने मुझे बताया कि लोक सेवा केंद्र चले जाइए वहां पर आपको जल्द ही प्रमाण पत्र मिल जाएगा | यह सुनकर मैं तुरन्त लोक सेवा केंद्र अनूपपुर पहुच गया और मैंने यहां पर पता किया तो उन्होंने कहा कि एक आवेदन लगाकर जमा कर दीजिए आपको 1 दिन में तुरंत ही आय प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा। मैं यह सुनकर बहुत प्रसन्न हुआ और आवेदन लगाया और उसके कुछ समय बाद मुझे आय प्रमाण पत्र प्राप्त हो गया, साथ ही मेरे व्हाट्सएप में भी आय प्रमाण पत्र मिल गया, जिस कारण मैं अपने कॉलेज में तुरंत एडमिशन करा सका। नरेश कहते हैं अगर मुझे यह जानकारी न होती तो पता नहीं मुझे कितने दिन और भटकना पड़ता। लोक सेवा केंद्र में एक दिन मे  समाधान के कारण मुझे बहुत फायदा हुआ और जिसके कारण मेरा समय से कॉलेज मे एडमिशन संभव हो सका। मैं कॉलेज में जाकर सभी को समाधान एक दिन व्यवस्था के बारे में बताऊंगा जिससे वह भी इसका फायदा उठा सके।

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