Thursday, March 15, 2018

"सफलता की कहानी"समेकित प्रयास से समेकित विकास

 "सफलता की कहानी" समेकित प्रयास से समेकित विकास 
जल संरक्षण में समुदाय आया आगे 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
 
   रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जल प्रकृति द्वारा निःशुल्क दिया गया है, परन्तु इसकी उपलब्धता सीमित है। साथ ही प्रकृति के द्वारा जल के पुर्नचक्रण की भी एक निश्चित सीमा है। सतत् विकास की राह में चलने के लिए आवश्यक है कि हम प्रकृति का सम्मान करें। उसके दिए गए उपहारों को सहेज कर रखें एवं बुद्धिमत्तापूर्वक इनका इस्तेमाल करें।
    इस बात को अनूपपुर जिले के विकासखंड पुष्पराजगढ़ अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत अमदरी के ग्रामीण समझकर आत्मसात कर चुके हैं। प्रकृति की गोद में बसा ग्राम अमदरी पहाड़ी क्षेत्र है। वर्षा ही यहां के निवासियों के लिए जल प्रदाय का मुख्य स्त्रोत है। गर्मियों में अक्सर ही पानी की समस्या से यहां के लोगों को जूझना पड़ता था। जन अभियान परिषद जिसने की जिले में कई जगह जल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लोगों को जागरूक एवं जन सहयोग से बोरी बंधान, जल रोको अभियान चलाने के साथ-साथ जनमानस को जल के उपयोग, प्रबंधन एवं विश्वव्यापी जल समस्या के बारे में जागरूक करते रहे हैं। उनके विकासखंड पुष्पराजगढ़ के समन्वयक श्री बृजेन्द्र मिश्रा ने बताया कि ग्राम अमदरी के ग्रामीण, जल के महत्व के प्रति बहुत जागरूक हैं। अमदरी में ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति के सदस्यों को वहां के आदिवासी भाई एवं बहनों का सम्पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति अमदरी के अध्यक्ष श्री गोपिका प्रसाद तिवारी, सरपंच उर्मिला सिंह, पूर्व सरपंच श्री राममिलन सिंह, रामकली बाई, रानी बाई, देवेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने सहयोग प्रदान कर जल संरक्षण का कार्य किया। समेकित प्रयास से ही समेकित विकास संभव है। अमदरी के ग्रामीण इस दिशा में सदैव प्रयासरत हैं।
सहभागिता ही प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन का सर्वोत्तम तरीका
    कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने ग्रामवासियों के इस उत्कृष्ट प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि सामुदायिक सहभागिता ही प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन का सर्वोत्तम तरीका है। हम सब प्रकृति के ऋणी है। अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर ही हम इस ऋण से मुक्त हो सकते हैं।
 

अधिकारों के संरक्षण के साथ साथ उपभोक्ता की समृद्धि है शासन का लक्ष्य- अपर कलेक्टर

अधिकारों के संरक्षण के साथ साथ उपभोक्ता की समृद्धि है शासन का लक्ष्य- अपर कलेक्टर 
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर अनूपपुर कलेक्ट्रेट मे आयोजित की गयी कार्यशाला 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
   विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर कलेक्ट्रेट सभागार मे कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे अपर कलेक्टर डॉ. आर.पी. तिवारी ने कहा उपभोक्ता के अधिकारों के संरक्षण के साथ साथ उपभोक्ता की समृद्धि एवं खुशहाली शासन का लक्ष्य है। उपभोक्ता का हित सदैव सर्वोपरि है और रहेगा, इसी ध्येय को पुनः याद करने एवं उपभोक्ताओं को उनके हितो और अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए यह दिवस हर साल मनाया जाता है एवं इस कार्यशाला को आयोजित करने का यही लक्ष्य है। कार्यशाला का शुभारंभ अपर कलेक्टर डॉ. आर. पी. तिवारी, उपभोक्ता फोरम के सदस्य श्रीमती दुर्गा पवार, श्री अरुण प्रताप सिंह, जिला खाद्य अधिकारी श्री विपिन पटेल द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
   उपभोक्ता फोरम के सदस्य श्री अरुण प्रताप सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि अपने अधिकारो को सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारों की पूरी जानकारी होना भी आवश्यक है। आपने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के बारे मे बताते हुए कहा कि वह व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए समान अथवा सेवा का क्रय करता है वह उपभोक्ता है, उसे सुरक्षा, जानकारी, चुनाव,सुनवाई, क्षतिपूर्ति एवं उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार है। आपने समान खरीदते समय की जाने वाली सावधानियों के बारे मे बताते हुए कहा तौल के कांटे  एलेक्ट्रोनिक कांटे को सावधानी से देखे, नापतौल विभाग की प्रमाण की सील का निरीक्षण करें, खरीदी वस्तुओं की सील ध्यान से देखे, समान की एक्सपायरी डेट का बारीकी से निरीक्षण करें, वस्तुएँ खरीदते समय उनके स्टैंडर्ड के अनुरूप आईएसआई, एफएसएसएआई आदि का निरीक्षण करना न भूले। सेवाओं, सामानो के संबंध मे असंतुष्टि होने पर शिकायत करने की प्रक्रिया मे जानकारी देते हुए आपने कहा खरीदे गए समान मे खराबी होने, सेवाओं के स्तर मे कमी होने, मूल्य संबंधी अनियमितताओं, अनुचित, प्रतिबंधात्मक तकनीकी से हुई हानि आदि के संबंध मे उपभोक्ता द्वारा शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने के लिए उपभोक्ता सादे कागज में शिकायत का विवरण, समय, स्थान, आरोप के संबंध मे दस्तावेज के साथ नाममात्र के न्यायालय शुल्क देने पर अगर मांग 20 लाख से कम है, तो जिला फोरम मे 20 लाख से 1 करोड़ तक के दावों मे राज्य आयोग एवं 1 करोड़ से अधिक के दावों मे राष्ट्रीय आयोग के समक्ष कर सकता है। आपने यह भी बताया कि शिकायत दर्ज करने के लिए वकील की भी आवश्यकता नहीं है।
   राहत के बारे में जानकारी देते हुए उपभोक्ता फोरम की सदस्य श्रीमती दुर्गा पवार ने बताया कि सामान मे खराबी को हटाने से लेकर, समान का बदलाव, राशि की वापसी, हानि अथवा चोट कि क्षतिपूर्ति, न्यायालय वाद व्यय भी इस माध्यम से प्रदाय किया जाता है।
   जिला आपूर्ति अधिकारी श्री विपिन पटेल ने मानक उत्पादो की पहचान, पैकेज मे राखी वस्तुओं पर अनिवार्यतः उपलब्ध जानकारियों एवं अधिकतम खुदरा मूल्य के संबंध मे जानकारी दी। आपने बताया अधिकतम खुदरा मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य नहीं है उपभोक्ता इस पर मोलभाव कर सकते है।
 
   कार्यशाला मे अपर कलेक्टर डॉ. आर.पी. तिवारी, उपभोक्ता फोरम के सदस्य श्रीमती दुर्गा पवार, श्री अरुण प्रताप सिंह, जिला खाद्य अधिकारी श्री विपिन पटेल, सहायक आपूर्ति अधिकारी श्री योगेंद्र तिवारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी श्री प्रदीप द्विवेदी, नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबन्धक विख्यात हिंडोलिया, अधिवक्ता श्री हनुमानशरण तिवारी, श्री उमेश राय सहित सहकारी समिति प्रबन्धक, विभागीय अधिकारी, व्यापारी वर्ग एवं जिले के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे। कार्यशाला के आयोजन मे खाद्य विभाग के श्री अशोक अग्रवाल ने विशेष भूमिका निभाई।

युवा ही देश के भविष्य निर्माता - श्री नरेन्द्र सिंह मरावी

युवा ही देश के भविष्य निर्माता - श्री नरेन्द्र सिंह मरावी 
पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर में युवा संसद कार्यक्रम हुआ संपन्न 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    छात्र-छात्राओं को संसदीय कार्य व्यवस्था एवं प्रशासनिक प्रणाली के बारे में जागरूक करने के लिए पंडित रामगोपाल तिवारी तकनीकी एवं विज्ञान महाविद्यालय अनूपपुर में युवा संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह मरावी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश का भविष्य है। आपको ही आगे चलकर इस देश का संचालन कर इसे प्रगति की राह में अग्रसर करना है। इसलिए आवश्यक है कि आप सब देश की प्रशासनिक एवं राजनैतिक कार्यप्रणाली से अवगत हों। कार्यक्रम में शा. महाविद्यालय जैतहरी के प्राचार्य श्री परमानंद तिवारी ने युवाओं को विधानसभा एवं लोकसभा की निर्वाचन प्रक्रिया, मंत्रि परिषद का गठन, उनके कार्यों के बारे में अवगत कराया। पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर के डायरेक्टर श्री देवेन्द्र तिवारी ने संसदीय कार्य गतिविधियों संसद की दैनन्दिन गतिविधियों बजट निर्माण, प्रश्नकाल, शून्यकाल, जनप्रतिनिधियों के विशिष्ट अधिकार, अधिनियम निर्माण की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह मरावी, शा. महाविद्यालय जैतहरी के प्राचार्य श्री परमानंद तिवारी, पीआरटी महाविद्यालय अनूपपुर के डायरेक्टर श्री देवेन्द्र तिवारी, तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर के डायरेक्टर श्री आर.आर. सिंह, संस्कार विधि महाविद्यालय अनूपपुर के डायरेक्टर श्री नवबोध चपरा एवं प्राचार्य श्री पंकज, राजीव गांधी कम्प्यूटर शिक्षा केन्द्र के डायरेक्टर श्री तिवारी के साथ-साथ उक्त महाविद्यालयों के समस्त छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।  

प्रदेश में 15 से 31 मार्च तक होगा भावांतर भुगतान योजना में लहसुन का पंजीयन

प्रदेश में 15 से 31 मार्च तक होगा भावांतर भुगतान योजना में लहसुन का पंजीयन 
पंजीयन की कार्यवाही होगी 20 जिलों में प्रति हेक्टेयर एवं प्रति क्विंटल लागत मूल्य की गणना के लिये समिति गठित 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018


    मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर प्रदेश में भावांतर भुगतान योजना में लहसुन उत्पादकों के पंजीयन का कार्य 15 मार्च से शुरू हो रहा है। पंजीयन का कार्य 31 मार्च तक होगा। पंजीयन के संबंध में प्रदेश के 20 जिलों के कलेक्टरों को प्रमुख सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विभाग डॉ.. राजेश राजौरा ने पत्र लिखकर आवश्यक निर्देश दिये हैं।
    लहसुन उत्पादक किसानों का पंजीयन एक हजार हेक्टेयर से अधिक लहसुन बोनी के 20 जिलों की प्राथमिक कृषि साख समितियों तथा मंडी समितियों में भावांतर भुगतान योजना पोर्टल पर किया जायेगा। जिन 20 जिलों में पंजीयन का कार्य होगा, उनमें नीमच, रतलाम, उज्जैन, मन्दसौर, इन्दौर, सागर, छिन्दवाड़ा, शिवपुरी, शाजापुर, राजगढ़, छतरपुर, आगर-मालवा, गुना, धार, देवास, सीहोर, रीवा, सतना, भोपाल और जबलपुर शामिल हैं।
कृषि लागत की गणना के लिये समिति का गठन 
    राज्य शासन ने प्रदेश में खरीफ एवं रबी फसलों की कृषि एवं उद्यानिकी फसलों के प्रति हेक्टेयर एवं प्रति क्विंटल लागत मूल्य की गणना के लिए समिति का गठन भी किया है। समिति की पहली बैठक 15 मार्च को होगी।
    समिति के अध्यक्ष कुलपति, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर होंगे। समिति के सदस्य सचिव संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास होंगे। समिति के अन्य सदस्य आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था हैं। प्रधान वैज्ञानिक कृषि अर्थशास्त्र राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति के अन्य सदस्यों में श्री ओम ठाकुर (सिवनी), श्री नारायण सिंह पटेल (नरसिंहपुर) और श्री अश्विनी सिंह चौहान (उज्जैन) को शामिल किया गया है।
    समिति खरीफ एवं रबी फसलों की राज्य शासन द्वारा विर्निदिष्ठ की गई कृषि एवं उद्यानिकी फसलों की प्रति हेक्टेयर एवं प्रति क्विंटल मध्यप्रदेश की औसत लागत मूल्य की गणना कर राज्य शासन को गणना पत्रक अनुसार जानकारी 7 दिवस में प्रस्तुत करेगी।

खतरनाक खदानों से अवैध उत्खनन को तत्काल बंद करायें-कमिश्नर

खतरनाक खदानों से अवैध उत्खनन को तत्काल बंद करायें-कमिश्नर 
 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने शहडोल संभाग के सभी खनिज अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि शहडोल संभाग में खतरनाक खदानों में अवैध उत्खनन को तत्काल बंद करायें। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि शहडोल संभाग की ऐसी खदानें जहां पूर्व में दुर्घटनाएं हो चुकी हैं तथा जहां दुर्घटना होने की संभावनाएं हैं ऐसी सभी खदानों को चिन्हित करें, जिन खदानों को फीलिंग करने की आवश्यकता हो उनकी फीलिंग करायें तथा ऐसी खतरनाक खदानों से खनिज के अवैध उत्खनन को तत्काल बंद करायें। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि शहडोल संभाग में खनिज के खतरनाक खदानों में किसी भी स्थिति में दुर्घटनाएं नहीं होना चाहिए तथा जनहानि नहीं होनी चाहिए। कमिश्नर ने सभी खनिज अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अवैध खनिज के उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण को रोकने के लिये हर समय अलर्ट रहें तथा इस कार्य में लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने उक्त निर्देश मंगलवार को खनिज विभाग की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये। कमिश्नर ने निर्देश दिये हैं कि सभी खनिज अधिकारी अपने क्षेत्र में खतरनाक माईनिंग साईडों को चिन्हित करें तथा उनकी फीलिंग करायें। आवश्यकता होने पर ऐसे माईनिंग की बैरीकेटिंग भी करायें। बैठक में खनिज अधिकारी अनूपपुर ने बताया कि अनूपपुर में डीएमएफ मद से वर्ष 2016-17 में 34 करोड रूपये के 497 निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे वहीं वर्ष 2017-18 में 22 करोड़ रूपये की राशि डीएमएफ मद में प्राप्त हुई है जिसके निर्माण कार्य स्वीकृत किये जा रहे हैं। समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने निर्देश दिये कि डीएमएफ मद के निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड के अनुसार स्वीकृत होना चाहिए तथा उच्च गुणवत्ता के होने चाहिए। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि डीएमएफ के कार्यों में गुणवत्ता का पूर्णतः ध्यान रखा जाये तथा निर्माण कार्य पूर्णतः सुचिता एवं पारदर्शिता के साथ पूर्ण कराये जायें। बैठक में संयुक्त आयुक्त श्री जे.के. जैन, खनिज अधिकारी शहडोल सुश्री फरहत जहां, खनिज अधिकारी अनूपपुर श्री पन्द्रे एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे। 

अनूपपुर जिले के 5 केन्द्राध्यक्षों को कमिश्नर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

अनूपपुर जिले के 5 केन्द्राध्यक्षों को कमिश्नर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस 
मामला परीक्षा केन्द्रों की मॉनीटरिंग में उदासीनता का 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    कमिश्नर शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव द्वारा माध्यमिक शिक्षा मण्डल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्ड्री एवं हाई स्कूल की वार्षिक परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केन्द्रों में उड़नदस्ता दल द्वारा नकल प्रकरण बनाये जाने की घटनाओं को अति गंभीरता से लिया गया है तथा संबंधित परीक्षा केन्द्रों के केन्द्राध्यक्षों को कमिश्नर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर नियत तिथि तक जबाब तलब किया गया है। कमिश्नर द्वारा अनूपपुर जिले के परीक्षा केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय करौंदी विकास खण्ड पुष्पराजगढ़ के केंद्राध्यक्ष प्राचार्य श्री आर.बी.प्रसाद, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खांटी के केंद्राध्यक्ष व्याख्याता श्री आर.पी.गौतम, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मॉडल पुष्पराजगढ़ के केंद्राध्यक्ष व्याख्याता श्री के.के.दुबे, केद्राध्यक्ष शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भेजरी के केंद्राध्यक्ष श्री ए.पी.सोनी एवं केद्राध्यक्ष शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दमेंहड़ी प्राचार्य श्री एच.एल.बहेलिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कमिश्नर द्वारा कहा गया है कि आपको माध्यमिक शिक्षा मण्डल मध्यप्रदेश भोपाल की परीक्षा 2017-18 हेतु केन्द्राध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आपके परीक्षा केन्द्रों में जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल द्वारा नकल प्रकरण बनाये गये हैं, ऐसा प्रतीत होता है कि आपके द्वारा माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तथा परीक्षा जैसे संवेदनशील मामलें में लापरवाही की जा रही है। आपका उपरोक्त कृत्य मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 की धारा डी की श्रेणी में आता है। अतः उक्त कृत्य के लिये क्यों न आपके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। आप अपना प्रति उत्तर निर्धारित तिथि को कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करें। प्रति उत्तर समय सीमा में अथवा संतोषजनक प्राप्त नहीं होने की दशा में एक तरफा कार्यवाही की जायेगी। 

ग्राम धनपुरी एवं विकासखंड पुष्पराजगढ़ में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन संपन्न

ग्राम धनपुरी एवं विकासखंड पुष्पराजगढ़ में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन संपन्न 
 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    कृषि विज्ञान केन्द्र, अमरकंटक द्वारा ग्राम धनपुरी व मजीठा विकासखण्ड पुष्पराजगढ़ में कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जो मुख्य रूप सें ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई व जैव रोग नियंत्रक कारकों का ग्रीष्म कालीन सब्जी फसलो मे महत्व विषय पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सूर्यकांत नागरे विशेषज्ञ, शस्य विज्ञान, कृषि विज्ञान केन्द्र, अमरकंटक, जिला-अनूपपुर ने ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई के पर चर्चा करते हुये कृषकों को ग्रीष्म कालीन जुताई के लाभ पर विस्तार से अवगत कराया। श्री नागरे द्वारा अवगत कराया कि ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई 3 वर्ष में एक बार करने से फसल उत्पादन में वृद्धि के साथ कीट व बिमारी के प्रकोप में कमी आती है।
    अनिल कुरमी विशेषज्ञ, फसल सुरक्षा कृषि विज्ञान केन्द्र, अमरकंटक, जिला- अनूपपुर ने रासायनिक खेती का मानव स्वास्थ्य पर हो रहे दुष्प्रभाव पर चर्चा करते हुये जैव कीटनाशक व रोग नाशक का कृषि में महत्व पर विस्तार से चर्चा करते हुये जैविक कीटनाशक बनाने की विधि, सिद्धांत, उपयोग विधि की जानकारी दी। अनिल कुरमी द्वारा किसानो को जैविक सब्जी उत्पादन हेतु प्रेरित करते हुये दैनिक जीवन में उपयोग की सलाह दी गई। कार्यक्रम के दौरान ग्राम धनपुरी व मजीठा के 45 से अधिक कृषकों ने भाग लिया।

नरवाई जलाना खेती के लिए आत्मघाती

नरवाई जलाना खेती के लिए आत्मघाती 
 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री एन.डी. गुप्ता ने बताया कि किसानों द्वारा गेहूं कटने के बाद बचे हुए फसल अवशेष (नरवाई) जलाना खेती के लिए आत्मघाती कदम सिद्ध हो सकता है। नरवाई जलाने से अन्य खेतों, पशु बाडे, खलीहान आदि में अग्नि दुर्घटना की संभावना रहती है। मिट्टी की उर्वरता पर असर पडता है। धुएं से उत्पन्न कार्बनडाई ऑक्साईड से वातावरण का तापमान बढता है और प्रदूषण से भी वृद्धि होती है, जिससे पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ता है। खेती की उर्वरा परत लगभग 6 इंच की ऊपरी सतह पर ही होती है इसमें तरह-तरह के खेती को लाभदायक मित्र जीवाणु उपस्थित रहते हैं। नरवाई जलाने से यह नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को नुकसान होता है।
    नरवाई जलाने की अपेक्षा अवशेषों और डंठलों को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सड़कर पोषक तत्वों से भरपूर कृषक स्वयं का जैविक खाद बना सकते हैं। खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या डिस्कहेरो आदि की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जैवांश खाद्य की बचत की जा सकती है। सामान्य हार्वेस्टर से गेहूं कटवाने के स्थान पर स्ट्रारीपर एवं हार्वेस्टर्स का प्रयोग करें तो पशुओं के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ने के साथ मिट्टी की संरचना को बिगडने से बचाया जा सकता है।

मॉझी जनजाति के सदस्यों के हितों का होगा संरक्षण

मॉझी जनजाति के सदस्यों के हितों का होगा संरक्षण 
 
अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कलेक्टरों को परिपत्र भेजकर बताया है कि राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि धीवर, कहार, भोई, केवट, मल्लाह, निषाद आदि जाति के जिन व्यक्तियों द्वारा “माझी” अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 11 नवम्बर 2005 के पूर्व शासकीय सेवाओं में नियोजन व शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश प्राप्त कर लिया है, उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाये, किन्तु उक्त दिनांक के पश्चात उन्हें अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत नहीं मानते हुये आरक्षण का लाभ नहीं दिया जायेगा। 

लोक सेवा केन्द्र में अब नई सुविधा

लोक सेवा केन्द्र में अब नई सुविधा 

अनुपपुर | 15-मार्च-2018
 
 
    मध्यप्रदेश लोक सेवा अभिकरण द्वारा लोक सेवा केन्द्रों मे एक नई सुविधा प्रारंभ की गई है। इस सुविधा के तहत अब आम जनता को वाट्सएप के माध्यम से भी प्रमाण पत्र उनके मोबाइल पर भेजे जायेंगे, इसके लिये आवेदक को आवेदन करते समय अपना वाट्सएप वाला मोबाइल नंबर दर्ज कराना होगा, जो की आवेदन को कम्प्यूटर में दर्ज करते समय भरा जायेगा। अभी यह सुविधा केवल आय एवं निवास के प्रमाण पत्रों के संबध में प्रारंभ की गई है।
    जैसे ही वह आवेदन प्राधिकृत अधिकारी द्वारा निराकृत किया जायेगा, सॉफ्टवेयर में इस प्रकार की व्यवस्था की गयी है कि लोक सेवा केन्द्र के आपरेटर द्वारा आवेदक को आवेदन पर हुई कार्यवाही की सूचना उसके मोबाइल पर पहुंच जायेगी, जिसको आवेदक कहीं से भी निकाल सकता है या अपने मोबाइल में सुरक्षित रख सकता है। 

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