Sunday, March 18, 2018

पूजा वस्त्रकार ने दिलाई शहडोल को विस्वस्तरीय पहचान नवरात्रि शुभारंभ के शुभ अवसर पर नारी शक्ति हुई परिलक्षित


सफलता की कहानी

पूजा वस्त्रकार ने दिलाई शहडोल को विस्वस्तरीय पहचान
नवरात्रि शुभारंभ के शुभ अवसर पर  नारी शक्ति हुई परिलक्षित




अनूपपुर 18 मार्च 2018/ किसी भी स्थान विशेष के लिए वह दिन गौरव का दिन होता है जब निवासियों को पहचान देने वाले को वहाँ पले-बढ़े किसी इंसान के द्वारा पहचान मिलती है। नर्मदा नदी के इर्द गिर्द, प्रकृति की गोद मे बसे इस शान्तिप्रिय क्षेत्र को आज शहडोल की बेटी पूजा वस्त्रकार के द्वारा विस्वस्तरीय पहचान मिल गयी है। आज के शुभ दिन पूजा की प्रतिभा, लगन एवं संघर्ष को बयान करने वाला लेख क्रिकेट की बहुचर्चित वेबसाइट espncricinfo के होम पेज पर आया। आज नवरात्रि शुभारंभ के पवित्र अवसर पर ही नारी शक्ति का परिलक्षित होना एक सुखद संयोग है। यह निःसंदेह न केवल शहडोल क्षेत्र अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए गौरव का क्षण है। इससे समस्त महिला समुदाय मे आत्मविश्वास का संचार होगा साथ ही मध्यप्रदेश की विकास यात्रा मे महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने मे भी सहयोगी होगा।

पूजा वस्त्रकार जिन्होने महज दूसरे महिला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच मे नौवे नंबर पर बल्लेबाज़ी कर अर्धशतक लगाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर क्रिकेट जगत मे सनसनी फैला दी थी। कभी गुमनाम रहने वाली पूजा को आज किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। पाँच बहनो एवं दो भाइयों के बीच सबसे छोटी पूजा के पिता बीएसएनएल के सेवानिवृत्त कर्मचारी है। महज 10 वर्ष की उम्र मे माँ का साथ छुटना इसके बाद लगातार चोटों से खेल के बाधित होने की अडचने  भी पूजा की  मेहनत, लगन एवं दृढ़ निशय के सामने हार गयी। भारतीय महिला टीम की फ़िल्डिंग कोच बीजू जॉर्ज के अनुसार पूजा संघर्ष की पर्याय है।
ऐसे हुई शुरुआत

पूजा कहती है भारतीय पुरुष टीम के विस्फोटक बल्लेबाज़ वीरेंद्र सेहवाग की वजह से वह क्रिकेट के प्रति आकृष्ट हुई और क्रिकेट को भविष्य बनाने का विचार उनके मन मे आया। उसके बाद शहडोल की गलियों मे बच्चो के साथ खेलने की शुरुआत हुई। शुरुआत मे सिर्फ फ़िल्डिंग मिलती थी, धीरे-धीरे गेंदबाजी और कभी कभी बल्लेबाज़ी का मौका भी मिलने लगा। पूजा बताती हैं उस एक दो ओवर मे भी वो कमाल कर देती थीं। पूजा की लगन का पता इस बात से पता चलता है कि जब लड़के फ़िटनेस ट्रेनिंग करते थे तो खाली नेट मे वो बल्लेबाज़ी का अभ्यास करती थीं। इसी लगन को कोच आशुतोष श्रीवास्तव द्वारा देखा गया एवं पूजा का नयी ऊंचाइयों को छूने का सफर प्रारम्भ हुआ।
सिर्फ 6 महिला एकदिवसीय मैच के बाद ही मिला बीसीसीआई का सेंट्रल कांट्रैक्ट


क्रिकेट की सभी विधाओं के गुणो से सम्पन्न पूजा को उनकी विलक्षण प्रतिभा, कड़ी मेहनत एवं लगन के परिणाम स्वरूप महज 6 महिला एकदिवसीय मैच के उपरांत ही बीसीसीआई का सेंट्रल कांट्रैक्ट मिल गया है।पूजा जो बतौर गेंदबाजी आलराउंडर भारतीय महिला टीम मे है, वो चाहती हैं कि उन्हे ऐसे आलराउंडर के रूप मे जाना जाए जो बल्लेबाज़ी, गेंदबाजी एवं क्षेत्ररक्षण सभी मे अच्छी हैं। यूं कहें “ पूजा को सब कुछ आता है और अच्छी तरह से आता है “
समस्त क्षेत्र पूजा के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं देता है। नवरात्रि शुभकामनाओं के साथ एक बार फिर से “नारी शक्ति की जय” 

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