Saturday, June 16, 2018

विशिष्ट संस्थाओं में कक्षा 06वीं एवं 09वीं में प्रवेश हेतु कक्षा 05वीं एवं 08वीं का परीक्षा परिणाम निर्धारित

विशिष्ट संस्थाओं में कक्षा 06वीं एवं 09वीं में प्रवेश हेतु कक्षा 05वीं एवं 08वीं का परीक्षा परिणाम निर्धारित 
लिंक के माध्यम से कराये पूर्ति 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
    सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर ने बताया है कि विशिष्ट संस्थाओं में कक्षा 06वीं एवं 09वीं में प्रवेश हेतु ऑनलाईन प्रवेश परीक्षा विद्यार्थियों का कक्षा 05वीं एवं 08वीं के प्राप्तांकों की पूर्ति हेतु लिंक खुली है, जिसकी जानकारी विशिष्ट संस्था के प्राचार्यो को दूरभाष द्वारा दी गई है, तथा छात्रों को भोपाल स्तर से मैसेज द्वारा मोबाईल नम्बर पर दी गई है। आपने कहा कि प्राचार्य शासकीय एकलब्य आदर्ष आवासीय विद्यालय अनूपपुर, कन्या शिक्षा परिसर अनूपपुर/जैतहरी/पुष्पराजगढ़ एवं शासकीय उत्कृष्ट उमावि अनूपपुर के साथ-साथ छात्रों को सूचित किया जाता है कि कक्षा 05वीं एवं 08वीं का परीक्षा परिणाम निर्धारित लिंक के माध्यम से पूर्ति कराना सुनिश्चित करें।

आदिम जनजातियों को बिना भर्ती प्रक्रिया नियुक्ति देने का प्रावधान

आदिम जनजातियों को बिना भर्ती प्रक्रिया नियुक्ति देने का प्रावधान 
 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण) नियम-1998 के नियम-4 ख में संशोधन की अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 31 मई 2018 में प्रकाशित कर दी गई है।
   संशोधन अनुसार आदिम जनजातियों के लिये विशेष उपबंध में उल्लेख किया गया है कि यदि आवेदक जिला श्योपुर, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भिण्ड, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर की सहारिया/सहरिया आदिम जनजाति, जिला मंडला, डिण्डोरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट तथा अनूपपुर की बैगा आदिम जनजाति तथा जिला छिन्दवाड़ा तथा सिवनी की भारिया जनजाति का है और संविदा शाला शिक्षक या तृतीय/ चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद के लिये या वनरक्षक (कार्यपालिक) के लिये आवेदन करता है और उस पद के लिए विहित की गई न्यूनतम अर्हता रखता है, तो उसे भर्ती प्रक्रिया को अपनाये बिना इन पद पर नियुक्त किया जायेगा।

श्रमिक वर्ग की प्रसूता को मिलेगी 16 हजार की राशि (मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना)

श्रमिक वर्ग की प्रसूता को मिलेगी 16 हजार की राशि (मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना) 

अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति योजना के तहत शासकीय स्वास्थ्य संस्था में प्रसव करवाने वाली श्रमिक वर्ग की हितग्राही महिला को कुल 16 हजार का वित्ती लाभ प्रदान किया जायेगा। योजना का उद्देश्य हाई रिस्क की पहचान, सुरक्षित संस्थागत प्रसव एवं शिशु स्तनपान व टीकाकरण को बढ़ावा देना है। साथ ही महिला एवं शिशुओं के स्वास्थ्यवर्धक व्यवहारों को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहन राशि के माध्यम से अनुकूल वातावरण का निर्माण किया जाना है। योजना 01 अप्रैल 2018 से प्रभावशील होगी।
   योजना अंतर्गत दो किश्तों में भुगतान किया जायेगा। गर्भावस्था के दौरान निर्धारित अवधि में अंतिम तिमाही तक चिकित्सक या एएनएम द्वारा चार प्रसव पूर्व जांच करवाने पर राशि चार हजार रूपये का भुगतान किया जायेगा। इसी प्रकार शासकीय स्वास्थ्य संस्था में प्रसव होने, शीघ्र स्तनपान करवाने एवं जन्म के समय के सभी टीके लगने पर 12 हजार रूपये का भुगतान महिला हितग्राही को किया जायेगा।
   योजना अंतर्गत हितग्राही के रूप में मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना, घरेलू कामकाजी महिला कल्याण योजना, हाथ ठेला एवं साईकिल रिक्शा चालक योजना, शहरी गरीबों के लिए कल्याण योजना, केश शिल्पी कल्याण योजना, हम्माल एवं तुलावटी कल्याण योजना, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल के हितग्राहियों को सम्मिलित किया गया है। इन संवर्गों में पंजीकृत श्रमिक महिला अथवा पंजीकृत श्रमिक पुरूष की पत्नी को योजना का लाभ मिलेगा। ये लाभ 18 वर्ष से अधिक की आयु होने एवं 2 जीवित शिशु जन्मों के लिये मान्य किया जायेगा।

मूल अंक-सूची एवं प्रमाण-पत्र के अभाव में भी 12वीं पास को मिलेगा कॉलेज में प्रवेश

मूल अंक-सूची एवं प्रमाण-पत्र के अभाव में भी 12वीं पास को मिलेगा कॉलेज में प्रवेश 

अनुपपुर | 16-जून-2018

 
    उच्च शिक्षा विभाग ने सभी पारम्परिक विश्वविद्यालयों और शासकीय महाविद्यालयों को निर्देशित किया है कि 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी को कम्प्यूटर प्रिंट की अंक-सूची और प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर मान्य करते हुए उनके प्रवेश की कार्यवाही सुनिश्चित करें। विद्यार्थियों से यह घोषणा-पत्र भी लिया जाये कि एक माह के भीतर संबंधित प्रमाण-पत्र आदि महाविद्यालय में आवश्यक रूप से प्रस्तुत कर देंगे।
   विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कक्षा-12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों की मूल अंक-सूची एवं प्रमाण-पत्र के बिना प्रवेश की कार्यवाही नहीं करने की सूचना पर उक्त निर्देश जारी किये गये हैं।

एनसीटीई के पाठ्यक्रमों के लिये इस वर्ष एम.पी. ऑनलाइन से होगा प्रवेश

एनसीटीई के पाठ्यक्रमों के लिये इस वर्ष एम.पी. ऑनलाइन से होगा प्रवेश 

अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   प्रदेश के सभी अशासकीय शिक्षा महाविद्यालयों एवं पारंपरिक विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक एवं शारीरिक शिक्षण अध्ययन शालाओं में सत्र 2018-19 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के बी.एड. एवं अन्य पाठ्यक्रमों के लिये स्वीकृत लगभग 50 हजार सीटों के लिये प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) के माध्यम से प्रवेश परीक्षा व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
   इस वर्ष एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया सम्पन्न की जायेगी। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू कर दी गई है। ऑनलाइन काउंसलिंग की समय-सारणी शीघ्र ही उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट www.highereducation.mp.gov.in  एवं एम.पी. ऑनलाइन के पोर्टल http://hed.mponline.in  पर उपलब्ध रहेगी।

दस्तक अभियान में घर-घर जाकर होगी 5 साल तक के बच्चों की जाँच

दस्तक अभियान में घर-घर जाकर होगी 5 साल तक के बच्चों की जाँच 
31 जुलाई तक चलेगा अभियान 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   प्रदेश में जन्म से 5 साल तक के बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और टीकाकरण के लिये संचालित दस्तक अभियान में बच्चों के पालन-पोषण, कुपोषित बच्चों की पहचान, टीकाकरण, खून की कमी, दस्त रोग, विटामिन-ए का डोज, माँ के दूध के फायदे, निमोनिया की पहचान, एनआरसी और एसएनसीयू से डिस्चार्ज बच्चों के फॉलोअप संबंधी गतिविधियाँ की जा रही है। अभियान 14 जून से शुरू हुआ है ओर 31 जुलाई तक चलेगा। अभियान की गतिविधियाँ स्वास्थ्य ओर महिला-बाल विकास की संयुक्त टीम द्वारा घर-घर जाकर की जा रही हैं।
   अभियान में हर गाँव में एएनएम, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ता की टीम गठित की गई है। टीम में एएनएम को उपचार, जाँच और परामर्श के लिये दस्तक किट प्रदान किये गये हैं। किट में एमयूएसी टेप, कलर स्केल, आयरन सिरप, ओआरएस, जिंक टेबलेट, साबुन, एमोक्सीलिन, कोट्रीमॉक्साजोल टेबलेट दी गई है। अभियान के दौरान जन्मजात विकृतियों, कटे होंठ, तालू, बहरापन, भेंगापन, क्लबफुट बच्चों की पहचान भी की जायेगी। रोग के लक्षण मिलने पर बच्चे को निकट के स्वास्थ्य केन्द्र के लिये रेफर किया जायेगा। इसके लिये निरूशुल्क परिवहन की व्यवस्था भी होगी। अभियान के दौरान विभिन्न भ्रांतियों और कुरीतियों को दूर करने की समझाइश भी दी जा रही है।

"स्कूल चलें हम अभियान 2018" का शुभारंभ

"स्कूल चलें हम अभियान 2018" का शुभारंभ 
हर बच्चे को अनिवार्य स्कूली शिक्षा देना समाज और सरकार की साझा जिम्मेदारी- मुख्यमंत्री श्री चौहान, मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा "पढ़ाई को बनायें आनंददायी, न डरें न झिझकें", "गिफ्ट ए बुक अभियान" का किया शुभारंभ : प्रतिभाओं को किया सम्मानित 
अनुपपुर | 16-जून-2018

 
   मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "स्कूल चलें हम अभियान 2018" का शुभारंभ किया। उन्होंने समाज के सक्षम नागरिकों से अपील की कि वे सचेत रहें और देखें कि पास-पड़ोस, शहर-गाँव का हर बच्चा स्कूल जाए। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को अनिवार्य स्कूली शिक्षा देना समाज और सरकार की साझा जिम्मेदारी है।
   श्री चौहान ने स्थानीय समन्वय भवन में आयोजित कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पठन-पाठन में नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि पढ़ाई आनंददायक होना चाहिए। पढ़ाई बोझ नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर बच्चे में प्रतिभा, ऊर्जा और क्षमता होती है। बच्चों में झिझक और हिचक टूटना चाहिए। झिझक से प्रतिभा दब जाती है। उन्होंने बच्चों से कहा कि कभी भी झिझकें नहीं और न ही डरें। उन्होंने बच्चों से जीवन में महान काम करने का मंत्र साझा करते हुए बताया कि जो भी अच्छा पढ़ो, उसे जीवन में उतारो। उन्होंने धर्मराज युधिष्ठिर और महात्मा गांधी का उदाहरण दिया। श्री चौहान ने कहा कि बच्चों में भारत का निर्माण करने की क्षमता है। उनकी क्षमता को निखारने और आगे लाने की जिम्मेदारी शिक्षक और समाज दोनों की है। उन्होंने बच्चों को आश्वस्त किया कि शिक्षा के लिए पैसे कभी भी बाधा नहीं बनेंगे। उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा में अच्छे नम्बर लाने के बाद उच्च स्तर की शिक्षा में खर्च होने वाले पैसे सरकार भरेगी।
   मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बच्चों द्वारा निकाली गई पत्रिका "गुल्लक" और प्रकाशित किये गये समाचार पत्र "नन्ही कलम से" का विमोचन किया। उन्होंने "मिल बाँचे मध्यप्रदेश" के पोर्टल का शुभारंभ भी किया।  पोर्टल का शुभारंभ सात अगस्त को होगा।
"गिफ्ट ए बुक अभियान" का शुभारंभ
   मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर "गिफ्ट ए बुक अभियान" का शुभारंभ किया। उन्होंने अभियान की शुरुआत करते हुए अपने निजी संग्रह से शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को कुछ किताबें भेंट की। यह शिक्षा विभाग की नई पहल है। इसका उद्देश्य समाज के सहयोग से शालाओं में लाइब्रेरी को समृद्ध बनाना है। समाज के प्रबुद्ध नागरिकों को बच्चों के उपयोग की किताबें दान करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी पोर्टल और इसके अंतर्गत ई-लर्निंग मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया। इन्हें शिक्षक और विद्यार्थी दोनों उपयोग कर सकते हैं।
   स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि स्कूली शिक्षा में नवाचारों के माध्यम से परिवर्तन लाते हुए शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। शासकीय शालाओं की गुणवत्ता निरंतर बढ़ रही है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के मार्गदर्शन में स्कूली शिक्षा में परिवर्तन आया है।
नन्ही प्रतिभाओं ने किया प्रभावित, मिला उपहार
   मुख्यमंत्री को विद्यार्थियों की प्रतिभा ने इतना प्रभावित किया कि वे भी उन्हें सम्मानित करने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने तत्काल मंच से ही उपहारों की घोषणा की। कहानी उत्सव में प्रथम आने वाले खंडवा के पाँचवी कक्षा के विद्यार्थी रामकृष्ण कान्हारे ने जब महादेव गोविंद रानाडे के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायी कहानी सुनाई तो मुख्यमंत्री और अन्य अतिथि मंत्र-मुग्ध हो गये। कहानी सुनाने की शैली इतनी सम्मोहक थी कि मुख्यमंत्री ने कहानी समाप्त होते ही उसे गले लगा लिया और पुरस्कार स्वरूप 25 हजार रूपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की। उन्होंने शाला छोड़ने वाले बच्चों को फिर से दाखिला लेने पर उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
   प्रारंभ में दृष्टि-बाधित बालिका फाल्गुनी और माडल स्कूल, भोपाल के विद्यार्थियों द्वारा  "वंदे-मातरम" की प्रस्तुति से भाव-विभोर होकर मुख्यमंत्री ने फाल्गुनी को ब्रेल लिपि का लैपटाप देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि फाल्गुनी मन की आँखों से दुनिया देखती- समझती है। उन्होंने "वंदे-मातरम्" की प्रस्तुति में साथी बालिकाओं को 25 हजार की सम्मान निधि देने की भी घोषणा की।
   श्री चौहान ने पहली बार स्कूल में कदम रख रहे बच्चों को स्कूल बेग, पानी की बॉटल और स्टेशनरी का सेट भेंट कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने खेल-खेल में पढ़ाई करने के तरीकों पर आधारित प्रदर्शनी भी देखी इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, प्रमुख सचिव आदिमजाति कल्याण श्री एस. एन. मिश्रा, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत और विद्यार्थी उपस्थित थे। संचालक राज्य शिक्षा केंद्र श्री लोकेश जाटव ने आभार माना।

वेतन विसंगति दूर होने पर जेलर संवर्ग ने माना जेल मंत्री का आभार

वेतन विसंगति दूर होने पर जेलर संवर्ग ने माना जेल मंत्री का आभार 
 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   जेल मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य की पहल पर जेलर, उप जेलर और मुख्य प्रहरी को नया वेतनमान मिलने पर जेलर संवर्ग ने श्री आर्य को निवास पर शॉल-श्रीफल भेंट कर आभार ज्ञापित किया। वेतन विसंगति को दूर करने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी। उल्लेखनीय है कि जेल मंत्री के रूप में श्री आर्य का यह तीसरा कार्यकाल है। तीनों कार्यकाल में श्री आर्य ने जेल विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति, वेतन विसंगति दूर करने और 20 वर्षों से अस्थाई महिला प्रहरियों को नियमित कराने आदि का कार्य करवाया।
आगे भी होगी पदोन्नति
   श्री आर्य ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को जानना और उनका निराकरण बहुत जरूरी है। अब पदोन्नति के लिये विभागीय परीक्षा भी होगी। पहले कई बार कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो जाते थे। उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी को उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित भी किया जायेगा। श्री आर्य ने कहा जेल संवेदनशील विभाग है। जेल में अधिकारी-कर्मचारी अपराधियों के बीच बिना हथियार के अपने कर्त्तव्य करते रहते हैं। श्री आर्य ने कहा पिछले कार्यकाल में जेलरों को राजपत्रित अधिकारी का दर्जा मंजूर करवाया था। इससे उन्हें ड्रावल के अधिकार मिलने से वेतन वितरण में काफी सुविधा हो गई है।

पंजीयन एवं मुद्रांक की आय में हुई 550 प्रतिशत तक वृद्धि

पंजीयन एवं मुद्रांक की आय में हुई 550 प्रतिशत तक वृद्धि 
वर्ष 2016-17 में विभाग की आय बढ़कर हुई 3947.47 करोड़ 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   प्रदेश में पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के राजस्व में वर्ष 2003-04 के मुकाबले वर्ष 2016-17 में 550 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। विभाग की वर्ष 2003-04 में राजस्व आय करीब 616 करोड़ रुपये हुआ करती थी, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 3947.47 करोड़ रुपये हो गई है।
   प्रदेश में दस्तावेजों के पंजीयन की प्रक्रिया को सुलभ एवं सरल बनाने के लिए संपदा (स्टाम्प एण्ड मेनेजमेंट ऑफ प्रॉपर्टी एण्ड डाक्यूमेंट्स एप्लीकेशन) सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। यह एक वेब इनेब्ल्ड प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत अचल संपत्ति के दस्तावेजों का ई-पंजीयन एवं जिन दस्तावेजों में स्टाम्प शुल्क देय है, उनकी ई-स्टाम्पिंग की जाती है। विभाग में संपदा परियोजना लागू होने से पंजीयन प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ-साथ एक ही सम्पत्ति की एक ही विक्रेता द्वारा बार-बार रजिस्ट्री कर विक्रय किये जाने पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही पूर्व में पंजीयन के लिए प्रस्तुत दस्तावेज अपर्याप्त स्टाम्प लगाकर लंबित रखे जाते थे। संपदा परियोजना में अपर्याप्त रूप से मुद्रांकित दस्तावेज पंजीयन के लिए स्वीकार ही नहीं होते है। इस प्रक्रिया से अब राज्य शासन का राजस्व अवरूद्ध नहीं होता।
संपदा परियोजना से स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस ऑनलाइन भरने की व्यवस्था हुई है। इससे सभी कार्य कैशलेस हो गये है और फर्जी स्टाम्पों के प्रचलन पर भी रोक लगी है। संपदा परियोजना से केन्द्र सरकार के कैशलेस लेन-देन के उद्देश्यों को प्रदेश में सफल बनाया गया है।
कार्यालय भवनों का निर्माण
   वर्ष 2003-04 से वर्ष 2016-17 की अवधि में प्रदेश के अधिकांश जिलों में जिला पंजीयक और उप-पंजीयक कार्यालय के भवनों का निर्माण किया जा चुका है। भवन निर्माण से स्थायी अभिलेख की सुरक्षा हो सकी है। विभाग का राज्य स्तरीय मुख्यालय भवन अरेरा हिल्स में बनाया जा चुका है। राज्य स्तरीय मुख्यालय में निर्माण, सुविधाओं और रख-रखाव के पैमाने के स्तर को ध्यान में रखते हुए, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान ने विभागाध्यक्ष की श्रेणी में महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय मध्यप्रदेश को पहला पुरस्कार दिया है। वर्ष 2017-18 में यह राजस्व बढ़कर 4800 करोड़ रुपये हो गया है।

ग्रीष्मकालीन उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 21 जून से कलेक्टर्स को जारी किये गये निर्देश

ग्रीष्मकालीन उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी 21 जून से कलेक्टर्स को जारी किये गये निर्देश 
 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
    प्रदेश में ग्रीष्मकालीन उड़द की मण्डी विक्रय दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य 5400 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे होने पर खरीदी का कार्य 21 जून से प्रारंभ किया जायेगा। इसके लिए किसानों के पंजीयन का कार्य प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में विगत 6 जून से शुरू हो गया है। पंजीयन का कार्य 21 जून तक जारी रहेगा।
   ग्रीष्मकालीन उड़द के उपार्जन का कार्य उन्हीं जिलों में किया जायेगा, जहाँ उड़द की बोनी का रकबा एक हजार हेक्टेयर अथवा उससे अधिक है। इस संबंध में प्रमुख सचिव किसान कल्याण तथा कृषि विकास डॉ. राजेश राजौरा ने जबलपुर, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, डिण्डौरी, सिवनी ,दमोह एवं हरदा के कलेक्टर्स को निर्देश जारी किये हैं। पंजीकृत किसान के ग्रीष्मकालीन उड़द के रकबे का सत्यापन पोर्टल पर किया जायेगा। ग्रीष्मकालीन उड़द की खरीदी 21 जून से 20 जुलाई तक की जायेगी।
   ग्रीष्मकालीन उड़द के पंजीयन के लिए संबंधित किसान को रकबे के भू-अभिलेख, आधार कार्ड की प्रतिलिपि, मोबाइल फोन नम्बर, बैंक खाते की जानकारी, बैंक आई.एफ.एस.सी. कोड के साथ देनी होगी। प्राईस सपोर्ट स्कीम में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन उड़द के लिए औसत उत्पादकता 14 क्विंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है। प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूँग 5575 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी जायेगी। मण्डी में ग्रीष्मकालीन मूँग की इस बार संभावित आवक एक लाख मीट्रिक टन आंकी गई है। ग्रीष्मकालीन उड़द 5400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदी की जायेगी। इसकी 17 हजार मीट्रिक टन आवक होने का अनुमान है।

जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय पाठक द्वारा ईद-उल-फितर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ

जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय पाठक द्वारा ईद-उल-फितर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ 
 
अनुपपुर | 16-जून-2018
   राज्य शासन के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं निःशक्त जन कल्याण विभाग एवं अनूपुपर जिले के प्रभारी मंत्री श्री संजय सत्येन्द्र पाठक ने प्रदेशवासियों को ईद-उल-फितर के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
   श्री पाठक ने अपने संदेश में कहा है कि रमजान के पवित्र माह के बाद मनाया जाने वाला यह पर्व सबके साथ अपनी खुशिया बाँटने का त्यौहार है। उन्होंने कहा कि ईद-उल-फितर का पर्व  दिलों को रोशन करने तथा सामाजिक सदभाव का प्रतीक है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि इबादत, संयम और समर्पण के पवित्र माह रमजान के बाद ईद पर्व का अवसर ढेरों खुशियाँ लेकर आया है।
   प्रभारी मंत्री ने सभी को ईद की दिली मुबारकबात देते हुए कहा कि सभी की दुआओं से प्रदेश अमन-चौन से तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
 

प्रदेश में 47 नये अनुविभाग सृजित

प्रदेश में 47 नये अनुविभाग सृजित 
शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ करने का अनुमोदन, स्व-सहायता समूह शासकीय शालाओं में करेगें गणवेश प्रदाय, मंत्रि-परिषद ने दिया मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना को अनुमोदन 
अनुपपुर | 16-जून-2018
 
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रि परिषद की बैठक में प्रदेश में 47 नवीन अनुविभाग सृजित करने, अनुविभागों के संचालन के लिए 21 नवीन पदों की स्वीकृति, 39 नवीन शासकीय महाविद्यालय स्थापित करने और 11 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषय आरंभ करने का निर्णय लिया गया। मंत्रि- परिषद ने मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना 2018 को भी स्वीकृति प्रदान की।
47 नवीन राजस्व अनुविभाग सृजित
   मंत्रि परिषद ने 47 नवीन अनुविभाग सृजित किये जाने को स्वीकृति प्रदान की। इसके अंतर्गत ग्वालियर जिले के भितरवार और घाटीगॉव गुना के आरोन, अशोकनगर के ईसागढ़, विदिशा के नटेरन और ग्यारसपुर, सीहोर के नसरूल्लागंज और इछावर, राजगढ़ के सारंगपुर, ब्यावरा तथा खिलचीपुर-जीरापुर, आगर मालवा के सुसनेर, खरगोन के भीकनगांव, खण्डवा के पंधाना, बड़वानी के राजपुर, अलीराजपुर के चन्द्रशेखर आजाद नगर (भाबरा) और सोंडवा, धार के बदनावर और सरदारपुर में अनुविभाग सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की। इसी क्रम में होशंगाबाद के इटारसी,पिपरिया तथा सिवनी मालवा, हरदा के खिरकिया व टिमरनी, बैतूल के शाहपुर, सागर के केसली व मालथौन, पन्ना के शाहनगर और गुन्नौर, छतरपुर के बड़ामलेहरा, कटनी के बहोरीबंद, नरसिंहपुर के गोटेगांव, सिवनी के कुरई और बरघाट, बालाघाट के लांजी, रीवा के हनुमना तथा मनगवां, सीधी के मझौली और सिहावल, सतना के उचहेरा, सिंगरौली के चितरंगी और माड़ा, शहडोल के जैतपुर और जयसिंह नगर, उमरिया के मानपुर और पाली तथा जबलपुर के कुण्डम में नवीन अनुविभाग सृजित किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया।
   मंत्रि-परिषद ने अनुविभागों के संचालन के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के कनिष्ठ श्रेणी वेतनमान के 21 नवीन पदों की स्वीकृति भी प्रदान की। 
39 नये शासकीय कॉलेज स्थापित होंगे
   मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 39 नवीन शासकीय महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके अंतर्गत उज्जैन में उन्हेल, झारडा तथा कायथा, छिंदवाडा में चौरई, टीकमगढ़ में बल्देवगढ, मोहनगढ़ व लिधोरा, श्योपुर में ढोढर, सागर में बांदरी, खिमलासा व नरियावली, शाजापुर में गुलाना, सिंगरौली में माडा, शिवपुरी में बदरवास, रन्नौद व कराहल, अशोकनगर में शाढोरा, सहरई तथा पिपरई, धार में उमरवन, रतलाम में पिपलौदा, रीवा में वेंकटनगर व नष्टिगवां होशंगाबाद में डोलरिया, डिंडौरी में करंजिया, समनापुर व अमरपुर देवास में पिपलरावां आगर मालवा में सोयतकलां मुरैना में कैलारस व बानमोर मंदसौर में दलौदा, नीमच में जीरन सीहोर में गोपालपुर, राजगढ़ में छापीहेडा, सिवनी में कुरई, बालाघाट में लामता सतना में ताला तथा सिवनी मालवा में कन्या महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया।
   इसी प्रकार 11 शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय आरंभ करने और 11 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषय प्रारंभ किये जाने का निर्णय भी लिया गया। खण्डवा, नरसिंहगढ़ तथा उज्जैन में शासकीय संगीत एवं ललित कला महाविद्यालयों के भवन निर्माण को अनुमोदन प्रदान करते हुए परियोजना को निरंतर रखने का निर्णय भी लिया गया।
यूनिफार्म सिलाई एवं प्रदाय कार्य एसएचजी करेंगे
   मंत्रि-परिषद ने शासकीय शालाओं की यूनिफार्म सिलाई एवं प्रदाय का कार्य स्व-सहायता समूहों को देने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि शासकीय शालाओं में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत् समस्त बालक एवं बालिकाओं को नि:शुल्क गणवेश उपलब्ध कराया जाता है।
शाला ज्योति योजना में 97,291 शालाएँ विद्युतीकृत होंगी
   इसी क्रम में मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना के अंतर्गत 97291 विद्युत विहीन शासकीय प्राथमिक/ माध्यमिक शालाओं में विद्युत सुविधा उपलब्ध कराने की स्वीकृति प्रदान की। इस पर 271 करोड़ रूपये का व्यय होगा।
   शाला परिसर को सुरक्षित अतिक्रमण मुक्त तथा छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और वृक्षारोपण में सहायता के उद्देश्य से शालाओं में बाउंड्रीवाल निर्माण योजना के लिए वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि तक 50 करोड़ रूपये तथा मनरेगा से कन्वर्जेंस राशि रूपये 20 करोड़ 50 लाख रूपये पर सहमति प्रदान की गई।
छात्रावासों के संचालन और निर्माण को निरंतर रखने का निर्णय
   मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए उत्कृष्ट सीनियर छात्रावासों के संचालन और निर्माण को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि छात्रावासों में कर्मचारियों का नियोजन आउटसोर्सिंग के माध्यम से यथा संभव किया जाये।      
मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना स्वीकृत
   मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना 2018 के अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा संचालित अनुग्रह राशि भुगतान, उपकरण अनुदान एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश/प्रतियोगी परीक्षा के लिये नि:शुल्क कोचिंग योजना व अंत्येष्टि सहायता प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की गई। अनुग्रह राशि भुगतान योजना के अंतर्गत 18 से 60 वर्ष आयु के पंजीकृत असंगठित श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होन पर 4 लाख, सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख, स्थायी अपंगता की स्थिति में 2 लाख तथा आंशिक स्थायी अपंगता पर 1 लाख की सहायता का प्रावधान है। उपकरण अनुदान योजना के अंतर्गत पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को उपकरण क्रय के लिए बैंक से ऋण लेने की दशा में प्राप्त ऋण का 10 प्रतिशत अथवा 5 हजार रूपये दोनो में से जो कम होगा अनुदान के रूप में दिया जाऐगा। पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चो को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश तथा यूपीएससी, पीएससी तथा बैकिंग आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था भी योजना में की गई है। संबल योजना में अत्येष्टि सहायता के लिए 5 हजार रूपये नगद सहायता की व्यवस्था भी की गई।  
अर्जित अवकाश संचयन की सीमा बढ़ी
   मंत्रि-परिषद ने म.प्र. सिविल सेवा (अवकाश नियम)  1977 में अर्जित अवकाश के अधिकतम संचयन की वर्तमान सीमा 240 दिवस को बढ़ाकर 300 दिवस करने का निर्णय लिया। यह संशोधन 01 जुलाई, 2018 से प्रभावशील होगा। संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय के 61 अस्थाई पदों को वर्ष 2019-20 तक निरंतर रखे जाने का निर्णय भी लिया गया।
शहरी सफाई कर्मी तकनीकी रूप से सक्षम होंगे
   मंत्रि-परिषद ने स्थानीय नगरीय निकायों द्वारा शहरी स्वच्छता संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए सेप्टिक टैंक सफाई एवं सीवेज सफाई के कार्य के लिए कर्मियों को सुरक्षा उपकरण जैसे जेटिंग मशीन, सेक्शन मशीन, मास्क आदि का अनुमोदन प्रदान कर तकनीकी रूप से सक्षम बनाने पर सहमति प्रदान की।
अन्य निर्णय
   शहडोल जिले में निवासरत कंवर जाति को स्थानीय बोली में कमर कहे जाने से उत्पन्न विसंगति का निराकरण करते हुये उनको अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किये जाने के निर्देश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिला कलेक्टर शहडोल को दिये जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया।
पंजीकृत कृषकों को मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का लाभ
   मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्धता के लिए कृषकों द्वारा बीज उत्पादन कार्यक्रम में पंजीकृत कृषकों को भी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि  योजना का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया। योजना के अंतर्गत रबी वर्ष 2017-18 में गेहूँ बीज के लिए रूपये 265 प्रति क्विंटल तथा चना, मसूर व सरसों बीज के लिए 100 रूपये प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि पात्र कृषको के बैंक खाते में आरटीजीएस/एनईएफटी के माध्यम से भुगतान करने का निर्णय लिया गया।
सिंचाई परियोजना
   मंत्रि-परिषद ने मुरैना जिले की आसन बैराज मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए कृषकों को विशेष पुनर्वास पैकेज का लाभ दिये जाने का निर्णय लिया। बैतूल जिले की गढ़ा सिंचाई परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 8500 हेक्टर के लिए 307 करोड़ 52 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। इसी क्रम में सीहोर जिले की सनकोटा सिंचाई परियोजना के कुल सैंच्य क्षेत्र 5000 हेक्टर के लिए 154 करोड़ 85 लाख रूपये तथा सीहोर जिले की ही मोगराखेडा़ सिंचाई परियोजना के कुल सैच्य क्षेत्र 4000 हेक्टर के लिए 105 करोड़ 72 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
भूमि आवंटन
    मंत्रि-परिषद ने सेन्टर फॉर रूरल हेल्थ एम्स की स्थापना के लिए रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील के ग्राम चिकलोद कलां 4.050 हेक्टेयर  भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के अंतर्गत बोहानी जिला नरसिंहपुर में गन्ना अनुसंधान केन्द्र की स्थापना के लिए 31.526 हेक्टेयर भूमि आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया। मारवाड़ी अग्रवाल समाज को सामाजिक भवन के लिए भोपाल शहर में 4000 वर्गफुट भूमि आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया।

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