Wednesday, April 4, 2018

कानून व्यवस्था बनाये रखना शासन प्रशासन की पहली प्राथमिकता - आयुक्त श्रीवास्तव

कानून व्यवस्था बनाये रखना शासन प्रशासन की पहली प्राथमिकता - आयुक्त श्रीवास्तव 
सामाजिक समरसता बनी रहे, समाज में कड़वाहट नहीं आये - पुलिस महानिरीक्षक श्री कुलश्रेष्ठ 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    कानून व्यवस्था बनाये रखना सरकार की पहली प्राथमिकता है। कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तथा पुलिस अधिकारी वर्तमान परिस्थितियों में नियमित रूप से संयुक्त भ्रमण करें, जनता से निरंतर संवाद बनाये रखें तथा सूचना तंत्र को मजबूत बनायें। जिससे अनूपपुर जिले का शांति का गौरवपूर्ण इतिहास बना रहे। आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव एवं पुलिस महानिरीक्षक श्री आईपी कुलश्रेष्ठ ने उक्त निर्देश आज अनूपपुर जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट सभागार में कानून व्यवस्था की मॉनीटिरिंग हेतु आयोजित कार्यपालिक दण्डाधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक के दौरान दिये। बैठक में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री हितेश चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री वैष्णव शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
    पुलिस महानिरीक्षक श्री आईपी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हमे समाज में कड़वाहट घोलने वाले लोगों से सर्तक रहना है। हरहाल में सामाजिक समरसता बनाये रखना है। गलत कार्य करने वाले तथा शरारती तत्वों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। सूचना तंत्र को मजबूत किया जाय, इंटलीजेंस का संकलन किया जाय तथा निरंतर संवाद एवं निरंतर गश्त की कार्यवाही की जाय। सोशल मीडिया पर नजर रखी जाए, आवश्यकता अनुसार पम्पलेट वितरित किया जाय। पुलिस अमला जब भी भ्रमण में निकले तो उनके पास जाली,हेल्मेट तथा लाठी आवश्यक हो। डायल 100 सेवा को और मजबूत किया जाय। पेट्रोल पम्पों से खुला पेट्रोल नहीं बेचा जाए। सभी विभाग के अधिकारी सूचनाओं का आदान-प्रदान करें।
    कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने कहा कि धार्मिक स्थलों तथा अन्य जगहों पर लगी छोटी-छोटी मूर्तियों को चिन्हाकित कर लिया जाय तथा वहां पर अमला तैनात किया जाय। जिससे मूर्तियों से छेड़छाड़ नहीं हो। दो गुटों के धरना प्रदर्षन आमने-सामने नहीं हों इस बात की पूरी सतर्कता रखी जाय। पुलिस अधीक्षक श्री हितेश चौधरी ने कहा कि सक्षम अधिकारी द्वारा जो भी अनुमति दी जाय उसकी जानकारी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को अनिवार्य रूप से दें। सूचना तंत्र की मॉनीटिरिंग हेतु सिस्टम बनाया जाय, जिसके तहत संबंधित खण्डस्तरीय एवं थानास्तरीय अधिकारी प्रतिदिन रिर्पोटिंग करें।

शासकीय सेवक अपने कार्यो से जनता का भरोसा जीतें -आयुक्त शहडोल संभाग श्री श्रीवास्तव

शासकीय सेवक अपने कार्यो से जनता का भरोसा जीतें -आयुक्त शहडोल संभाग श्री श्रीवास्तव 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    सभी शासकीय सेवक शासन के निर्देशों का पालन करते हुए योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाये तथा जनता का भरोसा जीतें। उक्त आशय के निर्देश आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने आज कलेक्ट्रेट सभागार अनूपपुर में आयोजित विकास कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। बैठक में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, जिले के समस्त एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
    आयुक्त श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता वाली योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया जाय। वनाधिकार पट्टो का वितरण समय में सुनिश्चित हो तथा नये हितग्राहियों के चयन हेतु सर्वे का कार्य प्राथमिकता से किया जाये। आपने अधिकारियों को सचेत किया की समय पर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। सभी अधिकारी लेवल 1 पर ही शिकायतों का निराकरण करायें। सभी ही सभी अधिकारी कार्यालय के लंबित कार्यों की मॉनीटिरिंग करें तथा स्वयं एवं कार्यालय के अन्य कर्मियों की टेबिल निरीक्षण करें। उन्होने कहा कि समाधान ऑनलाइन के दौरान विभिन्न जिलों से भी आने वाले मुद्दों की जानकारी अधिकारी रखें तथा इस तरह के प्रकरणों का अपने कार्यालय से निराकरण करायें। आयुक्त ने कहा कि भू-अर्जन का कोई भी प्रकरण लंबित न रहे। समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में अंतर विभागीय मुद्दों पर चर्चा हो तथा उनका निराकरण भी करायें। ग्रीष्मकाल के दौरान लोगों को पेयजल का संकट नहीं हो, जिले में सभी नलजल योजनाए संचालित रहें। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में भी मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना संचालित रहें। जिले के सभी महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों की बैठक हों तथा उपलब्ध राशि से आवश्यक निर्माण कार्य करायी जाय।
    आयुक्त श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की तथा सभी आवास शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए उन्होने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का लक्ष्य पूरा होने पर प्रसंनता व्यक्त की। आपने कहा कि उद्यानकीय विभाग वितरित किये गये कृषि यंत्रो, ड्रिप तथा पाली हाउस का सत्यापन कराये।
    कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने बताया कि जिले में असंगठित श्रमिकों के पंजीयन  का कार्य तेजी से किया जा रहा है अभी तक एक लाख छः हजार पंजीयन किये जा चुके है। आगामी 7 अप्रैल तक इस कार्य की पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

जिले के सभी चिकित्सालयों में मरीजों को मिले हर सुविधाएं - आयुक्त

जिले के सभी चिकित्सालयों में मरीजों को मिले हर सुविधाएं - आयुक्त 

अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    जिले भर में संचालित चिकित्सालयों में मरीजों को हर आवश्यक सुविधा मिले, यह हम सबका दायित्व है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी निरंतर चिकित्सालयों का भ्रमण करें, मरीजों से फीडबैक ले तथा जो भी कमियॉ मिले तत्काल सुधार करायें। चिकित्सालयों में आने वाले मरीजों को सुखद अनुभूति मिले इसके लिए साफ-सफाई, बिस्तरों में अच्छे कपडे़, स्टॉफ का विनम्र व्यवहार  होना चाहिए। वितरित किये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी अच्छी हो तथा समय पर वितरित हो। उक्त आशय के निर्देश आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने आज कलेक्ट्रेट सभागार अनूपपुर में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को दिये। बैठक में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, जिले के समस्त एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
    आयुक्त श्रीवास्तव ने कहा कि अस्पतालों में जो भी मेडिकल उपकरण है वे सभी संचालित रहें तथा उनका लाभ आम जनता को मिले। चिकित्सको द्वारा मरीजों को दवाए बाजार से नहीं लिखी जाएं। आप ने जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक के संचालन की जानकारी तथा ब्लड सप्रेशन मशीन एवं डिजीटल एक्सरे मशीन की डिमांड संबंधी प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरपी श्रीवास्तव को दिये। बैठक में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, जिले के समस्त एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। 

ग्रीष्मकाल में जिले में जलसंरक्षण के तहत श्रमदान से तालाबों के जीर्णोद्धार कराने के आयुक्त ने दिये निर्देश

ग्रीष्मकाल में जिले में जलसंरक्षण के तहत श्रमदान से तालाबों के जीर्णोद्धार कराने के आयुक्त ने दिये निर्देश 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    जलसंरक्षण एवं संवर्धन का कार्य जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार से ही संभव है। यह कार्य शासकीय प्रयासों के साथ-साथ जन सहभागिता के साथ किये जाने चाहिए। आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने आज कलेक्ट्रेट सभागार अनूपपुर में ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने जनपद क्षेत्र में पूराने समय से निर्मित तथा वर्तमान में सूखे हुए तालाबों को चिन्हित करें तथा श्रमदान के माध्यम से उनका जीर्णोद्धार करायें। तालाब से निकलने वाली मिट्टी किसानों के खेतों में पहुंचायी जाए। जिससे उनके उत्पादन में वृद्धि हो। लोगों को जलसंरक्षण एवं संवर्धन हेतु जागरूक भी किया जाए। बहते हुए जल स्त्रोतों में बोरी बंधान के कार्य प्राथमिकता से कराये जाय जिससे पशुओं को पीने के लिए पानी तथा निस्तार हेतु पानी उपलब्ध हो सके। बैठक में कलेक्टर श्री अजय शर्मा, जिले के समस्त एसडीएम तथा विभिन्न विभागों के जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

पेंशन भोगियों को प्रतिमाह प्राप्त हो पेंशन

पेंशन भोगियों को प्रतिमाह प्राप्त हो पेंशन 
जिला कोषालय, पेंशन अधिकारियों को कमिश्नर ने दिये निर्देश, 10 अप्रैल तक दे पेंशन संबंधी जानकारी 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018


 
   
    आयुक्त शहडोल संभाग श्री रजनीश श्रीवास्तव ने बताया है कि जनसुनवाई के दौरान आवेदकों ने आवेदन कराया है कि लोगों को सेवानिवृत्ति के अनेक वर्षों के पश्चात भी नियमित रूप से पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है, इसके अनेक कारण बताये गये हैं। पी.पी.ओ. गुम जाना उनमें से एक है।  आयुक्त ने शहडोल संभाग के जिला कोषालय अधिकारियों एवं जिला पेंशन अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे सभी लंबित प्रकरणों में आपके द्वारा तत्काल निराकरण करने संबंधी कार्यवाही पूर्ण कर ली जावे तथा सभी पात्र पेंशन भोगियों को पेंशन प्रतिमाह प्राप्त हो, यह सुनिश्चित किया जाये। किसी किस्म की कठिनाई आने पर लिखित में अपने जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक टी.एल. बैठक में ऐसे सभी लंबित प्रकरणों की जानकारी भी कलेक्टर को उपलब्ध कराये और साथ ही साथ उन्होंने निर्देश दिये है कि अबतक  जितने भी ऐसे प्रकरण लंबित है, उसकी जानकारी 10  अप्रैल 2018 तक आयुक्त शहडोल संभाग को प्रेषित करें। 

7 अप्रैल से जिले में होगा नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन टीकाकरण - डॉ. आर.पी.श्रीवास्तव

7 अप्रैल से जिले में होगा नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन टीकाकरण - डॉ. आर.पी.श्रीवास्तव 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
   मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव ने बताया है कि नियूमोकोकल कान्जूगेट बैक्सीन जिले में उपलब्ध है, जिसके लिए राज्य स्तर पर जिला टीकाकरण अधिकारियों को प्रशिक्षत कर मास्टर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जिला स्तर पर सर्विलेन्स मेडिकल ऑफिसर, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं जिला बैक्सीन कोल्ड चैन मैनेजर द्वारा तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल 2018 से जिले में 0 से 05 वर्ष के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए निमूमोकोकल कान्जूगेट बैक्सीन का शुभारंभ नियमित टीकाकरण के रूप में किया जाना है। इसमें सभी विभाग अपने मैदानी अमलो के माध्यम से कार्यक्रम का व्यापक प्रचार प्रसार करवाए। ताकि इससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जाकर निमोनिया से बचाया जा सके।
   आपने बताया है कि PCV से बच्चों में निमोंनिया का खतरा नहीं होगा। आपने यह भी बताया है कि यह वैक्सीन 1.5 महीने, 3.5 महीने एवं 9 महीने के बच्चों को दी जायेगी।

मुख्यमंत्री के दिल की बात कार्यक्रम 13 अप्रैल को

मुख्यमंत्री के दिल की बात कार्यक्रम 13 अप्रैल को 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
   
   प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान माह में एक दिन आकाशवाणी के माध्यम से प्रदेश की जनता से अपने दिल की बात कार्यक्रम करते हैं। दिल की बात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आम जनता से सीधा संवाद भी करते हैं। मुख्यमंत्री के दिल की बात कार्यक्रम का 13 अप्रैल 2018 को सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रेडियो एवं टेलीविजन के माध्यम से आमजनों से सामाजिक,सांस्कृतिक एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा करेंगे। दिल की बात कार्यक्रम सायं 6 बजे से प्रसारित किया जाएगा।

कार्यपालन यंत्री अनूपपुर श्री प्रमोद गेडाम को मप्रपूक्षेविविक द्वारा राजस्व संग्रहण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए किया गया सम्मानित

कार्यपालन यंत्री अनूपपुर श्री प्रमोद गेडाम को मप्रपूक्षेविविक द्वारा राजस्व संग्रहण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये किया गया सम्मानित 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    कार्यपालन यंत्री अनूपपुर श्री प्रमोद गेडाम को मप्रपूक्षेविविक द्वारा राजस्व संग्रहण में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये सम्मान किया गया है। श्री गेडाम ने कुशल में संधारण संभाग अनूपपुर ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए, वित्तीय वर्ष 2017-18 में विगत वर्ष की तुलना में राजस्व संग्रहण में 23.23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। इनको कम्पनी क्षेत्र के संचारण संधारण संभागों में तृतीय स्थान प्राप्त है। इसके लिये मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया है।

प्रदेश में इस वर्ष 22 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य

प्रदेश में इस वर्ष 22 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण का लक्ष्य 
वर्ष 2016 के तेंदूपत्ता हितग्राहियों को मिलेगा 207 करोड़ बोनस, लघु वनोपज संघ अध्यक्ष श्री कोरी द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी वृद्धि का स्वागत 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष श्री महेश कोरी ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी 1250 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने की घोषणा का स्वागत किया है। श्री कोरी ने निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे लगभग 23 लाख संग्राहकों को 150 करोड़ की अतिरिक्त आमदनी होगी।
    श्री कोरी ने बताया कि लघु वनोपज संघ ने वर्ष 2018 तेंदूपत्ता सीजन में 22 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। संघ द्वारा अग्रिम निवर्तन ऑनलाइन निविदा आमंत्रित कर तेंदूपत्ता क्रेता नियुक्त कर दिये गये हैं। पूर्व वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी तेंदूपत्ता का संग्रहण प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से करवाया जायेगा। नियुक्त क्रेताओं को परिदान देने की व्यवस्था लागू रहेगी। अच्छी गुणवत्ता का तेंदूपत्ता प्राप्त करने के लिये संग्रहण से पूर्व शाखकर्तन का कार्य करवाया जाता है। संघ ने शाखकर्तन के लिये प्रदेश की 60 जिला लघु वनोपज यूनियन को 8 करोड़ 80 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई है।
    श्री कोरी ने बताया कि वर्ष 2016 तेंदूपत्ता सीजन के हितग्राहियों को 207 करोड़ रुपये का बोनस वितरण कार्य भी जल्दी ही शुरू किया जायेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा तेंदूपत्ता तोड़ने वाले पुरुषों को जूते, महिलाओं को चप्पल एवं साड़ी के साथ पानी की कुप्पी देने की भी पूरी तैयारी कर ली गई है।

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की फीस भरेगी राज्य सरकार

मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की फीस भरेगी राज्य सरकार 
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शासन द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की फीस राज्य सरकार भरेगी। साथ ही इन विद्यार्थियों के नि:शुल्क कोचिंग और रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत दिवस मंत्रालय भोपाल में पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग की राज्यमंत्री श्रीमती ललिता यादव, मुख्य सचिव श्री बी.पी.सिंह भी उपस्थित थे।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं का रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण गुणवत्ता पूर्ण होना चाहिये, जिससे उन्हें सरलता से रोजगार प्राप्त हो सके। उन्होंने सभी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। बैठक में विभाग के सचिव श्री रमेश थेटे ने बताया कि पिछड़ा वर्ग राज्य छात्रवृत्ति योजना में प्रति वर्ष लगभग 30 लाख विद्यार्थियों को 150 करोड़ से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित की जाती है। वर्ष 2017-18 में विभिन्न योजनाओं में 573 करोड़ रूपये की छात्रवृत्ति वितरित की गयी। उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग के छात्र एवं छात्राओं के लिये हर जिले में छात्रावास संचालित होगा। विकासखण्ड स्तर पर भी छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये बालक और बालिकाओं के लिये दस-दस छात्रावास स्वीकृत किये गये हैं।
    मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं आर्थिक कल्याण योजनान्तर्गत 3151 हितग्राहियों को 112 करोड़ 38 लाख रूपये की ऋण सहायता मुहैया कराई गयी है। इस वर्ष 20 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं कोचिंग दी जायेगी। पिछले वर्ष 8 हजार 525 युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया गया है।
    इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस.के. मिश्रा एवं मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री विवेक अग्रवाल आदि अधिकारी उपस्थित थे। 

बंद नल-जल योजनाओं को तत्काल चालू किया जाये - मुख्यमंत्री श्री चौहान

बंद नल-जल योजनाओं को तत्काल चालू किया जाये - मुख्यमंत्री श्री चौहान 
मुख्यमंत्री द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि कहीं पर भी पेयजल संकट नहीं होना चाहिये। शीघ्र समुचित व्यवस्था की जाये। बंद नल-जल योजनाओं को तत्काल चालू किया जाये और खराब हेण्डपम्पों को सुधारा जाये। श्री चौहान आज यहाँ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा कर रहे थे। इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी उपस्थित थे।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जहाँ पर कोई भी जल स्रोत नहीं होने से पेयजल की समस्या हो वहाँ तत्काल हेण्डपम्प लगायें या अन्य जरूरी उपाय करें। उन्होंने कहा कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण होना चाहिये। उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुये योजनायें बनाई जायें, जिससे पूरे गांव को पेयजल उपलब्ध हो सके।   
    इस दौरान बताया गया कि प्रदेश में 5 लाख 38 हजार हेण्डपम्प तथा 15 हजार 501 नल - जल योजनायें संचालित हैं। मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनार्न्गत 4 हजार 899 सफल जल स्रोत निर्मित किये गये। गर्मी के मौसम के देखते हुये सभी जगह पर्याप्त पाइप एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। बैठक में जल निगम के निविदा दस्तावेजों में संशोधन का अनुमोदन किया गया। जल निगम द्वारा 7 नई योजनायें स्वीकृत की गई है। इनके अलावा 12 योजनायें पूर्ण हो गई हैं एवं 22योजनायें प्रगति पर है, जिनसे 1910 ग्राम लाभान्वित होंगे। 

चना, मसूर, सरसों खरीदी केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण करें

चना, मसूर, सरसों खरीदी केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण करें 
मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा रबी उपार्जन कार्य की समीक्षा 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने चना, मसूर और सरसों के समर्थन मूल्य खरीदी केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या के आधार पर खरीदी केन्द्रों की आवश्यकता का चिन्हांकन कर खरीदी केन्द्रों का निर्धारण किया जाये। श्री चौहान गत दिवस मंत्रालय में रबी-2018 की फसल उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
चना, मसूर, सरसों उपार्जन
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान चना, मसूर और सरसों की गुणवत्तापूर्ण फसलें खरीदी केन्द्रों पर लायें। इस संबंध में उनको सूचित और शिक्षित किया जाये। फसलों की उत्पादकता का निर्धारण स्थानीय और व्यवहारिक वास्तविकताओं के अनुसार किया जाये ताकि किसानों की उत्पादित फसल की खरीदी हो सकें। कार्य की गहन निगरानी भी की जाये ताकि व्यवस्था में गड़बड़ी नहीं की जा सकें। बताया गया कि चना, मसूर, सरसों के 14 लाख 1 हजार 481 किसानों ने पंजीयन करवाया है। चना, मसूर, सरसों की उपार्जन अवधि 10 अप्रैल से 31 मई 2018 है। इस अवधि में सभी संभागों में उपार्जन कार्य होगा।
गेहूँ उपार्जन
    श्री चौहान ने गेहूँ उपार्जन कार्य की जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि बारदानों की आवश्यकता के अग्रिम आकलन के आधार पर बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। उपार्जन व्यवस्था में किसी भी तरह का व्यवधान नहीं हो। बताया गया कि गेहूँ उपार्जन के लिए प्रदेश में 2,978 केन्द्रों का गठन किया गया है। कुल 15 लाख 35 हजार 962 कृषकों का पंजीयन किया गया है। खरीदी के संबंध में अभी तक 3 लाख 9 हजार 943 कृषकों को एस.एम.एस. से सूचना दी गई है। इनमें से 1 लाख 36 हजार 575 कृषकों से 6 लाख 52 हजार 60 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी हो गई है। अभी तक 801 करोड़ 12 लाख रूपये का भुगतान हो चुका है। 

नगरीय क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण भवनों को हटाने के निर्देश

नगरीय क्षेत्रों में जीर्ण-शीर्ण भवनों को हटाने के निर्देश 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने नगरीय क्षेत्रों में खतरनाक और जीर्ण-शीर्ण भवनों का चिन्हांकन करने तथा ऐसे भवनों अथवा उनके खतरनाक हिस्सों को तुरंत हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह कार्य अभियान चलाकर एक साथ सभी नगरीय क्षेत्रों में किया जाए।
    मंत्री श्रीमती माया सिंह के निर्देश पर प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास ने नगर निगमों, नगर पालिकों ओर नगर परिषदों को निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि नगरीय क्षेत्र में स्थित खतरनाक एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों के संबंध में कार्यवाही करने का अधिकार नगरीय निकायों को हैं। इस प्रकार के भवनों के अचानक धराशायी हो जाने से जन-धन की हानि होने की संभावना बनी रहती है। ऐसे भवनों अथवा उनके खतरनाक हिस्सों को हटाने की कार्यवाही करने के अधिकार नगर निगम क्षेत्र में मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 309 एवं 310 तथा नगर पालिका / नगर परिषद क्षेत्र में मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धार 221 में नगरीय निकायों को हैं। किसी भी प्रकार की जन-धन हानि को रोकने के लिये यह आवश्यक है कि उपरोक्त धाराओं के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई की जाए।

पंचायतों में 600 और नगरीय निकायों में 1000 मतदाताओं पर बनायें मतदान-केन्द्र

पंचायतों में 600 और नगरीय निकायों में 1000 मतदाताओं पर बनायें मतदान-केन्द्र 

अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पंचायतों के लिये यथासंभव 600 मतदाताओं पर एक मतदान-केन्द्र, लेकिन मतदान-केन्द्र में बढ़ोत्तरी मतदाता की संख्या 750 से अधिक होने पर ही की जाये। नगरीय निकायों में यथासंभव 1000 मतदाताओं पर एक मतदान-केन्द्र, लेकिन मतदान-केन्द्र में बढ़ोत्तरी मतदाता की संख्या 1200 से अधिक होने पर ही की जाये।
     आयुक्त राज्य निर्वाचन आयोग श्री आर. परशुराम ने जानकारी दी है कि प्रत्येक पंचायत के लिये तथा प्रत्येक नगरीय निकाय वार्ड के लिये न्यूनतम एक मतदान-केन्द्र अवश्य बनाया जाये। मतदान-केन्द्र 2 किलोमीटर की भौगोलिक सीमा में जरूर बनायें। नदी-नाले, पहाड़ी आदि प्राकृतिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए भी मतदान-केन्द्र स्थापित किये जायें। मतदाताओं की संख्या को युक्तियुक्त करते हुए मतदान-केन्द्रों की संख्या निर्धारित करने के निर्देश दिये गये हैं।

नर्मदा किनारे जन जागरूकता हेतु विशेष समिति गठित

नर्मदा किनारे जन जागरूकता हेतु विशेष समिति गठित 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य शासन ने प्रदेश के विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से नर्मदा के किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिये विशेष समिति गठित की है।
    समिति में सदस्य के रूप में सर्वश्री नर्मदानन्द, हरिहरानन्द, कम्प्यूटर बाबा, भैय्यू महाराज और पंडित योगेन्द्र महंत को शामिल किया गया है। सभी सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा मिलेगा। 

चार नई तहसील गठित

चार नई तहसील गठित 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य शासन द्वारा प्रदेश में चार नई तहसील के गठन की अधिसूचना जारी की गई है। जिला बैतूल में भीमपुर और प्रभातपट्टन, उमरिया में बिलासपुर और सागर में जैसीनगर तहसील का गठन किया गया है।
    प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरुण पाण्डेय ने जानकारी दी है कि तहसील भीमपुर में 54 पटवारी हलके तथा 154 ग्राम, प्रभातपट्टन में 65 पटवारी हलके तथा 120 ग्राम, बिलासपुर में 16 पटवारी हलके और 76 ग्राम तथा जैसीनगर तहसील में 62 पटवारी हलके और 149 ग्राम शामिल होंगे। 

चुनाव कार्य के लिए 1642 पद निर्माण की मंजूरी

चुनाव कार्य के लिए 1642 पद निर्माण की मंजूरी 
मंत्रि-परिषद के निर्णय 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान  की अध्यक्षता में गत दिवस हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में प्रतिबंधों को शिथिल कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के लिए 84 पद, जिला निर्वाचन कार्यालयों के लिए 408 तथा रिटर्निंग आफिसर कार्यालयों के लिए 1150 पद कुल 1642 पदों की एक दिसंबर 2017 से 28 फरवरी 2019 तक निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर इन पदों को भरने की अनुमति दी गयी।
   मंत्रि-परिषद ने पशुपालन विभाग के तहत  बड़े पशुओं की उत्प्रेरण योजना और छोटे पशुओं एवं पक्षियों की उत्प्रेरण योजना को एक अप्रैल 2017 से आगामी 3 वर्ष तक निरंतर रखने की अनुमति दी। इसी प्रकार, मंत्रि-परिषद ने एमपीएसआईडीसी के कर्जदारों के भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 से वर्ष 2018-19 में कुल राशि 44 करोड़ 32 लाख रूपये का व्यय अनुमानित करते हुये योजना का क्रियान्वयन इस अवधि के लिए निरंतर रखने का निर्णय लिया है। मंत्रि-परिषद ने केन्द्रीय जेल भोपाल में सुरक्षा के लिए हाईसिक्युरिटी यूनिट के तहत 120 पदों के सृजन की मंजूरी दी। मंत्रि-परिषद ने लहसुन फसल के लिए वर्ष 2018-19 में भावांतर नीति लागू करने का निर्णय लिया।
   मंत्रि-परिषद द्वारा इंदौर प्रेस क्लब परिसर को लोक निर्माण विभाग की पुस्तिका में विभाग के स्वामित्व का भवन मानते हुए अंकित करने का भी निर्णय लिया गया। इसमें कुल क्षेत्रफल 2281.08 वर्ग मीटर तथा कुल बिल्टअप एरिया 1634.20 वर्ग मीटर एवं अस्थायी शेड 400 वर्ग मीटर मान्य करते हुए सम्पूर्ण बिल्टअप एरिया को शामिल किया गया है।
   अब प्रेस क्लब उल्लेखित भूमि के अतिरिक्त किसी अन्य भूमि पर अतिक्रमण अथवा दावा नहीं कर सकेगा। उपरोक्त उल्लेखित भवनों के संधारण की  जिम्मेदारी प्रेस क्लब की  होगी। भवन का किराया एक अप्रैल 2018 के बाद बाजार दर से निर्धारित होने वाले किराये का 10 प्रतिशत होगा।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति-2018 को दी मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति-2018 को दी मंजूरी 

अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गत दिवस हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति-2018 को मंजूरी दी गई।
    नीति के तहत मुकदमों के प्रभावी प्रबंधन, पर्यवेक्षण एवं संचालन के लिए राज्य-स्तरीय एवं विभाग स्तरीय सशक्त समितियों तथा जिला-स्तरीय मानिटरिंग समितियों का गठन किया जायेगा। शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की शिकायतों के निराकरण के लिए जिला एवं राज्य-स्तर पर प्रत्येक विभाग में शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित की जायेगी। इस व्यवस्था द्वारा 8 सप्ताह के अंदर ऐसी शिकायतों का निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा, जिससे अधिकारियों/कर्मचारियों को अपने सेवा नियमों संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए न्यायालय में नहीं जाना पडे़।
    विभागों को व्यावसायिक रूप से सक्षम विधि अधिकारी उपलब्ध करवाने के लिए उनका एक नियमित संवर्ग विधि विभाग के नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में विकसित किया जायेगा। अपील प्रक्रिया सरल बनाते हुए शासकीय भूमियों एवं सम्पत्तियों से संबंधित मुकदमों में, जहाँ राज्य शासन के विरूद्ध कोई आदेश अथवा निर्णय हुआ है, वहाँ संबंधित कलेक्टरों/जिला प्राधिकारियों को अपील के अधिकार दिये गये है। पुनर्विलोकन के लिए विधि विभाग की पृथक अनुज्ञा  की आवश्यकता को समाप्त किया गया है।
    वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को सुदृढ़ करते हुए इस नीति में मध्यस्थम एवं मध्यस्थता जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान के माध्यमों का अधिकाधिक उपयोग करने का प्रावधान किया गया है। छोटे एवं निष्फल हो चुके मुकदमों को चिन्हित कर उनकी वापसी के लिए एक दक्ष एवं प्रभावी प्रक्रिया स्थापित होगी, जिससे लंबित मुकदमों की संख्या में सारवान कमी होना संभावित है।
    प्रबंधन नीति में मुकदमों में होने वाले विलम्ब के कारणों के सतत् पर्यवेक्षण एवं राज्य के पक्ष को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने में लापरवाही के दोषी व्यक्तियों के विरूद्व त्वरित एवं समुचित कार्यवाही के प्रावधान किये गये हैं।
    उपरोक्त के अतिरिक्त प्रकरणों के प्रभावी प्रबंधन के लिये राज्य/विभागीय/जिला-स्तर पर प्रशासकीय व्यवस्थाओं को अधिक उत्तरदायित्वपूर्ण बनाने के लिये अनेक प्रावधान किये जा रहे हैं। शासकीय विधि अधिकारियों, अधिवक्ताओं, अभियोजकों एवं प्रकरणों के प्रभारी अधिकारियों के कार्य एवं दायित्वों को अधिक स्पष्ट बनाने तथा उनकी कार्य-प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिये भी दिशा-निर्देश बनाये जायेंगे।

ग्राम पंचायतों में 14 अप्रैल को होंगी ग्राम सभायें

ग्राम पंचायतों में 14 अप्रैल को होंगी ग्राम सभायें 
प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतिक्षा सूची और प्रगति पर होगी चर्चा 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    प्रदेश की ग्राम पंचायतों में 14 अप्रैल 2018 को ग्राम-सभाओं का आयोजन किया जाएगा। ग्राम सभाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रतीक्षा सूची को अपग्रेड़ करने, निर्माणधीन आवासों को शीघ्र पूरा कराने तथा पंचायत में चलाए जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्री इकबाल सिंह बैंस ने जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत ग्राम सभाओं के आयोजन की आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
    ग्राम सभाओं में पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत उपलब्ध राशि तथा प्रस्तावित कार्यों के नवीन दिशा-निर्देशों तथा एप से सदस्यों को अवगत कराया जायेगा। ग्राम को खुले में शौंच मुक्त घोषित करने की रणनीति तथा अवधि का निर्धारण किया जाएगा। खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुके ग्रामों को कचड़ा मुक्त-कीचड़ मुक्त ग्राम के रूप में विकसित करने के लिये रणनीति निर्धारित की जाएगी। ग्राम सभा में अनिवार्य करों के करा-रोपण एवं वसूली की जानकारी दी जाएगी। ग्राम पंचायत अंतर्गत विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन वितरण और आंगनवाड़ियों में बच्चों के पोषण आहार की व्यवस्था पर भी चर्चा होगी। जिन ग्रामों में सभी पात्र महिलाएँ स्व-सहायता समूह की सदस्य बन चुकी हैं, उनकी पूर्ण जानकारी ग्राम सभा में रखी जाएगी।
    अपर मुख्य सचिव श्री बैंस ने कहा है कि 14 अप्रैल को आयोजित ग्राम सभाओं में स्व-सहायता समूहों की स्वच्छता मिशन के अंतर्गत खुला शौच मुक्त (ओडीएफ) तथा ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) में भागीदारी सुनिश्चित की जाए। ग्राम संगठन द्वारा किये गये कार्यों की जानकारी ग्राम सभा में साझा की जाए। विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत लाभ वितरण तथा मद्यपान, तम्बाकू, गुटखा, सिगरेट एवं अन्य नशीले मादक द्रव्यों तथा पदार्थों के दुष्परिणामों तथा मद्य निषेध हेतु स्वस्थ्य वातावरण निर्माण जैसे विषयों पर ग्राम सभाओं में  अनिवार्य रूप से चर्चा की जाए।

स्कूल बसों के मापदण्ड निर्धारण के लिये संस्था स्तर पर गठित होगी समिति

स्कूल बसों के मापदण्ड निर्धारण के लिये संस्था स्तर पर गठित होगी समिति 
जिला कलेक्टरों को जारी किये गये विस्तृत निर्देश 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों के परिवहन में उपयोग में आने वाले वाहनों के मापदण्ड के अनुरूप संचालन में पालकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये संस्था स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिये हैं। इस संबंध में जिला कलेक्टरों को पत्र जारी कर विस्तृत निर्देश दिये गये हैं।
    शैक्षणिक संस्था में स्कूल वाहन के संचालन के लिये गठित समिति के संयोजक संस्था के प्राचार्य होंगे। समिति में जिला शिक्षाधिकारी अथवा उनके नामांकित प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया है। यह नामांकित व्यक्ति व्याख्याता स्तर से नीचे का नहीं होगा। समिति में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अथवा उनके द्वारा परिवहन निरीक्षक स्तर का नामांकित प्रतिनिधि सदस्य के रूप में मनोनीत किया जायेगा। इसके अलावा, समिति में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस और प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक सेक्शन से न्यूनतम एक पालक को भी सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
    समिति की बैठक कम से कम 3 माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्कूल बसों के संचालन के संबंध में मान्यता नियम का पालन न करने पर शालाओं की मान्यता निरस्त करने की कार्यवाही तत्काल की जाये। इसके साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई अथवा अन्य बोर्ड से संबंधित शालाओं की संबद्धता के लिये राज्य शासन द्वारा जारी किये गये अनापत्ति प्रमाण-पत्र को भी निरस्त करने की कार्यवाही की जायेगी।
    निर्देशों में कहा गया है कि यह समिति स्कूली बसों की जानकारी भी संधारित करेगी। जो वाहन बच्चों के परिवहन के लिये लगे हैं, उनके मानकों और गुणवत्ता के बारे में भी समिति जानकारी रखेगी। इसके अलावा, वाहनों में बच्चों की अधिकतम संख्या, स्कूल वाहन के परिसर के अंदर तक आने की व्यवस्था और सीट बेल्ट सहित अन्य सुरक्षा मानकों आदि की व्यवस्था के बारे में भी समिति जानकारी देगी।
    स्कूल शिक्षा विभाग ने निर्देशों में कहा है कि वाहन चालकों के ड्रायविंग टेस्ट और प्रशिक्षण के संबंध में भी प्रत्येक जिले में अभियान चलाया जाये। पुलिस अधीक्षकों से अपेक्षा की गई है कि वे जिले में स्कूल वाहनों के निरीक्षण के संबंध में नियमित रूप से प्रभावी कार्यवाही करते रहें।

इस वर्ष जुलाई में होगी विद्युत पर्यवेक्षक परीक्षा

इस वर्ष जुलाई में होगी विद्युत पर्यवेक्षक परीक्षा 
30 अप्रैल तक आमंत्रित 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
   मध्यप्रदेश अनुज्ञापन मण्डल (विद्युत) भोपाल द्वारा संचालित पर्यवेक्षक प्रमाण-पत्र परीक्षा जुलाई 2018 में प्रवेश के लिये ऑन लाइन आवेदन-पत्र एम पी ऑन लाइन के यू आर एल <www.mponlince.gov.in> पर उपलब्ध कराये गए हैं।
   पर्यवेक्षक प्रमाण-पत्र परीक्षा जुलाई 2018 में परीक्षा ऑन लाइन सम्पादित की जाएगी। परीक्षा में प्रवेश पाने के लिये अनुभवधारी आवेदक ही आवेदन कर सकेंगे। आवेदक का इंजीनियरिंग की किसी भी शाखा में डिग्री अथवा डिप्लोमा कोर्स उत्तीर्ण करने के  पश्चात विद्युत स्थापना के कार्य दो वर्ष का मण्डल समाधानपूर्ण व्यवहारिक अनुभव होना आवश्यक है। यह अनुभव पिछले 5 वर्षो के पूर्व का न हो। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित हायर सेकेण्ड्री सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) या बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष परीक्षा गणित, भौतिक शास्त्र तथा रसायन शास्त्र विषयों में उत्तीर्ण होना चाहिये। तारमिस्त्री परीक्षा के चार विषयों (घरेलू, औद्योगिक, शिरोपरि, भूमिगत) में से कम से कम दो विषयों में उत्तीर्ण अथवा आई टी आई इलेक्ट्रीशियन ट्रेड से उत्तीर्ण होने के पश्चात् विद्युत संस्थापना कार्य में कम से कम पॉच वर्ष का मण्डल को समाधानपूर्ण व्यवहारिक अनुभव जरूरी है। यह अनुभव पिछले 5 वर्षो के पूर्व का नहीं हो।
    परीक्षा में मध्यप्रदेश अनुज्ञापन मण्डल (विद्युत) विनियम, 1960 के विनियम 17 में दिये गये प्रबंधानुसार प्रश्न पत्र 1,2,3, एवं 4 का पाठ्यक्रम होगा। आवेदन-पत्र को प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 30 अप्रैल 2018 नियत की गई है। अन्तिम तिथि के पश्चात् प्राप्त होने वाले आवेदन मान्य नहीं होंगे। परीक्षा में शामिल होने के लिये विलम्ब शुल्क से आवेदन जमा करने का प्रावधान नहीं है। इस संबंध में विस्तृत जानकारी कार्यालय, मुख्य अभियन्ता विद्युत सुरक्षा एवं मुख्य विद्युत निरीक्षक क-खण्ड तृतीय मंजिल, सतपुड़ा भवन भोपाल से भी प्राप्त की जा सकती है।   

निःशक्त कर्मचारियों को अब प्रतिमाह 350 रूपये परिवहन भत्ता मिलेगा

निःशक्त कर्मचारियों को अब प्रतिमाह 350 रूपये परिवहन भत्ता मिलेगा 
 
अनुपपुर | 04-अप्रैल-2018
 
   
    राज्य शासन द्वारा जारी किये गये परिपत्र के अनुसार निःशक्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवकों को 150 रूपये प्रतिमाह के स्थान पर 350 रूपये प्रतिमाह की दर से परिवहन भत्ता दिया जायेगा। यह भत्ता 21 मार्च से लागू कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि निःशक्तजनों को पूर्व में राजभोगी शहरों में 350 रूपये प्रतिमाह एवं राजभोगी छोड़कर अन्य शहरों में 150 रूपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाता था। अब सभी शहरों में 350 रूपये के मान से परिवहन भत्ता दिया जायेगा।

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