Friday, March 23, 2018

परियोजना पुष्पराजगढ़ के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की अनंतिम सूची जारी

परियोजना पुष्पराजगढ़ के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की अनंतिम सूची जारी 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा पुष्पराजगढ़ ने बताया कि परियोजना पुष्पराजगढ़ के आंगनबाड़ी केन्द्रों बिजौरा, बघर्रा, अमगवां, उफरीकला, खरसोल, दलदली के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों गन्नागूडा, मेड़ियारास, बघनीभांवर, देवरी नं. 01, नवगवां, खरसोल, छीरपानी, कुई के सहायिकाओं की अनंतिम सूची जारी कर दी गई है। अनंतिम सूची के विरूद्ध दावा आपत्ति 28 मार्च 2018 तक कार्यालयीन समय में एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय पुष्पराजगढ़ में जमा किए जा सकते हैं। अनंतिम सूची का अवलोकन संबंधित ग्राम पंचायत कार्यालय एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय पुष्पराजगढ़ के सूचना पटल से किया जा सकता है।

नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन का प्रशिक्षण आज

नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन का प्रशिक्षण आज 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
   विश्व स्वास्थ्य दिवस 07 अप्रैल 2018 को मध्यप्रदेश के सभी 51 जिलो में 0 से 05 वर्ष के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए निमूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन का शुभारंभ नियमित टीकाकरण के रूप में किया जाना है। जिसके लिए राज्य स्तर पर जिला टीकाकरण अधिकारियों को प्रशिक्षत कर मास्टर प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, जिला स्तर पर सर्विलेन्स मेडिकल ऑफिसर, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं जिला वैक्सीन कोल्ड चैन मैनेजर द्वारा तथा विकास खण्ड स्तर पर खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिया जाना है।
   इसी तारतम्य में 21 मार्च को डॉ रितेश बजाज सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर (डब्ल्यूएचओ), डॉ एस.बी.चौधरी जिला टीकाकरण अधिकारी एवं श्री धनेश बेलिया (जिला वैक्सीन कोल्ड चैन मैनेजर यूनएनडीपी) जिला अनूपपुर द्वारा विकासखण्ड अनूपपुर जैतहरी कोतमा एवं पुष्पराजगढं में कार्यरत चिकित्सा अधिकारीयों को नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन कें सबंध में प्रशिक्षण दिया गया। 22 एवं 23 मार्च को सभी कोल्ड चैन हैन्डर्ल को नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन का प्रशिक्षण जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ एस.बी.चौधरी एवं श्री धनेश बेलिया (जिला वैक्सीन कोल्ड चैन मैनेजर यूएनडीपी) द्वारा डॉ आर.पी. श्रीवास्तव मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर की उपस्थिति में दिया गया।
   24 मार्च को विकासखण्ड अनूपपुर, कोतमा, जैतहरी, पुष्पराजगढ़ में खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा विकासखण्ड में कार्यरत पुरूष एवं महिला बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियूमोकोकल कान्जूगेट वैक्सीन का प्रशिक्षण दिया जावेगा।

सामाजिक एवं नैतिक दायित्वों को पूरा करने बैगा परिवार की गरीब बेटी समाज को दिखा रही आइना

सामाजिक एवं नैतिक दायित्वों को पूरा करने बैगा परिवार की गरीब बेटी समाज को दिखा रही आइना 
’बेटी बनी परिवार का सहारा’ 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
 
   समाज में बुजुर्गों की देखभाल को समस्या के रुप में देखा जाता है। कई बार पारिवारिक कारणों जैसे बच्चों के रोजगार की तलाष में बाहर होने, आय के पर्याप्त साधन नहीं होने या वैचारिक मतभेद आदि इसके प्रमुख कारण हैं। इन सब कारणों के बावजूद समाज में कुछ लोग विपरीत परिस्थितियों में भी अपने दायित्व से पीछे नहीं हटते, चाहे उनको पारिवारिक जीवन में कितनी ही कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े, किन्तु अपने सामाजिक एवं नैतिक दायित्व से पीछे नहीं हटते। यही लोग समाज के मार्गदर्शक होते हैं।
    बेहद सामान्य सी दिखने वाली उस लड़की के कंधो पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी होगी, यह कोई भी उसे देखकर नहीं कह सकता है। अनूपपुर विकासखंड के डोला रामनगर ग्राम में कलेक्टर श्री अजय शर्मा द्वारा केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन करने वाले हितग्रहियों से चर्चा के दौरान देवकी ने अपनी व्यथा बताई। कक्षा आठवीं तक शिक्षा प्राप्त देवकी, विशेष संरक्षित जनजाति बैगा जाति की है तथा अपने माता पिता के घर मे ही रहती है। पूछने पर बताया कि पिता जी मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, माँ का देहांत हो चुका है, ऐसे में दो छोटी बहनों के लालन पालन के लिए उसे अपनी ससुराल की बजाय मायके में ही रहना पड़ रहा है। उसने बताया कि आय का कोई स्थायी स्त्रोत नहीं है, लेकिन अभी घर चलाने के लिए वह एक दवा की दुकान में काम कर रही है तथा उससे प्राप्त होने वाली आय से गुजर हो रहा है। ज्योति स्व सहायता समूह के सदस्य के रूप में आधुनिक केज कल्चर पद्धति से मछली पालन गतिविधि से भी देवकी जुड़ चुकी हैं, ताकि ज्यादा आय प्राप्त होने से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
      कलेक्टर द्वारा बैगा जाति की इस युवती के जज्बे की तारीफ करते हुए, उसके इस कदम को अन्य परिवारों के लिए अनुकरणीय बताया। उन्होने कहा कि मन में करने का जज्बा हो तो कोई कहीं से भी अच्छे काम की शुरुआत कर सकता है। संवेदनशील कलेक्टर द्वारा बैगा जाति के महिला मुखिया परिवारों को प्रतिमाह एक हजार रुपये मिलने वाली आर्थिक सहायता को देवकी बैगा को प्रदान किये जाने हेतु जनपद पंचायत अनूपपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देशित भी किया।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के प्रचार-प्रसार के लिए अनूपपुर मे मीडिया संवाद आयोजित

 प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के प्रचार-प्रसार के लिए अनूपपुर मे मीडिया संवाद आयोजित 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा श्रीमती मंजुलता सिंह ने बताया है कि महिलाओं के गर्भवती होने के दौरान उनके श्रम दिवसों में होने वाली क्षतिपूर्ति, प्रथम प्रसव पूर्व एवं प्रसव उपरांत महिला को पर्याप्त आराम के अवसर उपलब्ध कराना, गर्भवती तथा धात्री माताओं के स्वास्थ्य एवं पोषण मे सुधार एवं अनुकूल वातावरण निर्माण हेतु प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना प्रारंभ की गयी है। यह योजना पहले प्रदेश के 02 जिलों में लागू की गयी। एक जनवरी 2017 से यह योजना सारे देश में लागू हो गयी है। उन्होंने कहा कि कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए गर्भवती महिला की देखभाल एक महत्वपूर्ण घटक है, सभी के सहयोग से इसे पूरा किया जाना है, योजना के प्रचार-प्रसार मे मीडिया की महती भूमिका होगी। श्रीमती सिंह ने मीडिया से कहा है कि वे अपने स्तर पर समाज में जन चेतना फैलाने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर इस पुनीत कार्य को अंजाम तक पहुचाने में सहयोग करें। श्री सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ए.एन.एम. की जिम्मेदारी होगी कि, वे प्रथम बार गर्भधारण करने वाली माताओ का पंजीयन करें, जिन्हें प्रथम किस्त के रूप में पंजीयन के पश्चात एक हजार रूपये, 6 महीने में गर्भवती महिला की तीन स्वास्थ्य जांच उपरांत 2 हजार रुपए एवं प्रसव पश्चात् बच्चे का प्राथमिक टीकाकरण पूर्ण होने पर 2 हजार रूपये उनके व्यक्तिगत खातों में भारत सरकार द्वारा अंतरित की जायेगी। पात्र हितग्राही को जननी सुरक्षा योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि की पात्रता होगी, ताकि एक महिला को औसतन 6 हजार रुपये प्राप्त हो सके। श्रीमती सिंह ने कुपोषण के कारणो मे प्रकाश डालते हुए बताया कि कुपोषण मात्र पोषण आहार की कमी से नही होता बल्कि एनीमिया एवं अन्य कारण जैसे स्वच्छता, साफ पेयजल, जागरूकता का अभाव, स्वास्थ्य के प्रति चिंता न करना इत्यादि है। राष्ट्रीय पोषण मिशन कुपोषण निदान के लिए मील का पत्थर साबित होगा। आपने बताया कि एक जनवरी 2017 के बाद गर्भवती महिलाओं का पंजीयन आंगनवाड़ी केंद्रों, एएनएम, आशा कार्यकर्ता तथा स्वास्थ्य केंद्रो में कराना अनिवार्य है। पंजीयन के बाद ही योजना का लाभ मिल सकेगा। योजना का विस्तृत प्रस्तुतिकरण जयश्री शुक्ला एवं निशा किरण सिंह द्वारा किया गया। कार्यशाला में अनूपपुर जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार उपस्थित थे। श्रीमती सिंह ने योजना के क्रियान्वयन में पत्रकार बन्धुओं से सहयोग की अपील की।

कोयले की बंद पड़ी खुली खदानों में मछली पालन करेंगे गरीब परिवार

कोयले की बंद पड़ी खुली खदानों में मछली पालन करेंगे गरीब परिवार 
केज कल्चर हितग्राहियों से कलेक्टर ने की मुलाकात 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018


  
   कोयले की बंद पड़ी खुली खदानों में मछली पालन कर गरीब परिवारों की आजीविका सुनिश्चित करने हेतु मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। जिले के अनूपपुर विकासखंड के डोला रामनगर ग्राम के ज्योति स्व सहायता समूह द्वारा राम मंदिर के पास स्थित खुली खदान एवं पसान नगरपालिका अंतर्गत जमुना बस्ती में आदिवासी मत्स्योद्योग सहकारी समिति के सदस्यों द्वारा लतार जलाशय में मछली पालन का कार्य किया जाएगा।
   कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने मछली पालन करने हेतु चिन्हित हितग्रहियों से मुलाकात कर कार्य की अद्यतन प्रगति से अवगत हुए एवं आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। कलेक्टर ने चयनित हितग्रहियों से प्रति केज होने वाले व्यय, संभावित आय तथा कार्य मे उपयोग होने वाले संसाधनों की उपलब्धता के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की। साथ ही इस कार्य को सफलता पूर्वक संचालित करने हेतु आवश्यक तकनीकी ज्ञान की जानकारी देने हेतु हितग्राहियों के एक्सपोजर एवं प्रशिक्षण पर जोर दिया।
   सहायक संचालक मत्स्य पालन श्री शिवेंद्र सिंह परिहार ने जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में संचालित कोयले की बंद पड़ी खदानों में मछली पालन की केज कल्चर विधि से कराए जाने हेतु शुरुआत की जा रही है। बंद पड़ी कोयले की खुली खदानों को ग्राम पंचायत से लीज पर प्राप्त उक्त गतिविधि प्रारम्भ की जा रही है, जिससे न सिर्फ बंद पड़ी खुली खदानों का समुचित उपयोग हो सकेगा, बल्कि संबंधित पंचायतों को राजस्व की प्राप्ति भी होगी, इसके साथ ही साथ गरीब परिवारों की आजीविका भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि चयनित हितग्राहियो को रायपुर, छत्तीसगढ़ में भी एक्सपोजर कराया गया है तथा गतिविधि हेतु आवश्यक तकनीकी जानकारी विभाग द्वारा समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती है।

बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए इस वर्ष 2 हजार करोड़ की व्यवस्था

बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए इस वर्ष 2 हजार करोड़ की व्यवस्था 
प्रदेश में पहली आधुनिक सी.टी. स्कैन हमीदिया अस्पताल में स्थापित, राज्य मंत्री श्री शरद जैन ने सी.टी. स्कैन मशीन और वेबसाइट का किया शुभारंभ 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    चिकित्सा शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री शरद जैन ने कहा है कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए इस वर्ष 2018-19 में 2 हजार करोड़ रूपये की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आम आदमी को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीव्र गति से कार्य किये जा रहे हैं। यह बात श्री शरद जैन ने आज यहाँ हमीदिया अस्पताल (गांधी मेडिकल कॉलेज) भोपाल में सी.टी. स्कैन के शुभारंभ अवसर पर कही। श्री जैन ने इस मौके पर हमीदिया अस्पताल की वेबसाइट ई-सेहत (e-sehat) का लोकार्पण भी किया। इस वेबसाइट के जरिये मरीज ऑनलाइन एपाइमेंट ले सकेंगे। इससे मरीजों को कम समय में डॉक्टर से परामर्श, जाँच और दवाइयों की जानकारी भी मिल सकेगी। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री राधेश्याम जुलानिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री शिवशेखर शुक्ला, भोपाल संभाग आयुक्त श्री अजातशत्रु श्रीवास्तव, डीन डॉ. एम.सी. सोनगरा, हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी एवं रेडियो-डॉयग्नोसिस विभाग की प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती लवली कौशल उपस्थित थीं।
    राज्य शासन द्वारा हमीदिया अस्पताल (गांधी मेडिकल कॉलेज) के रेडियोडॉयग्नोसिस विभाग में आउट सोर्सिंग के माध्यम से प्रदेश में पहली बार अत्याधुनिक एवं नवीन (128 SLICE) सी.टी. स्कैन मशीन की स्थापना की गई है। यह मशीन सभी प्रकार के मरीजों को प्राथमिकता के आधार पर जाँच सुविधा उपलब्ध करवाने के लिये स्थापित की गई है। इस उच्च गुणवत्ता के कारण स्कैन में में बहुत कम समय लगता है।
    यह एक अत्याधुनिक मशीन है, जिसके द्वारा ऐसी जाँचें जो साधारण सी.टी. स्कैन मशीन पर नहीं की जा सकती थीं (धमनियों की जाँचें Angiography), इस मशीन द्वारा की जा सकेंगी। इस मशीन द्वारा दीनदयाल योजनांतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के हितग्राहियों को नि:शुल्क चिकित्सा जाँच की सुविधा प्रदान की जायेगी। गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले मरीजों (APL) की जाँच CGHS दरों क्रमशः  900 एवं 1200 रूपये में की जाएगी। अन्य प्रायवेट अस्पताल में यह जाँचे क्रमशः लगभग 2 हजार एवं 3 हजार रुपये में की जाती हैं।
    सी.टी. स्कैन मशीन लगाने पर शासन पर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आया है। इसके लिये आउट सोर्सिंग कम्पनी द्वारा अपने लाभ में से गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी संस्था को प्रति वर्ष लगभग 1 करोड़ 24 लाख रुपये की धनराशि मिलेगी। मशीन की स्थापना आकस्मिक चिकित्सा विभाग परिसर में होने से गंभीर मरीजों की जाँच की सुविधा 365 दिन 24 घंटे तत्काल उपलब्ध रहेगी। चार शिफ्टों में डॉक्टर और टेक्नीशियन उपलब्ध रहेंगे।
    एमआरआई मशीन की स्थापना का कार्य भी युद्ध-स्तर पर चल रहा है, जो लगभग दो माह में पूरा हो जायेगा। इन मशीनों की हमीदिया अस्पताल में स्थापना होने से एमसीआई (मेडिकल काउंसिल ऑफ इण्डिया) के मापदण्डों की पूर्ति होने के साथ महाविद्यालय के छात्रों को आधुनिक तकनीकी जाँचों के अध्ययन की सुविधा भी प्राप्त होगी। इस मशीन के अस्पताल परिसर में स्थापित होने से एपीएल और बीपीएल के सभी प्रकार के मरीजों को लाभ प्राप्त होगा।
    एमआरआई मशीन द्वारा दीनदयाल योजनांतर्गत गरीबी रेखा से नीचे के समस्त हितग्राहियों एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा जिनको नि:शुल्क चिकित्सा जाँच की सुविधा के पात्र व्यक्तियों तथा गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) के मरीजों की जाँच CGHS (सेंट्रल गवर्मेंट हेल्थ स्कीम) दरों पर की जायेगी। इस व्यवस्था के अंतर्गत BRAIN Plane लगभग मात्र 2 हजार रुपये एवं MRI BRAIN Contrast के लगभग 3 हजार रुपये मात्र में होगी। यही जाँच अन्य प्रायवेट अस्पतालों में यह जाँचे क्रमशः 5 हजार एवं 7 हजार रुपये में होती हैं।

प्रदेश में पी.पी.पी. मोड में संचालित हैं अधोसंरचना विकास की 197 परियोजनाएँ

प्रदेश में पी.पी.पी. मोड में संचालित हैं अधोसंरचना विकास की 197 परियोजनाएँ 
नई औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिये 281 करोड़ के ऋण मंजूर 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    प्रदेश में पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पी.पी.पी.) मोड में सड़क, ऊर्जा और औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की 197 परियोजनाएँ 23 हजार 643 करोड़ रुपये की संचालित की जा रही है। इसके अलावा मध्यप्रदेश वित्त निगम ने नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और स्थानीय इकाइयों के आधुनिकीकरण, शीतगृह और भंडार गृह की स्थापना के लिये करीब 281 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किये है।
    प्रदेश में संस्थागत वित्त द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में बाह्य परियोजना के माध्यम से सड़क, ऊर्जा, जल प्रदाय, नगरीय अधोसंरचना और शिक्षा क्षेत्र की 16 परियोजनाओं में 25 हजार 843 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं। ये परियोजनाएँ एशियन डेव्हलपमेंट बैंक, विश्व बैंक, के.एफ.डब्ल्यू और आदि के माध्यम से स्वीकृत हुई हैं।
    पेंशनर कल्याण कोष की स्थापना- प्रदेश में वित्त विभाग ने पेंशन कल्याण के लिये पेंशनर कल्याण कोष की स्थापना की है। इस कोष के माध्यम से अभी तक 3503 प्रकरणों में गंभीर प्रकार की बीमारी, दुर्घटना और अपंगता आदि के लिये वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है।
    प्रदेश में पेंशन प्ररकणों के त्वरित निराकरण के लिये सम्पूर्ण व्यवस्था को ऑनलाइन किये जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में शत-प्रतिशत भुगतान ई-भुगतान प्रणाली से किये जा रहे है। वर्तमान में 73 प्रतिशत राशि ई-पेंमेंट द्वारा जमा की जा रही है। भौतिक देयक की व्यवस्था को समाप्त कर इलेक्ट्रानिक देयकों का उपयोग किया जा रहा है। इससे वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता आई है।

जलवायु परिवर्तन चुनौतियों से निपटने के लिये जन-जागरूकता जरूरी

जलवायु परिवर्तन चुनौतियों से निपटने के लिये जन-जागरूकता जरूरी 
मंत्री श्री आर्य ने जलवायु परिवर्तन पर किया राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    पर्यावरण मंत्री श्री अंतर सिंह आर्य ने गत दिवस भोपाल में एप्को में मध्यप्रदेश में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर केन्द्रित पहली राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में भाग ले रहे देश-प्रदेश के 200 से अधिक विषय-विशेषज्ञ, शोधार्थी आदि से श्री आर्य ने जलवायु परिवर्तन के खतरों और बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने की अपील की। श्री आर्य ने कहा कि जिस तरह से वैश्विक और देश के तापमान में बढ़ोत्तरी से जलवायु में बदलाव आ रहे हैं, उससे कृषि और आर्थिक व्यवस्था प्रभावित हुई है। भावी पीढ़ी को इनसे बचाने के लिये पाठ्यक्रम में जलवायु परिवर्तन विषय का समावेश किया जाना चाहिये।
    एप्को के महानिदेशक श्री अनुपम राजन ने कहा कि एप्को ईको-क्लब द्वारा विद्यार्थियों के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को कम करने का प्रयास कर रहा है। तीन जिलों के 60 गाँव को स्मार्ट विलेज बनाने का काम किया जा रहा है। परम्परागत जल-स्रोतों और देशी नस्ल के पशुओं का संरक्षण कर रहा है। एप्को विषय-विशेषज्ञों, सेवानिवृत्त अनुभवशाली लोगों को जोड़कर भी जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज 25वाँ विश्व जल-दिवस है। नितांत आवश्यक है कि लोगों को पीने का साफ पानी मिले, जिससे जल-जनित बीमारियाँ न हों।
मध्यप्रदेश का एप्को केन्द्र देश में पहले स्थान पर
    केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सलाहकार और जलवायु परिवर्तन मिशन के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. अखिलेश गुप्ता ने कहा कि एप्को का जलवायु परिवर्तन ज्ञान प्रबंधन केन्द्र देश के 22 केन्द्रों में प्रथम स्थान पर है। पर्यावरण के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने हमेशा आगे बढ़ते हुए पहल की है। उन्होंने कहा कि पहले विश्व के तापमान में 100-200 सालों में मामूली परिवर्तन आता था, जिसमें वर्ष 1980 के बाद से काफी बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे समुद्र स्तर भी बढ़ा है। इसके लिये मानवीय गतिविधियाँ जिम्मेदार हैं। हालांकि विश्व की तुलना में भारत में तापमान कम बढ़ा है और देश में मध्यप्रदेश में भी स्थिति उतनी विकट नहीं हुई है। मध्यप्रदेश में भी वर्षा कम हुई है पर छत्तीसगढ़ और झारखण्ड सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अब हल्की बारिश न होकर भारी बारिश हो जाती है, जिससे वर्षा औसत तो सामान्य हो जाता है, पर यह कृषि के अनुकूल नहीं है। पूरे देश में हीट वेव बढ़ी है, जो चिंता का विषय है। डॉ. गुप्ता ने सुझाव दिया कि तापमान के बदलाव को मद्देनजर रखते हुए तैयारी करें और विश्वविद्यालय मिलकर इस पर शोध करें। उन्होंने कहा कि आज देश में विश्व का सबसे तेज मौसम भविष्यवाणी करने वाला कम्प्यूटर है।
    पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक और उप कुलपति डॉ. रामप्रसाद ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से जैव-विविधता में 10 से 15 प्रतिशत तक की कमी आयी है। संगोष्ठी शोधार्थियों के लिये एक अच्छा अवसर और मंच है।
    मंत्री श्री आर्य ने इस अवसर पर अकादमिक समिति द्वारा चयनित 145 से अधिक शोध-पत्रों की पुस्तक का भी विमोचन किया। उन्होंने एप्को द्वारा जलवायु परिवर्तन पर पीएचडी के लिये प्रारंभ किये गये फैलोशिप कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र और राशि प्रदान की। शोधार्थियों ने भी अपने शोध प्रस्तुत किये। संगोष्ठी का समापन 24 मार्च को होगा।

बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों के खिलाफ लगातार चलेगा विशेष अभियान

बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों के खिलाफ लगातार चलेगा विशेष अभियान 
ग्रामीण क्षेत्रों के वाहन चालकों को भी लगाना होगा हेलमेट, गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में हुई राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की बैठक 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    गृह मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से बिना हेलमेट वाले दुपहिया वाहन चालकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर चालानी कार्यवाही की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये, जिससे लोगों में हेलमेट के प्रति जागरूकता बढ़े। गृह मंत्री श्री सिंह गत दिवस भोपाल में मंत्रालय में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
    लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने बैठक में कहा कि हर वर्ष सड़क पर यातायात आवागमन बढ़ रहा है। बार-बार एक ही जगह हो रही सड़क दुर्घटना के स्थल को ब्लैक स्पॉट में शामिल किया जाये और जिन स्थानों पर सुधार कर दुर्घटना में कमी लायी गयी  हो, उसे ब्लैक स्पॉट की सूची से हटा दिया जाये। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि जीवन की सुरक्षा के लिये बनाये गये नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाये।
    बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में 21 जिलों में सड़क दुर्घटना की संख्या, मृत्यु की संख्या और घायलों की संख्या में कमी आई है। इस वर्ष जनवरी-फरवरी माह में विगत वर्ष की समयावधि की तुलना में दुर्घटना की संख्या में 3.49 प्रतिशत कमी आई है। इसी दौरान मृत्यु की संख्या 2.67 प्रतिशत कम हुई है।
    पिछले साल प्रदेश में कुल 6 लाख 90 हजार 31 चालान कर 21 करोड़ 81 लाख 58 हजार 340 शमन शुल्क वसूल किया है। मध्यप्रदेश में 29वां सड़क सुरक्षा सप्ताह 23 से 30 अप्रैल तक मनाया जायेगा। प्रदेश में ड्रायवर ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना के लिये राजगढ़ ब्यावरा में भूमि आदि का चयन कर कार्यवाही की जा रही है।
    प्रत्येक जिले के संसद सदस्य (लोकसभा) की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। जिला मुख्यालय से परिवहन विभाग के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में 541 ब्रीथ एनालाईजर दिये गये हैं। गत वर्ष शराब पीकर वाहन चलाने वाले 13 हजार 134 वाहन चालकों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही कर 52 लाख 33 हजार 550 रुपये का जुर्माना किया गया। इसी दौरान कुल 2610 चालकों की अनुज्ञप्ति निलंबित की गई। इसमें 943 दोपहिया वाहन चालकों की शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से अनुज्ञप्ति निलंबित की गई है। विगत 5 वर्षों में 65 हजार 186 व्यवसायिक वाहन चालकों को औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान इंदौर, आयशर प्रशिक्षण संस्थान पीथमपुर और भारत पेट्रोलियम इंदौर संस्थाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। इंदौर, भोपाल एवं जबलपुर शहर में बस स्टेण्ड निर्धारित करने से शहर के अन्दर यातायात का दबाव कम हुआ है।
    बैठक में बताया गया कि रोड सेफ्टी एवं ऑडिट के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एम.पी.आर.आर. डी.ए. के 8 इंजीनियर ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और 10 इंजीनियर प्रशिक्षण के लिये प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार एम.पी.आर.डी.सी. के 6 अधिकारी प्रशिक्षित हुए हैं और 12 इंजीनियर का नाम प्रस्तावित है। नगरीय प्रशासन विभाग के 50 इंजीनियर प्रशिक्षण के लिये भेजे जायेंगे। प्रदेश के 51 जिलों में यातायात पुलिस द्वारा कुल 3096 स्कूल-कॉलेज में कार्यक्रम, कार्यशाला, सेमीनार आयोजित कर कुल 5 लाख 29 हजार 588 विद्यार्थियों को यातायात संबंधी जानकारी दी गई। सड़क सुरक्षा के लिये नगरपालिका/वार्ड स्तर पर 19 हजार 931 जागरूकता कार्यक्रम संचालित किये गये हैं।
    जानकारी दी गई कि ब्लैक स्पॉट के भौतिक सत्यापन और परीक्षण के बाद उनकी वास्तविक संख्या अब 616 रह गई है। प्रदेश के 38 जिलों में ट्रॉमा सेन्टर कार्यशील हैं। इस वर्ष 11 जिलों में ट्रॉमा सेन्टर निर्मित होने की संभावना है। शेष 2 जिले इंदौर और मंदसौर में ट्रॉमा सेन्टर का नया भवन बनाया जाना है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने भावांतर भुगतान योजना की तारीफ की

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने भावांतर भुगतान योजना की तारीफ की 
मुख्यमंत्री श्री चौहान केन्द्रीय कृषि मंत्री से मिले, जी.आई. बासमती मुद्दे पर की चर्चा 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिवस नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात की। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने मध्यप्रदेश में किसानों के हित संरक्षण के लिए चलाई जा रही भावांतर भुगतान योजना की मुक्त कण्ठ से तारीफ की। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसलों के उचित दाम दिलाने के लिए यह योजना एक श्रेष्ठ योजना है। अन्य राज्यों को मध्यप्रदेश में कृषि के क्षेत्र में चलायी जा रही योजनाओं का अनुसरण करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को मध्यप्रदेश को  लगातार पांचवी बार कृषि कर्मण अवार्ड से पुरस्कृत होने पर बधाई दी।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में बम्पर कृषि उत्पादन से उत्पन्न हुई समस्याओं से केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि इस कारण उत्पाद की कीमतों में काफी गिरावट आई। इस कारण किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने भावांतर भुगतान योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि किसानों को बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच के अंतर की राशि राज्य सरकार किसानों के खाते में सीधे जमा कर रही है।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री से मध्यप्रदेश में पैदा होने वाले जी.आई. बासमती चावल के मुद्दे पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि टैग ना मिलने के कारण किसानों को चावल का सही भाव नहीं मिल पा रहा है। मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार इस संबंध में किसानों के हितों को ध्यान में रखकर उचित कार्यवाही करे।

केन्द्र से भावांतर योजना का केन्द्रांश शीघ्र जारी करने की माँग

केन्द्र से भावांतर योजना का केन्द्रांश शीघ्र जारी करने की माँग 
मुख्यमंत्री श्री चौहान की केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री जेटली से मुलाकात 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018

  
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गत दिवस नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली से मुलाकात की। श्री चौहान ने मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश में किसानों को उनके उत्पाद का उचित दाम दिलाने के लिए चलायी जा रही भावांतर भुगतान योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि प्रदेश में बम्पर कृषि उत्पादन के कारण उत्पादों की कीमत नीचे गिर गयी हैं। इससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के लिए भावांतर भुगतान योजना शुरू की गयी थी। इस योजना से किसानों को राहत मिली है।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री श्री जेटली से आग्रह किया कि भावांतर भुगतान योजना का लाभ रबी की फसलों को भी दिया जाय। मुख्यमंत्री ने भावांतर भुगतान योजना की केन्द्रांश (50 प्रतिशत) राशि शीघ्र जारी करने की माँग की। 

कृषक उद्यमी योजना को अन्य प्रदेशों में भी क्रियान्वित करने की आवश्यकता

कृषक उद्यमी योजना को अन्य प्रदेशों में भी क्रियान्वित करने की आवश्यकता 
नीति आयोग कृषक उद्यमी योजना का करवायेगा गहन अध्ययन, मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने आज मंत्रालय में सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री चैतन्य काश्यप, किसान कल्याण और कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
   मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कृषकों की आमदनी को बढ़ाने और कृषि आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने तथा उद्योगों की स्थापना के लिये कृषकों को प्रोत्साहित करने के लिये कृषक उद्यमी ऋण योजना के बारे में बताया कि इस योजना में 15 प्रतिशत सब्सिडी, सात साल तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान और बैंक गारंटी सरकार द्वारा दी जाती है। योजना में 10 लाख से दो करोड़ रूपये तक ऋण दिये जाने का प्रावधान है। योजना के तहत इस वर्ष 3 हजार औद्योगिक इकाईयां स्थापित करवाने का प्रयास किया जायेगा।
   श्री चौहान ने बताया कि किसानों की कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिये सिंचाई साधनों का विस्तार तेजी से किया गया है। पिछले करीब डेढ़ दशक में सिंचित क्षेत्र साढ़े सात लाख से बढ़कर 40 लाख हेक्टेयर हो गया है। इसे 80 लाख हेक्टेयर तक ले जाया जायेगा, तब राज्य का लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र सिंचित होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसान को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य ने भावांतर भुगतान योजना बनाई है। यह योजना सरकार और किसान दोनों के लिये उपयोगी है। इससे किसान को फसल का वाजिब मूल्य मिलता है और उपार्जन प्रक्रिया पर होने वाले व्यय की बचत भी होती है। इस योजना के तहत अभी 25 लाख मीट्रिक टन फसल का भावांतर राशि भुगतान किया गया है।
   नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने मध्यप्रदेश शासन की कृषक उद्यमी योजना की सराहना की। उन्होंने इस योजना को देश के अन्य प्रदेशों में भी क्रियान्वित करने की आवश्यकता बतायी। डॉ. कुमार ने कहा कि इस योजना का नीति आयोग द्वारा गहन अध्ययन करवाया जायेगा। उन्होंने बताया कि सहकारी संघवाद की संकल्पना को अस्तित्व में लाने के लिये राज्य विशेष की आवश्यकताओं, समस्याओं और संसाधनों के आधार पर योजनाओं का निर्माण किया जाना आवश्यक है। राज्यों की विशिष्टताओं के अध्ययन के लिये देश के सभी राज्यों का वे भ्रमण कर रहे हैं। उन्होंने आयोग द्वारा प्रस्तावित योजनाओं और संकल्पनाओं पर भी चर्चा की।

बेटियाँ निर्भय रहें, सम्मान के साथ जीवन जीयें - मुख्यमंत्री श्री चौहान

बेटियाँ निर्भय रहें, सम्मान के साथ जीवन जीयें - मुख्यमंत्री श्री चौहान 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बेटियाँ निर्भय रहें, सम्मान के साथ जीवन जीयें। जब बेटियों का सम्मान होगा़, तब ही प्रदेश और देश आगे बढ़ेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत दिवस भोपाल में सत्संग सेवा प्रबंध समिति द्वारा आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने कन्याओं का पूजन किया।
    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारी संस्कृति में बेटियों के सम्मान की परम्परा है। नवरात्रि का पर्व भी यह संदेश देता है कि बिना शक्ति की उपासना की सृष्टि नहीं चल सकती। श्री चौहान ने कहा कि बेटियों के कल्याण के लिये राज्य सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। बेटियों पर बुरी नजर रखने वाले अपराधी तत्वों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज बेटियों का सम्मान करे, बेटे और बेटी में कोई भेदभाव नहीं करे। मुख्यमंत्री ने बताया कि बेटियों की शिक्षा के लिये राज्य सरकार द्वारा महत्वपूर्ण सुविधाएं दी जा रही हैं। बेटियों के लिये शासकीय शिक्षकों की नौकरी में 50 प्रतिशत तथा अन्य शासकीय विभागों में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश पोर्टल का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश पोर्टल का शुभारंभ 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश पोर्टल का गत दिवस भोपाल में शुभारंभ किया। श्री चौहान ने पोर्टल की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह पोर्टल देश-विदेश में रहने वाले मध्यप्रदेश के शुभचिंतकों को जोड़ने में कारगर साबित होगा। इस अवसर पर वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री जयंत मलैया, प्रवासी भारतीय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, श्रम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बालकिशन पाटीदार और मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
   इस मौके पर बताया गया कि यह पोर्टल मध्यप्रदेश से जुड़ी अलग-अलग क्षेत्रों में फैली प्रतिभाओं को एकजुट करने का उपक्रम है। यह पोर्टल प्रदेश के शुभचिंतकों के मध्य सांस्कृतिक विनिमय स्थापित करने तथा राज्य की उपलब्धियों और विकास तथा सामाजिक पहल से परिचित कराने का सशक्त मंच बनेगा। पोर्टल पर फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश का पंजीयन आज से प्रारंभ हो गया है। पोर्टल <www.friendsofmp.gov.in> पर एनआरआई सेल, टेलेंट पूल और चैप्टर पंजीयन की सुविधा होगी।
   प्रदेश के बाहर रह रहे प्रदेश के नागरिकों को उनकी समस्याओं को सुलझाने का मंच एन.आर.आई सेल में उपलब्ध कराया गया है। पोर्टल के टेलेंटपूल में फ्रेंड्स ऑफ एमपी अपने सहयोगियों और सरकार को अपनी विशेषज्ञताओं से परिचित करवा सकेंगे। इस पहल को विस्तारित करने के पोर्टल के सदस्य चैप्टर रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे। राज्य की विशिष्ट और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों से अप्रवासी भारतीयों और मध्यप्रदेश के शुभचिंतकों को परिचित कराने में भी पोर्टल उपयोगी होगा।

उमंग एप से प्राप्त करें पेंशन की जानकारी

उमंग एप से प्राप्त करें पेंशन की जानकारी 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   भारत सरकार द्वारा पेंशन संबंधी जानकारी प्राप्त करने संबंधी उमंग एप प्रारंभ किया गया है। इसके माध्यम से सभी नियोक्ता कर्मचारी तथा पेंशनरों को पासबुक देखना, ऑनलाइन दावा फॉर्म भरना, फॉर्म की स्थिति का पता करना, संस्थान द्वारा जमा राशि का विवरण प्राप्त करना, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों की ऑनलाइन स्वीकृति की तिथि 31 मार्च

पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों की ऑनलाइन स्वीकृति की तिथि 31 मार्च 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों की ऑनलाइन स्वीकृति की तिथि 31 मार्च तक निर्धारित की गई है। पात्र विद्यार्थी निर्धारित तिथि तक छात्रवृत्ति पोर्टल पर अपने आवेदन पत्र भर सकते हैं। सभी शासकीय, अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्यों को निर्देश दिये गए हैं कि नियमानुसार पात्र विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति आवेदन अनिवार्य रूप से प्राप्त कर शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति स्वीकृति का लक्ष्य सुनिश्चित करें। निर्धारित तिथि के बाद विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति आवेदन मान्य नहीं किये जायेंगे।

पंचवर्षीय अवधि के लिए सुझाव आमंत्रित

पंचवर्षीय अवधि के लिए सुझाव आमंत्रित 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
   राज्य वित्त आयोग मध्यप्रदेश द्वारा नगर पालिकाओं एवं पंचायतों की वित्तीय स्थिति के संबंध में वर्ष 2020-25 की पंचवर्षीय अवधि के लिए सुझाव आमंत्रित किये गये हैं। मध्यप्रदेश राज्य वित्त आयोग के अनुसार नगर पालिकाओं एवं पंचायतों के बीच उक्त पंचवर्षीय अवधि के लिए राज्य के करो, शुल्क एवं पथकर आदि के वितरण के बारे में विचार कर अनुशंसा देने के लिए 5वें राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। उक्त पंचवर्षीय अवधि के लिए राज्य के कर, शुल्क, पथकर आदि के वितरण के बारे में नागरिक, विशेषज्ञों, अकादमिक संस्थाओं, अशासकीय संगठनो तथा रूचि रखने वाले व्यक्तियों से लिखित में सुझाव आमंत्रित किये गये हैं।

एकमात्र कन्या संतान वाले अभिभावकों को मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना से मिलेगी

एकमात्र कन्या संतान वाले अभिभावकों को मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना से मिलेगी 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   प्रदेश के ऐसे सभी माता-पिता, जिनकी एकमात्र संतान केवल कन्या ही है, उनके लिए मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना संचालित की जा रही है। ऐसे माता-पिता को कन्या के विवाह उपरांत वृद्धावस्था में अकेला रहना पड़ता है। राज्य सरकार ने ऐसे दम्पत्ति जिसमें पति-पत्नी में से किसी भी एक की आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो एवं जिनकी जीवित संतान केवल कन्याएं हैं (जीवित पुत्र नहीं हैं) को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना अप्रैल 2013 से प्रारंभ की है। योजना का लाभ लेने के लिए हितग्राही आयकर दाता नहीं होना चाहिए। योजना के तहत ऐसे दम्पत्ति को प्रति माह 500 रूपये पेंशन दी जाती है।

कुपोषण दूर करने के 5 श्रेष्ठ सुझावों को मिलेगा पुरस्कार

कुपोषण दूर करने के 5 श्रेष्ठ सुझावों को मिलेगा पुरस्कार 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
   
   सम्पूर्ण पोषण से ही कुपोषण को पूरी तरह से दूर किया जा सकता है। कुपोषण को दूर करने के लिए राज्य शासन द्वारा आम नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इनमें से 5 श्रेष्ठ सुझावों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। इच्छुक व्यक्ति mp.mygo.in पर अपने सुझाव ऑनलाइन प्रेषित कर सकते हैं।

राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होगा

राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं होगा 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
   सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में पात्रता, मापदण्ड एवं सहायता की मात्रा को पुनः स्पष्ट किया है। अब राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के घटक राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के अन्तर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले व्यक्तियों को सहायता प्राप्त होगी। परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर शोक संतप्त परिवार को 20 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्राकृतिक अथवा अन्य सहित किसी भी प्रकार की मृत्यु हो जाने पर परिवार सहायता के लिए पात्र होगा।
   गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवार के किसी भी कमाऊ सदस्य, जिसकी कमाई घर चलाने में अहम योगदान करती है, मृत्यु होने पर उसके आश्रित परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता का लाभ लेने की पात्रता होगी। मृतक के परिवार में सदस्य महिला या पुरूष या ट्रान्सजेण्डर हो सकता है। राष्ट्रीय परिवार सहायता की पात्रता के लिए लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। स्थानीय जॉच के बाद मृतक गरीब के परिवार में ऐसे जीवित सदस्य को पारिवारिक लाभ का भुगतान किया जाएगा, जो उस परिवार का कमाऊ व्यक्ति पाया गया हो।
   इस योजना में “परिवार” शब्द में विवाहिता वयस्क की मृत्यु के मामले में पति-पत्नी, छोटे बच्चों, अविवाहित लड़कियाँ और आश्रित माता-पिता, अविवाहित वयस्क की मृत्यु के मामले में छोटे भाई-बहन या आश्रित माता-पिता को शामिल किया गया है। योजना में सहायता की पात्रता के लिये मुख्य जीविकोपार्जक की मृत्यु 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम की आयु में होना जरूरी होगा। विभाग ने निर्देश जारी किये हैं कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि प्रत्येक मुख्य जीविकोपार्जक की मृत्यु के मामले में प्रत्येक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार को राष्ट्रीय परिवार सहायता के अंतर्गत लाभ मिल सके।

विश्व क्षय दिवस आज

विश्व क्षय दिवस आज 

अनुपपुर | 23-मार्च-2018
 
   
    विश्व क्षय दिवस आज मनाया जायेगा। इस दिवस जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाकर क्षय रोग के सम्बन्ध में जागरूकता उत्पन्न की जायेगी। इसके उपचार की जानकारी दी जायेगी।
    मुख्य चिकित्सा एवं स्वा. अधिकारी डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव ने बताया कि टी.बी. एक संक्रामक रोग है, जो कीटाणु के कारण होता है। हवा के माध्यम से एक रोगी से दूसरे रोगी को हो सकता है। दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, बलगम के साथ खून आने, छाती में दर्द, भूख में कमी, वजन का घटना, कमजोरी, शाम को बढ़ने वाला बुखार जैसे लक्षण होने पर टी.बी. की जांच करवायें, जो सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त होती है। टी.बी. का डॉट्स पद्धति से उपचार भी सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त होता है। नियमित और पूरा इलाज लेने से रोगी पूरा ठीक हो जाता है।

नव साक्षर परीक्षा अब 28 मार्च को होगी

नव साक्षर परीक्षा अब 28 मार्च को होगी 
 
अनुपपुर | 23-मार्च-2018
   
   साक्षर भारत योजना के अंतर्गत 25 मार्च 2018 को आयोजित होने वाली नव साक्षर परीक्षा अब 28 मार्च को आयोजित होगी। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र की जानकारी के अनुसार 25 मार्च को रामनवमीं होने के कारण परीक्षा को स्थगित करके अब यह परीक्षा 28 मार्च को नियत की गई है। नव साक्षर के प्रश्न पत्र एवं अन्य सामग्री जन शिक्षक के माध्यम से 26 मार्च को पहुंचा दिए जायेंगे। नव साक्षर परीक्षा के संबंध में अन्य दिशा निर्देश पूर्व की भांति रहेगे।

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