Friday, May 4, 2018

मध्यप्रदेश को ’सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य’ के लिये मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

मध्यप्रदेश को ’सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य’ के लिये मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 
 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
    मध्यप्रदेश को सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने मध्यप्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा को प्रदान किया। पुरस्कार के रूप में एक ट्राफी और प्रशस्ति-पत्र दिया गया है।  इस मौके पर केन्द्रीय सूचना प्रसारण राज्यमंत्री श्री राजवर्धन राठौर और मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन श्री हरिरंजन राव भी मौजूद थे।
    पुरस्कार का चयन रमेश सिप्पी की अध्यक्षता में गठित ज्यूरी ने किया। ज्यूरी में प्रख्यात फिल्म निर्माता श्री नागार्जुन मंजुले, श्री राजाकृष्ण मेनन, श्री विवेक अग्निहोत्री और मोशन पिक्चर डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के प्रबंध निदेशक श्री उदय सिंह शामिल थे। ज्यूरी द्वारा मध्यप्रदेश को फिल्मांकन में सहूलियतें सुनिश्चित करने के प्रयासों को देखते हुए सर्वाधिक फिल्म अनुकूल राज्य पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
    मध्यप्रदेश में सुव्यवस्थित वेबसाइट बनाने और फिल्म अनुकूल बुनियादी ढांचा स्थापित करने के साथ विभिन्न तरह की सहूलियतें दी गई हैं। प्रदेश में संबंधित डाटाबेस का बढ़िया ढंग से रख-रखाव, विपणन और संवर्द्धन संबंधी पहल भी की जा रही है। ज्यूरी ने 16 राज्यों में से सर्व-सम्मति से मध्यप्रदेश का चयन किया।
    मध्यप्रदेश को उन जाने-माने फिल्म निर्माताओं की ओर से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ अनुकूल फीडबैक मिला है, जो यहाँ पहले फिल्मांकन कर चुके हैं। मध्यप्रदेश में उत्कृष्ट बुनियादी सहायता एवं फिल्मांकन संबंधी बुनियादी ढांचा मुहैया करवाने के साथ फिल्म बनाने के लिए एक सूचनाप्रद वेबसाइट भी बनायी गयी है। साथ ही, अनेक प्रोत्साहनों की भी पेशकश की गई है।

9 से 18 मई तक सेना में भर्ती सिवनी में

9 से 18 मई तक सेना में भर्ती सिवनी में 
 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
    9 मई से 18 मई तक सेना भर्ती का आयोजन जिला मुख्यालय सिवनी के स्टेडियम में किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए आवेदक www.joinindianarmy.nic.in साइट का अवलोकन कर सकते हैं। सैनिकों की भर्ती सामान्य ड्यूटी, लिपिक, स्टोर कीपर, ट्रेड्समेन, नर्सिंग सहायक एवं तकनीकी पदों के लिए जिसके लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं एवं दसवीं उत्तीर्ण है।  इस भर्ती में कटनी, बालाघाट, सीधी, सिंगरौली, जबलपुर, उमरिया, सतना, अनूपपुर, मण्डला, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, डिण्डौरी एवं रीवा समेत कुल 14 जिलों के युवा भाग ले सकेंगे। 

ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जायेगा

ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी मध्यान्ह भोजन का संचालन किया जायेगा 
 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
    प्रदेश में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में स्थित लक्षित शालाओं में मध्यान्ह भोजन का संचालन ग्रीष्म कालीन अवकाश के दौरान किया जायेगा।  ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन प्रातः 9 से 11 बजे तक संचालित रहेगा। शालाओं में व्यवस्था सुनिश्चित करनें के लिए एक शिक्षक की ड्यूटी शाला में मध्यान्ह भोजन हेतु लगाने के निर्देश दिए गए है।  शिक्षक के द्वारा 24 घण्टे सील बंद खाने के सेम्पल विधिवत रखे जायें, मध्यान्ह भोजन मीनू अनुसार संचालित रहें, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता शिक्षक, माताओं के द्वारा चखकर की जायें, समुचित प्रचार-प्रसार किया जायें जिससें छात्र-शालाओं में मध्यान्ह भोजन हेतु उपस्थित हो सकें, शालाओं में  मॉनीटरिंग की जाये।

स्मार्ट प्रशिक्षण प्रक्रिया से जुड़ेंगी एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

स्मार्ट प्रशिक्षण प्रक्रिया से जुड़ेंगी एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता 
जर्मनी के सहयोग से विकसित हो रहा है ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
   प्रदेश की एक लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नवीनतम जानकारियों के साथ निरंतर प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के लिये जर्मनी की अंतर्राष्ट्रीय संस्था जी.आई.जेड़. के सहयोग से ऑनलाइन पाठ्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। आंगनवाड़ी शिक्षा के नाम से तैयार वर्चुअल लर्निग प्लेटफार्म प्रदेश की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों के लिए विकसित किया गया है।
   आंगनवाड़ी शिक्षा वास्तव में व्यक्तिगत सीखने का प्लेटफार्म है। इसमें सभी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक अपने-अपने कार्य-स्थल पर एक साथ एक समान रूप से सरलता से प्रशिक्षण ले सकेंगी। इसे बहुत ही सरल, मनोरंजक और प्रभावी बनाया गया है। खेल-खेल में सीखने, फिल्म, क्विज तकनीक को भी सीखने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है। यह कोर्स सात माड्यूल और 45 पाठों में विभाजित है। सिखाये गये विषयों पर कार्यकर्ता की समझ की जाँच के लिये रूचिकर गतिविधियाँ बनाई गई हैं। कोर्स पूरा करने में लगभग 45 घंटे लगेंगे। पाठ्यक्रम पूर्ण होने पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पर्यवेक्षकों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट दिया जायेगा।
   विश्व में सबसे अधिक उपयोग होने वाले सशक्त, सरल और सुरक्षित लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम मॉड्यूल फ्रेमवर्क पर ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है। भविष्य में इसे मोबाइल एप के रूप में विकसित किया जायेगा, जिसका उपयोग कहीं भी किया जा सकेगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम से आंगनवाड़ी सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायता मिलेगी।

म.प्र. में एक लाख 57 हजार महिलाओं को निःशुल्क मिले ड्राइविंग लाइसेंस

म.प्र. में एक लाख 57 हजार महिलाओं को निःशुल्क मिले ड्राइविंग लाइसेंस 
 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
   प्रदेश में महिलाओं को निःशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस देने की योजना में अभी तक एक लाख 57 हजार 470 ड्राइविंग लाइसेंस जारी किये गये हैं। इनमें से एक लाख 38 हजार लायसेंस महिलाओं के लिये लगाये गये विशेष पिंक लायसेंस शिविरों में बने और वितरित हुए हैं। यह योजना 28 दिसम्बर 2015 से लागू की गई है। इसमें अभी तक 2 लाख 27 हजार 604 लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस भी बनाये गये हैं।
   राज्य शासन के परिवहन विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से यात्री परिवहन में महिलाओं के लिये 11 से 16 नम्बर तक की सीट आरक्षित की गई है। महिलाओं की सुरक्षा के लिये यात्री वाहनों पर हेल्प लाइन नम्बर 1091 अंकित करवाया गया है। नवजात शिशुओं को स्तनपान करवाने के लिये ड्रायवर के पीछे वाली सीट महिलाओं के लिये आरक्षित की गई है। सीट के तीन तरफ परदा लगाने के लिये भी परमिट शर्तों में निर्देश दिये गये हैं। इसी के साथ, स्कूल बसों में छात्राओं के बैठे होने पर महिला ड्रायवर/ महिला परिचालक अथवा शैक्षणिक संस्थान की एक महिला कर्मचारी अथवा परिचारिका का होना अनिवार्य किया गया है। परमिट में भी यह शर्त प्रभावशील की गई है।
दिव्यांग यात्रियों को किराये में छूट
   प्रदेश में संचालित यात्री वाहनों में दिव्यांगों के लिये भी विशेष व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की गई हैं। दिव्यांगों को यात्री वाहनों में पचास प्रतिशत की छूट दी जा रही है। दिव्यांगों के लिये यात्री बसों में सीट क्रमांक एक से दस तक आरक्षित की गई है।

आनन्द व्याख्यान खुशी के लिये नहीं, खुश होकर काम करने से मिलेगी खुशी - स्वामी सुखबोधानन्द

आनन्द व्याख्यान खुशी के लिये नहीं, खुश होकर काम करने से मिलेगी खुशी - स्वामी सुखबोधानन्द 
सकारात्मक विचार ही सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं - मुख्यमंत्री श्री चौहान 
अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
    वेद मर्मज्ञ एवं प्रखर आध्यात्मिक गुरू स्वामी सुखबोधानन्द ने कहा है कि खुशी के लिये काम करने से खुशी नहीं मिलेगी, बल्कि खुश होकर काम करने से खुशी मिलेगी। यंत्रवत जीवन और प्रतिक्रिया करने की प्रवृत्ति से मुक्ति पाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि परेशानियों और समस्याओं को सकारात्मक दृष्टि से देखने पर वे भी गुरू बन जाती हैं। स्वामी सुखबोधानन्द ने आज यहां प्रशासन अकादमी में आनन्द विभाग के अंतर्गत राज्य आनन्द संस्थान द्वारा आयोजित आनन्द व्याख्यान में यह विचार व्यक्त किये।
मन की भीतर की स्थिति है आनन्द
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सकारात्मक विचार ही सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार का दर्शन आनन्द को प्राप्त करने का मार्ग बताता है। साम्यवाद और पूंजीवाद ने भी आनन्द प्राप्ति का रास्ता दिखाया था, लेकिन कालांतर में सही साबित नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आनन्द और सुख में भेद नहीं समझने के कारण ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि आनन्द मन की भीतर की स्थिति है, जबकि सुख बाहरी परिस्थितियों से निर्मित होता है। श्री चौहान ने कहा कि केवल अधोसंरचनाएं खड़ी करने से आनन्द नहीं मिलता। अर्थपूर्ण जीवन जीना महत्वपूर्ण है। समृद्ध लोग भी दुखी रहते हैं और अभाव में रहने वाले भी खुश रहते हैं। इसलिये मनोदशा को सकारात्मक बनाने की कला सीखना होगा।
प्रत्येक क्षण में है आनन्द
    स्वामी सुखबोधानंद ने आनन्द की चारित्रिक विशेषताओं और जीवन में उसकी उपस्थिति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आनन्द को भविष्य में देखने की प्रवृत्ति और आदत बना लेने से निराशा और दुख ही हाथ आयेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान ही सब कुछ है, इसलिए आनन्द भी वर्तमान में ही उपस्थित है। यह मन के भीतर है। उन्होंने कहा कि जब सब दरवाजे बंद हो जाते हैं, तब ईश्वर नया द्वार खोल देता है। इसलिए प्रत्येक क्षण में आनन्द है। प्रत्येक पल में जीवन है। प्रत्येक पल ऊर्जावान है।
वर्तमान में भूतकाल का हस्तक्षेप नहीं होने दें
    स्वामीजी ने कहा कि राग और द्वेष का रूपांतरण प्रेम में करने के लिए भक्ति की जरूरत पड़ती है। इसलिए भक्ति प्रमुख तत्व है। स्वामी ने कहा कि भविष्य माया है। सिर्फ वर्तमान ही सच है और वर्तमान में ही आनन्द व्याप्त है। उसकी अनुभूति करने की आवश्यकता है। आश्चर्य तत्व की प्रधानता होना चाहिए। उन्होने कहा कि वर्तमान में भूतकाल का हस्तक्षेप नहीं होने दें, इसके प्रति भी सचेत रहें। आनंद का दूसरा स्वरूप ऊर्जा है।
    आनन्द विभाग के मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान निरंतर नवाचार करने वाले मुख्यमंत्री हैं। आनन्द विभाग की स्थापना इसका उदाहरण है। उन्होंने बताया कि बहुत कम समय में आनन्द विभाग की गतिविधियों का प्रदेशव्यापी विस्तार हुआ है। पूरे देश में इसकी सराहना हो रही है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द विभाग श्री इकबाल सिंह बैंस और आनन्द क्लबों के सदस्य उपस्थित थे।

किसानों के खातों में पहुँचे 3527 करोड़

किसानों के खातों में पहुँचे 3527 करोड़ 

अनुपपुर | 04-मई-2018
 
   
   मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के प्रयासों के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा पिछले छह माह में किसानों के खातों में लगभग 3527 करोड़ की राशि विभिन्न योजनाओं के जरिये जमा करवाई गई है। इन योजनाओं में किसानों का ऐतिहासिक कवच के रूप में जानी गई मुख्यमंत्री किसान भावान्तर योजना और मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना प्रमुख हैं।
   इसके अलावा रबी 2017-18 में चना, मसूर, सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये पंजीकृत लगभग 15 लाख किसानों के खातों में 100 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि के रूप में इस वर्ष 15 हजार करोड़ रुपये पहुँचाये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि पंजीकृत किसानों से 10 अप्रैल से 9 जून की अवधि में 21 लाख मी.टन चना, 3 लाख मी.टन मसूर और 4 लाख मी.टन सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्थाएँ की गई हैं।
   अभी तक किसानों के खाते में पहुँचाई गई 3527 करोड़ की राशि में 1677 करोड़ की राशि रबी 2016-17 की धान की खरीदी पर 200 रुपये प्रति क्विंटल के मान में दी गई प्रोत्साहन राशि शामिल है। वर्ष 2017-18 के लिये पायलट आधार पर लागू की गई भावांतर भुगतान योजना के अंतर्गत 12 लाख किसानों के खाते में जमा की गई 1850 करोड़ की भावांतर राशि भी इसी में शामिल है।
मण्डी भावों पर 1000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ
   इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से मण्डी दरें नीचे आने पर प्राइस सपोर्ट स्कीम के जरिये प्याज, मूँग, अरहर, मसूर, उड़द की खरीदी कर किसानों को मण्डी भावों से 1000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ दिलाया गया है।
रबी मार्केटिंग सीजन वर्ष 2018-19 में भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी
   राज्य सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2018-19 में ई-उपार्जन में गेहूँ बेचने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। इस वर्ष 26 मई तक मण्डी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूँ बेचने वाले किसानों को मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में 265 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी सीजन में ई-उपार्जन का पंजीयन करवाने वाले किसानों, जो चना, मसूर और सरसों का विक्रय करेंगे, को 9 जून की अवधि में विक्रय करने पर 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

सफलता की कहानी आजीविका दिवस पर भोपाल में सम्मानित होगा जिले का पवित्र संकुल संगठन कृषि सीआरपी चंपा अपने अनुभवों को भोपाल में साझा करेंगी जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर पर भी होंगे विविध कार्यक्रम

सफलता की कहानी
आजीविका दिवस पर भोपाल में सम्मानित होगा जिले का पवित्र संकुल संगठन
कृषि सीआरपी चंपा अपने अनुभवों को भोपाल में साझा करेंगी
जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर पर भी होंगे विविध कार्यक्रम




अनूपपुर 4 मई 2018/ म.प्र.दीन दयाल अन्त्योदय योजना, म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन अंतर्गत 5 मई 2018 को आजीविका दिवस पर जिला एवं ब्लाक स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। विदित हो कि दिनांक 14 अप्रैल 2018 से 5 मई 2018 तक ग्राम स्वराज अभियान का आयोजन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 5 मई 2018 को आजीविका दिवस का आयोजन किया जाना है।


जिले में भी उक्त आयोजन जिला कलेक्टर श्री अजय कुमार शर्मा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. आर.पी.तिवारी के नेतृत्व एवं मार्गदर्षन मे किया जा रहा है। म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन के जिला परियोजना प्रबंधक श्री शषांक प्रतााप सिंह ने बताया कि उक्त दिवस पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखंड अंतर्गत गठित पवित्र संकुल संगठन बेनीबारी को उनके बेहतर कार्यों के लिए सम्मानित किया जायेगा,जिसे संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष श्रीमति सुषीला प्राप्त करेंगी, ंइसके साथ ही जिले में कृषि सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति सुश्री चंपा भी समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन मे आये परिवर्तनों से संबंधित अनुभवों को भोपाल मंे आयोजित कार्यक्रम में साझा करेंगी। पवित्र संकुल संगठन बेनीबारी अंतर्गत कुल 45 ग्रामों मे 38 ग्राम संगठन एंव 488 स्व सहायता समूह शामिल हैं तथा संकुल स्तरीय संगठन की कुल निधि 1करोड़ 46 लाख रू है , तथा वार्षिक टर्न ओवर 3 से 4 करोड़ रू है। अभी तक यह संकुल स्तरीय संगठन कुल 14 लाख 50 हजार रू शुद्ध लाभ अर्जित कर चुका है तथा पवित्र संकुल संगठन द्वारा बेनीबारी में ही सामुदायिक प्रषिक्षण केंद्र का संचालन भी किया जा रहा है, जिसमे गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल 56 प्रषिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन हो चुका है जिसमें 1420 प्रतिभागी प्रषिक्षण प्राप्त कर चुके हैं, प्रषिक्षण केंद्र कोे कुल 24 लाख रू का लाभ प्राप्त हुआ है।

उक्त अनुक्रम में जिला एवं ब्लाक स्तर पर भी बेहतर कार्य करने वाले सामुदायिक स्त्रोत व्यक्तियों, स्व सहायता समूह, ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संगठनों को पुरस्कृत किया जायेगा तथा समूह की दीदियों द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया जायेगा। साथ ही आजीविका मिषन के माध्यम से विभिन्न रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार / स्वरोजगार कर रहे युवा भी अपनी सफलता की कहानियों को बतायेंगे। इसके अलावा अन्य विभागीय प्रतिनिधि अपने स्टाल लगाकर अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे।

उक्त आयोजन जिला मुख्यालय पर स्व सहायता समूह भवन, कोतमा में स्व सहायता समूह भवन तथा बदरा मे सामुदायिक भवन तथा पुष्पराजगढ़ में स्व सहायता समूह भवन में किया जायेगा।

लू के प्रभाव को गंभीरता से लें आवश्यक सावधानी रखें एवं सुरक्षित रहें-डाॅ. आर.पी. श्रीवास्तव

लू के प्रभाव को गंभीरता से लें आवश्यक सावधानी रखें एवं सुरक्षित रहें-डाॅ. आर.पी. श्रीवास्तव

अनूपपुर 04 मई 2018 / मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.पी. श्रीवास्तव ने जिले के नागरिको से अपील की है कि वर्तमान में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए लू से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरते। आप ने सलाह दी है कि गर्मी के दिनों में धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले कपड़ो का प्रयोग करें। घर से भर पेट  पानी पी कर एवं ताजा भोजन कर के ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में गर्दन के पिछले भाग कान व सिर को गमछे या तौलिये से ढंककर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में व छतरी का उपयोग करें। गर्मी में हमेशा पानी अधिक मात्रा में पानी पियें एवं पानी, छाछ, ओआरएस का घोल, घर में बने पेय पदार्थ जैसें- लस्सी, नीबू, पानी आम का  पना इत्यादि का,  अधिक से अधिक मात्रा में सेवन करें। जहां तक संभव हो ज्यादा समय तक धूप में खडे होकर व्यायाम, मेहनत और अन्य कार्य न करें।
डाॅ0 श्रीवास्तव ने बताया कि सिरदर्द, बुखार, उल्टी, अत्याधिक पसीना एवं बेहोशी आना कमजोरी महसूस  होना शरीर में ऐठन नब्ज असमान्य होना आदि लू के लक्षण है। ऐसा होने पर सम्बधित व्यक्ति को  छायादार जगह पर लेटाए, कपड़े ढीलें करें,  पेयपदार्थ, कच्चेआम का पना आदि पिलाए। तापमान घटाने  के लिए ठंडे पानी की पटिट्या रखें साथ ही आवश्यकता पड़ने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंन्द्र में जाकर चित्किसकीय परामर्श लें।

जिले के विकासखण्डों में ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत आजीविका एवं कौशल विकास दिवस का आयोजन आज

जिले के विकासखण्डों में ग्राम स्वराज अभियान अन्तर्गत आजीविका एवं कौशल विकास दिवस का आयोजन आज


      अनूपपुर 04 मई 2018/  प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं अपर कलेक्टर डाॅ0 आर.पी. तिवारी ने बताया है कि भारत सरकार के निर्देषानुसार जिले में 14 अप्रैल से प्रारंभ हुए ग्राम स्वराज अभियान अंतर्गत विभिन्न तिथियो में कई आयोजन किये गये हैं। इसी क्रम में जिले के चारो विकासखण्डोें में आजीविका एवं कौशल विकास दिवस का आयोजन आज 5 मई को किया जायेगा। आजीविका एवं कौषल विकास दिवस अनूपपुर में सामुदायिक भवन बदरा में जिसके प्रभारी अधिकारी श्री अभय डुंगडुंग एवं सहायक अधिकारी श्री धर्मेद्र गुप्ता, जैतहरी मंे स्वसहायता भवन अनूपपुर में जिसके प्रभारी अधिकारी श्री राजकुमार जाटव एवं सहायक अधिकारी श्रीमती सीमा पटेल, कोतमा मे स्वसहायता भवन में जिसके प्रभारी अधिकारी श्री आनंद शर्मा एवं सहायक अधिकारी श्री रजनीश परिहार, पुष्पराजगढ में स्वसहायता भवन में जिसके प्रभारी अधिकारी श्री दीपक मोदनवाल एवं सहायक अधिकारी मो0 तारिक के अनुरक्षण मे आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम का आयोजन माध्यान्ह 12 बजे से शाम 4 बजे तक किया जायेगा। 
       कार्यक्रम में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन द्वारा जारी स्व-सहायता समूह के 30 बिन्दु एवं 12 सूत्रों का वाचन, कार्यक्रम अन्तर्गत प्रशिक्षण एवं नियोजन, रोजगार मेला की विस्तृत जानकारी, मिषन अंतर्गत रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम के लाभांवितो की सफलता की कहानी एवं जिले में इस हेतु संचालित संस्थाओं के द्वारा विस्तृत जानकारी,  मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मंख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के प्रकरण स्वीकृति, आर.एफ., सी.आई.एफ., सी.सी.एल. वितरण किया जायेगा। कार्यक्रम के दौरान जिले मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले समूह, ग्राम संगठन एवं संकुल संगठन को पुरूष्कृत किया जायेगा। कार्यक्रम में शासन के अन्य विभागोेें द्वारा संचालित की जा रही हितग्राही मूलक योजनाओेें की जानकारी प्रदान कर आवेदन भी प्राप्त किये जावेगें, जिससे अधिक से अधिक सदस्यों को आजीविका गतिविधी एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान किया जाकर षासन की मंषानुसार आपेक्षित परिणाम प्राप्त किये जा सके।  कार्यक्रम में जिला व्यापार उद्योग, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, आदिवासी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यानिकी, आरसेटी, सबल, आई.एल एण्ड एफ,एस द्वारा विभागीय योजनाओं एवं सफलता की कहानियों के स्टाल लगाकर ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार का अवसर उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक जानकारी दी जायेगी। 
डाॅ0 आर.पी. तिवारी ने समस्त नागरिकों से अपील की है कि अधिक से अधिक से संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित होकर लाभान्वित हो। 

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत जगन्नाथपुरी की यात्रा हेतु 18 मई तक करें आवेदन

मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत जगन्नाथपुरी की यात्रा हेतु  18 मई तक करें आवेदन



अनूपपुर 4 मई 2018/ कलेक्टर श्री अजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत जगन्नाथपुरी की यात्रा हेतु आवेदन 18 मई तक आमंत्रित किए गए हैं। जगन्नाथपुरी के लिए विशेष ट्रेन अनूपपुर से 4 जून को रवाना होगी तथा 9 जून को वापस आएगी। जगन्नाथपुरी के लिए 300 तीर्थयात्री यात्रा पर जा सकेंगे।
कलेक्टर श्री शर्मा ने जिले के समस्त तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों , जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों  एवं ज़िले के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत आवेदन प्राप्त करने के लिए अभियान चलाकर अपने विभाग के मैदानी अमले के माध्यम से गांव-गांव तक प्रचार-प्रसार करायें। इसके साथ ही इच्छुक हितग्राहियों के आवेदन निर्धारित प्रारूप मे दो प्रतियों मे 18 मई तक  प्राप्त कर सूची को निर्धारित प्रपत्र मे 21 मई तक कार्यालय मे अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करें। उन्होंने समाज के बुद्धिजीवियों, स्वयंसेवी संस्थाओं तथा मीडिया से जुड़े लोगों से भी योजना का प्रचार-प्रसार करने का आग्रह किया है।
यात्रा पर जाने के लिए पात्रता
    कलेक्टर ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो, आवेदक की आयु 60 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, आवेदक आयकर दाता नही होना चाहिए, इस योजना के अंतर्गत पूर्व में यात्रा न की हो।
सहायक की सुविधा
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत एक सहायक की सुविधा होगी। 65 साल से ज्यादा उम्र वाले यात्रियो के साथ एक सहायक  जा सकेगा। इसी प्रकार अगर 60 प्रतिशत से भी अधिक दिव्यांग यात्री को भी सहयोगी ले जाने की पात्रता होगी बशर्ते डॉक्टर द्वारा उन्हे यात्रा मे जाने हेतु सक्षमता प्रमाण पत्र दिया गया हो।  पति-पत्नी अथवा सहायक का आवेदन एक साथ संलग्न करके  जमा किया जायेगा।
आवेदन करने की प्रक्रिया   
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ लेने के इच्छुक वरिष्ठ नागरिक ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन पंचायत सचिव के माध्यम से तथा नगरीय क्षेत्रों में संबंधित मुख्य नगरपालिका अधिकारी के माध्यम से जमा कर सकते हैं। मुख्य नगरपालिका अधिकारी को प्राप्त आवेदन संबंधित तहसीलदार को इस आशय के प्रमाण पत्र के साथ की आवेदक द्वारा पूर्व में योजनांतर्गत यात्रा का लाभ प्राप्त नहीं किया गया है, संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध कराना होगा।

कोषालय में आहरण संवितरण के लिये "रिसीप्ट एंड डिसबर्समेंट" मॉड्यूल लागू



 कोषालय में आहरण संवितरण के लिये "रिसीप्ट एंड डिसबर्समेंट" मॉड्यूल लागू




अनूपपुर 4 मई 2018/ जिला कोषालय अधिकारी श्री एन के नर्रे ने बताया कि 01 मई से जिला कोषालय में अब  आहरण एवं संवितरण के लिये रिसीव एण्ड डिसबर्समेट मॉड्यूल लागू हो चुका है। अब सीएसएफएमएस से स्लिम के पासवर्ड से कोई भी देयक रिसीव नहीं होंगें। सभी प्रकार के देयक, वेतन देयक की भांति आईएफएमआईएस से जनरेट किये जायेंगें। आपने  बताया  कि प्रत्येक कार्यालय मे जिस प्रकार वेतन निर्धारण, पे-रोल एवं ईएसएस की अन्य प्रक्रियाओ के लिए हायरार्की (वरीयता अनुक्रम) बनाई गयी है, उसी प्रकार "डिपॉज़िट" एवं  "रिसीप्ट एंड डिसबर्समेंट" मोड्यूलेस के लिए हायरार्की संबन्धित कार्यालय के एडमिन द्वारा सुनिश्चित की जावेगी । जिसमें एक क्रिएटर, दूसरा वेरीफायर तथा तीसरा एप्रूवर होगा। साथ ही आपने नाम प्रस्तावित कर रोल मैप कराने का आग्रह किया है। जिससे देयकों के भुगतान में होने वाली असुविधा से बचा जा सके।

खसरा, खतोनी एवं नक्शा प्राप्ति हेतु कर सकते है घर बैठे ऑनलाइन आवेदन ई-केवाईसी व्यवस्था के माध्यम से प्राप्त होगी यह सुविधा


खसरा, खतोनी एवं नक्शा प्राप्ति हेतु कर सकते है घर बैठे ऑनलाइन आवेदन 
ई-केवाईसी व्यवस्था के माध्यम से प्राप्त होगी यह सुविधा



अनूपपुर 4 मई 2018/ ज़िला लोक सेवा प्रबन्धक  श्रीमती सोनू सिंह राजपूत ने बताया कि लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा आम जनो की सुविधा हेतु ई-केवाईसी व्यवस्था प्रारम्भ की गयी है। इस सेवा के माध्यम से आवेदक अपने आधार नंबर का उपयोग कर घर बैठे राजस्व विभाग की सेवाओं खसरा , खतोनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि की प्राप्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आपने ज़िले के अंतर्गत संचालित समस्त  लोक सेवा प्रबन्धको को सूचित किया है कि लोक सेवा केंद्र की आईडी मे एक नया ऑप्शन राजस्व ई-केवाईसी जोड़ा गया है। यहाँ पर खसरा , खतोनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि की प्राप्ति हेतु  ऑनलाइन आवेदनो को देखा जा सकेगा। लोक सेवा केंद्र के द्वारा इन आवेदनो का प्रिंट निकालकर तहसील ऑफिस भेजा जाएगा तथा निर्धारित खसरा, खतोनी एवं  नक्शे के प्रमाण पत्र डिस्पोसल को आवेदक को वर्तमान व्यवस्था अनुसार प्रदान कर दिया जावेगा। इस सुविधा को प्राप्त करने हेतु शुल्क मात्र 25 रुपये ही रहेगा। 

नागरिकों को घर बैठे MPeDistrict पोर्टल से सेवाएं प्राप्त करने हेतु आवश्यक निर्देश
श्रीमती राजपूत ने खसरा , खतोनी एवं नक्शे की प्रतिलिपि की प्राप्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे मे बताया है कि आवेदक को पोर्टल से सेवा प्राप्त करने के लिए  अपने आधार न. से लॉगिन करना होगा। आधार न. डालते ही आवेदक के  आधार कार्ड पर रजिस्टर्ड मोबाइल न. पर एक OTP आयेगा। OTP वेरीफाई होने के पश्चात आवेदक पोर्टल पर लॉगिन हो जायँगे और सेवाओं का लाभ घर बैठे ले सकेंगे। यदि आवेदक के पास आधार न. नहीं है या  आधार न. से  मोबाइल रजिस्टर्ड नहीं है तो वे इन सेवाओं का लाभ घर बैठे नहीं ले पाएंगे। पोर्टल से सेवा प्राप्त करने के लिए पेमेंट गेटवे के माध्यम से इन्टरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा उपलब्ध ई-वॉलेट का उपयोग कर ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है । आपने यह भी बताया कि आवेदक सेवा से असंतुष्ट होने की स्थिति में पदाभिहित अधिकारी के निर्णय से 30 दिवस के भीतर  प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकता है। प्रकरण समय सीमा मे निराकृत न होने की स्थिति में भी आवेदक प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकता है। प्रथम अपील अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में निर्णय से 60 दिवस के भीतर आवेदक द्वितीय अपील प्रस्तुत कर सकता है।किसी भी प्रकार की असुविधा होने की स्थिति मे आवेदक  loksevamp@gmail.com पर ई-मेल कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।


जानवरो के लिए जल उपलब्ध कराकर दिया मानवीय संवेदनाओ का परिचय ज़िला प्रशासन की विशेष पहल से जानवरो को उपलब्ध हो रहा है पानी


सफलता की कहानी
जानवरो के लिए जल उपलब्ध कराकर दिया मानवीय संवेदनाओ का परिचय
ज़िला प्रशासन की विशेष पहल से जानवरो को उपलब्ध हो रहा है पानी



अनुपपुर 4 मई 2018/ जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O, यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, जीवन के इस आधार जल  का  दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर संकट है और विशेसज्ञों का ऐसा अनुमान है कि 2025 तक विश्व की आधी जनसंख्या इस जलसंकट से दो-चार होगी। पर्यावरणीय परिवर्तन, जल स्त्रोतों के विकृत उपयोग एवं प्रदूषण के कारण स्वच्छ जल की उपलब्धता निरंतर कम होती जा रही है। 
निरंतर कम हो रही जल की उपलब्धता मे सभी की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जल का उचित प्रबंधन एवं संवर्धन समय की मांग है। अनुपपुर मे कलेक्टर श्री अजय शर्मा के मार्गदर्शन में वर्तमान ग्रीष्म ऋतु का ध्यान रखते हुए ज़िले के हर कोने में पेय जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु व्यवस्थाओं की नियमित रूप से समीक्षा एवं वस्तुस्थिति का निरीक्षण किया जा रहा है। ज़िला प्रशासन द्वारा पेय जल की उपलब्धता के सम्बंध में किसी भी अव्यवस्था की सूचना मिलने पर तुरंत वस्तुस्थिति का मूल्याँकन कर यथोचित कार्यवाही की जा रही है।


इसी क्रम में जिला प्रशासन द्वारा विशेष संवेदनशीलता का परिचय देते हुए जल स्त्रोतों के पास पिटो के निर्माण के निर्देश दिए गए थे।इस निर्देश में निहित मानवीय संवेदनाओं को क्रियान्वयन करने वाले अधिकारियों ने भी समझा और पिटो के निर्माण का कार्य युधस्तर पर प्रारम्भ करा दिया गया। परम्परागत जल स्त्रोत कुओं से लेकर हैंडपम्प एवं ट्यूबवेल के समीप पिटो का निर्माण किया गया। जिसके फलस्वरूप जल अब फैलकर ख़राब नही होता बल्कि इन्हि पिटो में एकत्रित हो जाता है जिसका उपयोग जानवरो द्वारा अपनी प्यास बुझाने के  लिए किया जा रहा है। साथ ही जल  फैलने  से कीचड़ आदि की समस्या भी नही होती है। बिना किसी बड़ी लागत के इस विशेष प्रयास से जो पुनीत कार्य किया जा रहा है। उसके माध्यम से ज़िला प्रशासन की व्यवहारिक बुद्धिमत्ता स्पष्ट रूप  से मुख़रित होती है। ग्रामीणों द्वारा ज़िला प्रशासन की इस पहल की भारी सराहना की जा रही है। 



साथ ही आप सभी के द्वारा  पुण्य के इस कार्य में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है ताकि लक्षित उद्देश्य की प्राप्ति सुनिश्चित हो जाए।ग्रामवासियों का कहना है कि ज़िला प्रशासन द्वारा पिट के पानी को स्वच्छ रखने के लिए की गयी अपील में पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। जल की समस्या से बिना बुद्धिमत्ता एवं ज़िम्मेदारी के नही निपटा जा सकता। ज़िला प्रशासन की यह पहल निश्चित रूप से जल समस्या का उत्तर प्राप्त करने में पथप्रदर्शित कर रही है।

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