Tuesday, July 24, 2018

ज़िंदगी में कुछ पाना हो तो ख़ुद पर ऐतबार रखना, सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना- डिप्टी कलेक्टर श्री सिंघई युवाओं के लिए प्रेरणा हैं अनूपपुर के नवागत उपज़िलाध्यक्ष

सफलता की कहानी

ज़िंदगी में कुछ पाना हो तो ख़ुद पर ऐतबार रखना, सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना- डिप्टी कलेक्टर श्री सिंघई
युवाओं के लिए प्रेरणा हैं अनूपपुर के नवागत उपज़िलाध्यक्ष 





अनूपपुर 24 जुलाई 2018/ अगर इंसान में कुछ पाने की ललक हो, कुछ करने का ईमानदार प्रयास हो तो किसी भी प्रकार की समस्याएँ उसके रास्ते को अवरुद्ध नहीं कर सकती, उसको अपना लक्ष्य प्राप्त करने से रोक नहीं सकती हैं। बचपन से ही नटखट एवं अत्यंत शरारती बालक ऋषि की कहानी कुछ ऐसी ही है। ऋषि का जन्म सागर ज़िले की ख़ुरई तहसील के ग्राम खिमलासा में श्री राजीव सिंघई के घर में सन 1990 में हुआ था। श्री राजीव पेशे से कृषक हैं परिवार में स्वस्थ बच्चे के आगमन से ख़ुशी का माहौल था।

एक हादसे ने छीन लिया नन्हें ऋषि का हाथ
हँसते खेलते इस परिवार को जाने किसकी नज़र लगी एवं नन्हा ऋषि महज़ 5 वर्ष की उम्र में विद्युत करंट की दुर्घटना का शिकार हो गया। डॉक्टरों ने ऋषि की जान तो बचा ली पर उनका एक हाथ इस दुर्घटना की बलि चढ़ गया।
पर कहते हैं ना जिसका जन्म आगे बढ़ने के लिए, लोगों को राह दिखाने के लिए होता है, वह पीछे मुड़कर नहीं देखता बल्कि लोगों को राह दिखाता है। ऋषि का भी पदार्पण इस धरा मे कुछ इन्हीं कारणो से हुआ था। शा.उ.मा. विद्यालय खिमलासा में विद्यालयीन शिक्षा उपरांत आपने भोपाल से इंजीनीयरिंग की पढ़ाई की। परंतु आपका रुझान सदैव जनसेवा के प्रति था। ऋषि बताते हैं कि वे जब कक्षा 5 में अध्ययनरत थे तब तत्कालीन कलेक्टर श्री शिवशेखर शुक्ला को उन्होंने देखा। कलेक्टर नाम के अधिकारी से यह उनका पहला परिचय था। नन्हें ऋषि ने जब कलेक्टर द्वारा आम जनो की समस्याओं का निदान होते देखा तभी प्रण किया मैं भी एक दिन कलेक्टर बन जन सेवा करूँगा। इन्हीं भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए ऋषि ने इंजीनियरिंग के पश्चात सिविल सेवाओं की तैयारी प्रारम्भ कर दी। म प्र लोक सेवा आयोग 2014 परीक्षा में आपका चयन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के पद पर हुआ। आपने सीधी के चितरंगी में सेवाएँ भी दी। परंतु बचपन के स्वप्न ने उन्हें सोने नहीं दिया और अगले वर्ष पुनः प्रयास में आपका चयन उपज़िलाध्यक्ष पद पर हुआ। आरसीवीपीएन प्रशासनिक अकादमी से प्रशिक्षण उपरांत आपको अनूपपुर में अपनी सेवाएँ प्रदान करने के लिए कहा गया है।
विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सपने एवं आत्मविश्वास को जीवित रख सफलता को प्राप्त करने वाले ऋषि से सफलता का मंत्र पूछे जाने पर ऋषि ने बताया
ऋषि की सफलता का मंत्र

न भीड़ हो पसंद जिनको, वो अक्सर तनहा चलते हैं।
रोशन करने को क़िस्मत अपनी, सूरज की तरह वो जलते हैं।।
कितनी भी कठिन हो राह मगर, पीछे कभी न मुड़ते है।
पा लेते हैं कामयाबी को, जो वक़्त मुताबिक़ ढलते हैं।।
कामयाबी के सफ़र में मुश्किलें तो आएँगी ही,
परेशानियाँ दिखाकर तुमको डराएँगी ही।
चलते रहना की क़दम न रुकने पाए,
अरे मंज़िल तो मंज़िल है एक न एक दिन आएगी ही।।
ज़िंदगी में कुछ पाना है तो ख़ुद पर ऐतबार रखना,
सोच पक्की और क़दमों में रफ़्तार रखना।
कामयाबी मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें,
बस ख़ुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना।।

कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी ज़िला पंचायत डॉ सलोनी सिडाना ने श्री ऋषि सिंघई के प्रयास, लगन एवं दृढ़ निश्चय की सराहना एवं कार्य में उत्कृष्टता एवं उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। ज़िले के अन्य सभी अधिकारियों ने श्री ऋषि सिंघई का अनूपपुर में स्वागत किया है। ऋषि आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं उनसे सभी युवा कठिनाइयों से बाहर आकर प्रगति पथ में बढ़ते रहने की सीख ले सकते है।

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