Tuesday, March 6, 2018

सफलता की कहानी - कृषि एवं सब्जी उत्पादन से हरा-भरा हुआ इन्द्रवती का परिवार

कृषि एवं सब्जी उत्पादन से हरा-भरा हुआ इन्द्रवती का परिवार 
अनुपपुर | 06-मार्च-2018
 
  

     अनूपपुर जिले के कोतमा ब्लाक मुख्यालय से 26 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम रेउसा में निवास करने वाली इन्द्रवती अपने परिवार का भरण पोषण कृषि एवं मजदूरी से प्राप्त आय से कर रही थीं, परिवार की आजीविका का मुख्य स्त्रोत कृषि था लेकिन सिंचाई की सुविधा न होने के कारण प्राकृतिक बारिश पर निर्भरता बनी रहती थी। पर्याप्त बारिश नहीं होने पर आजीविका का मुख्य सहारा पति की मजदूरी ही थी, लेकिन आज के समय में मजदूरी कर परिवार पालना इतना आसान नहीं था।
    म.प्र.दीन दयाल अन्त्योदय योजना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा ग्रामीण गरीब परिवारों की आजीविका सदृढ़ करने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं, जिसके पास जो संसाधन है, उसी के उचित उपयोग एवं तकनीकी ज्ञान बढ़ाकर किये जा रहे कार्य को लाभ का धंधा बनाकर परिवार की आजीविका संवहनीय बनाना मिशन की प्राथमिकताओं में है। इन्द्रवती के पास कृषि योग्य 4 एकड़ जमीन तो थी पर सिंचाई की व्यवस्था नही थी। इंद्रवती ने सबसे पहले अपने समूह से रू. 5000/- का ऋण बीज के लिये ली और फसल आने के बाद ब्याज सहित वापस कर भी कर दिया।  इसके बाद इंद्रवती ने अपने पति और परिवार के साथ सलाह कर अपने खेत में ट्यूबवेल के लिये 70000 रू का ऋण अपने समूह से लिया, खेत पर ट्यूबबेल हो जाने के बाद तो कृषि कार्य बारहों महीने होने लगा और पानी की उपलब्धता होने के कारण व्यावसायिक सब्जी उत्पादन का कार्य भी प्रारंभ कर दिया। इंद्रवती के खेत की सब्जी पहले गांव, फिर गांव से आसपास के हाट बाजारों तक बिकने लगी और पर्याप्त लाभ होने लगा। सब्जी व्यवसाय से होने वाले लाभ से परिवार का हौसला बढ़ा और अब सब्जी उत्पादन इंद्रवती का मुख्य व्यवसाय बन गया है। कृषि और सब्जी उत्पान से औसतन प्रतिमाह रू. 11000/- की आय होने लगी है।
    पांचवी तक पढ़ी हुई इन्द्रवती ने कभी नही सोचा भी नहीं था कि मजदूरी छोड़ कर खुद का अपना कोई व्यवसाय होगा, आजीविका मिशन के सहयोग से समूहो में संगठित होकर कई अन्य परिवारों की तरह इन्द्रवती का परिवार भी आजीविका गतिविधि से अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर ली है। समूह से जुड़ने के बाद समाज में भी एक पहचान बन गई है, वर्तमान में इन्द्रवती अपने समूह रामभजन मंडली स्व सहायता समूह के माध्यम से गांव के गरीब परिवार की महिला सदस्यो के लिये मार्गदर्शक बनकर सभी को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित कर रही है। 

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